Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
37 तब सुनइयामन के हिरदय ह कलपे लगिस, अऊ ओमन पतरस अऊ बाकि प्रेरितमन ले पुछे लगिन, “हे भाईमन हो, हमन का करन?”
38 पतरस ह ओमन ला कहिस, “अपन पाप के पछताप करव, अऊ तुमन म ले, हर एक झन अपन-अपन पाप के छेमा खातिर यीसू मसीह के नांव म बतिसमा लेवव, तब तुमन पबितर आतमा के दान पाहू। 39 काबरकि ए परतिगियां ह तुम्हर अऊ तुमन के संतान बर अऊ ओ जम्मो दूरिहा-दूरिहा के मनखेमन के खातिर घलो अय, जऊन मन ला हमर परभू परमेसर ह अपन लकठा म बलाही।”
40 पतरस ह अऊ बहुंते बात के दुवारा समझाईस अऊ ओमन ले बिनती करिस, “अपन-आप ला ए खराप मनखेमन ले बचावव।” 41 तब जऊन मन पतरस के बात ला मानिन, ओमन बतिसमा लीन, अऊ ओहीच दिन करीब तीन हजार मनखेमन ओमन के संग मिल गीन।
बिसवासीमन के संगति
42 ओमन प्रेरितमन ले सिकछा पाय लगिन, अऊ अपन-आप ला संगति रखे म, परभू भोज के रोटी टोरे म अऊ पराथना करे म मगन रखिन। 43 जम्मो मनखेमन म डर हमा गे अऊ बहुंते चमतकार के काम अऊ अद्भूत काम प्रेरितमन के दुवारा होवत रिहिस। 44 ओ जम्मो बिसवास करइयामन लगातार एक संग संगति करत रिहिन अऊ ओमन के जम्मो चीज म जम्मो झन के हक रिहिस।
45 ओमन अपन-अपन संपत्ति अऊ सामान ला बेंच-बेंचके, जेकर जइसने जरूरत रहय वइसने बांट देवंय। 46 ओमन हर एक दिन एक मन होके मंदिर के अंगना म जुरंय, अऊ ओमन घर-घर म रोटी टोरत, खुसी अऊ निस्कपट मन ले एक संग खावत रिहिन। 47 ओमन परमेसर के भजन करंय अऊ जम्मो मनखेमन ओमन ले खुस रहंय। अऊ जऊन मन उद्धार पावंय, ओमन ला परभू ह हर दिन ओमन के संग मिला देवत रिहिस।
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