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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 145:1-5

दाऊद की एक प्रार्थना।

हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे राजा, मैं तेरा गुण गाता हूँ!
    मैं सदा-सदा तेरे नाम को धन्य कहता हूँ।
मैं हर दिन तुझको सराहता हूँ।
    मैं तेरे नाम की सदा-सदा प्रशंसा करता हूँ।
यहोवा महान है। लोग उसका बहुत गुणगान करते हैं।
    वे अनगिनत महाकार्य जिनको वह करता है हम उनको नहीं गिन सकते।
हे यहोवा, लोग उन बातों की गरिमा बखानेंगे जिनको तू सदा और सर्वदा करता हैं।
    दूसरे लोग, लोगों से उन अद्भुत कर्मो का बखान करेंगे जिनको तू करता है।
तेरे लोग अचरज भरे गौरव और महिमा को बखानेंगे।
    मैं तेरे आश्चर्यपूर्ण कर्मों को बखानूँगा।

भजन संहिता 145:17-21

17 यहोवा जो भी करता है, अच्छा ही करता है।
    यहोवा जो भी करता, उसमें निज सच्चा प्रेम प्रकट करता है।
18 जो लोग यहोवा की उपासना करते हैं, यहोवा उनके निकट रहता है।
    सचमुच जो उसकी उपासना करते है, यहोवा हर उस व्यक्ति के निकट रहता है।
19 यहोवा के भक्त जो उससे करवाना चाहते हैं, वह उन बातों को करता है।
यहोवा अपने भक्तों की सुनता है।
    वह उनकी प्रार्थनाओ का उत्तर देता है और उनकी रक्षा करता है।
20 जिसका भी यहोवा से प्रेम है, यहोवा हर उस व्यक्ति को बचाता है,
    किन्तु यहोवा दुष्ट को नष्ट करता है।
21 मैं यहोवा के गुण गाऊँगा!
    मेरी यह इच्छा है कि हर कोई उसके पवित्र नाम के गुण सदा और सर्वदा गाये।

हाग्गै 1

मंदिर बनाने का समय

परमेश्वर यहोवा का सन्देश नबी हाग्गै के द्वारा शालतीएल के पुत्र यहूदा के शासक जरुब्बाबेल और यहोसादाक के पुत्र महायाजक यहोशू को मिला। यह सन्देश फारस के राजा दारा के दूसरे वर्ष के छठें महीने के प्रथम दिन मिला था। इस सन्देश में कहा गया: सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है, “लोग कहते हैं कि यहोवा का मंदिर बनाने के लिये समय नहीं आया है।”

तब यहोवा का संदेश नबी हाग्गै के द्वारा आया, जिसमें कहा गया था: “क्या यह तुम्हारे स्वयं के लिये लकड़ी मढ़े मकानों में रहने का समय है जबकि यह मंदिर अभी खाली पड़ा है यही कारण है कि सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है: जो कुछ तुम्हारे साथ घट रहा हैं उस के बारे में सोचो! तुमने बोया बहुत है, पर तुम काटते हो नहीं के बराबर। तुम खाते हो, पर तुम्हारा पेट नहीं भरता। तुम पीते हो, पर तुम्हें नशा नहीं होता। तुम वस्त्र पहनते हो, किन्तु तुम्हें पर्याप्त गरमाहट नहीं मिलती। तुम जो थोड़ा बहुत कमाते हो पता नहीं कहां चला जाता है; लगता है जैसे जेबों में छेद हो गए हैं!”

सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “जो कुछ तुम्हारे साथ घट रहा है उसके बारे में सोचो! पर्वत पर चढ़ो। लकड़ी लाओ और मंदिर को बनाओ। तब मैं मंदिर से प्रसन्न होऊँगा, और सम्मानित होऊँगा।” यहोवा यह सब कहता है।

सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “तुम बहुत अधिक पाने की चाह में रहते हो, किन्तु तुम्हें नहीं के बराबर मिलता हैं। तुम जो कुछ भी घर पर लाते हो, मैं इसे उड़ा ले जाता हूँ! क्यों क्योंकि मेरा मंदिर खंडहर पड़ा है। किन्तु तुम लोगों में हर एक को अपने अपने घरों की पड़ी है। 10 यही कारण है कि आकाश अपनी ओस तक रोक लेता है, और इसी कारण भूमि अपनी फसल नहीं देती। ऐसा तुम्हारे कारण हो रहा हैं।”

11 यहोवा कहता है, “मैंने धरती और पर्वतों पर सूखा पड़ने का आदेश दिया है। अनाज, नया दाखमधु, जैतून का तेल, या वह सभी कुछ जिसे यह धरती पैदा करती है, नष्ट हो जायेगा! तथा सभी लोग और सभी मवेशी कमजोर पड़ जायेंगे।”

नये मंदिर के कार्य का आरम्भ

12 तब शालतीएल के पुत्र जरुब्बाबेल और यहोसादाक के पुत्र महायाजक यहोशू ने सब बचे हुये लोगों के साथ अपने परमेश्वर यहोवा का सन्देश और उसके भेजे हुये नबी हाग्गै के वचनो को स्वीकार किया और लोग अपने परमेश्वर यहोवा से भयभीत हो उठे।

13 परमेश्वर यहोवा के सन्देशवाहक हाग्गै ने लोगों को यहोवा का सन्देश दिया। उसने यह कहा, “मैं तुम्हारे साथ हूँ।”

14 तब परमेश्वर यहोवा ने शालतीएल के पुत्र यहूदा के शासक जरूब्बाबेल को प्रेरित किया और परमेश्वर यहोवा ने यहोसादाक के पुत्र महायाजक यहोशू को भी प्रेरित किया और परमेश्वर यहोवा ने बाकी के सभी लोगों को भी प्रेरित किया। तब वे आये और अपने सर्वशक्तिमान परमेश्वर यहोवा के मंदिर के निर्माण में काम करने लगे। 15 उन्होंने यह राजा दारा के दूसरे वर्ष के छठें महीने के चौबीसवें दिन किया।

लूका 20:1-8

यीशु से यहूदियों का एक प्रश्न

(मत्ती 21:23-27; मरकुस 11:27-33)

20 एक दिन जब यीशु मन्दिर में लोगों को उपदेश देते हुए सुसमाचार सुना रहा था तो प्रमुख याजक और यहूदी धर्मशास्त्री बुजुर्ग यहूदी नेताओं के साथ उसके पास आये। उन्होंने उससे पूछा, “हमें बता तू यह काम किस अधिकार से कर रहा है? वह कौन है जिसने तुझे यह अधिकार दिया है?”

यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं भी तुमसे एक प्रश्न पूछता हूँ, तुम मुझे बताओ यूहन्ना को बपतिस्मा देने का अधिकार स्वर्ग से मिला था या मनुष्य से?”

इस पर आपस में विचार विमर्श करते हुए उन्होंने कहा, “यदि हम कहते हैं, ‘स्वर्ग से’ तो यह कहेगा, ‘तो तुम ने उस पर विश्वास क्यों नहीं किया?’ और यदि हम कहें, ‘मनुष्य से’ तो सभी लोग हम पर पत्थर बरसायेंगे। क्योंकि वे यह मानते हैं कि यूहन्ना एक नबी था।” सो उन्होंने उत्तर दिया कि वे नहीं जानते कि वह कहाँ से मिला।

फिर यीशु ने उनसे कहा, “तो मैं भी तुम्हें नहीं बताऊँगा कि यह कार्य मैं किस अधिकार से करता हूँ?”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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