Book of Common Prayer
मन्दिर क समर्पण बरे दाऊद क एक ठु पद।
1 हे यहोवा, तू मोरी बिपत्तियन स मोर उद्धार किहा ह।
तू मोरे दुस्मनन क मोका हरावइ अउर मोर खिल्ली उड़ावइ नाहीं दिहा।
तउ मइँ तोहरे बरे आदर परगट करब।
2 हे मोर परमेस्सर यहोवा, मइँ तोहसे पराथना किहेउँ।
तू मोका चँगा कइ दिहा।
3 कब्र स तू मोर उद्धार किहा, अउर मोका जिअइ दिहा।
मोका मुर्दन क संग मुर्दन क गड़हा मँ पड़े भए नाहीं रहइ पड़ा।
4 परमेस्सर क भगतन, यहोवा क स्तुति करा!
ओकरे सुभ नाउँ क प्रसंसा करा।
5 यहोवा कोहाइ गवा, तउ निर्णय भवा “मउत!”
मुला उ आपन पिरेम परगट किहस अउर मोका “जिन्नगी” दिहस।
मइँ राति क रोवत विलापत सोएउँ।
दूसर भिन्सारे मइँ गावत भवा खुस रहेउँ।
6 मइँ अब इ कहि सकत हउँ, अउर मइँ जानत हउँ इ निहचय फुरइ अहइ,
“मइँ कबहुँ नाहीं हारब!”
7 हे यहोवा, जब तू मोहे पइ दयालु भया
अउ तउ मइँ महसूस किहेउँ कि मइँ अइसा सुरच्छित अहउँ जइसा पहाड़े पइ एक किला।
मुला मइँ डर स काँपि गएउँ
जब तू मोका अस्वीकार कइ दिहा।
8 हे परमेस्सर, मइँ तोहरी कइँती लउटेउँ अउर बिनती किहेउँ।
मइँ आपन पइ दाया देखावइ क विनती किहेउँ।
9 मइँ कहेउँ, “परमेस्सर का इ नीक अहइ कि मइँ मरि जाउँ
अउर कब्र क भीतर खाले चला जाऊँ?
मरे भए मनई तउ माटी मँ ओलरा रहत हीं,
उ पचे तोहरे नेक क स्तुति
जउन सदा सदा बनी रहत ह नाहीं करतेन।
10 हे यहोवा, मोर पराथना सुना अउर मोह पइ करुणा करा!
हे यहोवा, मोर मदद करा!”
11 मइँ पराथना किहेउँ अउर तू मोर मदद किहा!
तू मोरे रोवइ क नाच मँ बदल दिहा मोरे सोक वस्त्र क तू उतारिके बहाइ दिहा,
अउर मोका आनन्द मँ सराबोर कइ दिहा।
12 हे यहोवा, मइँ तोर सदा जसगान करब।
मइँ अइसा करब जेहसे कबहुँ नीरवता न बियापइ।
तोहार प्रसंसा मँ हमेसा कउनो न कउनो गावत रही।
दाऊद क एक गीत।
1 धन्न अहइ उ जेकर पाप छमा भएन।
धन्न अहइ उ जन
जेकर पाप धुल गएन।
2 उ पचे कइसे धन्य अहइँ
जेका यहोवा दोखी नाहीं समुझत ह।
उ जन जउन आपन गुप्त पापन क छुपावइ क जतन न करइ आसीसित होइहीं।
3 हे परमेस्सर, मइँ तोहसे बार बार बिनती किहेउँ,
मुला आपन छुपा पाप तोहका नाहीं बताएउँ।
जेतनी दाई मइँ तोहार बिनती किहेउँ मइँ तउ अउर जियादा दुर्बल होत चला गएउँ।
4 हे परमेस्सर, तू मोर जिन्नगी दिन रात कठिन स जियादा कठिन बनाइ दिहा।
मोर ताकत अइसा झुराइ गवा अहइ जइसा गर्मी क मोसम क ताप झुलसाइ दिहे अहइ।
5 मुला फिर मइँ यहोवा क समच्छ आपन सबहिं पापन क मानइ क निहचय कइ लिहे हउँ।
हे यहोवा, मइँ तोहका आपन पाप बताइ दिहेउँ।
मइँ आपन कउनो अपराध तोहसे नाहीं छुपाएउँ।
