Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा सासन करत ह!
उ महिमा अउर सक्ति क पहिर लिहस
ताकि धरती स्थिर रहइ
अउर गिरे नाहीं।
2 हे परमेस्सर, तोहार साम्राज्य अनादि काल स टिका भवा अहइ।
तू सदा जिअत अहा।
3 हे यहोवा, नदियन क गर्जन बहोत तीव्र बा।
ओनकर लहरन क
नस्ट करइया अहइ।
4 समुद्र क पछारा खात भइ लहरन गरजत हीं, अउर उ सबइ सक्तिसाली अहइँ।
मुला ऊपर वाला यहोवा जियादा सक्तिसाली अहइ।
5 हे यहोवा, तोहार कानून बहोत स्थिर अहइ।
तोहार पवित्तर मन्दिर लम्बी समई तलक खड़ा रही।
20 तब राजा योसिय्याह हिल्किय्याह, सापान क पूत अहीकाम, मीका क पूत अब्दोन, सचिव सापान अउ सेवक असायाह क आदेस दिहेस। 21 राजा कहेस, “जा, मोरे बरे अउ इस्राएल अउ यहूदा मँ जउन लोग बचे अहइँ ओनके बरे यहोवा स याचना करा। जउन किताब मिली बाटइ ओकरे कथनन क बारे मँ पूछा। यहोवा हम लोगन पइ बहोत कोहान अहइ काहेकि हमार पुरखन यहोवा क कथनन क पालन नाहीं किहन। उ पचे उ सबइ काम नाहीं किहन जउन इ पुस्तक करइ क कहत ह।”
22 हिल्किय्याह अउर राजा क सेवकन नबिया हुल्दा क लगे गएन, हुल्दा सल्लूम क मेहरारु रही। सल्लूम तोखत क पूत रहा। तोखत हस्रा क पूत रहा। हस्रा राजा क ओढ़नन क देखरेख करत रहा। हुल्दा यरूसलेम क नवे हींसा मँ रहत रही। हिल्किय्याह अउर राजा क सेवक लोग हुल्दा क सब कछू बताएन जउन होइ चुका रहा। 23 हुल्दा ओनसे कहेस, “इस्राएल क परमेस्सर यहोवा जउन कहत ह उ इ अहइ: राजा योसिय्याह स कहा: 24 यहोवा जउन कहत ह उ इ अहइ, ‘मइँ इ जगह जउ हिआँ क निवासियन पइ बिपत्ति डाउब। मइँ सबहिं भयंकर बिपत्तियन क जउन यहूदा क राजा क समन्ना बाचेउँ किताबे मँ लिखी गई अहइँ, लिआउब। 25 मइँ इ एह बरे करब कि लोग मोका छोड़ेन अउ दूसर देवतन क बरे सुगन्धि बारेन। ओन लोग उ सबइ बुरे कामन क कारण जउन उ पचे किहेन मोका किरोधित किहस। एह बरे मइँ आपन किरोध इ जगह पइ डारब। मोर किरोध उ आगी क नाईं होइ जेका बुझइ नाहीं जा सकत ह’
26 “किन्तु यहूदा क राजा योसिय्याह स कहा। उ यहोवा स पूछइ क बरे तोहका पठएस। इस्राएल क यहोवा परमेस्सर, ‘जउन कथनन क तू कछू समइ पहिले सुन्याह, ओनके बारे मँ कहत ह: 27 योसिय्याह तू पस्ताताप किहा अउर तू अपने क मोर समन्वा बिनम्र किहा। तू मोर समन्वा चिचियाएस जब तू सुनेस ह कि मइँ इ जगह अउर हिवाँ रहइवालन लोगन क खिलाफ, बोलेस रहा। एह बरे मइँ तोहार बिन्ती सुनेस ह। 28 मइँ तोहका तोहरे पुरखन क लगे लइ जाब। तू अपनी कब्र मँ सान्तिपूर्वक जाब्या। तोहका ओन बिपत्तियन मँ स कउनो भी नाहीं लखइ क पड़िहीं जेनका मइँ इ जगह अउर हिआँ रहइवाले लोगन पइ लिआउब।’” हिल्किय्याह अउर राजा क सेवक योसिय्याह क लगे इ सँदेसा लइके लउटेन।
