Book of Common Prayer
यहोवा क दास दाऊद क एक पद: संगीत निर्देसक बरे। दाऊद इ पद यहोवा क बारे मँ उ अवसर पइ लिखे रहा जब यहोवा दाऊद क ओकर सबइ दुस्मन अउ साऊल स ओकर रच्छा किहे रहा।
1 उ कहेस, “यहोवा मोर सक्ती अहइ,
मइँ तोहसे पिरेम करत हउँ।
2 “यहोवा मोर चट्टान, मोर गढ़, मोर सरणस्थल बाटइ।”
मोर परमेस्सर मोर चट्टान अहइ।
मइँ तोहरी सरण मँ आवा हउँ।
ओकर सक्ती मोका बचावत ह।
यहोवा ऊँचके पहाड़न पइ मोर सरणस्थल अहइ।
3 यहोवा क जउन स्तुति क जोग्य अहइ,
मइँ गोहराउब
अउर मइँ आपन दुस्मनन स बचावा जाब।
4 मोर दुस्मनन मोका मारइ क जतन किहन।
मइँ चारिहुँ कइँती मउत क लसुरी स घिरा अहउँ।
मोका अधर्म क बाढ़ भयभीत कइ दिहस।
5 मोरे चारिहुँ कइँती पाताल क लसुरी रहिन।
अउर मोह पइ मउत क फंदा रहेन।
6 मइँ घेरा भवा रहेउँ अउर यहोवा क मदद बरे गोहराएउँ।
मइँ आपन परमेस्सर क गोहराएउँ।
परमेस्सर पवित्तर मन्दिर मँ बिराजा।
उ मोर पुकार अनकेस अउ मदद किहेस।
7 तब्बइ भुइँया हल गइ अउ थर्राइ उठी;
अउ पहाड़न क नेव थर्राइके हल उठिन
काहेकि यहोवा बहोतइ कोहान रहा।
8 परमेस्सर क नथुना स धुआँ फूटि पड़ा।
परमेस्सर क मुँह स ज्वाला फूटि पड़िन,
अउ ओहसे चिंगारियन छटक गइन।
9 यहोवा सरगे क चीरिके खाले उतरा।
खूब घना करिआ बादर ओकरे गोड़े तरे रहेन।
10 उ करूब सरगदूत पइ उड़ि गवा
अउर हवा क पंख पइ सवार होइके ऊँचे आकास मँ उड़ि गवा।[a]
11 यहोवा खुद क अँधियारे मँ छुपाइ लिहस, ओका अकासे क चँदोबा घेरे रहा।
उ गरजत बादर क खूब घना घटा-टोप मँ लुकान भवा रहा।
12 फिन, परमेस्सर क तेज बादर फाड़िके निकरा।
बरसा अउ बिजुरियन कौंधिन।
13 यहोवा क उद्घोष नाद अकासे मँ गूँजा।
परम परमेस्सर आपन वाणी क सुनइ दिहस।
फुन अंगारे गिरेन अउ बिजुरियन कौंधिन।
14 यहोवा बाण छोड़ेस अउर दुस्मन बिखराइ गएन।
ओकर अनेक बिजुरी क बज्रन ओनका हराइ दिहन।
15 हे यहोवा, तू गरज्या अउ मुँह स आँधी बहाया।
पानी पाछे हटिके दब गवा
अउ समुद्रे क पानी बगइर तले क देखाँइ लाग,
अउर धरती क नेंव तलक उधरि गइ।
16 यहोवा ऊपर अकासे स खाले उतरा अउर मोर रच्छा किहस।
मोका मोरे कस्टन स उबारि लिहस।
17 मोर सत्रु मोहसे कछूँ जियादा ताकतवर रहेन।
उ पचे मोहसे कहूँ जियादा बरिआर रहेन, अउ मोहसे दुस्मनी राखत रहेन।
तउ परमेस्सर मोर रच्छा किहस।
18 जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ, मोर दुस्मनन मोह पइ वार किहन
मुला तबहिं यहोवा मोका सँभारेस!
19 यहोवा क मोहसे पिरेम रहा, तउ उ मोका बचाएस
अउर मोका सुरच्छित ठउरे पइ लइ गवा।
20 यहोवा मोका आपन अच्छाई क अनुसार इनाम देइ।
उ मोका मोरे सुद्धता क अनुसार बदल देइ।
21 काहेकि मइँ यहोवा क आग्या क पालन किहेउँ ह!