अउर तू मोरे पापन क दोख छिमा कइ दिहा।
6 एह बरे, परमेस्सर, तोहरे भगतन क तोहार बिनती करइ चाही।
हिआँ तलक कि जब विपत्ति जल प्रलय स उमड़इ तब भी तोहरे भगतन क तोहार बिनती करइ चाही।
7 हे परमेस्सर, तू मोर रच्छा क ढाल अहा तू मोका मोरी बिपत्तियन स उबारत अहा।
तू मोका सुरच्छा क गीत स घेरि लिहा ह।
तउ एह बरे मइँ, जइसे तू रच्छा किहा ह,
ओनही बातन क गीत गावा करत हउँ।
8 यहोवा कहत ह, “मइँ तोहका जइसे चलइ चाही सिखाउब
अउर तोहका उ राह देखाउब।
मइँ तोहार रच्छा करब अउर मइँ तोहार अगुआ बनब।
9 तउ तू घोड़न या गदहन स बुद्धिहीन जिन बना।
ओन पसुअन क तउ मुखरी अउ लगाम स चलावा जात ह।
अगर तू ओनका लगाम या रास नाहीं लगउब्या, तउ उ सबइ पसु निअरे नाहीं अइहीं।”
10 दुर्जनन क बहोत स पीड़ा घेरिहीं।
मुला ओन लोगन क जेनका यहोवा पइ भरोसा अहइ, यहोवा क सच्चा पिरेम ढाक लेइ।
11 सज्जन तउ यहोवा मँ सदा मगन अउ आनन्दित रहत हीं।
अरे ओ लोगो, तू सब पवित्तर मन क साथ आनन्द मनउब्या।
दूसर भाग
(भजन 42–72)
संगीत निर्देसक बरे कोरह परिवार क एक ठु मस्किल।
1 एक ठु पिआसा हिरन क नाईं जउन धार क पानी पिअइ क इच्छुक अहइ,
वइसे ही, हे परमेस्सर, मोर प्राण तोहरे इच्छा रखत हीं।
2 मोर प्राण जिअत परमेस्सर क पिआसा अहइ।
मइँ ओहसे मिलइ बरे कब आइ सकत हउँ?
3 राति अउ दिन मोर हर दिन क भोजन सिरिफ आँसू बाटइ।
मोर दुस्मन कहत हीं, “तोहार परमेस्सर कहाँ बा?”
4 तउ मोका इ सबइ बातन क सुमिरइ द्या।
मोका आपन हिरदइ बाहेर उड़ेरइ द्या।
मोका सुमिरन अहइ मइँ परमेस्सर क मन्दिर मँ चलेउँ अउ भिड़िया क अगुआई करत रहेउँ।
मोका सुमिरन अहइ उ लोगन क संग आनन्द स भरा बड़कई क गीत गाउब अउर उ उत्सव मनाउब।
5-6 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ?
मइँ ऍतना बियाकुल काहे हउँ?
“मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही।
मोका अबहुँ ओकर स्तुति क अवसर मिली।
उ मोका बचाई।
हे मोरे परमेस्सर, मइँ बहोतइ दुःखी हउँ।
एह बरे मइँ यरदन नदी क स्रोत मँ, हर्मोन पहाड़ क आधार पइ छोटा पहाड़ी[a] मँ तोहार आराधना किहेउँ ह।”
7 जइसे नदी क लहरन आवत अउ गरजत ह मइँ झरना क कोलाहल करत भए सब्द सुनत हउँ।
वइसे ही मोका विपत्तियन बारम्बार घेरी रहिन।
हे यहोवा, तोहार लहरन एक क बाद दूसरा आवत ह,
मोर चारिहुँ कइँती घेरिके मोका दहबोच रखेन ह।
8 अगर हर दिन यहोवा बिस्ससनीय पिरेम देखाइ।
फुन तउ राति मँ मइँ ओकर गीत गाइ पाउब।
मइँ आपन सजीव परमेस्सर क पराथना कइ सकब।
9 मइँ आपन परमेस्सर, आपन चट्टान स बातन करत हउँ।
मइँ कहा करत हउँ, “हे यहोवा, तू मोका काहे बिसराइ दिहा?
