Beginning
बीज बोवइया के पटंतर
(मत्ती 13:1-9; मरकुस 4:1-9)
8 एकर बाद यीसू ह सहर-सहर अऊ गांव-गंवई मन म जाके परमेसर के राज के सुघर संदेस के परचार करिस। 2 ओकर बारह चेलामन ओकर संग रिहिन, अऊ कुछू माईलोगनमन घलो जऊन मन ला परेत आतमा अऊ बेमारीमन ले ठीक करे गे रिहिस, ओकर संग रिहिन। ओमन ए रिहिन: मरियम जऊन ला मगदलिनी कहे जावय – जेम ले सात ठन परेत आतमा निकारे गे रिहिस; 3 हेरोदेस के घर के देख-रेख करइया खोजा के घरवाली – योअन्ना, सूसन्ना अऊ बहुंत आने माईलोगनमन। ए माईलोगनमन अपन साधन ले यीसू अऊ ओकर चेलामन के मदद करत रिहिन।
4 जब एक बड़े भीड़ ह जूरत रिहिस अऊ आने सहर ले मनखेमन यीसू करा आवत रिहिन, तब ओह ए पटंतर कहिस: 5 “एक किसान ह अपन बीजा बोय बर गीस। जब ओह बोवत रिहिस, त कुछू बीजामन डहार के तीर म गिरिन; ओमन गोड़ खाल्हे कुचरे गीन, अऊ अकास के चिरईमन ओला खा डारिन। 6 कुछू बीजामन पथर्री भुइयां ऊपर गिरिन अऊ ओमन जामिन, पर ओमन पानी के नमी नइं मिले के कारन सूख गीन। 7 कुछू बीजामन कंटिली झाड़ीमन के बीच म गिरिन, अऊ ओ कंटिला पौधामन संगे-संग बढ़के ओमन ला दबा दीन। 8 अऊ कुछू बीजामन बने भुइयां म गिरिन। ओमन बाढ़िन अऊ जतेक बोय गे रिहिस ओकर ले सौ गुना जादा फसल लाईन।”
ए कहे के बाद यीसू ह नरियाके कहिस, “जेकर सुने के कान हवय, ओह सुनय।”
9 ओकर चेलामन ओकर ले पुछिन, “ए पटंतर के का मतलब होथे?” 10 ओह कहिस, “तुमन ला परमेसर के राज के भेद के गियान दिये गे हवय, पर आने मन ले मेंह पटंतर म गोठियाथंव, ताकि,
‘देखत ले घलो, ओमन झन देख सकंय;
अऊ सुनत ले घलो, ओमन झन समझ सकंय।’[a]
11 पटंतर के ए मतलब अय: बीजा ह परमेसर के बचन ए। 12 डहार के तीर म गिरे बीजा ह ओमन अंय, जऊन मन बचन ला सुनथें; पर सैतान ह आथे, अऊ ओमन के हिरदय ले बचन ला ले जाथे, ताकि ओमन बिसवास नइं कर सकंय अऊ ओमन के उद्धार नइं होवय। 13 पथर्री भुइयां के ऊपर गिरे बीजा ह ओमन अंय, जऊन मन बचन ला आनंद सहित गरहन करथें जब ओमन एला सुनथें, पर ओमन म जरी नइं रहय। ओमन कुछू समय बर बिसवास करथें, पर परखे जाय के समय म ओमन गिर जाथें। 14 ओ बीजा जऊन ह कंटिली झाड़ीमन के बीच म गिरिस, ओह ओमन अंय, जऊन मन बचन ला सुनथें, पर आघू चलके ओमन ए जिनगी के चिंता, धन अऊ भोग-बिलास म फंस जाथें, अऊ ओमन परिपक्व नइं होवंय। 15 पर ओ बीजा जऊन ह बने भुइयां म गिरिस, ओह ओमन अंय, जऊन मन बचन ला सुनथें, अऊ एला सच्चा अऊ बने हिरदय म रखथें, अऊ धीरता से फर लाथें।
दीया के पटंतर
(मरकुस 4:21-25)
