Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 मसीह येशु के लिए बंदी पौलॉस तथा हमारे भाई तिमोथियॉस की ओर से,
हमारे प्रिय सहकर्मी फ़िलेमोन, 2 हमारी बहन आप्फ़िया, हमारे साथी योद्धा आरखिप्पॉस और कलीसिया को, जो तुम्हारे घर में इकट्ठा होती है:
3 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु मसीह येशु का अनुग्रह व शान्ति प्राप्त हो.
आभार व्यक्ति तथा प्रार्थना
4 अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें याद करते हुए मैं हमेशा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ 5 क्योंकि मैं प्रभु मसीह येशु तथा सभी पवित्र लोगों के प्रति तुम्हारे प्रेम और विश्वास के बारे में सुना करता हूँ. 6 मेरी प्रार्थना है कि तुम्हारे विश्वास का सहभागी होना हर एक वरदान के स्पष्ट अहसास के द्वारा, जो तुम में मसीह के लिए है, प्रभावशाली हो. 7 प्रियजन, तुम्हारी प्रेमभावना से मुझे बहुत आनन्द व प्रोत्साहन मिला है क्योंकि तुम्हारे कारण पवित्र लोगों के मन आनन्दित हुए हैं.
उनेसिमॉस के लिए विनती
8 यद्यपि मुझे मसीह में तुम्हें यह आज्ञा देने का अधिकार है कि तुम्हारा क्या करना सही है, 9 मैं, मसीह येशु के लिए बन्दी बूढ़ा पौलॉस, प्रेमवश तुमसे इस समय मात्र विनती कर रहा हूँ. 10 मेरी विनती मेरे पुत्र उनेसिमॉस के सम्बन्ध में है, जो कारावास में मेरा आत्मिक पुत्र बन गया है, 11 जो इससे पहले तुम्हारे लिए किसी काम का न था किन्तु अब तुम्हारे और मेरे, दोनों के लिए बड़े काम का हो गया है; 12 उसे, जो अब मेरे हृदय का टुकड़ा है, मैं तुम्हारे पास वापस भेज रहा हूँ. 13 हालांकि मैं चाहता था कि उसे अपने पास ही रखूँ कि वह तुम्हारा स्थान लेकर ईश्वरीय सुसमाचार के लिए मुझ बन्दी की सेवा करे 14 किन्तु मैंने तुम्हारी सलाह के बिना कुछ भी करना उचित न समझा कि तुम्हारी उदारता मजबूरीवश नहीं परन्तु अपनी इच्छा से हो. 15 क्योंकि वह तुमसे कुछ समय के लिए इसी कारण अलग हुआ कि तुम उसे हमेशा-हमेशा के लिए प्राप्त कर लो. 16 दास के रूप में नहीं परन्तु दास से ऊँचे एक प्रिय भाई के रूप में, विशेषकर मेरे लिए. वह मुझे तो अत्यन्त प्रिय है ही किन्तु मुझसे बढ़कर तुम्हें दोनों ही रूपों में—व्यक्ति के रूप में तथा प्रभु में भाई के रूप में.
17 इसलिए यदि तुम मुझे अपना सहभागी समझते हो तो मेरी विनती है कि तुम उसे ऐसे अपना लो जैसे तुमने मुझे अपनाया था. 18 यदि उसने किसी भी प्रकार से तुम्हारी कोई हानि की है या उस पर तुम्हारा कोई कर्ज़ है तो उसे मेरे नाम लिख देना. 19 मैं, पौलॉस, अपने हाथ से यह लिख रहा हूँ कि मैं वह कर्ज़ चुका दूँगा—मुझे तुम्हें यह याद दिलाना आवश्यक नहीं कि तुम्हारा सारा जीवन मेरा कर्ज़दार है. 20 प्रियजन, मेरी कामना है कि प्रभु में मुझे तुमसे यह सहायता प्राप्त हो और मेरा मन मसीह में आनन्दित हो जाए.
एक व्यक्तिगत विनती तथा आशीर्वचन
21 तुम्हारे आज्ञाकारी होने पर भरोसा करके मैं तुम्हें यह लिख रहा हूँ क्योंकि मैं जानता हूँ कि तुम मेरे कहे से कहीं अधिक करोगे.
शिष्यता का दाम
25 एक बड़ी भीड़ मसीह येशु के साथ-साथ चल रही थी. मसीह येशु ने मुड़ कर उनसे कहा, 26 “यदि कोई मेरे पास आता है और अपने माता-पिता, पत्नी, सन्तान तथा भाई-बहनों को, यहाँ तक कि स्वयं अपने जीवन को, मुझसे अधिक महत्व देता है, मेरा चेला नहीं हो सकता. 27 जो कोई अपना क्रूस उठाए बिना मेरे पीछे हो लेता है, वह मेरा चेला हो ही नहीं सकता.
28 “तुममें ऐसा कौन है, जो भवन निर्माण करना चाहे और पहले बैठ कर खर्च का अनुमान न करे कि उसके पास निर्माण काम पूरा करने के लिए पर्याप्त राशि है भी या नहीं? 29 अन्यथा यदि वह नींव डाल ले और काम पूरा न कर पाए तो देखनेवालों के ठठ्ठों का कारण बन जाएगा: 30 ‘देखो-देखो! इसने काम प्रारम्भ तो कर दिया किन्तु अब समाप्त नहीं कर पा रहा!’
31 “या ऐसा कौन राजा होगा, जो दूसरे पर आक्रमण करने के पहले यह विचार न करेगा कि वह अपने दस हज़ार सैनिकों के साथ अपने विरुद्ध बीस हज़ार की सेना से टक्कर लेने में समर्थ है भी या नहीं? 32 यदि नहीं, तो जब शत्रु-सेना दूर ही है, वह अपने दूतों को भेज कर उसके सामने शान्ति-प्रस्ताव रखेगा. 33 इसी प्रकार तुममें से कोई भी मेरा चेला नहीं हो सकता यदि वह अपना सब कुछ त्याग न कर दे.
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