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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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योहन 5:19-40

19 मसीह येशु ने कहा: “मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ; पुत्र स्वयं कुछ नहीं कर सकता. वह वही कर सकता है, जो वह पिता को करते हुए देखता है क्योंकि जो कुछ पिता करते हैं, पुत्र भी वही करता है. 20 पिता पुत्र से प्रेम करते हैं और वह पुत्र को अपनी हर एक योजना से परिचित रखते हैं. वह इनसे भी बड़े-बड़े काम दिखाएंगे, जिन्हें देख तुम चकित हो जाओगे. 21 जिस प्रकार पिता मरे हुओं को जीवित करके जीवन प्रदान करते हैं, उसी प्रकार पुत्र भी जिसे चाहता है, जीवन प्रदान करता है. 22 पिता किसी का न्याय नहीं करते, न्याय करने का सारा अधिकार उन्होंने पुत्र को सौंप दिया है. 23 जिससे सब लोग पुत्र का वैसा ही आदर करें जैसा पिता का करते हैं. वह व्यक्ति, जो पुत्र का आदर नहीं करता, पिता का आदर भी नहीं करता, जिन्होंने पुत्र को भेजा है.

24 “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ: जो मेरा वचन सुनता और मेरे भेजनेवाले में विश्वास करता है, अनन्त काल का जीवन उसी का है; उसे दोषी नहीं ठहराया जाता, परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका है. 25 मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ: वह समय आ रहा है परन्तु आ ही गया है, जब सारे मृतक परमेश्वर के पुत्र की आवाज़ सुनेंगे और हर एक सुननेवाला जीवन प्राप्त करेगा. 26 जिस प्रकार पिता अपने आप में जीवन रखता है, उसी प्रकार पुत्र में बसा हुआ जीवन पिता के द्वारा दिया गया जीवन है. 27 मनुष्य का पुत्र होने के कारण उसे न्याय करने का अधिकार भी दिया गया है.

28 “यह सब सुनकर चकित न हो क्योंकि वह समय आ रहा है, जब सभी मरे हुए लोग पुत्र की आवाज़ को सुनेंगे और वे जीवित हो जाएँगे. 29 सुकर्मी जीवन के पुनरुत्थान के लिए और कुकर्मी दण्ड के पुनरुत्थान के लिए. 30 मैं स्वयं अपनी ओर से कुछ नहीं कर सकता. मैं उनसे जैसे निर्देश प्राप्त करता हूँ, वैसा ही निर्णय देता हूँ. मेरा निर्णय सच्चा होता है क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं परन्तु अपने भेजने वाले की इच्छा पूरी करने के लिए समर्पित हूँ.

मसीह येशु के गवाह

31 “यदि मैं स्वयं अपने ही विषय में गवाही दूँ तो मेरी गवाही मान्य नहीं होगी. 32 एक और हैं, जो मेरे गवाह हैं और मैं जानता हूँ कि मेरे विषय में उनकी गवाही अटल है.

33 “तुमने योहन के पास अपने लोग भेजे और योहन ने भी सच की ही गवाही दी. 34 परन्तु मुझे तो अपने विषय में किसी मनुष्य की गवाही की ज़रूरत है ही नहीं—यह सब मैं तुम्हारे उद्धार के लिए कह रहा हूँ. 35 योहन वह जलता हुआ और चमकता हुआ दीपक थे, जिनके उजाले में तुम्हें कुछ समय तक आनन्द मनाना सुखकर लगा.

36 “मेरी गवाही योहन की गवाही से अधिक बड़ी है क्योंकि पिता द्वारा मुझे सौंपे गए काम को पूरा करना ही इस सच्चाई का सबूत है कि पिता ने मुझे भेजा है. 37 इसके अतिरिक्त पिता अर्थात् स्वयं मेरे भेजने वाले ने भी मेरे विषय में गवाही दी है. तुमने न तो कभी उनकी आवाज़ सुनी है, न उनका रूप देखा है 38 और न ही उनका वचन तुम्हारे हृदय में स्थिर रह सका है क्योंकि जिसे उन्होंने भेजा है, तुम उसमें विश्वास नहीं करते. 39 तुम शास्त्रों का मनन इस विश्वास में करते हो कि उनमें अनन्त काल का जीवन बसा है. ये सभी शास्त्र मेरे ही विषय में गवाही देते हैं. 40 यह सब होने पर भी जीवन पाने के लिए तुम मेरे पास आना नहीं चाहते.

Saral Hindi Bible (SHB)

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