16 कोनो मनखे दीया ला बारके ओला बड़े कटोरा म नइं ढांपय या खटिया के खाल्हे म नइं मढ़ाय। पर ओह दीया ला दीवट ऊपर रखथे, ताकि जऊन मन भीतर आवंय, ओमन अंजोर ला देखंय। 17 काबरकि कोनो घलो चीज छुपे नइं ए, जऊन ह परगट करे नइं जाही, अऊ कोनो घलो चीज गुपत म नइं ए, जेकर खुलासा करे नइं जाही। 18 एकरसेति, सचेत रहव कि तुमन कइसने सुनथव। जेकर करा हवय, ओला अऊ दिये जाही; अऊ जेकर करा नइं ए, ओकर ले ओला घलो ले लिये जाही, जऊन ला ओह अपन समझथे।”
यीसू के दाई अऊ भाईमन
(मत्ती 12:46-50; मरकुस 3:31-35)
19 यीसू के दाई अऊ भाईमन ओला देखे बर आईन, पर भीड़ के मारे ओमन ओकर करा नइं जा सकिन। 20 एक झन यीसू ला कहिस, “तोर दाई अऊ भाईमन बाहिर ठाढ़े हवंय, अऊ तोला देखे बर चाहथें।”
21 यीसू ह ओ जम्मो झन ला कहिस, “मोर दाई अऊ भाई ओमन अंय, जऊन मन परमेसर के बचन ला सुनथें अऊ ओला मानथें।”
यीसू ह आंधी ला सांत करथे
(मत्ती 8:23-27; मरकुस 4:35-41)
22 एक दिन यीसू ह अपन चेलामन संग एक ठन डोंगा म चघिस अऊ ओमन ला कहिस, “आवव, झील के ओ पार चली।” तब ओमन डोंगा ला खोल दीन। 23 जब ओमन डोंगा ला खेवत रिहिन, त यीसू ह सुत भुलाईस। तब झील के ऊपर एक आंधी चलिस, अऊ डोंगा ह पानी ले भरे लगिस, अऊ ओमन बड़े जोखिम म पड़ गीन।
24 चेलामन यीसू करा गीन अऊ ओला ए कहिके उठाईन, “मालिक, मालिक, हमन पानी म बुड़इया हवन।”
यीसू ह उठिस, अऊ आंधी अऊ उफनत पानी ला दबकारिस। ओमन थम गीन अऊ जम्मो ह सांत हो गीस। 25 तब यीसू ह अपन चेलामन ले कहिस, “तुम्हर बिसवास ह कहां हवय?”
ओमन म डर हमा गे अऊ अचम्भो करके एक-दूसर ला कहिन, “एह कोन ए? एह आंधी अऊ पानी ला घलो हुकूम देथे अऊ ओमन एकर बात ला मानथें।”
यीसू ह परेत आतमा के धरे एक मनखे ला बने करथे
(मत्ती 8:28-34; मरकुस 5:1-20)
26 ओमन डोंगा ला खेवत गिरासेनीमन के इलाका म हबरिन, जऊन ह झील के ओ पार, गलील के उल्टा दिग म हवय। 27 जब यीसू ह तीर म उतरिस, त ओला ओ सहर के एक मनखे मिलिस, जऊन म परेत आतमामन रिहिन। ओ मनखे ह कतको दिन ले कपड़ा नइं पहिरत रिहिस अऊ न ही घर म रहत रिहिस, पर ओह कबरमन म रहत रहय। 28 जब ओह यीसू ला देखिस, त नरियाईस अऊ यीसू के गोड़ खाल्हे गिरिस, अऊ अब्बड़ चिचियाके कहिस, “हे यीसू, परम परधान परमेसर के बेटा! तेंह मोला का करे चाहथस? मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि मोला दुःख झन दे।” 29 काबरकि यीसू ह परेत आतमा ला ओ मनखे म ले बाहिर निकरे के हुकूम देय रिहिस। कतको बार ले परेत आतमा ह ओला पटके रिहिस, अऊ ओकर हांथ अऊ गोड़ मन ह संकली म बंधाय रिहिन अऊ ओह निगरानी म रहय, पर ओह संकलीमन ला टोर देवत रहय अऊ परेत आतमा के दुवारा ओह निरजन जगह म भगाय गे रहय।
30 यीसू ह ओकर ले पुछिस, “तोर का नांव ए?”
