Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 मइँ यहोवा क धन्यवाद देत हउँ, काहेकि उ नीक अहइ।
ओकर पिरेम सदा ही रहत ह।
2 इस्राएल इ कहइ द्या,
“ओकर बिस्ससनीय पिरेम सदा ही रहत ह।”
19 सच्चाई क दुआरन क खोला,
ताकि मइँ भीतर आइ पाउँ अउर यहोवा क आराधना करउँ।
20 यहोवा क मौजूदगी मँ जाइ क दुआर हिआँ अहइ।
बस सिरिफ धर्मी लोग ही ओन दुआरन स होइके जाइ सकत हीं।
21 हे यहोवा, मोर पराथना क जवाब देइ बरे
अउर मोका रच्छा करइ बरे तोहका धन्यवाद देत अहउँ।
22 जउन पाथार क राज मिस्त्रियन नकार दिहे रहेन
उहइ पाथर क प्रयोग कोना क पाथर क रूप मँ कीन्ह गवा।
23 यहोवा इ घटना क होइ दिहस।
अउर हम सबइ एहमाँ अद्भूत महसूस कीन्ह।
24 इ उहइ दिना अहइ जेका यहोवा बनाएस ह।
आवा हम खुसी क अनुभव करी अउर आजु आनन्दित होइ जाइ।
25 लोग कहेन, “हे यहोवा, हम पचन क बचाव करा,
हे यहोवा हमार रच्छा करा।
26 उ मनई धन्न होइ जउन यहोवा क नाउँ मँ आवत अहइ।”
“मइँ यहोवा क घर मँ तोहार स्तुति करित हउँ।
27 यहोवा परमेस्सर अहइ।
उ आपन प्रकास स हम पचन क छाया दिहेस ह।
वेदी क कोनन पइ भेंट क मेमना क बाँधा।”
28 हे यहोवा, तू हमार परमेस्सर अहा, अउर मइँ तोहार धन्यवाद करत हउँ।
मइँ तोहार गुण गावत हउँ, हे मोर परमेस्सर।
29 यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ उत्तिम अहइ।
ओकर सच्ची करुणा सदा-सदा बनी रहत ह।
ईसू यरूसलेम मँ राजा क नाई घुसत ह
(मत्ती 21:1-11; लूका 19:28-40; यूहन्ना 12:12-19)
11 फिन जइसे यरूसलेम क नगिचे जैतून क पहाड़ी प बैतफगे अउर बैतनिय्याह पहुँचेन, उ आपन चेलन मँ दुइ क पठएस। 2 अउर ओसे कहेस, “जा गाउँ मँ जइसे तू हुवाँ घुसब्या, तू एक ठु गदही क बच्चा बाँधा भवा पउब्या, जेह प पहिले कबहुँ नाहीं कउनो चढ़ा होई। ओका खोल द्या अउर हियाँ लिआवा। 3 जदि तोसे कउनो पूछइ कि तू अइसे काहे करत अहा, तउ तू कह्या, ‘प्रर्भू क ऍकर जरूरत अहइ, फिन उ ऍका फउरन पठइ देइ।’”
4 तउ उ पचे चलि पड़ेन। उ गदही क बच्चा क बँधा भवा दुआर क नगिचे खुली मँ पाएन। उ पचे ओका छोरि दिहन। 5 कछू मनई जउन हुवाँ खरा रहेन ओनसे पूछेन, “उ गदहिया क बच्चा क काहे तू पचे छोरिके का करत बाट्या?” 6 उ पचे ओनका बताएन जरुन ईसू कहेस। तउ उ सबइ ओनका जाइ दिहेन।
7 उ पचे गदहिया का बच्चा क ईसू क लगे लइ आएन। अउर उ पचे आपन ओढ़ना ओह प डारि दिहन। फिन ईसू ओह प बइठा। 8 बहोत मिला आपन लबादा क सरकिया प डारि दिहन अउर दूसर खेते स टहनियन क काटि लिहन अउर हुवाँ बिछाइ दिहन। 9 उ मनइयन जउन ईसू क अगवा अउर पाछे चलत रहेन, उ पचे पुकार रहेन:
10 “धन्य अहइ हमार पिता दाऊद क राज्य क अवाई,
जउन आवत अहइ,
होसन्ना सरग मँ!”
11 तब ईसू यरूसलेम घुसा अउर मन्दिर मँ घुसा। उ हर चीज क चारिहुँ कइँती निहारेस। एह बरे दिन ओनवत देर होइ गइ। उ बारहु प्रेरितन क संग बैतनिय्याह चला गवा।
ईसू क यरूसलेम मँ जाब:
(मत्ती 21:1-11; मरकुस 11:1-11; लूका 19:28-40)
12 दूसरे दिन फ़सह क त्यौहार प आई भीड़ जब इ सुनेस कि ईसू यरूसलेम आवत अहइ तउ 13 लोग खजूर क टहनी लइके ओसे मिलइ चल पड़ेन। उ पचे गोहरावत रहेन,
“‘होसन्ना!
‘धन्य अहइ उ जउन पर्भू क नाउँ स आवत ह!’ (A)
उ जउन इस्त्राएल क राजा अहइ।”
14 तब ईसू क एक गदहा मिला अउर उ ओकरे ऊपर चढ़ि लिहेस। जइसा कि पवित्तर सास्तर मँ लिखा अहइ:
15 “सिय्योन क पुत्री डेराअ जिन!
