Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा सासन करत ह।
तउ हे रास्ट्रन, भय स काँप उठा।
उ करूब दूतन ऊँपर आपन सिंहासन पइ विराजमान अहा।
तउ हे संसार भय स काँपि उठा।
2 यहोवा सिय्योन मँ महान अहइ।
सारे रास्ट्रन क उहइ राजा अहइ।
3 सबहिं लोगन क तोहरे महान
अउर भय योग्य नाउँ क गुण गावइ द्या।
परमेस्सर पवित्तर बा।
4 सक्तिसाली राजा क निआउ भावत ह।
तू ही अहा जउन नेकी क स्थापना किहा ह।
तू ही अहा जउन इस्राएल बरे निआव अउर खरापन क स्थापना किहा ह।
5 यहोवा हमरे परमेस्सर क गुणगान करा।
अउर ओकरे चउकी[a] चरण निहुरिके दण्डवत करा।
उ पवित्तर अहइ।
6 मूसा अउ हारून यहोवा क याजकन रहेन।
समूएल ओन मँ स एक रहा जउन ओकरे नाउँ लेइवाला रहा।
उ सबइ ओकर पराथना किहेन।
अउर उ ओनका जवाब दिहस।
7 उ बादर क खम्भा मँ स बातन किहेस।
उ पचे ओकरे आदेसन क मानेन।
परमेस्सर ओनका कानूनन क हुकुमन दिहेस।
8 हे यहोवा हमार परमेस्सर, तू ओनकर पराथना क जवाब दिहा।
तू ओनका इ देखाया कि छमा करइवाला परमेस्सर अहा,
अउर तू लोगन क ओनकर बुरा कर्मन बरे सजा देत अहा।
9 हमार परमेस्सर यहोवा बरे एक ठु गीत गावा।
ओकरे पवित्तर पहाड़े कइँती निहुरिके ओकर उपासना करा।
फुरइ यहोवा हमार परमेस्सर पवित्तर अहइ।
बसलेल अउ ओहोलीआब
31 तबहिं यहोवा मूसा स कहेस, 2 “मइँ यहूदा क परिवार समूह स ऊर क बेटवा बसलेल क चुनेउँ ह। उरि हुर क बेटवा रहा। 3 मइँ बसलेल क परमेस्सर क आतिमा स भरि दिहस ह। मइँ ओका हर दस्तकारी क काम मँ माहिर बनावत हउँ अउ गियान देत हउँ। 4 बसलेल एक बहोत बढ़िया सिल्पकार बा अउ उ सोना, चाँदी अउ काँसा क चीज बनइ सकत ह। 5 बसलेल सुन्नर रतन क काटि अउर जड़ सकत ह। उ लकड़ी क भी काम कइ सकत ह। बसलेल हर किसिम क काम कइ सकत ह। 6 मइँ ओहोलीआब क भी ओकरे संग काम करइ क चुनेउँ ह। ओहोलीआब दन कबीले क आहोसामाक क बेटवा अहइ। मइँ दूसर मजूरन क माहिर बनाएउँ ह ताकि उ पचे उ सबहिं चीजन्क बनइ सकिहीं जेका मइँ तोहका करइ क हुकुम दिहेउँ ह।
7 बइठकावाला तम्बू,
करार क संदूख, संदूखे क ढकना।
8 मेज अउर ओह पइ सारी चीजन
निखालिस सोना क डीबट अउर एकर सबहिं बर्तन,
धूप बारइ क वेदी।
9 भेटे क जरावइ बरे वेदी अउ वेदी प बइपरइ क चीज,
कटोरा अउ एकर नीचे क चीज।
10 याजक हारून क खास वस्तर
अउ ओकरे बेटवन बरे खास वस्तर, जबहिं उ पचे याजक क नाई सेवा करत पहिरहीं।
11 अभिसेक क महकउआ तेल,
अउर पवित्तर ठउर बरे महकत धूप।
इ कारीगरन्क इ सब चीजन्क वइसी बनवइ चाही जइसा मइँ तोहका हुकुम-दिहेउँ ह।”
परमेस्सर क जनसमूह
5 अब मइँ तोहरे बीच जउन बुजुर्ग अहइँ ओनसे निवेदन करित हउँ मइँ खुद एक बुजुर्ग अहउँ अउर मसीह जउन यातना झेलेस ह, ओके साच्छी हउँ, जउन ओकरे भावी महिमा परगट होई ओकर सहभागी हउँ। 2 राह देखावइवाले परमेस्सर क जनसमूह तोहरी देख-रेख मँ अहइ अउर निरीच्छक क रूप मँ तू ओकर सेवा करत अहा, कउनो दबाव क कारण नाही बल्कि परमेस्सर क इच्छानुसार अइसा करा कि अपनी इच्छा क कारण तू आपन इ काम धन क लालच मँ नाही बल्कि सेवा करइ क प्रति अपनी ततपरता क कारण करत अहा। 3 देख-रेख क खातिर नाही जउन तोहका सौंपा गवा अहइ तू ओनके सासक न बना। बल्कि समूह बरे आदर्स बना। 4 ताकि जब उ प प्रमुख गड़ेरिया परगट होइ तउ तोहका विजय क उ भव्य मुकुट प्राप्त होइ जेकर सोभा कबहूँ नाही घटतइ।
5 इहइ तरह हे नवजुवको तू पचे अपने अपने धर्मवृद्ध क अधीन रहा। तू पचे दूसरे क प्रति विनम्रता स सेवा करा। काहेकि,
“करत ह परमेस्सर विरोध अभिमानी क,
मुला दीनन प अनुग्रहसील सदा ह।” (A)
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.