Book of Common Prayer
12 एकर बाद, जम्मो सभा के मनखेमन चुपेचाप बरनबास अऊ पौलुस के बात ला सुने लगिन कि परमेसर ह कइसने ओमन के दुवारा आनजातमन के बीच म चमतकार के चिन्हां अऊ अचरज के काम करिस। 13 जब ओमन अपन बात खतम कर लीन, त याकूब ह कहिस, “हे भाईमन, मोर बात ला सुनव। 14 सिमोन ह हमन ला बताईस कि कइसने परमेसर ह पहिली-पहल आनजातमन ऊपर दया करिस कि ओम ले मनखेमन के एक दल ला अपन बर ले लीस। 15 ए बात ह अगमजानीमन के बचन के मुताबिक होईस, जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय:
16 ‘एकर बाद मेंह वापिस आहूं,
अऊ दाऊद के गिरे घर ला फेर बनाहूं,
ओकर खंडहरमन ला,
मेंह फेर बनाहूं, अऊ मेंह ओला ठाढ़ करहूं।
17 ताकि बांचे मनखेमन
अऊ जम्मो आनजात जऊन मन मोर नांव के कहे जाथें, परभू ला खोजंय।
18 एला ओही परभू कहत हवय,
जऊन ह संसार ला रचे के समय ले ए बातमन ला बतावत आय हवय।’
19 एकरसेति मोर ए बिचार ए कि आनजात म ले जऊन मनखेमन परमेसर कोति लहुंटत हवंय, हमन ओमन ऊपर कानून के बोझ ला डारके ओमन ला दुःख झन देवन। 20 बल्कि हमन ओमन ला लिखके पठोवन कि ओमन मूरतीमन ला चघाय खाय के चीज, छिनारी काम, गला घोंटके मारे पसु के मांस अऊ खून ले दूरिहा रहंय। 21 काबरकि बहुंत पहिली ले हर एक सहर म मूसा के कानून के परचार होवत आवत हवय अऊ एला हर बिसराम दिन सभा के घर म पढ़े जाथे।”
एक मरे टूरी अऊ एक बेमार माईलोगन
(मत्ती 9:18-26; लूका 8:40-56)
21 जब यीसू ह फेर डोंगा म झील के ओ पार गीस, त बहुंते मनखेमन ओकर चारों खूंट जुर गीन। जब ओह झील के तीरेच म रिहिस, 22 तभे याईर नांव के सभा घर के अधिकारी उहां आईस अऊ यीसू ला देखके ओकर गोड़ तरी गिरिस, 23 अऊ ओकर ले बिनती करके कहिस, “मोर नानकून बेटी ह मरइया हवय, तेंह आके ओकर ऊपर अपन हांथ ला रख कि ओह बने होके जीयत रहय।” 24 तब यीसू ह ओकर संग गीस अऊ एक बड़े भीड़ ह ओकर पाछू हो लीस। भीड़ के कारन मनखेमन ओकर ऊपर गिरे परत रिहिन। 25 ओ भीड़ म एक माईलोगन रहय, जऊन ला बारह बछर ले लहू बहे के बेमारी रहय। 26 ओह बहुंत डाक्टरमन के इलाज ले भारी दुःख झेले रिहिस। इहां तक कि अपन जम्मो पूंजी ला खरचा कर डारे रिहिस, पर ओला कुछू फायदा नइं होईस, बल्कि ओकर बेमारी ह अऊ बढ़ गे रहय। 27 यीसू के चरचा ला सुनके, ओह भीड़ म ओकर पाछू आईस अऊ ओकर कपड़ा ला छुईस। 28 काबरकि ओह सोचत रहय कि कहूं मेंह ओकर कपड़ाच ला छू लेवंव, त बने हो जाहूं। 29 जतका जल्दी ओह यीसू के कपड़ा ला छुईस, ओकर लहू बहे के बंद हो गीस अऊ ओह अपन देहें म जान डारिस कि ओह बने हो गे हवय।
30 यीसू ह तुरते जान डारिस कि ओकर म ले सामरथ निकरे हवय। ओह भीड़ म पाछू मुड़के पुछिस, “मोर कपड़ा ला कोन छुईस?”
31 ओकर चेलामन कहिन, “तेंह देखत हवस कि भीड़ ह तोर ऊपर गिरे परत हवय, तभो ले पुछत हवस कि कोन ह तोला छुईस?”
32 पर यीसू ह ए जाने खातिर कि कोन ह अइसने करे हवय, चारों कोति देखे लगिस। 33 तब ओ माईलोगन ह ए जानके कि ओकर कइसने भलई होय हवय, आईस अऊ यीसू के गोड़ तरी गिरके डरत अऊ कांपत ओला जम्मो बात ला सही-सही बता दीस। 34 यीसू ह ओला कहिस, “बेटी! तोर बिसवास ह तोला बने करे हवय। सांति म जा अऊ अपन दुःख ले बांचे रह।”
35 जब यीसू ह ए बात कहत रहय, तभे सभा घर के अधिकारी याईर के घर ले कुछू मनखेमन आईन अऊ कहिन, “तोर बेटी ह तो मर गीस; अब गुरू ला काबर तकलीफ देबो।” 36 ओमन के गोठ ला धियान नइं देवत, यीसू ह सभा घर के अधिकारी ला कहिस, “झन डर्रा, सिरिप बिसवास रख।”
37 ओह पतरस, याकूब अऊ याकूब के भाई यूहन्ना ला छोंड़के अऊ कोनो ला अपन संग नइं आवन दीस। 38 जब ओमन सभा घर के अधिकारी के घर आईन, त यीसू ह देखिस कि उहां हल्ला मचे हवय अऊ मनखेमन उहां बहुंत रोवत अऊ गोहारत रहंय। 39 ओह भीतर जाके ओमन ला कहिस, “तुमन काबर रोवत अऊ हल्ला मचावत हवव? लइका ह मरे नइं, सुतत हवय।” 40 पर ओमन ओकर हंसी उड़ाय लगिन।
तब ओह जम्मो झन ला बाहिर निकारके, अपन संग म टूरी के दाई-ददा अऊ अपन चेलामन ला लेके भीतर गीस, जिहां लइका ह रहय। 41 ओह छोकरी के हांथ ला धरके ओला कहिस, “तलिता कुमी।” जेकर मतलब होथे – “ए छोकरी, मेंह तोला कहत हंव, उठ।” 42 अऊ ओ छोकरी ह तुरते उठके चले-फिरे लगिस; (ओ छोकरी ह बारह बछर के रिहिस)। एला देखके ओमन बहुंत अचरज करिन। 43 यीसू ह ओमन ला चेताके कहिस कि ए बात कोनो ला झन बतावव; अऊ ओमन ला कहिस कि ओला कुछू खाय बर देवव।
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