ये यहोवा, तू मोका इ काहे नाहीं देखाँया कि मइँ आपन दुस्मनन स बचिके कइसे निकरउँ?”
10 मोर दुस्मनन मोका मारइ क जतन किहेन।
उ पचे मोहे पइ आपन घिना देखाँवत हीं जब उ पचे कहत हीं, “तोहार परमेस्सर कहाँ अहइ?”
11 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ?
मइँ काहे ऍतना बियाकुल हउँ?
“मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही?
मोका अब भी ओकर स्तुति करइ क अवसर मिली।
उ मोका बचाइ।”
1 हे परमेस्सर, एक मनई अहइ जउन तोहार अनुसरण नाहीं करत।
उ मनई दुट्ठ अहइ अउ झूठ बोलत ह।
हे परमेस्सर, मोर मोकदमा लड़ा अउर इ निर्णय करा कि कउन सत्य बाटइ।
मोका उ मनई स बचाइ ल्या।
2 हे परमेस्सर, तू ही मोर सरणस्थल अहा!
मोका तू काहे बिसराइ दिहा?
तू मोका इ काहे नाहीं देखाँया
कि मइँ आपन दुस्मनन स कइसे बचिके निकरउँ?
3 हे परमेस्सर, तोहार जोति अउ सच्चाई क मोह पइ चमकइ द्या।
उ मोका तोहार पवित्तर पर्वत पइ तोहार आपन वास-स्थान जाइ मँ अगुवाइ करइ।
4 मइँ तउ परमेस्सर क वेदी क लगे जाब।
परमेस्सर मइँ तोहरे पास आउब।
उ मोका आनन्दित करत ह।
हे परमेस्सर, हे मेरे परमेस्सर, मइँ वीणा पइ तोहार स्तुति करब।
5 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ?
मइँ काहे ऍतना बियाकुल हउँ?
“मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही।
मोका अब भी ओकर स्तुति क अवसर मिली।
उ मोका बचाई।”
यरूसलेम क पुन: निर्माण क बिरुद्ध दुस्मन
7 पाछे, जब अर्तछत्र फारस क नवा राजा भवा, एन लोगन मँ स कछू यहूदियन क खिलाफ सिकाइत करत भए एक ठू अउर पत्र लिखेन। जउन लोग उ पत्र लिखेन, उ सबइ इ सब रहेन: बिसलाम, मिथदात, ताबेल अउर ओकरे दल क दूसर लोग। उ पचे पत्र राजा अर्तछत्र क अरामी मँ अरामी लिपि क उपयोग करत भए लिखेन।
11 इ उ पत्र क प्रतिलिपि अहइ जेका ओन लोग अर्तछत्र क पठए रहेन।
राजा अर्तछत्र क, परात नदी क पच्छिमी पहँटा मँ आप क सेवकन कइँती स अहइ।
12 राजा अर्तछत्र हम आप क सूचित करइ चाहित ह कि जउन यहूदियन क आप-अपने लगे स पठया ह, उ पचे हिआँ आइ गएन ह। उ सबइ यहूदी उ नगर क फुन स बनावइ चाहत हीं। यरूसलेम एक बुरा अउर बिद्रोही नगर अहइ। अब उ पचे यहूदी परकोटन क जेवन क पक्का करत बाटेन अउर देवारन खड़ी करत अहइँ।
13 राजा अर्तछत्र आप क इ जान लेइ चाही कि जदि यरूसलेम अउर एकर परकोटन फुन बन गएन तउ यरूसलेम क लोगन कर देब बन्द कइ देइहीं। उ पचे आप क सम्मान करइ बरे धन पठउब बन्द कइ देइहीं। उ पचे सेवा कर भी रोक देइहीं अउर राजा क उ सारे धन स हाथ धोवइ पड़ी।