देखा! तोहार राजा गदहे क बच्चा प
बइठके आवत अहइ।” (B)
16 पहिला तउ ओकर चेलन ओकरे व्यवहार क नाहीं समझ पाएन्ह लेकिन जब ईसू क महिमा परगट भइ तउ समुझ पाएन कि सास्तर मँ ओकरे बारे मँ सब बात लिखी रहिन अउर तमाम मनई क ओकरे बार मँ अइसा बरताब रहा।
परमेस्सर क सेवक परमेस्सर क भरोसे
4 मोर सुआमी यहोवा मोका सीख देइ क जोग्यता दिहस ह। ऍह बरे मइँ थका भवा लोगन क प्रोत्साहित करत हउँ अउर ससकत बनावत हउँ। हर भिंसारे उ मोका जगावत ह अउर एक छात्र क नाईं सिच्छा देत ह। 5 मोर सुआमी यहोवा सीखइ मँ मोर सहायक अहइ अउर मइँ ओकर विरोधी नाहीं बना अहउँ। मइँ ओकरे पाछे चलब नाहीं तजब। 6 ओन लोगन क मइँ आपन पिटाइ करइ देब। मइँ ओनका आपन दाढ़ी क बार नोचइ देबउँ। उ सबइ लोग जब मोरे बरे अपसब्द कइहीं अउर मोह पइ थूकिहीं तउ मइँ आपन मुँह नाहीं मोड़ब। 7 मोर सुआमी, यहोवा मोर मदद करी। एह बरे ओनकर अपसब्द मोका दुःख नाहीं पहोंचइहीं। मइँ सुदृढ़ रहब। मइँ जानत हउँ कि मोका निरास नाहीं होइ पड़ी।
8 एक उ जउन कउनो मोका दोख रहित बनाएस ह उ मोर संग अहइ, एह बरे कउन मनई मोका अपराधी साबित कइ सकत ह। जदि कउनो मनई सोचत ह कि उ मोर खिलाफ कउनो सिकायत रखत ह, तउ उ मनई क मोरे लगे आवइ द्या अउर अपना तर्क रखइ द्या। 9 किन्तु लखा, मोर सुआमी यहोवा मोर मदद करत ह। ऍह बरे कउन मनई अहइ जउन इ सिद्ध कइ सकी कि मइँ दोखी हउँ? उ सबइ सबहिं लोग वइसे ही बाहर फैंकइ जाइ जइसे पुरान कपड़न क जेका किरवन चट कइ जातहीं।
9 हे यहोवा, मोह पइ अनेक संकट अहइँ।
तउ मोह पइ कृपा करा।
मइँ ऍतना बियाकुल अहउँ कि मोर आँखिन दुःखत अहइँ।
मोर गटइ अउ पेट पिरात अहइँ।
10 मोरी जिन्नगी क अंत दुःख मँ होत अहइ।
मोर बरिस आह भरइ मँ बीतत अहइँ।
मोर सबइ बेदना मोर सक्ती क निचोड़त अहइँ।
मोर बल मोर साथ छोड़त जात अहइ।
11 मोर सत्रु मोसे घिना राखत हीं।
मोर पड़ोसी मोर बैरी बना अहइँ।
मोर सबहिं रिस्तेदार मोका राहे मँ लखिके
मोसे डेराइ जात हीं
अउर मोसे सब कतरात हीं।
12 मोका लोग पूरी तरह स बिसरि चुका अहइँ।
मइँ तउ कउनो हेरान अउजार सा होइ गवा हउँ।
13 मइँ ओन भयंकर बातन क सुनत हउँ जउन लोग मोरे बारे मँ करत हीं।
उ पचे सबहिं लोग मोरे खिलाफ होइ ग बाटेन।
उ पचे मोका मारि डावइ क जोजना रचत हीं।
14 हे यहोवा, मोर भरोसा तोहे पइ अहइ।
तू मोर परमेस्सर अहा।
15 मोर जिन्नगी तोहरे हाथन मँ अहइ।
मोरे दुस्मनन स मोका बचाइ ल्या।
ओन लोगन स मोर रच्छा करा, जउन मोरे पाछे पड़ा अहइँ।
16 कृपा कइके आपन दास क अपनाइ ल्या।
मोह पइ दाया करा अउर मोर रच्छा करा।
ईसू स निस्वारथ होइ सीखा
5 आपन चिंतन ठीक वइसा ही रखा जइसे मसीह ईसू क रहा।
6 जउन परमेस्सर क सरूप मँ होत भए भी
उ परमेस्सर क साथे अपने ऍह बराबरी का
अधिकार की वस्तु न समझेस।
7 बल्कि उ तउ आपन सब्ब कछू तियागके
एक सेवक क रूप ग्रहण कइ लिहेस अउर मनई क समान बनि गवा।
अउर जब उ अपने बाहरी रूप मँ मनई जइसेन बनि गवा।
8 त उ अपने आप क नवाइ लिहेस अउर परमेस्सर का ऍतना आज्ञाकारी बन गवा कि
आपन प्राण तक न्योछोवर कइ दिहेस अउर उहउ क्रुस पर।
9 इही बरे परमेस्सर भी ओका ऊँचा स ऊँचा स्थान पर उठाएस
अउर ओका उ नाम दिहेस जउन सब नामन स ऊप्पर बा
10 ताकि सब केऊ जब ईसू क नाउँ क उच्चारण होत सुनइ, तउ नीचे निहुरि जाइ।
चाहे उ सरगे क होइ, धरती पइ क होइ अउर चाहे धरती क नीचे क होइ।
11 अउर सब जीभ परमपिता परमेस्सर क
महिमा बरे मजूर करइ कि “ईसू मसीह ही पर्भू अहइ।”
ईसू क हत्या क सड्यंत्र
(मत्ती 26:1-5; लूका 22:1-2; यूहन्ना 11:45-53)
14 फसह क त्यौहार[a] अउर वे खमीरे क रोटी क त्यौहार[b] स दुइ दिन पहिले की बात अहइ कि मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन कउनो अइसा कुचाल चलत रहेन कि जउने चलाकी स ओका गिरफतार कइ लेइँ अउर जान स मारि डावइँ। 2 उ सबइ इ कहत रहेन, “मुला हम पचेन क त्यौहार क दिन अइसा नाहीं करइ चाही, नाहीं तउ मनइयन दंगा कइ लेइहीं।”
ईसू प इतर क उड़ेलब
(मत्ती 26:6-13; यूहन्ना 12:1-8)