ओह कहिस, “एक बड़े सेना,” काबरकि बहुंत परेत आतमामन ओम हमाय रहंय। 31 ओ परेत आतमामन यीसू ले बिनती करिन कि ओह ओमन ला अथाह कुन्ड म जाय के हुकूम झन देवय[b]।
32 उहां पठार कोति सुरामन के एक बड़े खेरखा ह चरत रहय। परेत आतमामन यीसू ले बिनती करिन कि ओह ओमन ला सुरामन म जावन दे अऊ ओह ओमन ला जावन दीस। 33 तब परेत आतमामन ओ मनखे ले बाहिर निकरिन, अऊ सुरामन म हमा गीन, अऊ जम्मो सुरामन के खेरखा ह तीर म निकरे पथरा अंग ले झील म कूदिस अऊ बुड़ मरिस।
34 जब सुरा चरइयामन ए घटना ला देखिन, त ओमन भाग गीन, अऊ सहर अऊ गांव-गंवई म एकर बारे म बताईन। 35 तब जऊन कुछू होय रिहिस, ओला देखे बर मनखेमन बाहिर निकरिन। जब ओमन यीसू करा आईन, त ओमन ओ मनखे ला जऊन म ले परेत आतमामन निकरे रिहिन, यीसू के गोड़ करा बईठे देखिन। ओह कपड़ा पहिरे रहय अऊ अपन सही दिमाग म रहय; अऊ ओमन डर्रा गीन। 36 जऊन मन ए जम्मो ला अपन आंखी ले देखे रिहिन, ओमन मनखेमन ला बताईन कि परेत आतमा के धरे मनखे ह कइसने चंगा होईस। 37 तब गिरासेनी इलाका के जम्मो मनखेमन यीसू ला कहिन कि ओह उहां ले चले जावय, काबरकि ओमन बहुंत डर्रा गे रिहिन। एकरसेति ओह डोंगा में चघिस अऊ चले गीस।
38 जऊन मनखे ले परेत आतमामन निकरे रिहिन, ओह यीसू ले बिनती करिस, “मोला तोर संग जावन दे।” पर यीसू ह ओला ए कहिके बिदा करिस, 39 “अपन घर ला लहुंट जा, अऊ मनखेमन ला बता कि परमेसर ह तोर बर कतेक बड़े काम करे हवय।” ओ मनखे ह चले गीस अऊ जम्मो सहर म बताईस कि यीसू ह ओकर बर कतेक बड़े काम करिस।
एक मरे टूरी अऊ एक बेमार माईलोगन
(मत्ती 9:18-26; मरकुस 5:21-43)
40 जब यीसू ह झील के ओ पार वापिस लहुंटिस, त मनखेमन के एक भीड़ ह ओकर सुवागत करिस, काबरकि ओ जम्मो झन ओकर बाट जोहत रिहिन। 41 तभे, याईर नांव के एक मनखे, जऊन ह सभा घर के एक अधिकारी रिहिस, आईस अऊ यीसू के गोड़ खाल्हे गिरके बिनती करिस कि यीसू ह ओकर घर म आवय, 42 काबरकि ओकर बारह बछर के एके झन बेटी ह मरइया रिहिस।
जब यीसू ह जावत रिहिस, त ओह भीड़ के मारे दबे जावत रहय। 43 अऊ उहां एक झन माईलोगन रहय, जऊन ला बारह बछर ले लहू बहे के बेमारी रिहिस, पर ओला कोनो बने नइं कर सके रिहिन। 44 ओह यीसू के पाछू ले आईस अऊ ओकर कपड़ा के छोर ला छुईस, अऊ तुरते ओकर लहू बहई बंद हो गीस।
45 यीसू ह पुछिस, “मोला कोन ह छुईस?” जब ओ जम्मो झन इनकार करिन, तब पतरस ह कहिस, “हे मालिक, मनखेमन तोर चारों कोति हवंय अऊ तोर ऊपर गिरे पड़त हवंय।”