14 राजा क एकर जानकारी होइ चाही कि हम लोग राजा क वफ़ादार होइ क वादा किहे रहेन। ऍह बरे जिम्मेदारी हम लोगन पइ अहइ। हम लोगन क इ सबइ घटित होब नाहीं लखइ चाहतेउँ कि राजा क अपमान होइ। इहइ कारण अहइ कि हम लोग इ पत्र क जरिये राजा क इ बात क सम्बंध मँ सूचना दिहे अहउँ।
15 राजा अर्तछत्र हम इ चाहित ह कि आप ओन राजा लोगन क लेखन क पता लगावइँ कि जउन आपक पहिले हुकूमत किहन। आप ओन लेखन मँ लखिहीं कि यरूसलेम मँ सदा ही दूसर राजा लोगन क बरे बिद्रोह किहन। इ दूसर राजा लोगन अउ रास्ट्रन क बरे बहोत कठिनाइयन पइदा किहन ह। पुराने समइ स ही इ नगर बिद्रोह क उभारत अहइ ह। इहइ कारण अहइ कि यरूसलेम नस्ट भवा।
16 राजा अर्तछत्र हम आप क सूचित करइ चाहित ह कि जदि इ नगर अउ एकर परकोटन फुन स बन गवा तउ फरात नदी क इ कइँती क छेत्र आप क हाथे स निकरि जइहीं।
17 तब अर्तछत्र इ जवाब पठएस:
सासन अधिकारी रहूम अउ लिपिक सिमसै अउ ओनकर सबहिं साथियन क जउन सोमोरन अउ परात नदी क दूसर पच्छिमी प्रदेस मँ रहत हीं।
सुभ-कामनाऐं,
18 तू लोग जउन हमरे लगे पत्र पठाया ओकर अनुवाद भवा अउर मोका सुनावा गवा। 19 मइँ आदेस दिहेउँ कि मोरे पहिले क राजा लोगन क लेखन क खोज कीन्ह जाइ। लेख बाँचे गएन अउर हम लोगन क ग्यात भवा कि यरूसलेम क जरिये राजा लोगन क खिलाफ बिद्रोह करइ क एक लम्बा इतिहास अहइ। यरूसलेम अइसी जगह रहा नगर जहाँ अक्सर बिद्रोह अउ गद्दारी होत रहत हीं। 20 यरूसलेम अउ फरात नदी क पच्छिम क पूरे पहँटा पइ सक्तीसाली राजा राज्ज करत रहेन ह। राज्ज कर अउ राजा क सम्मान बरे धन अउ बिविध प्रकार क कर ओन राज लोगन क दीन्ह गएन ह।
21 अब तू पचन्क ओन लोगन क काम बन्द करइ क बरे एक ठु आदेस देइ चाही। इ आदेस यरूसलेम क पुनःनिर्माण क रोकइ क बरे तब तलक अहइ, जब तलक कि मइँ वइसा करइ क आग्या न देउँ। 22 सावधान रहया अउर इ आग्या क पालन करइ स इनकार जिन करा यरूसलम क पूनःनिमार्ण चलत नाहीं रहइ चाही, वरना मइँ यरूसलेम स मिलइवाला आमदनी क खोइ देबउँ।
23 तउ उ पत्र क प्रतिलिपि, जेका राजा अर्तछेत्र पठएस रहूम, लिपिक सिमसै अउ ओकरे संग क लोगन क बाँचिके सुनाई गइ। तब उ सबइ लोग बड़ी तेजी स यरूसलेम मँ यहूदियन क लगे गएन। उ पचे यहूदियन क निर्माण कार्य बन्द करइ क मजबूर किहन।
मन्दिर क कार्य रुका
24 इ तरह यरूसलेम मँ परमेस्सर क मन्दिर क काम रुक गवा। फारस क राजा दारा क सासनकाल क दूसरे बरिस तलक इ कार्य नाहीं चला।
1 ईसू मसीह क बरे बन्दी बना पौलुस अउर हमार भाई तीमुथियुस कइँती सः
हमार प्रिय दोस्त अउर सहकर्मी फिलेमोन, 2 हमार बहिन अफफिया, हमार साथी सैनिक अर्खिप्पुस अउर तोहरे घरे पर एकट्ठा होइवाली कलीसिया कः
