Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा क धन्यवाद करा, ओकरे नाउँ क पुकारा।
रास्ट्रन क ओकरे अदभुत कारजन क बारे मँ बतावा।
2 यहोवा बरे तू गावा, तू ओकर बड़कई क गीत गावा।
ओन सबहिं अचरज स भरी बातन कर वर्णन करा जेनका उ करत ह।
3 यहोवा क पवित्तर नाउँ पइ गर्व करा।
ओ सबहिं लोगो जउन यहोवा क उपासक अहा, तू पचे खुस होइ जा।
4 सामरथ पावइ क तू यहोवा क लगे जा।
सहारा पावइ क तू ओकरे लगे जा।
5 ओन अद्भुत बातन क सुमिरा जेनका यहोवा करत ह।
ओकरे अचरज कर्म अउर ओकर विवेक स भरा फइसला क याद राखा।
6 तू परमेस्सर क सेवक इब्राहीम क संतान अहा।
तू याकूब क संतान अहा, उ मनई जेका परमेस्सर चुने रहा।
16 परमेस्सर उ देस मँ अकाल पठएस।
अउर लोगन क लगे खाइ क खूब भोजन नाहीं रहा।
17 मुला यहोवा एक मनई क ओनके लगे जेकर नाउँ यूसुफ रहा, ओनका अगवा मिस्र तलक पठएस।
यूसुफ क एक ठु दास क नाई बेचा ग रहा।
18 उ पचे यूसुफ क गोड़ मँ जंजीर डालेन, अउर उ ओका विनम्र बनाएस।
उ पचे ओकरी गटइ मँ एक लोहे क कड़ा डाइ दिहन।
19 यूसुफ क कैद मँ रखा गवा रहा जब तलक उ पचे बातन जउन उ कहे रहा फुरइ घटि नाहीं गइन।
यहोवा सुसन्देस स प्रमाणित कइ दिहस कि यूसुफ नीक रहा।
20 मिस्र क राजा, आग्या दिहन कि यूसुफ क बंधनन स अजाद कइ दीन्ह जाइ।
उ रास्ट्र क एक नेता ओका कैद स आजाद कइ दिहस।
21 यूसुफ क आपन घर बार क अधिकारी बनाइ दिहन।
यूसुफ राज्ज मँ हर बात क धियान रखइ लाग।
22 यूसुफ आपन राजकुमार क वइसा ही निर्देस देत रहा जइसा उ चाहेन।
यूसुफ राजा क सलाहकारन क सिच्छा दिहे रहा।
45 परमेस्सर अइसा एह बरे किहस ताकि लोग ओकर व्यवस्था मानइँ।
परमेस्सर अइसा एह बरे किहस ताकि उ पचे ओकरी सिच्छा पइ चलइँ।
यहोवा क गुण गावा।
5 एक दाईं यूसुफ एक खास सपन लखेस। पाछे यूसुफ आपन इ सपना क बारे मँ आपन भाइयन क बताएस। एकरे पाछे ओकरे भाई पहिले स भी जियादा ओसे घिना करइ लागेन।
6 यूसुफ कहेस, “मइँ एक सपना देखेउँ ह। 7 हम पचे सबहि खेते मँ काम करत रहे। हम पचे गोहू क एक साथ बोझ बाँधत रहेन। मोर बोझा खड़ा होइ गवा अउ तू पचन क बोझ मोरे बोझे क चारिहु कइँती घेरि लिहस। तब तोहार सबहिं बोझ मोरे बोझे क निहुरिके प्रणाम किहस।”
8 ओकर भाइयन कहेन, “का, तू सोचत ह कि ऍकर अरथ अहइ कि तू राजा बनब्या अउर हम पचन प राज्ज करब्या?” ओकर भाइयन यूसुफ स अब अउर बेसी घिना करब सुरु किहेस काहेकि उ ओकरे बारे मँ सपना देखत रहा।
9 तब यूसुफ दूसर सपना देखेस। यूसुफ आपन भाइयन स इ सपना क बारे मँ बताएस। यूसुफ कहेस, “मइँ दूसर सपना लखेउँ ह। मँइ सूरज, चन्द्रमा अउ गियारह नछत्रन क आपन क प्रणाम करत लखेउँ।”
10 यूसुफ आपन बाप क भी इ सपना क बारे मँ बताएस। मुला ओकर पिता ओका डाँटेस। ओकर पिता कहेस, “इ कउने तरह क सपना अहइ? का तोहका बिस्सास अहइ कि तोहार महतारी, तोहार भाई अउ हम पचे तोहका प्रणाम करिबइ?” 11 यूसुफ क भाई ओहसे बराबर जलन करत रहा। मुला यूसुफ क पिता इ सबहि बातन क बारे मँ बहोत गहराई स बिचार किहस अउ सोचेस कि ओनकइ अरथ का होई?
यहहूदी नेतन क छलावा
(मरकुस 8:11-13; लूका 12:54-56)
16 फिन फरीसियन अउर सदूकियन ईसू क लगे आएन। उ पचे ओका परखा चाहत रहेन तउ उ सबइ ओका कउनो अद्भुत कारज करइ क कहेन, काहेकि मालूम होइ जाइ कि उ परमेस्सर क बाटइ।
2 ईसू जवाब दिहेस, “सूरज बूड़इ क समइ तू पचे कहत ह मौसम बढ़िया रही कहेकि अकास ललछउँड़ अहइ। 3 अउर सूरज निकरे प तू कहत ह, ‘आज अँधड़ आई काहेकि अकास धूँधुर अउ ललछउँड़ अहइ।’ त अकासे क लच्छन पढ़इ जानत ह, मुला आपन समइ क लच्छन क नाहीं पढ़ सकत्या। 4 अरे दुस्ट अउर पापी पीढ़ी क मनई कउनो अद्भुत चीन्हा देखइ चाहत हीं मुला ओनके बजाय योना क अद्भुत चीन्हा क कउनो अउ दूसर अद्भुत चीन्हा नाहीं देखाइ जाई।” फिन उ ओनका तजि क चला गवा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.