46 पर यीसू ह कहिस, “कोनो मोला छुए हवय, काबरकि मेंह जानत हंव कि मोर म ले सामरथ निकरे हवय।”
47 जब ओ माईलोगन ह देखिस कि ओह छुपे नइं रह सकय, तब ओह कांपत आईस अऊ यीसू के गोड़ खाल्हे गिरिस। अऊ जम्मो मनखेमन के आघू म ओह बताईस कि काबर ओह यीसू ला छुईस अऊ कइसने ओह तुरते चंगा हो गीस। 48 तब यीसू ह ओला कहिस, “बेटी, तोर बिसवास ह तोला ठीक करे हवय। सांति म जा।”
49 जब यीसू ह ओकर ले गोठियावत रिहिस, त एक झन मनखे सभा घर के अधिकारी याईर के घर ले आईस अऊ कहिस, “तोर बेटी ह काल कर दारिस, गुरू ला अऊ तकलीफ झन दे।”
50 एला सुनके, यीसू ह याईर ला कहिस, “झन डर; सिरिप बिसवास रख, त ओह बंच जाही।”
51 जब यीसू ह याईर के घर म आईस, त ओह पतरस, यूहन्ना, याकूब अऊ लइका के दाई-ददा ला छोंड़के अऊ एको झन ला अपन संग भीतर नइं आवन दीस। 52 जम्मो मनखेमन ओ लइका बर रोवत अऊ दुःख मनावत रहंय। यीसू ह कहिस, “झन रोवव, काबरकि लइका ह मरे नइं ए, पर ओह सुतत हवय।”
53 ओमन ए बात ला जानत रिहिन कि ओ टूरी ह मर गे हवय, एकरसेति ओमन यीसू के ऊपर हंसे लगिन। 54 पर यीसू ह टूरी के हांथ ला पकड़िस अऊ कहिस, “हे मोर लइका, उठ!” 55 ओ टूरी के परान लहुंट आईस, अऊ तुरते ओह ठाढ़ हो गीस। तब यीसू ह ओमन ला कहिस कि ओला कुछू खाय बर देवंय। 56 ओकर दाई-ददा चकित हो गीन, पर यीसू ह ओमन ला ए हुकूम दीस कि जऊन कुछू होय रिहिस, ओकर बारे म कोनो ला झन बतावंय।
यीसू ह बारह चेलामन ला पठोथे
(मत्ती 10:5-15; मरकुस 6:7-13)
9 यीसू ह अपन बारह प्रेरितमन ला एक संग बलाईस, अऊ ओह ओमन ला जम्मो परेत आतमामन ला निकारे अऊ बेमारीमन ला ठीक करे के सामरथ अऊ अधिकार दीस, 2 अऊ ओह ओमन ला परमेसर के राज के परचार करे बर अऊ बेमरहामन ला बने करे बर पठोईस। 3 ओह ओमन ला कहिस, “डहार बर कुछू झन लेवव – न चले के लउठी, न झोला, न रोटी, न रूपिया-पईसा, अऊ न अतकिहा कुरता रखव। 4 जऊन घर म तुमन जाथव, उहेंच ठहरव जब तक कि ओ सहर ले बिदा नइं होवव। 5 अऊ जिहां मनखेमन तुमन ला गरहन नइं करंय, त जब ओ सहर ले जावव, त अपन गोड़ के धूर्रा ला झार देवव ताकि एह ओमन के बिरोध म एक गवाही होवय।” 6 चेलामन उहां ले चल दीन, अऊ ओमन गांव-गांव म सुघर संदेस के परचार करत अऊ हर एक जगह मनखेमन ला बेमारी ले ठीक करत गीन।
