Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: 'होशे 11:1-11' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 107:1-9' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 107:43' not found for the version: Saral Hindi Bible
कोलोस्सॉय 3:1-11

महिमित मसीह के साथ जुड़े रहना ही जीवन है

इसलिए जब तुम मसीह के साथ नवजीवन में जिलाए गए हो तो उन वस्तुओं की खोज में रहो, जो ऊँचे पर विराजमान हैं, जहाँ मसीह परमेश्वर की दायीं ओर बैठे हैं. अपना चित्त ऊपर की वस्तुओं में लीन रखो—उन वस्तुओं में नहीं, जो शारीरिक हैं क्योंकि तुम्हारी मृत्यु हो चुकी है तथा तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है. जब मसीह, जो हमारा जीवन हैं, प्रकट होंगे, तब तुम भी उनके साथ महिमा में प्रकट होगे.

इसलिए अपनी पृथ्वी की देह के अंगों को—वेश्यागामी, अशुद्धता, दुष्कामना, लालसा तथा लोभ को, जो वास्तव में मूर्तिपूजा ही है—मार दो क्योंकि इन्हीं के कारण परमेश्वर का क्रोध भड़क उठता है. एक समय तुम्हारा जीवन भी इन्हीं में लीन था. किन्तु अब तुम सभी क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्दा तथा गंदी भाषा का भी त्याग कर दो. एक दूसरे से झूठ मत बोलो क्योंकि तुम पुराने स्वभाव को उसके कामों सहित उतार चुके 10 और अब तुमने नए स्वभाव को धारण कर लिया है. यह स्वभाव अपने सृष्टिकर्ता की छवि के अनुसार वास्तविक ज्ञान के लिए नया होता जाता है. 11 परिणामस्वरूप अब यूनानी या यहूदी, ख़तनित या खतनारहित, बरबर या स्कूती, दास या मुक्त में कोई भेद नहीं है—मसीह ही सब कुछ और सब में मुख्य हैं.

लूकॉ 12:13-21

सम्पत्ति के इकट्ठा करने पर विचार

13 उपस्थित भीड़ में से किसी ने मसीह येशु से कहा, “गुरुवर, मेरे भाई से कहिए कि वह मेरे साथ पिता की सम्पत्ति का बँटवारा कर ले.”

14 मसीह येशु ने इसके उत्तर में कहा, “भलेमानुस! किसने मुझे तुम्हारे लिए न्यायकर्ता या मध्यस्थ ठहराया है?” 15 तब मसीह येशु ने भीड़ को देखते हुए उन्हें चेतावनी दी, “स्वयं को हर एक प्रकार के लालच से बचाए रखो. मनुष्य का जीवन उसकी सम्पत्ति की बहुतायत होने पर भला नहीं है.”

16 तब मसीह येशु ने उनके सामने यह दृष्टान्त प्रस्तुत किया: “किसी व्यक्ति की भूमि से अच्छी फसल उत्पन्न हुई. 17 उसने मन में विचार किया, ‘अब मैं क्या करूँ? फसल रखने के लिए तो मेरे पास स्थान ही नहीं है.’

18 “तब उसने विचार किया, ‘मैं ऐसा करता हूँ: मैं इन बखारियों को तोड़ कर बड़े भण्डार निर्मित करूँगा. तब मेरी सारी उपज तथा वस्तुओं का रख रखाव हो सकेगा. 19 तब मैं स्वयं से कहूँगा, “अनेक वर्षों के लिए अब तेरे लिए उत्तम वस्तुएं इकट्ठा हैं. विश्राम कर! खा, पी और आनन्द कर!.”’

20 “किन्तु परमेश्वर ने उससे कहा, ‘अरे मूर्ख! आज ही रात तेरे प्राण तुझ से ले लिए जाएँगे; तब ये सब, जो तूने अपने लिए इकट्ठा कर रखा है, किसका होगा?’

21 “यही है उस व्यक्ति की स्थिति, जो मात्र अपने लिए इस प्रकार इकट्ठा करता है किन्तु जो परमेश्वर की दृष्टि में धनवान नहीं है.”

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.