29 राजा योसिय्याह अउर यहूदा अउ यरूसलेम क सबहिं अग्रजन क अपने लगे आवइ अउर मिलइ बरे बोलाएस। 30 राजा, यहोवा क मन्दिर मँ गवा। यहूदा क सबहिं लोग, यरूसलेम मँ रहइवाले लोग, याजक, लेवीबंसी अउर सबहिं साधारण व असाधारण लोग योसिय्याह क संग रहेन। योसिय्याह ओन सब क समन्वा उ करार क किताब स वचन क बाँचेस जउन कि यहोवा क मन्दिर मँ मिली रही। 31 तब राजा अपने जगह पइ खड़ा भवा। उ यहोवा क संग वाचा किहस। उ यहोवा क अनुसरण करइ क अउर यहोवा क आदेसन, बिधियन अउर नेमन क आपन पूरे हिरदइ अउर आपन पूरे जान स पालन करइ क वाचा किहस। उ इ किताब मँ लिखे करार क सब्दन क पालन करइ क सहमत भवा। 32 तब योसिय्याह यरूसलेम अउ बिन्यामीन क सबहिं लोगन स परमेस्सर क वाचा क स्वीकार करइ क प्रतिग्या कराएस। यरूसलेम मँ लोग परमेस्सर, ओकर पुरखन क परमेस्सर क करार क पालन किहन। 33 इस्राएल क लोगन क लगे बहोत स देस क मूरतियन रहिन। योसिय्याह ओन सबहिं भयानक मूरतियन क नस्ट कइ दिहेन। यहोवा ओन मूरतियन स घिना करत ह। योसिय्याह इस्राएल क हर एक मनई क अपने यहोवा परमेस्सर क सेवा मँ पहोंचाएस। जब तलक योसिय्याह जिअत रहा, लोग पुरखन क यहोवा परमेस्सर क आग्या क पालन करब बन्द नाहीं किहस।
समौन क ईसू क दर्सन
25 यरूसलेम मँ समौन नाउँ क एक धर्मी अउर भगत रहा। उ इस्राएल क सुख चइन क बाट जोहत रहा। पवित्तर आतिमा ओकरे साथ रही। 26 पवित्तर आतिमा ओका परगट किए रही कि जब तलक उ पर्भू क मसीह क दर्सन नाहीं कइ लेइ, मरी नाहीं। 27 उ पवित्तर आतिमा क साथ मन्दिर मँ आवा अउर जब व्यवस्था क मुताविक कारज बरे बालक ईसू क ओकर महतारी बाप मन्दिर मँ लइ आएन। 28 तउ समौन ईसू क आपन गोदी मँ उठाइके परमेस्सर क स्तुति करत बोला:
29 “पर्भू अब तू आपन बचन क मुताबिक मोका आपन दास क सांति क साथ मुक्ती द्या
30 काहेकि मइँ आपन आँखिन स तोहरे उ उद्धार क दर्सन कइ लीन्ह ह।
31 जेका तू सबहिं मनइयन क उपस्थिति मँ तइयार किए अहा।
32 इ बचवा गैर यहूदियन बरे तोहरे राहे का देखावय बरे ज्योति क सोता अहइ
अउर तोहरे इस्राएल क मनइयन बरे इ महिमा अहइ।”
33 ओकर महतारी बाप ईसू क बारे मँ कही गइ इ बातन स अचरजे मँ पड़ि गएन। 34 फिन समौन ओनका आसीर्बाद दिहस अउर ओकर महतारी मरियम स कहेस, “इ बचवा इस्राएल मँ बहोतन क गिरावइ या उठावइ क कारण बनइ अउर एक अइसा चीन्ह ठहरावा जाइ बरे तय कीन्ह ग अहइ जेकर खिलाफत कीन्ह जाइ। 35 अउर मनइयन जेका गूढ़ समझिहीं, उ लोगन क पता लगि जाई जेहसे तोहरे हिरदय क दुख होइ।”
हन्नाह ईसू क देखत ह
36 हुवँइ हन्नाह नाउँ क एक ठु महिला नबिया रही। उ असेर कबीले क फनूएल क बिटिया रही। उ बहोत बुढ़िया रही। आपन बियाहे क सिरिफ सात बरिस पाछे तलक उ आपन भतारे क साथे रही। 37 अउर फिन चौरासी बरिस तलक उ विधवा रही। उ मन्दिर कबहुँ नाहीं तजेस। उपवास अउर पराथना करत भइ उ रात-दिन आराधना करत रही। 38 उहइ समइ उ उहाँ महतारी बाप क लगे आइ। उ परमेस्सर क धन्यवाद दिहस अउर जउन मनइयन यरूसलेम क छुटकारा क बाट जोहत रहेन, उ ओन सबन्क छोड़ावइ क बारे मँ बताएस।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.