3 जब ईसू बैतनिय्याह मँ समौन कोढ़ी क घरे खाना खाइके बइठा, तबहिं एक ठु स्त्री उज्जर अउर चीकन स्फटिक मनि क बासन मँ सुद्ध बाल छड़े क इतर लइ आइ। उ स्त्री बासने को तोड़ेस अउर ओसे निकसत इतरे क ईसू क मुँड़वा प उड़ेरेस।
4 ऍसे हुवाँ कछू चेलन बिगड़ के आपुस मँ कहइ लागेन, “इतरे क अइसी बर्बाद काहे कीन्ह गइ अहइ? 5 इ इतर तउ तीन सउ दीनारे स जिआदा मँ बेंच जाइ सकत ह अउर फिन उ धने क कंगालन मँ बाँटि जाइ सकत रहा।” उ पचे उ स्त्री क निन्दा करेन।
6 तब ईसू कहेस, “काहे क ओका तंग करत ह? ओका छोड़ा। उ मोर बरे एक बढ़िया काज करेस ह। 7 काहेकि कंगालन तू हमेसा तोहरे लगे रइहीं अउर तउ तू जब चाहा ओनकइ मदद कइ सकत ह, मुला मइँ तोहरे साथे हमेसा न रहिउँ। 8 इ स्त्री उहइ किहस जउन उ कइ सकत रही। उ समइ स पहिले मोरे दफनावइ बरे, मोरे बदन पइ इतर छिरकि के ओका तइयार किहेस ह। 9 मइँ तोसे सच-सच कहत हउँ समूचे संसारे मँ जहाँ कहूँ भी इ सुसमाचार क परचार कीन्ह जाई, हुवँई ऍकरे यादे मँ जउन कछू इ स्त्री करेस ह, ओकर चर्चा होई।”
यहूदा क सौदा
(मत्ती 26:14-16; लूका 22:3-6)
10 तब यहूदा इस्करियोती, जउन ऍकरे बारहु प्रेरितन मँ एक ठु रहा, मुख्ययाजकन क नगिचे ईसू क धोखा दइ के पकड़वावइ बरे गवा। 11 उ पचे ओकर बतियन सुनिके बहोत खुस भएन अउर उ पचे ओका धन देइ क वादा करेन। एह बरे फिन यहूदा ईसू क
धोखा दइ क पकड़वाव क तलास मँ रहइ लाग।
फसह भोज
(मत्ती 26:17-25; लूका 22:7-14,21-23; यूहन्ना 13:21-30)
12 बे खमीरे क रोटी क त्यौहार स एक दिन पहिले, जब फसह मेमना क बलिदान दीन्ह जात रही। ओकरे चेलन ओसे पूछेन, “तू का चाहत बाट्या कि हम पचे कहाँ जाइके तोहरे खइया बरे फसह क भोज तैयारी करी?”
13 तब उ आपन दुइ ठो चेलन क इ कहिके पठएस, “सहर मँ जा, जहाँ तोहका एक ठु मनई पानी क गगरी धरे भेंटइ, तउ ओकरे पाछे होइ जा। 14 फिन जहाँ कहूँ भी उ भीतर जाइ, उ घरे क मालिक स कह्या, ‘गुरु पूछेस ह, भोजन क उ बैठका कहाँ बाटइ, जहाँ मइँ आपन चेलन क संग फसह क भोज खाइ सकउँ।’ 15 फिन उ तोहका ऊपर एक बड़का सजा भवा बैठका देखाई, हुवँइ हमरे बरे तैयारी करा।”
16 तब ओकर चेलन हुवाँ स सहर क चेलन जहाँ उ पचे हर बात वइसी निहारेन जइसी ईसू ओनका बताएस। तबहिं उ पचे फसह क भोज तैयार करेन।
17 दिन ओनवत क आपन बारहु प्रेरितन क संग ईसू हुवाँ पहुँच गवा। 18 जब उ पचे बइठके खइया के खात रहेन, तबहिं ईसू कहेस, “मइँ सच कहत हउँ, तोहरे मँ स एक ठु जउन मोरे संग खइया क खात अहइ, उहइ मोका धोका दइके पकड़वाई।”
19 ऍसे उ पचे दुखी होइ के एक दुसरे स कहइ लागेन, “सचमुच उ मइँ नाहीं हउँ।”
20 तब ईसू ओनसे कहेस, “उ बारहु मँ स उहइ एक बाटइ, जउन मोरे संग एकहि थारी मँ खात अहइ। 21 मनई क पूत क तउ जाइ क अहइ, जइसा कि ओकरे बारे मँ लिखा बाटइ। मुला उ मनई क धिक्कार अहइ, जउन स मनई क पूत पकड़वावइ जाइ केतना नीक इ होत कि उ मनई पइदा न भवा होत।”
पर्भू क भोज
(मत्ती 26:26-30; लूका 22:15-20; 1 कुरिन्थि. 11:23-25)
22 जब उ पचे खइया क खात रहेन, ईसू रोटी लिहस, धन्यबाद दिहस, रोटी क तोड़ेस अउर ओका उ पचन्क देत देत कहेस, “ल्या, इ मोर बदन अहइ।”
23 फिन उ कटोरा क उठाएस, धन्यबाद दिहस अउर ओनका दिहस अउर उ सबन ओहमाँ स पियेन। 24 तबहिं ईसू बोल पड़ा, “इ मोर लहू (मउत) बाटइ जउन एक नवा करार क सुरुआत अहइ यह बहुतन क बरे बहावा जात अहइ। 25 मइँ तू पचन स सच सच कहत हउँ कि मइँ उ दिना तक दाखरस पिअब जब तलक परमेस्सर क राज्य मँ नवा दाखरस न पिअउँ।”
26 तबहिं उ सब एक स्तुति गाना गाइके जैतून क पर्वत प गएन।
ईसू क सब चेलन ओका तजि देइहीं
(मत्ती 26:31-35; लूका 22:31-34; यूहन्ना 13:36-38)
27 ईसू ओनसे कहेस, “तोहार पचे क बिसवास खोइ जाइ। काहेकि लिखा बाटई:
‘मई गड़रियवा क मारब
अउ भेड़न छिटकाइ जइहीं।’ (A)
28 मुला फिन स जी उठे क पाछे मइँ तोसे पहिले ही गलील चला जाब।”
29 जब पतरस बोलि उठा, “चाहे सब मिला आपन बिसवास खोइ दें, मुला मइँ न खोउब।”
30 एह पइ ईसू ओसे कहेस, “मइँ तोसे सच कहत हउँ। आजु, इहइ राते मँ मुर्गा क दुइ बार बाँग देइ स पहिले तू तीन दाई मोका नकार चुका होब्या।”
31 एह पइ पतरस अउर जोर देत भवा कहेस, “जदि मोका तोर संग मरइ पड़इ तबहुँ मइँ तोहका कबहुँ न नकारब!” तबहिं अउ बाकी चेलन भी अइसा ही कहेन।