7 गलील म राज करइया हेरोदेस ह जऊन कुछू होवत रहय, ओ जम्मो के बारे म सुनिस, त ओह दुगधा म पड़ गीस, काबरकि कुछू मनखेमन कहत रिहिन कि यूहन्ना ह मरे मन ले जी उठे हवय; 8 आने मन कहत रिहिन कि एलियाह ह परगट होय हवय, जबकि अऊ आने मन कहंय कि बहुंत पहिली के अगमजानीमन ले एक झन जी उठे हवय। 9 पर हेरोदेस ह कहिस, “मेंह यूहन्ना के मुड़ ला कटवाय रहेंव। पर ए मनखे कोन ए, जेकर बारे म मेंह अइसने बात सुनत हवंव।” अऊ ओह यीसू ला देखे के कोसिस करिस।
यीसू ह पांच हजार मनखेमन ला खाना खवाथे
(मत्ती 14:13-21; मरकुस 6:30-44; यूहन्ना 6:1-14)
10 जब प्रेरितमन लहुंटके आईन, त जऊन कुछू ओमन करे रिहिन, ओ जम्मो बात यीसू ला बताईन। तब यीसू ह ओमन ला अपन संग लीस अऊ ओमन बैतसैदा नांव के एक सहर म चल दीन। 11 पर मनखेमन के भीड़ ला ए बात के पता चल गीस अऊ ओमन ओकर पाछू गीन। यीसू ह ओमन के सुवागत करिस अऊ ओमन ले परमेसर के राज के बारे म गोठियाय लगिस अऊ जऊन मन बेमारी ले बने होय चाहत रिहिन, ओमन ला चंगा करिस।
12 जब बेरा ह ढरक गे, तब बारहों चेलामन यीसू करा आके कहिन, “ए भीड़ ला जावन दे ताकि ओमन आस-पास के गांव अऊ बस्ती म जावंय, अऊ अपन खाय अऊ रहे के परबंध करंय, काबरकि हमन इहां सुनसान जगह म हवन।”
13 पर यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन ओमन ला कुछू खाय बर देवव।”
ओमन कहिन, “हमर करा सिरिप पांच ठन रोटी अऊ दू ठन मछरी हवय। का तेंह चाहथस कि हमन जाके ए जम्मो भीड़ बर खाना बिसोवन?” 14 (उहां करीब पांच हजार मरद रिहिन।)
पर यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “मनखेमन ला करीब पचास-पचास के दल बनाके बईठा देवव।” 15 चेलामन अइसनेच करिन अऊ ओमन जम्मो झन ला बईठा दीन। 16 तब यीसू ह पांचों रोटी अऊ दूनों मछरी ला लीस अऊ स्वरग कोति देखके ओह परमेसर ला धनबाद दीस, अऊ रोटी अऊ मछरी मन ला टोरिस अऊ चेलामन ला देवत गीस कि ओमन मनखेमन ला परोसंय। 17 ओ जम्मो झन खाके अघा गीन, अऊ चेलामन बांचे कुटकामन के बारह टुकना भर के उठाईन।
पतरस के यीसू ला स्वीकार करई
(मत्ती 16:13-20; मरकुस 8:27-30)
18 एक दिन यीसू ह एके झन पराथना करत रिहिस अऊ ओकर चेलामन ओकर संग रिहिन, त ओह ओमन ले पुछिस, “मनखेमन मोला कोन ए कहिथें?”
19 ओमन जबाब दीन, “कुछू मनखेमन कहिथें – यूहन्ना बतिसमा देवइया; पर आने मन कहिथें – एलियाह; जबकि अऊ आने मन कहिथें कि बहुंत पहिली के अगमजानीमन ले एक झन जी उठे हवय।”
20 यीसू ह ओमन ले पुछिस, “पर तुमन मोला कोन ए कहिथव?”
