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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 33

हे सज्जन लोगों, यहोवा में आनन्द मनाओ!
    सज्जनो सत पुरुषों, उसकी स्तुति करो!
वीणा बजाओ और उसकी स्तुति करो!
    यहोवा के लिए दस तार वाले सांरगी बजाओ।
अब उसके लिये नया गीत गाओ।
    खुशी की धुन सुन्दरता से बजाओ!
परमेश्वर का वचन सत्य है।
    जो भी वह करता है उसका तुम भरोसा कर सकते हो।
नेकी और निष्पक्षता परमेश्वर को भाती है।
    यहोवा ने अपने निज करुणा से इस धरती को भर दिया है।
यहोवा ने आदेश दिया और सृष्टि तुरंत अस्तित्व में आई।
    परमेश्वर के श्वास ने धरती पर हर वस्तु रची।
परमेश्वर ने सागर में एक ही स्थान पर जल समेटा।
    वह सागर को अपने स्थान पर रखता है।
धरती के हर मनुष्य को यहोवा का आदर करना और डरना चाहिए।
    इस विश्व में जो भी मनुष्य बसे हैं, उनको चाहिए कि वे उससे डरें।
क्योंकि परमेश्वर को केवल बात भर कहनी है, और वह बात तुरंत घट जाती है।
    यदि वह किसी को रुकने का आदेश दे, तो वह तुरंत थम दाती है।
10 परमेश्वर चाहे तो सभी सुझाव व्यर्थ करे।
    वह किसी भी जन के सब कुचक्रों को व्यर्थ कर सकता है।
11 किन्तु यहोवा के उपदेश सदा ही खरे होते है।
    उसकी योजनाएँ पीढी पर पीढी खरी होती हैं।
12 धन्य हैं वे मनुष्य जिनका परमेश्वर यहोवा है।
    परमेश्वर ने उन्हें अपने ही मनुष्य होने को चुना है।
13 यहोवा स्वर्ग से नीचे देखता रहता है।
    वह सभी लोगों को देखता रहता है।
14 वह ऊपर ऊँचे पर संस्थापित आसन से
    धरती पर रहने वाले सब मनुष्यों को देखता रहता है।
15 परमेश्वर ने हर किसी का मन रचा है।
    सो कोई क्या सोच रहा है वह समझता है।
16 राजा की रक्षा उसके महाबल से नहीं होती है,
    और कोई सैनिक अपने निज शक्ति से सुरक्षित नहीं रहता।
17 युद्ध में सचमुच अश्वबल विजय नहीं देता।
    सचमुच तुम उनकी शक्ति से बच नहीं सकते।
18 जो जन यहोवा का अनुसरण करते हैं, उन्हें यहोवा देखता है और रखवाली करता है।
    जो मनुष्य उसकी आराधना करते हैं, उनको उसका महान प्रेम बचाता है।
19 उन लोगों को मृत्यु से बचाता है।
    वे जब भूखे होते तब वह उन्हें शक्ति देता है।
20 इसलिए हम यहोवा की बाट जोहेंगे।
    वह हमारी सहायता और हमारी ढाल है।
21 परमेश्वर मुझको आनन्दित करता है।
    मुझे सचमुच उसके पवित्र नाम पर भरोसा है।
22 हे यहोवा, हम सचमुच तेरी आराधना करते हैं!
    सो तू हम पर अपना महान प्रेम दिखा।

निर्गमन 19:3-8

तब मूसा पर्वत के ऊपर परमेश्वर के पास गया। जब मूसा पर्वत पर था तभी पर्वत से परमेश्वर ने उससे कहा, “ये बातें इस्राएल के लोगों अर्थात् याकूब के बड़े परिवार से कहो, ‘तुम लोगों ने देखा कि मैं अपने शत्रुओं के साथ क्या कर सकता हूँ। तुम लोगों ने देखा कि मैंने मिस्र के लोगों के साथ क्या किया। तुम ने देखा कि मैंने तुम को मिस्र से बाहर एक उकाब की तरह पंखों पर बैठाकर निकाला। और यहाँ अपने समीप लाया। इसलिए अब मैं कहता हूँ तुम लोग मेरा आदेश मानो। मेरे साक्षीपत्र का पालन करो। यदि तुम मेरे आदेश मानोगे तो तुम मेरे विशेष लोग बनोगे। समस्त संसार मेरा है। तुम एक विशेष लोग और याजकों का राज्य बनोगे।’ मूसा, जो बातें मैंने बताई हैं उन्हें इस्राएल के लोगों से अवश्य कह देना।”