ईसू क एकांत मँ पराथना
(मत्ती 26:36-46; लूका 22:39-46)
32 फिन उ पचे एक अइसे ठउरे प आएन जेका गतसमनी कहा जात हरा। हुवाँ ईसू आपन चेलन स कहेस, “जब तलक मइँ पराथना करत हउँ, तू पचे हियँइ बइठा।” 33 अउर पतरस, याकूब अउर यूहन्ना क उ आपन संग लइ गवा। उ बहोतइ दुःखी अउर बियाकुल होत रहा। 34 उ ओनसे कहेस, “मोर मन दुःखी बाटइ, जेसे मोर प्रान निकरि जइहीं। तू हियँई ठहरा अउर होसिआर रहा।”
35 फिन रचिके अगवा बढ़ि के उ धरती प निहुरि के पराथना करइ लाग कि जदि होइ सकइ तउ घड़ी मोसे टरि जाइ। 36 फिन उ कहेस, “हे अब्बा परमपिता! तोहरे बरे सब कछू संभव अहइ। इ कटोरा क मोसे दूर करा। फिन जउन कछू मइँ चाहत हउँ, उ नाहीं मुला जउन तू चाहत ह, उहइ करा।”
37 फिन उ लौटा तउ आपन चेलन क सोवत भवा निहारि के पतरस स कहेस, “समौन क तू सोवत अहा? का तू एक घड़ी भी जाग नाहीं सक्या? 38 जागत रहा अउर पराथना करा जेसे तू कउनो परिच्छा मँ न फँसा। आतिमा तउ चाहत ह मुला सरीर निर्बल अहइ।”
39 उ फिन चला गवा अउर वइसे ही बचन बोलत बोलत उ पराथना किहेस। 40 जब उ दुबारा लौटा तउ उ फिन ओका सोवत पाएस। ओकरी आँखिन मँ नींद चाँपे रही। ओका कछू सूझत नाहीं रहा कि उ का जवाब देइ।
41 उ तिसरी दाई फिन लौटा अउर ओसे बोला, “का तू अबहुँ अरामे स सोवत अहा? अच्छा, तउ सोवत रहा। उ घड़ी आइ गइ अहइ जब मनई क पूत धोखा स पकड़वाइ जाइ के पापी मनइयन क हथवा मँ दइ दीन्ह जात अहइ। 42 खड़ा होइ जा! आवा चली। देखा, इ आवत अहइ, मोका धोखा दइ के पकड़वइया मनई।”
ईसू क गिरपतार कीन्ह जाब
(मत्ती 26:47-56; लूका 22:47-53; यूहन्ना 18:3-12)
43 ईसू बोलत रहा कि ओकरे बारहु प्रेरितन मँ स एक यहूदा हुवाँ दिखाइ दिहस। ओकरे लगे लठियन अउर तरवारन क लिहे भीड़ रही, जेका मुख्ययाजकन, धरम सास्तिरियन अउर बुजुर्ग यहूदी नेतन पठएन रहेन।
44 धोखा दइ के पकड़वइया ओनका ई इसारा बताइ के राखे रहा, “जेका मइँ चूम लेउँ, उहइ उ अहइ। ओका हिरासत मँ लइ ल्या अउर पकड़ि के सुरच्छित स लइ जा।” 45 तउ जइसे ही यहूदा हुआँ आवा, उ ईसू क नगिचे जाइ के कहेस, “गुरु!” अउर ओका चूमि लिहेस। 46 फिन तुरंतहि उ पचे ओकर हाथ पकड़िके हिरासते मँ लइ लिहन। 47 ओकर चेला जउन नगिचे खड़ा रहा, आपन तरवार खींचेस अउर महायाजक क एक ठु नउकरे प मारि दिहस, जेसे ओकर कान कट गवा।
48 फिन ईसू ओनसे कहेस, “का मइँ कउनो अपराधी हउँ जेका पकड़इ तू सबइ लाठी अउर तरवार लइके आइ अहा? 49 रोज मन्दिर मँ उपदेस देत मइँ तोहरे साथे रहा मुला तू पचे मोका नाहीं पकड़या। अब इ भवा जेसे सास्तरन क बचन पूरा होइ जाइ।” 50 फिन ओकर सब चेलन ओका अकेला तजि के पराइ गएन।
51 आपन उघार देहे प केवल चदरिया लपेटि के एक ठु नउजवान पाछे पाछे आवत रहा। उ पचे ओका पकड़इ चाहेन। 52 मुला उ आपन चदरिया छोड़ि क नंगा पराइ गवा।
ईसू क पेसी
(मत्ती 26:57-68; लूका 22:54-55,63-71; यूहन्ना 18:13-14,19-24)
53 उ सबइ ईसू क महायाजक क नगिचे लइ गएन। फिन सबइ मुख्ययाजकन, बुजुर्ग यहूदी नेतन अउर धरम सास्तिरियन जमा भएन। 54 पतरस ओसे दूरइ दूर रहत भवा ओकरे पाछे पाछे महायाजक क अंगना मँ भीतर तलक चला गवा अउर हुवाँ क पहरेदारन क साथ बइठके आगी तापइ लाग।
55 समूची यहूदी महासभा अउर मुख्ययाजकन ईसू क मउत की सजा देइ बरे ओकरे खिलाफत मँ प्रमान खोजइ क जतन करत रहेन मुला ढूँढ नाहीं पाएन। 56 बहोतन ओकरे खिलाफत मँ झूठी साच्छी दिहन, मुला उ सबइ साच्छी आपुस मँ एक दूसर क खिलाफ रहीं।
57 फिन कछू लोग खड़े भएन अउर ओकरे खिलाफ मँ झूठी साच्छी देत भए कहइ लागेन, 58 “हम पचे ऍका इ कहत सुनेन ह, ‘मनइयन क हथवा स बना भवा इ मन्दिर क मइँ ढहाइ देइहउँ अउर फिन तीन दिना क भीतर दूसर बनाइ देइहउँ, जउन हाथन स बना न होइ।’” 59 लेकिन इन सबन मँ ओ पचेन क साच्छियन एक नाई नाहीं रही।
60 तब ओनके समन्वा महायाजक ठाड़ होइके ईसू स पूछेस, “इ सब लोग, तोहरे खिलाफत मँ इ कउन साच्छियन देत बाटेन? का जवाबे मँ तोहका कछू नाहीं कहइके?” 61 यह पइ ईसू चुप्पी साधेस। उ कउनो जबाव नाहीं दिहस।
महायाजक फिन ओसे पूछेस, “का तू धन्य (परमेस्सर) का पूत मसीह अहा?”
