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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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प्रेरित 4:13-31

13 पेतरॉस तथा योहन का यह साहस देख और यह जानकर कि वे दोनों अनपढ़ और साधारण व्यक्ति हैं, वे चकित रह गए. उन्हें धीरे-धीरे यह याद आया कि ये वे हैं, जो मसीह येशु के साथी रहे हैं. 14 किन्तु स्वस्थ हुए व्यक्ति की उपस्थिति के कारण वे कुछ न कह सके; 15 उन्होंने उन्हें सभागार से बाहर जाने की आज्ञा दी. तब वे आपस में विचार-विमर्श करने लगे, 16 “हम इनके साथ क्या करें? यह तो स्पष्ट है कि इनके द्वारा एक असाधारण चमत्कार अवश्य हुआ है और यह येरूशालेमवासियों को भी मालूम हो चुका है. इस सच को हम नकार नहीं सकते. 17 किन्तु लोगों में इस समाचार का और अधिक प्रसार न हो, हम इन्हें यह चेतावनी दें कि अब वे किसी से भी इस नाम का वर्णन करते हुए बातचीत न करें.”

18 तब उन्होंने उन्हें भीतर बुलाकर आज्ञा दी कि वे न तो येशु नाम का वर्णन करें और न ही उसके विषय में कोई शिक्षा दें. 19 किन्तु पेतरॉस और योहन ने उन्हें उत्तर दिया, “आप स्वयं निर्णय कीजिए कि परमेश्वर की दृष्टि में उचित क्या है: आपकी आज्ञा का पालन या परमेश्वर की आज्ञा का. 20 हमसे तो यह हो ही नहीं सकता कि जो कुछ हमने देखा और सुना है उसका वर्णन न करें.”

21 इस पर यहूदी प्रधानों ने उन्हें दोबारा धमकी दे कर छोड़ दिया. उन्हें यह सूझ ही नहीं रहा था कि उन्हें किस आधार पर दण्ड दिया जाए क्योंकि सभी लोग इस घटना के लिए परमेश्वर की स्तुति कर रहे थे. 22 उस व्यक्ति की उम्र, जो अद्भुत रूप से स्वस्थ हुआ था, चालीस वर्ष से अधिक थी.

सताहट के समय प्रेरितों की प्रार्थना

23 मुक्त होने पर प्रेरितों ने अपने साथियों को जा बताया कि प्रधान पुरोहितों और पुरनियों ने उनसे क्या-क्या कहा था. 24 यह विवरण सुन कर उन सबने एक मन हो ऊँचे शब्द से परमेश्वर की वन्दना की: “परम प्रधान प्रभु,” आप ही हैं जिन्होंने स्वर्ग, पृथ्वी, समुद्र और इनमें निवास कर रहे प्राणियों की सृष्टि की है. 25 आपने ही पवित्रात्मा से अपने सेवक, हमारे पूर्वज दाविद के द्वारा कहा:

“‘राष्ट्र क्रोधित क्यों होते हैं
    जातियां व्यर्थ योजनाएँ क्यों करती हैं?
26 पृथ्वी के राजा मोर्चा बान्धते
    और शासक प्रभु के विरुद्ध
और उनके अभिषिक्त के विरुद्ध.’”

27 एकजुट हो उठ खड़े होते हैं. “यह एक सच्चाई है कि इस नगर में हेरोदेस तथा पोन्तियुस पिलातॉस दोनों ही इस्राएलियों तथा अन्यजातियों के साथ मिलकर आपके द्वारा अभिषिक्त, आपके पवित्र सेवक मसीह येशु के विरुद्ध एकजुट हो गए 28 कि जो कुछ आपके सामर्थ्य और उद्देश्य के अनुसार पहले से निर्धारित था, वही हो. 29 प्रभु, उनकी धमकियों की ओर ध्यान दीजिए और अपने दासों को यह सामर्थ दीजिए कि वे आपके वचन का प्रचार बिना डर के कर सकें 30 जब आप अपने सामर्थी स्पर्श के द्वारा चंगा करते तथा अपने पवित्र सेवक मसीह येशु के द्वारा अद्भुत चिह्नों का प्रदर्शन करते जाते हैं.”

31 उनकी यह प्रार्थना समाप्त होते ही वह भवन, जिसमें वे इकट्ठा थे, थरथरा गया और वे सभी पवित्रात्मा से भर गए और बिना डर के परमेश्वर के सन्देश का प्रचार करने लगे.

Saral Hindi Bible (SHB)

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