पतरस ह जबाब दीस, “तेंह परमेसर के मसीह अस।”
21 यीसू ह ओमन ला बने करके चेताके कहिस कि ओमन ए बात कोनो ला झन बतावंय। 22 अऊ ओह कहिस, “एह जरूरी ए कि मनखे के बेटा ह बहुंत दुःख भोगय अऊ अगुवा, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन के दुवारा तिरस्कार करे जावय, अऊ जरूरी ए कि ओह मार डारे जावय अऊ तीसरा दिन जी उठय।”
23 अऊ ओह ओ जम्मो झन ला कहिस, “यदि कोनो मोर पाछू आय चाहथे, त एह जरूरी ए कि ओह अपन ईछामन ला मारय अऊ हर दिन दुःख उठाय के मन रखय अऊ मोर पाछू चलय। 24 काबरकि जऊन कोनो अपन जिनगी ला बचाय चाहथे, ओह ओला गंवाही, पर जऊन कोनो मोर बर अपन जिनगी ला गंवाय चाहथे, ओह परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पाही। 25 यदि एक मनखे ह जम्मो संसार ला पा जाथे, पर परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी ला गंवा देथे, त ओला का लाभ? 26 यदि कोनो मोर ले अऊ मोर बचन ले लजाथे, त मनखे के बेटा घलो ओकर ले लजाही, जब ओह अपन महिमा अऊ ददा अऊ पबितर स्वरगदूतमन के महिमा के संग आही। 27 मेंह तुमन ला सच कहत हंव, इहां कुछू झन ठाढ़े हवंय, ओमन जब तक परमेसर के राज ला नइं देख लिहीं, तब तक ओमन नइं मरंय।”
यीसू के रूप बदलथे
(मत्ती 17:1-8; मरकुस 9:2-8)
28 यीसू के ए कहे के करीब आठ दिन के बाद, ओह पतरस, यूहन्ना, अऊ याकूब ला अपन संग लीस अऊ एक ठन पहाड़ म पराथना करे बर गीस। 29 जब ओह पराथना करत रिहिस, त ओकर चेहरा के रूप ह बदल गीस अऊ ओकर कपड़ा ह पंडरा होके बहुंत चमके लगिस। 30 अऊ दू झन मनखे मूसा अऊ एलियाह महिमा म परगट होईन अऊ यीसू संग गोठियावत रिहिन। 31 ओमन यीसू के मरे के समय के बारे म बातचीत करत रिहिन, जऊन ला यीसू ह यरूसलेम म पूरा करइया रिहिस। 32 पतरस अऊ ओकर संगवारीमन बहुंत नींद म रहंय, पर जब ओमन जागिन, त ओमन यीसू के महिमा अऊ दू झन मनखे ला ओकर संग ठाढ़े देखिन। 33 जब दूनों मनखे ओकर करा ले जाय लगिन, तब पतरस ह यीसू ला कहिस, “हे मालिक, हमन के इहां रहई बने ए। हमन तीन ठन मंडप बनाथन – एक तोर बर, एक मूसा बर अऊ एक ठन एलियाह बर।” (ओह नइं जानय कि ओह का कहत रिहिस।)
34 जब ओह गोठियावत रिहिस, त एक बादर आईस अऊ ओमन ला ढांप लीस अऊ ओमन डर्रा गीन जब ओमन बादर म हमाईन। 35 बादर म ले ए अवाज आईस, “एह मोर बेटा ए, जऊन ला मेंह चुने हवंव; एकर बात ला सुनव।” 36 जब अवाज ह बंद हो गीस, त ओमन यीसू ला एके झन पाईन। चेलामन ए बात ला अपन म रखिन, अऊ जऊन कुछू ओमन देखे रिहिन, ओला ओ समय कोनो ला नइं बताईन।
यीसू ह परेत आतमा धरे एक टूरा ला बने करथे
(मत्ती 17:14-18; मरकुस 9:14-27)
37 दूसर दिन जब ओमन पहाड़ ले उतरिन, त एक बड़े भीड़ ह यीसू ले मिलिस। 38 भीड़ म ले एक मनखे ह चिचियाके कहिस, “हे गुरू, मेंह तोर ले बिनती करत हंव कि मोर बेटा ला देख; ओह मोर एके झन लइका ए। 39 एक परेत आतमा ओला पकड़थे अऊ ओह अचानक चिचियाथे; ओह ओला अइसने अइंठथे कि ओकर मुहूं ले झाग निकरथे; ओह ओला मुसकुल से छोंड़थे अऊ ओह ओला नास करत हवय। 40 मेंह तोर चेलामन ले बिनती करेंव कि ओमन ओला निकार देवंय, पर ओमन ओला नइं निकार सकिन।”
41 यीसू ह जबाब दीस, “ए अबिसवासी अऊ ढीठ पीढ़ी के मन, कब तक मेंह तुम्हर संग रहिहूं अऊ तुम्हर सहत रहिहूं? तोर बेटा ला इहां लान।”
42 जब छोकरा ह आवत रिहिस, त परेत आतमा ह ओला भुइयां म पटकके अइंठिस। पर यीसू ह परेत आतमा ला दबकारिस अऊ ओ छोकरा ला बने करिस अऊ ओला ओकर ददा ला सऊंप दीस। 43 अऊ ओमन जम्मो झन परमेसर के महान सामरथ ला देखके चकित हो गीन।
जब जम्मो झन यीसू के काम ला देखके अचम्भो करत रिहिन, त ओह अपन चेलामन ला कहिस, 44 “जऊन बात मेंह तुमन ला कहइया हंव, ओला धियान देके सुनव: मनखे के बेटा ह मनखेमन के हांथ म सऊंपे जवइया हवय।” 45 पर ओमन नइं जानिन कि एकर का मतलब ए। एला ओमन ले छुपाय गे रिहिस, ताकि ओमन एला झन समझंय अऊ ओमन एकर बारे म यीसू ले पुछे बर डर्रावत रिहिन।
सबले बड़े कोन ए?