62 ईसू बोला, “हाँ, मइँ परमेस्सर क पूत हउँ। अउर तू सब मनई क पूत क उ सर्वसक्तिमान क दाई ठाउँ बइठा अउर सरगे क बदरवन मँ आवत देखब्या।”
63 महायाजक आपन ओढ़ना क फाड़त भवा कहेस, “हमका अउ साच्छियन क अब का जरूरत अहइ! 64 तू इ सब बेज्जत बातन क कहत सुन्या, अब तोहार का विचार अहइ?”
उ सबइ ओका अपराधी ठहराइके कहेन, “ऍका मउत क सजा मिलइ चाही।” 65 तब कछू मिला ओह पइ थूकत मुँहना क ढकत, घूँसा मारत अउर कछू ओकर हँसी दिल्लगी करत कहइ लागेन, “भविस्सबाणी करा!” अउ फिर पहरेदरवन ओका पीटेन।
पतरस डेरान कि उ ईसू क जानत ह
(मत्ती 26:69-75; लूका 22:56-62; यूहन्ना 18:15-18,25-27)
66 पतरस अबहीं नीचे अँगने मँ बइठा रहा कि महायाजक क एक ठु नउकरानी आइ। 67 जबहिं उ पतरस क आगी तापत देखेस तउ बड़े धियान स बोली, “तुहउँ तउ ईसू नासरी क संग रह्या।”
68 मुला पतरस मुकरि गवा अउर कहइ लाग, “मइँ नाहीं जानित या मोरी समझ मँ नहीं आवत अहइ कि तू का कहति अहा।” इ कहत उ ड्योढ़ी तक चला गवा। तबहिं मुर्गा बाँग दिहस।[c]
69 उ नउकरानी जब ओका दोबॉरा देखेस तउ हुवाँ खड़े मनइयन स फिन कहइ लाग, “इ मनई भी ओनमाँ स एक अहइ।” 70 पतरस फिन मुकर गवा, अउ फिन थोड़ी देर मँ उहाँ खडेन्ह लोगन्ह पतरस स कहेन, “निस्चय ही तू ओनमे स एक अहा, काहेकि तोहू गलील का अहा।”
71 तब पतरस आपन क धिक्कारइ अउर सपथ खाइ लाग। “जेकरे बारे मँ तू बात करत अहा, उ मनई क मइँ नाहीं जानित!”
72 फउरन मुर्गा दूसर बाँग दिहस। पतरस क उहइ समइया उ सब्दन याद होइ आएन जउन ओहमाँ स ईसू कहे रहा, “एसे पहिले कि मुर्गा दुइ दाई बाँग देइ, तू मोका तीन दाई नकरब्या।” तब पतरस जइसे टूटि गवा होइ। वह फूट फूट कइ रोवइ लाग।
ईसू क पिलातूस क समन्वा पेसी
(मत्ती 27:1-2,11-14; लूका 23:1-5; यूहन्ना 18:28-38)
15 जइसे ही भिंसार भवा, मुख्ययाजकन, धरम सास्तिरियन, बुजुर्ग यहूदी नेतन अउर समूची यहूदी महासभा एक ठु खाका बनाएन। उ पचे ईसू क बाँधिके लइ गएन अउर ओका पिलातुस क सौंप दिहेन।
2 पिलातुस ओसे पूछेस, “का तू यहूदियन क राजा अहा?”
ईसू जबाव दिहेस, “अइसा ही अहइ। तू खुदइ कहत अहा।”
3 फिन मुख्ययाजकन ओह पइ बहोत स दोख मढ़ेस। 4 पिलातुस ओसे फिन पूछेस, “का तोहका जबाव नाहीं देइ क अहइ? देखा, उ पचे केतॅनी बातन क दोख तोह पइ लगावत अहइँ।”
5 मुला ईसू अबहुँ कउनो जबाव नाहीं दिहस। एह पइ पिलातुस क बहोतइ अचरज भवा।
पिलातुस ईसू क छोड़ देइ मँ सफल नाहीं भवा
(मत्ती 27:15-31; लूका 23:13-25; यूहन्ना 18:39–19:16)
6 फसह क त्यौहार क मउके प पिलातुस कउनो एक बंदी क जेका मनइयन चाहत रहेन, ओनका छोड़ देत रहा। 7 बरअब्बा नाउँ क एक बन्दी उ विद्रोह करवइयन क संग जेले मँ रहा जउन दंगा मँ कतल करेन।
8 मनइयन आएन अउर पिलातुस स कहइ लागेन कि उ जइसा हमेसा स करत आइ ह, वइसा ही करा। 9 पिलातुस ओनसे पूछेस, “का तू पचे चाहत बाट्या कि मइँ तोहरे बरे यहूदियन क राजा क अजाद कइ देउँ?” 10 पिलातुस इ एह बरे कहेस कि उ जानत ह कि मुख्ययाजकन जलन क कारण ओका पकड़वाएन ह। 11 मुला मुख्ययाजकन भीड़े क हुसकाएन कि उ ओकरे बजाय ओनके बरे बरअब्बा क छोड़ि देइ।
12 मुला पिलातुस ओनसे फिन पूछेस, “जेका तू यहूदियन क राजा कहत बाट्या ओकर मइँ का करउँ बतावा तू का चाहत बाट्या?”
