Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
दाऊद क एक पद।
1 यहोवा मोर गड़रिया अहइ।
जउन कछू भी मोका अपेच्छित होइ, सदा मोरे लगे रही।
2 हरे भरे चरागाह मँ मोका सुख स उ राखत ह।
उ मोका सांत झरनन पइ लइ जात ह।
3 उ आपन नाउँ क निमित्त मोरी आतिमा क नई सक्ती देत ह।
उ मोर अगुआई करत ह कि उ फुरइ उत्तिम अहइ।
4 मइँ मउत क अँधिअर घाटी स गुजरत भइ नाहीं डेराब,
काहेकि यहोवा तू मोरे संग अहा।
तोहार चरवाहे क लाठी मोका सुख देत हीं।
5 हे यहोवा, तू मोरे दुस्मनन क समन्वा मोर खइया बरे मेज सजाया ह।
तू मोरे मूँड़े पइ तेल उड़ेर्या ह।
मोर कटोरा भरा ह अउ छलकत बाटइ।
6 निहचय नेकी अउ करुणा मोर बाकी जिन्नगी तलक मोरे संग रही।
मइँ यहोवा क मन्दिर मँ लम्बी समइ तलक बार-बार जाबिउँ।
8 तब इस्राएल यूसुफ क पूतन क लखेस। इस्राएल पूछेस, “इ सबइ लरिकन कउन अहइँ?”
9 यूसुफ आपन पिता स कहेस, “इ सबइ मोर बेटवन अहइँ। इ सबइ उ पचे लरिकन अही जेनका परमेस्सर मोका दिहस ह।”
इस्राएल कहेस, “आपन बेटवन क मोरे लगे लइ आवा। मइँ ओनका असीसब।”
10 इस्राएल बुढ़वा रहा, अउर ओकर आँखिन ठीक नाही रहिन। ऍह बरे यूसुफ आपन बेटहनन क अपने बाप क निचके लइ गवा। इस्राएल बच्चन क चूमेस अउ गले स चिपकाएस। 11 तब इस्राएल यूसुफ स कहेस, “मइँ कबहु नाहीं सोचेउँ कि मइँ तोहार मुँह फुन लखब मुला देखा। परमेस्सर तोहका अउर तोहरे गदेलन क मोका निहारइ दिहस।”
12 तब यूसुफ बच्चन क गोदी स लिहस अउ उ पचे ओकरे पिता क समन्वा पैलगी करइ क निहुरेन। 13 यूसुफ एप्रैम क आपन दाहिन कइँती किहस अउ मनस्से क आपन बाईं कइँती। (इ तरह एप्रैम इस्राएल क बाईं कइँती रहा अउ मनस्से दाईं कइँती रहा।) 14 मुला इस्राएल आपन हाथ क पहला बदलिके आपन दाहिन हाथ क लहुरा लरिका एप्रैम क मूँड़े प धरेस अउ तब बाएँ हाथ क इस्राएल जेठ लरिका मनस्से क मूँड़े प राखेस। उ आपन बाएँ हाथ क मनस्से प धरेस, तउ भी मनस्से क जन्म पहिले भवा रहा। 15 अउर इस्राएल यूसुफ क आसीर्बाद दिहस अउ कहेस,
“मोरे पुरखा इब्राहीम अउ इसहाक हमरे परमेस्सर क आराधना किहस
अउ उहइ परमेस्सर मोर पूरी जिन्नगी क रास्ता क देखॅवइया रहा बाटइ।
16 उहइ सरगदूत रहा जउन मोका सबहि कस्टन स बचाएस
अउर मोर पराथना अहइ कि इ सबइ लरिकन क उ असीसइ।
अब इ सबइ बच्चन मोर नाम पइही।
उ पचे हमरे पुरखा इब्राहीम अउ इसहाक क नाउँ पइहीं।
मइँ पराथना करत हउँ कि उ पचे धरती प महान परिवार
अउ रास्ट्र बनिही।”
17 यूसुफ लखेस कि ओकर पिता एप्रैम क मूँड़े प दाहिना हाथ रखेस ह। इ यूसुफ क खुस न कइ सका। यूसुफ आपन पिता क हाथे क धरेस। उ ओका एप्रैम क मूँड़े स हटाइके मनस्से क मूँड़ प रखइ चाहत रहा। 18 यूसुफ आपन पिता स कहेस, “आप आपन दाहिन हाथ गलत लरिका प धरे अहा। मनस्से क जन्म पहिले अहइ।”
19 मुला ओकर पिता नकारेस, अउ कहेस, “पूत, मइँ जानत हउँ। मनस्से क जन्म पहिले अहइ अउर उ महान होइ। उ बहोत स लोगन क पिता भी होइ। मुला लहुरा भाई जेठ भाई स बड़ा होइ अउ लहुरे भाई क परिवार ओसे बहोत बड़ा होइ।”
ईसू पाँच हजार स जिआदा मनई क खियाएस
(मत्ती 14:13-21; लूका 9:10-17; यूहन्ना 6:1-14)
30 ईसू क चारिहुँ कइँती सुसमाचार क प्रचार करइवाले प्रेरितन ईसू क पास जमा भएन। जउन उ पचे किहेन अउर सिखाएन सब कछू बताएन। 31 तब ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे खुदइ मोरे संग एकांत जगहिया मँ आवा अउर तनिक आराम करा।” फिन हुवाँ बहोत मनई क आउब जाब लाग रहा। ऍसे उ सब खाइ क समइ नाहीं पाएन।
32 एह बरे उ सब मिलिके खुदइ नाउ स एकांत जगहिया मँ गएन। 33 मुला बहोत जने ओनका जात भवा देखेन अउर पहिचानेन कि उ सब कउन रहेन। इ कारण उ लोग सबहिं सहरन स हुवाँ धरतिया प धावत गएन अउर उ पचे ओनसे पहिले पहुँचेन। 34 जबहिं ईसू नाउ स उतरा, उ एक भारी भीर देखेस। तबहिं उ ओनके बरे दुःखी भवा, इ कारण कि उ सबइ बिना गड़रिया क भेड़ नाहीं रहेन। अइसे उ बहोत बातन सिखावइ लाग।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.