इसलिए मूसा पर्वत से नीचे आया और लोगों के बुज़ुर्गों (नेताओं) को एक साथ बुलाया। मूसा ने बुज़ुर्गों से वह बातें कहीं जिन्हें कहने का आदेश यहोवा ने उसे दिया था। फिर सभी लोग एक साथ बोले, “हम लोग यहोवा की कही हर बात मानेंगे।”

तब मूसा परमेश्वर के पास पर्वत पर लौट आया। मूसा ने कहा कि लोग उसके आदेश का पालन करेंगे।

निर्गमन 19:16-20

16 तीसरे दिन पर्वत पर बिजली की चमक और मेघ की गरज हुई। एक घना बादल पर्वत पर उतरा और तुरही की तेज ध्वनि हुई। डेरे के सभी लोग डर गए। 17 तब मूसा लोगों को पर्वत की तलहटी पर परमेश्वर से मिलने के लिए डेरे के बाहर ले गया। 18 सीनै पर्वत धुएँ से ढका था। पर्वत से धुआँ इस प्रकार उठा जैसे किसी भट्टी से उठता है। यह इसलिए हुआ कि यहोवा आग में पर्वत पर उतरे और साथ ही सारा पर्वत भी काँपने लगा। 19 तुरही की ध्वनि तीव्र से तीव्रतर होती चली गई। जब भी मूसा ने परमेश्वर से बात की, मेघ की गरज में परमेश्वर ने उसे उत्तर दिया।

20 इस प्रकार यहोवा सीनै पर्वत पर उतरा। यहोवा स्वर्ग से पर्वत की चोटी पर उतरा। तब यहोवा ने मूसा को अपने साथ पर्वत की चोटी पर आने को कहा। इसलिए मूसा पर्वत पर चढ़ा।

1 पतरस 2:4-10

यीशु मसीह के निकट आओ। वह सजीव पत्थर है। उसे संसारी लोगों ने नकार दिया था किन्तु जो परमेश्वर के लिए बहुमूल्य है और जो उसके द्वारा चुना गया है। तुम भी सजीव पत्थरों के समान एक आध्यात्मिक मन्दिर के रूप में बनाए जा रहे हो ताकि एक ऐसे पवित्र याजकमण्डल के रूप में सेवा कर सको जिसका कर्तव्य ऐसे आध्यात्मिक बलिदान समर्पित करना है जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों। शास्त्र में लिखा है:

“देखो, मैं सिय्योन में एक कोने का पत्थर रख रहा हूँ,
    जो बहुमूल्य है और चुना हुआ है
इस पर जो कोई भी विश्वास करेगा उसे कभी भी नहीं लजाना पड़ेगा।”(A)

तुम विश्वासियों के लिये बहुमूल्य है किन्तु जो विश्वास नहीं करते हैं उनके लिए:

“वही पत्थर जिसे शिल्पियों ने नकारा था
    सब से महत्वपूर्ण कोने का पत्थर बन गया।”(B)

तथा वह बन गया:

“एक ऐसा पत्थर जिससे लोगों को ठेस लगे
    और ऐसी एक चट्टान जिससे लोगों को ठोकर लगे।”(C)

लोग ठोकर खाते हैं क्योंकि वे परमेश्वर के वचन का पालन नहीं करते और बस यही उनके लिए ठहराया गया है।

किन्तु तुम तो चुने हुए लोग हो याजकों का एक राज्य, एक पवित्र प्रजा एक ऐसा नर-समूह जो परमेश्वर का अपना है, ताकि तुम परमेश्वर के अद्भुत कर्मों की घोषणा कर सको। वह परमेश्वर जिसने तुम्हें अन्धकार से अद्भुत प्रकाश में बुलाया।

10 एक समय था जब तुम प्रजा नहीं थे
    किन्तु अब तुम परमेश्वर की प्रजा हो।
एक समय था जब तुम दया के पात्र नहीं थे
    किन्तु अब तुम पर परमेश्वर ने दया दिखायी है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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