13 जबावे मँ उ पचे चिल्लानन, “ओका क्रूस प चढ़ावा!”
14 जब पिलातुस ओसे पूछेस, “काहे, उ कउन अइसा अपराध किहेस ह?”
मुला उ पचे अउर जोर स चिचिआइके कहेन, “ओका क्रूस प चढ़ावा।”
15 पिलातुस भीड़ क खुस करइ चाहत रहा, एह बरे उ ओनका बरे बरअब्बा क छोड़ेस अउर ईसू क कोड़वा स पिटवाइ क क्रूस पर चढ़ावइ के सौप दिहस।
16 फिन सिपाही ओका रोम क राजपाल क निवास मँ लइ गएन। उ पचे सिपाही क पूरी पलटन बोलॉइ लिहन। 17 फिन उ सबइ ईसू क बैगनी रंगे क ओढ़ना पहिराएन अरु काँटन क ताज बनाइ के ओकरे मुँड़वा प धरेन। 18 फिन ओका सलामी देइ लागेन, “यहूदियन क राजा क सुआगत अहइ।” 19 उ सबइ ओकरे मुँड़वा प नरकटे स मारत जात रहेन। उ पचे ओह पइ थूकत जात रहेन अउर घुटनवन प निहुरिके ओकरे अगवा दण्डवत करत रहेन। 20 इ तरह जब उ सबइ ओकर मसखरी उड़ाइ चुकेन तउ उ सबइ बैगनी ओढ़ना उतारेन अउर ओका आपन ओढ़ना पहिराइ दिहन अउर फिन ओका क्रूस प चढ़ावइ बरे, बाहेर लइ आएन।
ईसू क क्रूस पर चढ़ाउब जाब
(मत्ती 27:32-44; लूका 23:26-39; यूहन्ना 19:17-19)
21 उ पचेन क कुरेनी क रहवइया समौन नाउँ क एक मनई, राहे मँ भेंटेस। उ गाउँ स आवत रहा। उ सिकन्दर अउर रूफुस क बाप रहा। सिपहियन ओह पइ दबाव डारेन कि ईसू क क्रूस उठाइ क चलइँ। 22 फिन उ पचे ईसू क गुलगुता नाउँ क ठाउँ प लइ गएन (जेकर अरथ अहइ “खोपड़ी ठाउँ।”) 23 फिन उ पचे ओका लोहबान नाइ के दाखरस पिअइ क दिहेन। मुला उ ओका नाहीं लिहेस। 24 फिन ओका क्रूसे पइ चढ़ाइ दीन्ह गवा। ओकर ओढ़ना उ पचे बाँटि लिहेन अउर इ देखइ क बरे कि कउनो का लेइ, उ पचे पासा फेंकेन।
25 दिना क नउ बजेन, जब उ पचे ओका क्रूस प चढ़ाएन। 26 ओकरे खिलाफ एक लिखा भवा मुकदमा क पत्तर ओह पइ लगावा रहा, “यहूदियन क राजा।” 27 ओकरे संग दुइ ठु डाकू भी क्रूस प चढ़ाइ गएन। एक ठु ओकरे दाई अउर दूसर वाईं कइँती। 28 [d]
29 ओकरे लगे स निकरि के जात मनइयन ओका निन्दा करत रहेन। आपन मूँड़ी झमकाइ झमकाइ के उ पचे कहत रहेन, “अरे वाह। तू उहइ अहइ जउन मंदिर क ढहाइ के तीन दिना मँ फिन बनावइवाला रहा। 30 अब क्रूस स तरखाले आइके अउर खुदइ आपन क तउ बचाव।”
31 इ तरह मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन भी ईसू क मसखरी उड़ाएन। उ पचे आपुस मँ कहइ लागेन, “इ अउरन क बचावत अहइ, मुला खुद आपन क नाहीं बचाइ सकत। 32 अब इ मसीह अउर इस्राएल क राजा क क्रूस प स तरखाले उतरइ दे जेसे हम पचे इ देखि के ओहमाँ बिसवास करि सकी।” अउर उ दुइनउँ भी, जउन ओकरे साथ क्रसे प चढ़ाइ गवा रहेन, ओकर बेज्जती करेन।
ईसू क मउत
(मत्ती 27:45-56; लूका 23:44-49; यूहन्ना 19:28-30)
33 फिन समूची धरती पइ दुपहरे तक अँधियार छावा रहा। इ अँधियारा दोपहर तीन बजे तक रहा। 34 दिना क तीन बजे ईसू ऊँची आवाज मँ चिल्लाइके कहेस, “इलोई, इलोई, लमा सबकतनी!” अरथ अहइ “मोरे परमेस्सर, मोरे परमेस्सर, तू मोका काहे बिसारि दिहा?” (B)
35 जउन नगिचे ठाड़ रहेन, ओनमाँ स कछू जब इ सुनेन तउ उ पचे बोलेन, “सुना इ एलिय्याह क पुकारत अहइ।”
36 तब एक मनई दौड़ि के सिरका मँ बोरि के एक ठु मोटा कपरा क भीजि के डंडा प धइ के ईसू क पिअइ बरे दिहस अउ कहेस, “ठहरि जा, हम पचे निहारत अही कि ऍका नीचे उतारइ क बरे एलिय्याह आवत ह कि नाहीं।”