आपन परमेस्सर यहोवा बरे मइँ कउनो भी बुरा काम नाहीं किहेउँ।
22 मइँ तउ यहोवा क व्यवस्था विधानन क
अउ हुकुमन क हमेसा धियान मँ राखत हउँ!
23 खुद क मइँ ओकरे समन्वा पवित्तर राखत हउँ
अउ अबोध बना रहत हउँ।
24 काहेकि मइँ अबोध अहउँ!
एह बरे मोका मोर पुरस्कार देइ!
जइसा परमेस्सर लखत ह कि मइँ कउनो बुरा काम नाहीं किहेउँ, एह बरे उ मोरे बरे उत्तिम चिजियन करी।
25 हे यहोवा, तू वफ़ादार लोगन क संग वफ़ादार अहा
अउ खरे लोगन्क संग तू आपन क खरा दिखावत ह।
26 हे यहोवा, तू सुद्ध लोगन क संग सुद्ध अहा,
किन्तु तू दुट्ठ लोगन स जियादा चालाक अहा।[b]
27 हे यहोवा, तू नम्र जनन बरे सहाय अहा,
मुला जेनमाँ अहंकार भरा अहइ ओन मनइयन क तू बड़ा नाहीं बनइ देत्या।
28 उ तू ही अहा जउन मोर दीप बरत ह।
हे मोरे परमेस्सर तू मोरे अंधकार क जोति मँ बदल देत अहा!
29 हे यहोवा, तोहरी मदद स, मइँ फउजियन क संग पराइ सकत हउँ।
तोहरी ही मदद स, मइँ दुस्मनन क चहरदीवार फाँद सकत हउँ।
30 परमेस्सर क विधान पवित्तर अउ उत्तिम अहइ
अउ यहोवा क सब्द सच स पूरा होत हीं।
उ ओका बचावत ह जउन ओकरे भरोसे अहइँ।
31 यहोवा क छाँड़ि बस अउर कउन परमेस्सर बाटइ?
सिरिफ हमरे परमेस्सर क अउर कउन चट्टान अहइ?
32 मोका परमेस्सर सक्ति देत ह।
उ मोर रास्ता आसान बनावत ह।
33 परमेस्सर मोरे गोड़न क हिरन क नाई तेज चाल देत ह।
उ मोका स्थिर बनावत अउर मोका चट्टानी सिखरन स गिरइ स बचावत ह।
34 परमेस्सर जुद्ध बरे मोरे बाँहन क प्रसिच्छित करत ह,
एह बरे मइँ बहोत सक्तीसाली धनुस[c] क मोड़ सकत हउँ अउ तीर छोड़ सकत हउँ।
35 हे परमेस्सर, आपन ढार स मोर रच्छा करा।
तू मोका आपन दाहिन भुजा स
आपन महान सक्ती प्रदान कइके मदद द्या।
36 हे परमेस्सर, तू मोरे गोड़े क अउर टखना क मजबूत बनावा
ताकि मइँ तेज होइके बगइर लड़खड़ाहट क बढ़ चलउँ।
37 फुन आपन दुस्मनन क पाछा करउँ, अउ ओनका धइ सकउँ।
ओनमाँ स एक क भी बच पावइ देउँ।
38 मइँ आपन दुस्मनन क हराउब।
ओनमाँ स एक भी फुन ठाड़ नाहीं होइ।
मोर सबहिं दुस्मन मोरे गोड़वा प गिरि जइहीं।
39 हे परमेस्सर, तू मोका जुद्ध मँ सक्ती दिहा,
अउर मोरे सब दुस्मनन क मोरे समन्वा निहुराइ दिहा।
40 तू मोरे दुस्मनन क पीठ मोरी कइँती फेरि दिहा,
ताकि मइँ ओनका काटि डावउँ जउन मोसे जलन राखत हीं।
41 जब मोर दुस्मनन मदद क गोहार लगाएन,
ओनका मदद देइ अगवा कउनो नाहीं आवा।
हिआँ तलक कि उ पचे यहोवा तलक क पुकारेन,
मुला यहोवा स ओनका जवाब न मिला।
42 मइँ आपन दुस्मनन क कूट कूट कइ धूरि मँ मिलइ देबउँ, जेका ब्यार उड़ाइ देत ह।
मइँ ओनका कुचर दिहेउँ अउर माटी मँ मिलाइ दिहेउँ।
43 मोका ओनसे बचाइ ल्या जउन मोसे जुद्ध करत हीं।
मोका ओन जातियन क मुखिया बनाइ द्या,
जेनका मइँ जानत तलक नाहीं हउँ ताकि उ पचे मोर सेवा करिहीं।
44 फिन उ सबइ लोग मोर सुनिहीं अउर मोरे हुकुमन क मनिहीं,
दूसर रास्ट्रन क लोग मोसे डेरइहीं।
45 उ पचे विदेसी लोग मोरे समन्वा निहुरिहीं काहेकि उ पचे मोसे भयमीत होइहीं।
उ पचे भय स थर्रात भए आपन छुपा ठउरन स बाहेर निकारि अइहीं।
46 यहोवा सजीव अहइ!