(मत्ती 18:1-5; मरकुस 9:33-37)
46 चेलामन के बीच म ए बहस होय लगिस कि ओमन म सबले बड़े कोन होही? 47 यीसू ह ओमन के मन के बिचार ला जानके, एक छोटे लइका ला लीस अऊ अपन बाजू म ठाढ़ करिस 48 अऊ ओमन ला कहिस, “जऊन कोनो ए छोटे लइका ला मोर नांव म गरहन करथे, ओह मोला गरहन करथे; अऊ जऊन कोनो मोला गरहन करथे, ओह ओला गरहन करथे, जऊन ह मोला पठोय हवय। काबरकि जऊन ह तुम्हर जम्मो झन के बीच म सबले छोटे ए, ओही ह सबले बड़े ए।”
49 यूहन्ना ह कहिस, “हे मालिक, हमन एक मनखे ला तोर नांव म परेत आतमामन ला निकारत देखेन अऊ हमन ओला अइसने करे बर मना करेन, काबरकि ओह हमन म ले नो हय।”
50 यीसू ह कहिस, “ओला झन रोकव, काबरकि जऊन ह तुम्हर बिरोध म नइं ए, ओह तुम्हर कोति हवय।”
सामरी मनखेमन यीसू के बिरोध करथें
51 जब यीसू के स्वरग म उठाय जाय के दिन ह लकठा आईस, त ओह यरूसलेम जाय बर पूरा ठान लीस, 52 अऊ ओह अपन आघू संदेसियामन ला पठोईस। ओमन सामरीमन के एक ठन गांव म गीन कि यीसू बर जम्मो चीज ला तियार करंय[c], 53 पर मनखेमन उहां यीसू ला स्वीकार नइं करिन, काबरकि ओह यरूसलेम जावत रिहिस। 54 जब यीसू के चेला याकूब अऊ यूहन्ना एला देखिन, त ओमन कहिन, “हे परभू, का तेंह चाहथस कि हमन हुकूम देवन कि अकास ले आगी गिरय अऊ ए सामरीमन ला नास कर देवय।” 55 पर यीसू ह पलटिस अऊ ओमन ला दबकारिस, 56 अऊ ओमन आने गांव ला चल दीन।
यीसू के पाछू चले के कीमत
(मत्ती 8:19-22)
57 जब ओमन डहार म जावत रिहिन, त एक मनखे ह यीसू ला कहिस, “तेंह जहां कहूं घलो जाबे, मेंह तोर पाछू-पाछू चलहूं।”
58 यीसू ह ओला कहिस, “कोलिहामन के बिल अऊ अकास के चिरईमन के बसेरा हवय, पर मनखे के बेटा के मुड़ ला थेबे बर घलो जगह नइं ए।”
59 यीसू ह आने मनखे ला कहिस, “मोर पाछू हो ले।”
पर ओ मनखे ह जबाब दीस, “हे परभू, पहिली मोला जावन दे कि मेंह अपन मरे ददा ला माटी दे देवंव।”
60 यीसू ह ओला कहिस, “मुरदामन ला छोंड़ कि ओमन अपन मरे मन ला माटी देवंय, पर तेंह जा अऊ परमेसर के राज के परचार कर।”
61 एक अऊ मनखे ह कहिस, “मेंह तोर पाछू चलहूं, परभू; पर पहिली मोला जावन दे कि मेंह अपन परिवार के मनखेमन ले बिदा होके आवंव।”
62 यीसू ह ओला कहिस, “जऊन कोनो नांगर जोते के सुरू करथे अऊ बार-बार पाछू ला देखथे, ओह परमेसर के राज के लइक नो हय।”
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