37 फिन ईसू ऊँची आवाज मँ चिल्लाइके प्राण तजि दिहस।
38 तबहिं मंदिर क पट ऊपरि स तरखाले तक फाटिके दुइ टुकरन मँ बँटि गवा। 39 सेना क एक ठु अधिकारी जउन ईसू क समन्वा ठाड़ रहा, ओका प्रान तजत देखेस। उ कहेस, “इ मनई असल मँ परमेस्सर क पूत रहा।”
40 कछू स्त्रियन हुवाँ दूर ते ठाड़े भइ निहारत रहीं, जेहमाँ मरियम मगदलीनी, छोटका याकूब अउर योसेस क महतारी मरियम अउर सलोमि रही। 41 जब ईसू गलील मँ रहा तउ इ स्त्रियन ओकर चेलन रहीं जउन ओकर सेवा करत रही। हुवाँ अउर भी बहोत स स्त्रियन रहीं जउन ओकरे साथ यरूसलेम तक आइ रहीं।
ईसू क दफनाइ जाब
(मत्ती 27:57-61; लूका 23:50-56; यूहन्ना 19:38-42)
42 सांझ होइ गइ अउर सबित क पहिले क, उ तैयारी क दिन रहा। 43 एह बरे अरिमतिया क यूसुफ आइ। उ यहूदी महासभा क सम्मानित सदस्य रहा अउर परमेस्सर क राज्य आवइ क बाट जोहत रहा। हिम्मत क साथ उ पिलातुस क नगिचे गवा अउर ओसे ईसू क सरीर माँगेस।
44 पिलातुस क भारी अचरज भवा कि उ ऍतनी हाली कइसे मरि गवा। उ सेना क अधिकारी क बोलाएस अउर ओसे पूछेस, का ओका मरे भए ढेर देर होइ ग अहइ? 45 फिन जब उ सेना क अधिकारी स बयान सुनि लिहस तउ यूसुफ क सरीर दइ दिहस।
46 फिन यूसुफ सने मलमल क थोड़ स कपरा बेसहेस, ईसू क क्रूस स तरखाले उतारेस, ओकरे सरीरे क कपरा मँ लपेटेस अउर ओका कब्र मँ रख दिहेस जेका चट्टाने क काटि क बनावा गवा रहा। अउर फिन कब्रे क मुँहे प एक बड़वार पाथर ढकेलिके टिकइ दिहेस। 47 मरियम मगदलीनी अउर योसेस क महतारी निहारत रहीं कि ईसू क कहाँ रखा ग अहइ।
ईसू क पिलातूस क समन्वा पेसी
(मत्ती 27:1-2,11-14; लूका 23:1-5; यूहन्ना 18:28-38)
15 जइसे ही भिंसार भवा, मुख्ययाजकन, धरम सास्तिरियन, बुजुर्ग यहूदी नेतन अउर समूची यहूदी महासभा एक ठु खाका बनाएन। उ पचे ईसू क बाँधिके लइ गएन अउर ओका पिलातुस क सौंप दिहेन।
2 पिलातुस ओसे पूछेस, “का तू यहूदियन क राजा अहा?”
ईसू जबाव दिहेस, “अइसा ही अहइ। तू खुदइ कहत अहा।”
3 फिन मुख्ययाजकन ओह पइ बहोत स दोख मढ़ेस। 4 पिलातुस ओसे फिन पूछेस, “का तोहका जबाव नाहीं देइ क अहइ? देखा, उ पचे केतॅनी बातन क दोख तोह पइ लगावत अहइँ।”
5 मुला ईसू अबहुँ कउनो जबाव नाहीं दिहस। एह पइ पिलातुस क बहोतइ अचरज भवा।
पिलातुस ईसू क छोड़ देइ मँ सफल नाहीं भवा
(मत्ती 27:15-31; लूका 23:13-25; यूहन्ना 18:39–19:16)
6 फसह क त्यौहार क मउके प पिलातुस कउनो एक बंदी क जेका मनइयन चाहत रहेन, ओनका छोड़ देत रहा। 7 बरअब्बा नाउँ क एक बन्दी उ विद्रोह करवइयन क संग जेले मँ रहा जउन दंगा मँ कतल करेन।
8 मनइयन आएन अउर पिलातुस स कहइ लागेन कि उ जइसा हमेसा स करत आइ ह, वइसा ही करा। 9 पिलातुस ओनसे पूछेस, “का तू पचे चाहत बाट्या कि मइँ तोहरे बरे यहूदियन क राजा क अजाद कइ देउँ?” 10 पिलातुस इ एह बरे कहेस कि उ जानत ह कि मुख्ययाजकन जलन क कारण ओका पकड़वाएन ह। 11 मुला मुख्ययाजकन भीड़े क हुसकाएन कि उ ओकरे बजाय ओनके बरे बरअब्बा क छोड़ि देइ।
12 मुला पिलातुस ओनसे फिन पूछेस, “जेका तू यहूदियन क राजा कहत बाट्या ओकर मइँ का करउँ बतावा तू का चाहत बाट्या?”
13 जबावे मँ उ पचे चिल्लानन, “ओका क्रूस प चढ़ावा!”
14 जब पिलातुस ओसे पूछेस, “काहे, उ कउन अइसा अपराध किहेस ह?”