मइँ आपन चट्टान क जस गीत गावत हउँ।
मोर महान परमेस्सर मोर रच्छा करत ह।
47 धन्न बाटइ, मोर पटक देइवाला परमेस्सर जउन
देस-देस क मनइयन क मोरे बस मँ कइ दिहस ह।
48 यहोवा, तू मोका मोरे दुस्मनन स छोड़ाया ह।
तू मोर मदद किहा ताकि मइँ ओन लोगन क हराइ सकउँ जउन मोरे खिलाफ खड़ा भएन।
तू मोका कठोर मनइयन स बचाया ह।
49 हे यहोवा, इहइ कारण मइँ देसन क बीच तोहार स्तुति करत हउँ।
इहइ कारण मइँ तोहरे नाउँ क भजन गावत हउँ।
50 यहोवा आपन राजा क मदद बहोत स जुद्धन क जीतइ मँ करत ह।
उ आपन सच्चा पिरेम, आपन चुने भए राजा पइ देखाँवत ह।
उ दाऊद अउ ओकरे संताने बरे सदा बिस्सास क जोग्ग रही।
10 हारून इस्राएल क सबहीं मनइयन स बात किहेस। उ पचे एक ठउरे प जमा भइ रहेन। जबहिं हारून बतियात रहा तबहिं लोग घूमि गएन अउ रेगिस्ताने कइँती लखेन। अउर उ पचे यहोवा क महिमा क मँ बदरे मँ परगट होत निहारेन।
11 यहोवा मूसा स कहेस, 12 “मइँ इस्राएल क मनइयन क ओराहना सुनेउँ ह। ऍह बरे ओनसे मोर बतियन क कहि द्या, ‘आजु गउ धूरि मँ तू पचे गोस खाब्या। अउ भियान भोर होत ही तू पचे पेटवा भरिके रोटी खाब्या। तबहिं तू पचे जनब्या कि मइँ यहोवा तोहार परमेस्सर हउँ।’”
13 उ रात बटेर चिरइया डेरा क चारिहुँ कइँती आइ गइन। बटेरन डेरा क ठाँक लिहस। भोर मँ डेरा क नगिचे ओस गिरी रही। 14 सूरज क निकरि आए प ओस टेघॅरत रही। मुला पाला क तहे क नाईं भुइयाँ प कछू रहि जात रहा। 15 इस्राएल क मनइयन एका लखेन अउ आपुस मँ करइ लागेन, “इ का बा?”[a] उ पचे इ सवाल ऍह बरे पूछेन कि उ पचे इ नाहीं जानत रहेन इ कउन चीजि अहइ। ऍह बरे मूसा ओनसे कहेस, “इ खइया क अहइ जेका यहोवा तोहका खाइके देत अहइँ। 16 यहोवा कहत अहइँ, ‘हर व्यक्ति ओतॅना बटोरइ जेतना ओका जरूरत होइ। तू लोगन मँ स आपन परिवारे क हर एक सदस्य क खातिर एक ओमेर बटोरि लेइ।’”
17 तउ इस्राएल क मनइयन अइसा ही किहेन। हर मनई खइया क बटोरेस। कछू मिला दूसर मनइयन स जिआदा बटोरि लिहन। 18 उ मनइयन आपन-आपन परिवारे क खइया क दिहन। जब खइया क नाप जोख भवा तउ हर मनई बरे हमेसा ढेर क रहा, मुला कबहूँ भी जरूरत स जिआदा नाहीं भवा। हम मनई ठीक अपने खातिर अउ आपन परिवारे बरे ढेर क बटोरेस।
19 मूसा ओन पचेन स कहेस, “अगवा दिन बरे खइया क जिन बचावा।” 20 मुला कछू लोग मूसा क बतिया नाहीं मानेन। कछू लोग आपन खइया क बचाइ लिहन जेका उ सबे अगवा दिन खाइ सकेन। मुला जउन खइया क बचाइ लिहन ओहमाँ किरवा पड़ि गएन अउर उ बसाइ होइ गएन। मूसा उ लोगन प कोहाइ गएन जउन इ किहे रहेन।
