Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
27 ओमन प्रेरितमन ला लानके धरम-महासभा के आघू म ठाढ़ करिन। तब महा पुरोहित ह ओमन ले पुछिस, 28 “का हमन तुमन ला चेतउनी देके ए हुकूम नइं दे रहेंन कि तुमन ए नांव म उपदेस झन देवव? तभो ले, तुमन जम्मो यरूसलेम सहर ला अपन उपदेस ले भर दे हवव, अऊ ओ मनखे के हतिया के दोस हमर ऊपर लाने चाहत हव।”
29 तब पतरस अऊ आने प्रेरितमन जबाब दीन, “मनखेमन के हुकूम ले बढ़के परमेसर के हुकूम ला मानना हमर काम ए। 30 हमर पुरखामन के परमेसर ह यीसू ला मरे म ले जियाईस, जऊन ला तुमन कुरुस म लटकाके मार डारे रहेव। 31 ओहीच ला परमेसर ह अगुवा अऊ उद्धार करइया ठहराके अपन जेवनी हांथ कोति सबले बड़े जगह दीस, ताकि ओह इसरायलीमन ला ओमन के पाप ले मन फिराय के सक्ति अऊ ओमन के पाप के छेमा देवय। 32 हमन ए बातमन के गवाह हवन अऊ पबितर आतमा घलो गवाह हवय, जऊन ला परमेसर ह ओ मनखेमन ला दे हवय, जऊन मन ओकर हुकूम मानथें।”
सात कलीसियामन बर संदेस
4 में यूहन्ना ह एसिया प्रदेस के सात कलीसिया के मनखेमन ला ए बात लिखत हंव।
परमेसर जऊन ह हवय, जऊन ह रिहिस, अऊ जऊन ह अवइया हवय; अऊ ओकर सिंघासन के आघू म हाजिर सात आतमामन, 5 अऊ यीसू मसीह, जऊन ह बिसवास लइक गवाह ए, अऊ मरे म ले जी उठे म पहिलांत ए अऊ संसार म राजामन ऊपर राज करथे – ए जम्मो के तरफ ले तुमन ला अनुग्रह अऊ सांति मिलय।
यीसू, जऊन ह हमन ला मया करथे अऊ हमन ला अपन लहू के दुवारा हमर पाप ले छुटकारा दे हवय, 6 अऊ हमन ला एक देस अऊ पुरोहित बनाय हवय, ताकि हमन ओकर परमेसर अऊ ददा के सेवा करन – ओ यीसू के महिमा अऊ सामरथ जुग-जुग होवय! आमीन।
7 देखव, ओह बादर ऊपर आवत हवय,
अऊ जम्मो झन ओला देखहीं,
जऊन मन ओला छेदे-बेधे रिहिन, ओमन घलो ओला देखहीं;
अऊ संसार के जम्मो मनखेमन ओकर बर सोक मनाहीं।
अइसने ही होही! आमीन[a]।
8 परभू परमेसर ह कहिथे, “मेंह सुरू (अल्फा) अऊ मेंह अंत (ओमेगा) अंव। मेंह ओ सर्वसक्तिमान अंव, जऊन ह हवय, अऊ जऊन ह रिहिस अऊ जऊन ह अवइया हवय[b]।”
यीसू ह अपन चेलामन ला दरसन देथे
(मत्ती 28:16-20; मरकुस 16:14-18; लूका 24:36-49)
19 ओहीच दिन जऊन ह हप्ता के पहिली दिन रिहिस, संझा के बेरा, जब चेलामन एक जगह म जुरे रहंय अऊ कपाटमन भीतर ले यहूदीमन के डर के मारे बंद रहंय, तब यीसू ह आईस अऊ ओमन के बीच म ठाढ़ होके ओमन ला कहिस, “तुमन ला सांति मिलय।” 20 ए कहे के बाद यीसू ह अपन हांथ अऊ अपन पंजरा ओमन ला देखाईस। तब चेलामन परभू ला देखके बहुंत खुस होईन।
21 यीसू ह ओमन ला फेर कहिस, “तुमन ला सांति मिलय। जइसने ददा ह मोला पठोय हवय, वइसने मेंह तुमन ला पठोवत हवंव।” 22 ए कहिके, ओह ओमन ऊपर फूंकिस अऊ कहिस, “पबितर आतमा ला गरहन करव। 23 यदि तुमन काकरो पाप छेमा करहू, त ओ पाप छेमा हो जाही; यदि तुमन ओमन के पाप छेमा नइं करहू, त ओमन छेमा नइं होवंय।”
थोमा ला यीसू के दरसन
24 जब यीसू ह आईस, त ओ बखत बारहों चेलामन ले एक झन थोमा ह (जऊन ला दिदुमुस घलो कहे जावय) ओमन संग नइं रिहिस[a]। 25 जब आने चेलामन ओला कहिन, “हमन परभू ला देखे हवन।” त ओह ओमन ला कहिस, “जब तक मेंह ओकर हांथमन म खीला के चिन्हांमन ला नइं देख लूहूं अऊ जिहां खीलामन रिहिन, उहां अपन अंगरी नइं डार लूहूं अऊ ओकर पंजरा म अपन हांथ नइं डार लूहूं, तब तक मेंह बिसवास नइं करंव।”
26 एक हप्ता के बाद यीसू के चेलामन फेर घर म रिहिन अऊ थोमा ह ओमन के संग म रिहिस। कपाटमन भीतर ले बंद रहंय, तब फेर यीसू ह आईस अऊ ओमन के बीच म ठाढ़ होके कहिस, “तुमन ला सांति मिलय।” 27 तब ओह थोमा ला कहिस, “तोर अंगरी ला इहां रख अऊ मोर हांथमन ला देख। अपन हांथ ला लानके मोर पंजरा म रख अऊ अबिसवासी नइं, पर बिसवासी बन।”
28 ए सुनके थोमा ह ओला कहिस, “हे मोर परभू, हे मोर परमेसर!”
29 तब यीसू ह कहिस, “तेंह मोला देखे के बाद बिसवास करय; पर धइन अंय ओमन, जऊन मन मोला बिगर देखे बिसवास करथें।”
30 यीसू ह कतको अचरज के चिन्हां अपन चेलामन के आघू म देखाईस, जऊन मन ए किताब म नइं लिखे गे हवंय। 31 पर एमन एकरसेति लिखे गे हवंय कि तुमन बिसवास करव कि यीसू ह परमेसर के बेटा – मसीह अय, अऊ ए बिसवास करे के दुवारा तुमन ओकर नांव म जिनगी पावव।
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