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प्रभात क हरिणी नाउँ क राग पइ संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु भजन।

हे मोरे परमेस्सर, हे मोरे परमेस्सर, तू मोका काहे तजि दिहा ह?
    मोका बचावइ बरे तू काहे बहोतइ दूर अहा?
    मोर मदद क पुकार क सुनइ बरे तू बहोतइ दूर अहा।

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