21 हर भिन्सारे लोगन खइया क बटोरत रहेन। हर मनई ओतॅना ही बटोरत रहा जेतॅना उ खाइ सकत रहा। किन्तु जब धुपिया तेज होत रही तउ खइया गलि जात रहा।
22 सुकुरवारे क मनइयन दुगुना खइया क बटेरेन। उ पचे दुई ओमेर हर मनई बरे बटोरेन। ऍह बरे लोगन क मुखिया आएन अउर उ सबइ इ बात मूसा स कहेन।
परमेस्सर खातिर जिआ
11 पिआरे बन्धुअन, तू पचे इ संसार मँ अतिथि अउर अजनबी क रूप मँ अहा एह बरे मइँ तू पचन स निवेदन करत अहउँ कि उ सारीरीक इच्छन स दूर रहा जउन तोहारे पचन क आतिमा स जूझत ही। 12 अबिस्सासियन मँ आपन व्यवहार ऍतना नीक बनाए रहा कि चाहे उ अपराधियन क रूप मँ तोहार सबन क आलोचना करइँ मुला तोहरे नीक कर्मन क परिणाम सरूप परमेस्सर क आवइ क दिन मँ परमेस्सर क महिमा प्रदान करा।
अधिकारी क आग्या माना
13 पर्भू खातिर हर मनवीय अधिकारिक क अधीन रहा। 14 राजा क अधीन रहा। उ सर्वोच्च अधिकारी अहइ। सासकन क अधीन रहा। उ ओनका कुकर्मीमयन क दण्ड देइ खातिर अउर नीक काम क प्रसंसा करइ क खातिर भेजे अहइ। 15 काहेकि परमेस्सर क इहइ इच्छा अहइ कि उ अपने नीक कर्मन क मूरखन क अगियान भरी बातन क चुप कराइ देइ। 16 स्वतंत्र मनइयन क तरह जिआ मुला स्वतंत्रता क बुरे कर्मन क आड़ न बनइ द्या। परमेस्सर क सेवक बनके जिआ। 17 सबन क सम्मान करा। अपने धरम भाइयन तथा बहिनियन स पिरेम करा। परमेस्सर प श्रद्धा रखा। सासक क सम्मान करा।
मसीह की यातना क दिस्टान्त
18 सेवको, यथोचित आदर क साथ अपने स्वामियन क अधीन रहा। न केवल ओनके जउन नीक बाटेन अउर दूसरे क खातिर चिन्ता करत अहइँ। बल्कि ओनके बरे जउन कठोर अहइँ। 19 काहेकि जदि कउनो परमेस्सर क उपस्थिति क प्रति सचेत रहत भए यातना सहत ह अउर अन्याय झेलत ह तउ उ प्रसंसनीय अहइ। 20 मुला अगर बुरे करम क खातिर तोहका पीटा जात ह अउर तू ओका सहत ह तउ एहमाँ प्रसंसा क कउन बात अहइ, मुला अहगर तोहरे कर्मन खातिर तोहका कस्ट दीन्ह जात ह तउ परमेस्सर क सामने उ प्रसंसा क जोग्य अहइ। 21 परमेस्सर तोहका इ खातिर बोलइस ह काहेकि मसीह हमरे बरे दुःख उठाएस ह अउर इ कइके हमरे बरे एक उदाहरण छोड़ेस ह ताकि मइँ ओहका चरण चिन्हन प चल सकउँ।
22 “उ (मसीह) कउनो पाप नाही किहेस
अउर न ही ओकरे मुँहे स कउनो छल की बात निकरी।” (A)
23 जब उ अपमानित भवा तउ उ कउनो क अपमान नाही किहेस अउर जब उ दुःख झेलेस, उ कउनो क धमकी नाही दिहस, बल्कि उ सच्चे निआव करइवाले परमेस्सर क आगे आपन क अर्पित कइ दिहेस। 24 उ क्रूस अपने देह मँ हमरे पापन क ओढ़ लिहेस। जइसेन अपने पापन क प्रति हमार मउत होइ जाइ अउर जउन कछू नेक अहइ मइँ ओकरे बरे जिई, ई उ घावन क कारण भवा ह जेनसे तू पचे चंगे कीन्ह गए रह्या। 25 काहेकि तू भेड़न क समान भटके रह्या अउर अब तू पचे अपने गड़िया अउर अपनी आतिमन क बचइया लगे लउतटि आए अहा।