3 उ हमार परमपिता परमेस्सर अउर पर्भू ईसू मसीह कइँती स तोहे पचन क अनुग्रह अउर सान्ति मिलइ।
फिलेमोन क पिरेम अउर बिसवास
4 आपन पराथना मँ तोहार उल्लेख करत भए मइँ हमेसा अपने परमेस्सर क धन्यबाद करत हउँ। 5 काहेकि मइँ संत जनन बरे तोहरे ओइॅ पिरेम अउर बिसवास क चर्चा सुनत हउँ, जो पर्भू ईसू अउर समस्त पवित्तर लोगन क प्रति अहइ। 6 मोर पराथना बा कि तोहरे बिसवास स पइदा उदार सहभागिता लोगन क मार्ग दरसन करइ। जेहसे ओन्हे सभन अच्छी चीजन क गियान होइ जाइ जउन मसीह क उद्देस्स क आगे बढ़ावइ मँ हमरे बीच घटन होत रहिन बाटिन। 7 हे भाई, तोहर कोसिसन स संत जनन क हीरदइ हरा-भरा होइ ग हयेन, इही बरे तोहरे पिरेम स मोका बहुत आनन्द अउर प्रोत्साहन मिला बा।
उनेसिमुस क भाई स्वीकारा
8 इही बरे मइँ बिसवास करत हउँ कि मसीह मँ मोका तोहरे कर्त्तव्यन क बारे मँ हुकुम देइ क अधिकार बा 9 मुला पिरेम क आधार पर मइँ तोहसे निवेदन करब ही ठीक समझत हउँ। मइँ पौलुस जउन अब बूढ़ाइ होइ चला हउँ अउर मसीह ईसू क बरे अब भी बंदी बना हुआ हउँ। इही उचित अहइ कि तोहसे सबन स आग्रह करउँ। 10 मइँ उ उनेसिमुस क बारे मँ निवेदन करत हउँ, कि जउन जब तब मोर धरम पुत्र बना रहा जेकर मइँ बंदी गृह मँ रहेउँ। 11 एक समइ रहा जब उ तोहरे कउनउ काम क नाहीं रहा, मुला अब न केवल तोहरे बरे बल्कि मोरे बरे भी उ बहुत काम क अहइ।
12 मइँ ओका फिन स तोहरे लगे भेजत हउँ (बल्कि मोका तउ कहइ चाही अपने हिरदइ क ही तोहरे लगे भेजत हउँ) 13 मइँ ओका इहाँ अपने लगे ही रखइ चाहत रहेउँ, ताकि सुसमाचार क बरे मोह बन्दी क उ तोहरी तरफ स सेवा कइ सकइ। 14 मुला तोहरी आज्ञा क बिना मइँ कछू भी करइ नाही चाहित ताकि तोहार इ भलाई दबाव स नाहीं बल्कि स्वेच्छा स ही होइ।
15 होइ सकत ह कि ओका थोड़े समइ क बरे तोहसे दूर रहइ क कारण इहइ होइ कि तू ओका फिन हमेसा बरे पाइ ल्या। 16 दास क रूपे मँ नाहीं, बल्कि दास स जियादा एक प्रिय बन्धु क रूपे मँ मइँ ओसे बहुत पिरेम करत हउँ किन्तु तू ओका अउर जियादा पिरेम करब्या। केवल एक मनुष्य क रूप मँ ही नाहीं बल्कि पर्भू मँ स्थित एक बन्धू क रूपे मँ भी।
17 तउ यदि तुम मोका आपन दोस्त क रूप मँ स्वीकार करत ह, तब उनेसिमुस क वापस स्वीकार कइ ल्या। ओकर ऐसा सुआगत करा, जैसा कि तुम मोर सुआगत किहा ह। 18 अउर अगर उ तोहार कउनो प्रकार स हानि पहुँचाएस अथवा कउने वस्तु बरे तोहार कर्जीदार अहइ। तउ ओका हमरे खाता मँ लिख द्या। 19 मइँ पौलुस खुद आपन दस्तखत स इहइ लिखत हउँ। ओकर भरपाई तोहका मइँ करबइ। मोका इ बतावइ क जरूरत नाहीं बा कि तोर सम्पूर्ण जीवन ही मोर ऋणी बा। 20 हाँ भाई मोका पर्भू मँ तोहसे इ लाभ पहुंचइ कि मसीह मँ मोर हिरदय हरा भरा होइ जाइ। 21 तोह पइ बिसवास रखत इ चिठ्टी मइँ तोहका लिखत हउँ। मइँ जानत हउँ कि तोहसे मइँ जेतना कहत हउँ, तू ओसे कहूँ जियादा करब्या।