मुला उ पचे अउर जोर स चिचिआइके कहेन, “ओका क्रूस प चढ़ावा।”
15 पिलातुस भीड़ क खुस करइ चाहत रहा, एह बरे उ ओनका बरे बरअब्बा क छोड़ेस अउर ईसू क कोड़वा स पिटवाइ क क्रूस पर चढ़ावइ के सौप दिहस।
16 फिन सिपाही ओका रोम क राजपाल क निवास मँ लइ गएन। उ पचे सिपाही क पूरी पलटन बोलॉइ लिहन। 17 फिन उ सबइ ईसू क बैगनी रंगे क ओढ़ना पहिराएन अरु काँटन क ताज बनाइ के ओकरे मुँड़वा प धरेन। 18 फिन ओका सलामी देइ लागेन, “यहूदियन क राजा क सुआगत अहइ।” 19 उ सबइ ओकरे मुँड़वा प नरकटे स मारत जात रहेन। उ पचे ओह पइ थूकत जात रहेन अउर घुटनवन प निहुरिके ओकरे अगवा दण्डवत करत रहेन। 20 इ तरह जब उ सबइ ओकर मसखरी उड़ाइ चुकेन तउ उ सबइ बैगनी ओढ़ना उतारेन अउर ओका आपन ओढ़ना पहिराइ दिहन अउर फिन ओका क्रूस प चढ़ावइ बरे, बाहेर लइ आएन।
ईसू क क्रूस पर चढ़ाउब जाब
(मत्ती 27:32-44; लूका 23:26-39; यूहन्ना 19:17-19)
21 उ पचेन क कुरेनी क रहवइया समौन नाउँ क एक मनई, राहे मँ भेंटेस। उ गाउँ स आवत रहा। उ सिकन्दर अउर रूफुस क बाप रहा। सिपहियन ओह पइ दबाव डारेन कि ईसू क क्रूस उठाइ क चलइँ। 22 फिन उ पचे ईसू क गुलगुता नाउँ क ठाउँ प लइ गएन (जेकर अरथ अहइ “खोपड़ी ठाउँ।”) 23 फिन उ पचे ओका लोहबान नाइ के दाखरस पिअइ क दिहेन। मुला उ ओका नाहीं लिहेस। 24 फिन ओका क्रूसे पइ चढ़ाइ दीन्ह गवा। ओकर ओढ़ना उ पचे बाँटि लिहेन अउर इ देखइ क बरे कि कउनो का लेइ, उ पचे पासा फेंकेन।
25 दिना क नउ बजेन, जब उ पचे ओका क्रूस प चढ़ाएन। 26 ओकरे खिलाफ एक लिखा भवा मुकदमा क पत्तर ओह पइ लगावा रहा, “यहूदियन क राजा।” 27 ओकरे संग दुइ ठु डाकू भी क्रूस प चढ़ाइ गएन। एक ठु ओकरे दाई अउर दूसर वाईं कइँती। 28 [a]
29 ओकरे लगे स निकरि के जात मनइयन ओका निन्दा करत रहेन। आपन मूँड़ी झमकाइ झमकाइ के उ पचे कहत रहेन, “अरे वाह। तू उहइ अहइ जउन मंदिर क ढहाइ के तीन दिना मँ फिन बनावइवाला रहा। 30 अब क्रूस स तरखाले आइके अउर खुदइ आपन क तउ बचाव।”
31 इ तरह मुख्ययाजकन अउर धरम सास्तिरियन भी ईसू क मसखरी उड़ाएन। उ पचे आपुस मँ कहइ लागेन, “इ अउरन क बचावत अहइ, मुला खुद आपन क नाहीं बचाइ सकत। 32 अब इ मसीह अउर इस्राएल क राजा क क्रूस प स तरखाले उतरइ दे जेसे हम पचे इ देखि के ओहमाँ बिसवास करि सकी।” अउर उ दुइनउँ भी, जउन ओकरे साथ क्रसे प चढ़ाइ गवा रहेन, ओकर बेज्जती करेन।
ईसू क मउत
(मत्ती 27:45-56; लूका 23:44-49; यूहन्ना 19:28-30)
33 फिन समूची धरती पइ दुपहरे तक अँधियार छावा रहा। इ अँधियारा दोपहर तीन बजे तक रहा। 34 दिना क तीन बजे ईसू ऊँची आवाज मँ चिल्लाइके कहेस, “इलोई, इलोई, लमा सबकतनी!” अरथ अहइ “मोरे परमेस्सर, मोरे परमेस्सर, तू मोका काहे बिसारि दिहा?” (A)
35 जउन नगिचे ठाड़ रहेन, ओनमाँ स कछू जब इ सुनेन तउ उ पचे बोलेन, “सुना इ एलिय्याह क पुकारत अहइ।”
36 तब एक मनई दौड़ि के सिरका मँ बोरि के एक ठु मोटा कपरा क भीजि के डंडा प धइ के ईसू क पिअइ बरे दिहस अउ कहेस, “ठहरि जा, हम पचे निहारत अही कि ऍका नीचे उतारइ क बरे एलिय्याह आवत ह कि नाहीं।”
37 फिन ईसू ऊँची आवाज मँ चिल्लाइके प्राण तजि दिहस।
38 तबहिं मंदिर क पट ऊपरि स तरखाले तक फाटिके दुइ टुकरन मँ बँटि गवा। 39 सेना क एक ठु अधिकारी जउन ईसू क समन्वा ठाड़ रहा, ओका प्रान तजत देखेस। उ कहेस, “इ मनई असल मँ परमेस्सर क पूत रहा।”
40 कछू स्त्रियन हुवाँ दूर ते ठाड़े भइ निहारत रहीं, जेहमाँ मरियम मगदलीनी, छोटका याकूब अउर योसेस क महतारी मरियम अउर सलोमि रही। 41 जब ईसू गलील मँ रहा तउ इ स्त्रियन ओकर चेलन रहीं जउन ओकर सेवा करत रही। हुवाँ अउर भी बहोत स स्त्रियन रहीं जउन ओकरे साथ यरूसलेम तक आइ रहीं।
ईसू क दफनाइ जाब
(मत्ती 27:57-61; लूका 23:50-56; यूहन्ना 19:38-42)
42 सांझ होइ गइ अउर सबित क पहिले क, उ तैयारी क दिन रहा। 43 एह बरे अरिमतिया क यूसुफ आइ। उ यहूदी महासभा क सम्मानित सदस्य रहा अउर परमेस्सर क राज्य आवइ क बाट जोहत रहा। हिम्मत क साथ उ पिलातुस क नगिचे गवा अउर ओसे ईसू क सरीर माँगेस।
44 पिलातुस क भारी अचरज भवा कि उ ऍतनी हाली कइसे मरि गवा। उ सेना क अधिकारी क बोलाएस अउर ओसे पूछेस, का ओका मरे भए ढेर देर होइ ग अहइ? 45 फिन जब उ सेना क अधिकारी स बयान सुनि लिहस तउ यूसुफ क सरीर दइ दिहस।
46 फिन यूसुफ सने मलमल क थोड़ स कपरा बेसहेस, ईसू क क्रूस स तरखाले उतारेस, ओकरे सरीरे क कपरा मँ लपेटेस अउर ओका कब्र मँ रख दिहेस जेका चट्टाने क काटि क बनावा गवा रहा। अउर फिन कब्रे क मुँहे प एक बड़वार पाथर ढकेलिके टिकइ दिहेस। 47 मरियम मगदलीनी अउर योसेस क महतारी निहारत रहीं कि ईसू क कहाँ रखा ग अहइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.