12 कि तू आपस मँ पिरेम करा, जइसे मइँ तू पचे स पिरेम करे अही। 13 बड़वार स बड़का पिरेम जउऩ कउनो मनई कइ सकत ह, उ अहइ अपने मीतन क बरे आपन प्रान निछावर कइ देब। 14 जउन आदेस तोहका मइँ देत अही, जदि तू ओन पइ चलत रहब्या तउ तू मोर मीत अह्या। 15 अबहिं स मइँ तू पचे क ‘दास’ न कहब, काहेकि कउनो दास इ नाहीं जानत कि ओकर मालिक क करत अहइ, मइँ तउ तोहका ‘मीत’ कहत अही। मइँ तू पचे क उ सब बात बताइ दीन्ह जउऩ मइँ अपने परमपिता स सुने रहेउँ।
16 “तू मोका नाहीं चुने रह्या, मइँ खुदइ तोहका चुने रहेउँ अउर इ निस्चय करे अही कि तू जा अउर सफल होइ जा। मइँ चाहित ह कि तोहका सफलता मिलइ, अउर मोरे नाउँ स जउन कछू तू चाहा परमपिता तोहका दई देइ। 17 मइँ तोहका इ आदेस देत अही कि तू एक दूसरे स पिरेम करा।
ईसू क चेतावनी
18 “जदि दुनिया तोहसे दूस्मनी करत ह तउ इ बात तू याद कइ ल्या कि तोहसे पहले हमसे दुस्मनी करत ह। 19 जदि तू दुनिया क होत्या तउ इ दुनिया तोहसे अपने क नाईं पिरेम करत मुला तू पचे दुनिया क न अह्या अउर इ बरे दुनिया तोहसे दुस्मनी करत ह।
20 “मोर बचन याद रखा कि एक दास अपने मालिक स बड़ा नाहीं होत। इ बरे जदि उ सबेन्ह मोका कस्ट पहुँचाए अहइँ अउर सतावत अहइँ तउ उ पचे तोहका भी सतइहीं। अउर जदि उ मोर बातन मनिहइँ तउ तोहार बातन भी मनिहइँ। 21 मुला उ सबेन्ह मोरे कारण तोहरे सबेन्ह क साथ उ सब कछू करिहइँ, काहेकि उ ओका नाहीं जानत अहइ जे मोका भेजेस। 22 जदी मइँ न आइत अउर ओसे बात न करित, तउ उ सबेन्ह कउनो पाप क दोखी न होतेन। मुला अब ओनके पास अपने पाप स बचइ क कउनो बहाना नाहीं अहइ।
23 “जउन मनई हमसे दुस्मनी ठान लेत ह, उ परमपिता स दुस्मनी करत ह। 24 जदि मइँ ओनके बीच मँ काम न करित, जउऩ कि कबहूँ कउनो मनई नाहीं करे रहा, तउ उ सबेन्ह पाप क दोखी न रहतेन, मुला अब जब उ पचे देख चुका अहइँ, तबहूँ मोसे अउर परमपिता स दुस्मनी रखे अहइँ। 25 मुला इ एह बरे भवा कि ओनके व्यवस्था मँ जउन लिखा अहइ, उ खरा उतरइ। ‘उ पचे बेकार मँ हमसे बैर करेन्ह।’[a]
26 “जब उ सहायक जउन सत्य क आतिमा बाटइ अउर पिता क तरफ स आइ बा, तोहरे पास आई, जेका मइँ परमपिता क तरफ स भेजब, उ हमरी तरफ स साच्छी देई। 27 अउर तूहूँ साच्छी देब्या, काहेकि तू सुरूआतइ स मोरे साथ अहा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.