22 साथ ही मँ मोरे बरे निवास का भी प्रबन्ध करा, काहेकि मोर आसा अहइ कि तोहार सब पराथना क परथनावन द्वारा मइँ तोहका सौंप दिया नाउँ।
अन्तिम उपहार
23 मसीह ईसू मँ रहई क मोर साथी बन्दी इपफ्रास क तोहे सबन क नमस्कार। 24 मोर साथी कार्यकर्ता मरकुस, अरिस्तर्खुस, देमास अउर लूका क तोहे नमस्कार पहुँचइ।
25 पर्भू ईसू मसीह क अनुग्रह तोहरे आतिमा क साथ रहइ।
मनई आपन करम स जाना जात ह
(लूका 6:43-45)
33 “तू लोग जानत ह कि बढ़िया फरे बरे तोहका बढ़िया बृच्छ रोपइ चाही। मुला बृच्छ बुरा अहइ तउ बुरा फर देइ। काहेकि बृच्छ आपन फरे स जाना जात ह। 34 अरे हे कीरा क बचवन! जब तू खुदइ बुरा अहा तउ नीक बातन कइसे कहि सकत ह? मनई क सब्द जउन ओकरे मनवा मँ भरा अहइ, उहइ स निकरत ही। 35 एक नीक मनई मनवा क नीक भंडारे स नीक बातन निकारत ह अउर बुरा मनई बुरी बातन क निकारत ह जउन मनवा क भंडारे मँ एकट्ठा रहत हीं। 36 अउ मइँ तू सब जने के बतावन हउँ कि निआव क दिन हर मनई क लापरवाही स बोली गइ बातन क हिसाब देइ क होई। 37 तोहरे बातन क ऊपर तोहका निर्दोख अउर दोखी ठहराइ जाई।”
ईसू स प्रमाण सरूप अचरज चीन्ह क माँग
(मरकुस 8:11-12; लूका 11:29-32)
38 फिन कछू धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन ओसे कहेन, “गुरु, हम पचे तोसे अद्भुत चीन्हा परगट करइ चाहित ह।”
39 ईसू ओनसे जवाबे मँ कहेस, “इ जुग क बुरा अउर दुराचारी पीढ़ी क मनई अद्भुत चीन्हा देखा चाहत हीं। नबी योना क अद्भुत चीन्हा तजिके ओनका अउर कउनो अद्भुत चीन्हा न दीन्ह जाई। 40 अउ जइसे योना तीन दिना अउर तीन रात उ समुद्री जीव क पेटवा मँ रहा, वइसे ही मनई क पूत तीन दिन अउर तीन रात धरती क अन्दर मँ रही। 41 निआव क दिन निनेवा क रहइवाले आज क पीढ़ी क मनई क संग खड़ा होइहीं अउर दोखी ठहरइहीं। काहेकि निनेवा क मनई योना क उपदेस स मनफिराव करे रहेन अउर हियाँ तउ कउनो योना स बड़वार हाजिर अहइँ।
42 “निआव क दिन दक्खिन क रानी इ पीढ़ी क मनइयन क संग खड़ी होई अउर ओनका दोखी ठहराई, काहेकि उ धरती क दूसर छोर स सुलैमान क उपदेस सुनइ बरे आइ रही अउर हियाँ तउ कउनउ सुलैमान स भी बड़वार हाजिर अहइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.