Revised Common Lectionary (Complementary)
1 यहोवा के गुण गाओ!
यहोवा का अपने सम्पूर्ण मन से ऐसी उस सभा में धन्यवाद करता हूँ
जहाँ सज्जन मिला करते हैं।
2 यहोवा ऐसे कर्म करता है, जो आश्चर्यपूर्ण होते हैं।
लोग हर उत्तम वस्तु चाहते हैं, वही जो परमेश्वर से आती है।
3 परमेश्वर ऐसे कर्म करता है जो सचमुच महिमावान और आश्चर्यपूर्ण होते हैं।
उसका खरापन सदा—सदा बना रहता है।
4 परमेश्वर अद्भुत कर्म करता है ताकि हम याद रखें
कि यहोवा करूणापूर्ण और दया से भरा है।
5 परमेश्वर निज भक्तों को भोजन देता है।
परमेश्वर अपनी वाचा को याद रखता है।
6 परमेश्वर के महान कार्य उसके प्रजा को यह दिखाया
कि वह उनकी भूमि उन्हें दे रहा है।
7 परमेश्वर जो कुछ करता है वह उत्तम और पक्षपात रहित है।
उसके सभी आदेश पूरे विश्वास योग्य हैं।
8 परमेश्वर के आदेश सदा ही बने रहेंगे।
परमेश्वर के उन आदेशों को देने के प्रयोजन सच्चे थे और वे पवित्र थे।
9 परमेश्वर निज भक्तों को बचाता है।
परमेश्वर ने अपनी वाचा को सदा अटल रहने को रचा है, परमेश्वर का नाम आश्चर्यपूर्ण है और वह पवित्र है।
10 विवेक भय और यहोवा के आदर से उपजता है।
वे लोग बुद्धिमान होतेहैं जो यहोवा का आदर करते हैं।
यहोवा की स्तुति सदा गायी जायेगी।
लेवी परिवार
34 मूसा, हारून और इस्राएल के लोगों के नेताओं ने कहातवंश के लोगों को गिना। उन्होंने उनको परिवार और परिवार समूह के अनुसार गिना। 35 उन्होंने अपना सेवा—कर्तव्य कर चुके तीस से पचास पर्ष के उम्र के लोगों को गिना। इन लोगों को मिलापवाले तम्बू के लिए विशेष कार्य करने को दिए गए।
36 कहात परिवार समूह में जो इस कार्य को करने की योग्यता रखते थे, दो हजार सात सौ पचास पुरुष थे। 37 इस प्रकार कहात परिवार के इन लोगों को मिलापवाले तम्बु के बिशेष कार्य करने के लिए दिए गए। मूसा और हारून ने इसे वैसे ही किया जैसा यहोवाने मूसा से करने को कहा था।
38 गेर्शोन परिवार समूह को भी गिना गया। 39 सभी पुरुष जो अपना कर्तव्य सेवा कर चुके थे और तीस से पचास वर्ष की उम्र के थे, गिने गए। इन लोगों को मिलापवाले तम्बू में विशेष कार्य करने का सेवा—कार्य दिया गया। 40 गेर्शोन परिवार समूह के परिवारों में जो योग्य थे, वे दो हजार छः सौ तीस पुरुष थे। 41 इस प्रकार इन पुरुषों को जो गेर्शोन परिवार समूह के थे, मिलापवाले तम्बू में विशेष कार्य करने का सेवा—कार्य सौंपा गया। मूसा और हारून ने इसे वैसे ही किया जैसा यहोवा ने मूसा को करने को कहा था।
42 मरारी के परिवार और परिवार समूह भी गिने गए। 43 सभी पुरुष जो अपना सेवा—कर्तव्य कर चुके थे और तीस से पचास वर्ष की उम्र के थे, गिने गए। इन व्यक्तियों को मिलापवाले तम्बू के लिए विशेष कार्य करने का सेवा—कार्य दिया गया।
44 मरारी परिवार समूह के परिवारों में जो लोग योग्य थे, वे तीन हजार दो सौ व्यक्ति थे। 45 इस प्रकार मरारी परिवार समूह के इन लोगों को विशेष कार्य दिया गया। मूसा और हारून ने इसे वैसे ही किया जैसा यहोवा ने मूसा से करने को कहा था।
46 मूसा, हारून और इस्राएल के लोगों के नेताओं ने लेवीवंश परिवार समूह के सभी सदस्यों को गिना। उन्होंने प्रत्येक परिवार और प्रत्येक परिवार समूह को गिना। 47 सभी व्यक्ति जो अपने सेवा—कर्तव्य का निर्वाह कर चुके थे और जो तीस वर्ष से पचास वर्ष उम्र के थे, गिने गए। इन व्यक्तियों को मिलापवाले तम्बू के लिए विशेष कार्य करने का सेवा—कार्य दिया गया। उन्होंने मिलापवाले तम्बू को ले चलने का कार्य तब किया जब उन्होंने यात्रा की। 48 पुरुषों की सारी संख्या आठ हजार पाँच सौ अस्सी थी। 49 यहोवा ने यह आदेश मूसा को दिया था। हर एक पुरुष को अपना कार्य दिया गया था और हर एक पुरुष से कहा गया था कि उसे क्या—क्या ले चलना चाहिए। इसलिए यहोवा ने जो आदेश दिया था उन चीज़ों को पूरा किया गया। सभी पुरुषों को गिना गया।
शुद्धता सम्बन्धी नियम
5 यहोवा ने मूसा से कहा, 2 “मैं इस्राएल के लोगों को, उनके डेरे बीमारियों व रोगों से मुक्त रखने का आदेश देता हूँ। इस्राएल के लोगों से कहो कि हर उस व्यक्ति को जो बुरे चर्म रोगों, शरीर से निकलने वाले स्रावों या किसी शव को छूने के कारण अशुद्ध हो गये हैं, उन्हें डेरे से बाहर निकाल दो, 3 चाहे वे पुरुष हों चाहे स्त्री। उन्हें डेरे से बाहर निकाल दो ताकि वे जिस डेरे में मेरा निवास है उसे वे अशुद्ध न कर दें। मैं तुम्हारे डेरे में तुम लोगों के बीच रह रहा हूँ।”
4 अतः इस्राएल के लोगों ने परमेश्वर का आदेश माना। उन्होंने उन लोगों को डेरे के बाहर भेज दिया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि यहोवा ने मूसा को आदेश दिया था।
मसीह यीशु का सच्चा सिपाही
2 जहाँ तक तुम्हारी बात है, मेरे पुत्र, यीशु मसीह में प्राप्त होने वाले अनुग्रह से सुदृढ़ हो जा। 2 बहुत से लोगों की साक्षी में मुझसे तूने जो कुछ सुना है, उसे उन विश्वास करने योग्य व्यक्तियों को सौंप दे जो दूसरों को भी शिक्षा देने में समर्थ हों। 3 यातनाएँ झेलने में मसीह यीशु के एक उत्तम सैनिक के समान मेरे साथ आ मिल। 4 ऐसा कोई भी, जो सैनिक के समान सेवा कर रहा है, अपने आपको साधारण जीवन के जंजाल में नहीं फँसाता क्योंकि वह अपने शासक अधिकारी को प्रसन्न करने के लिए यत्नशील रहता है। 5 और ऐसे ही यदि कोई किसी दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेता है, तो उसे विजय का मुकुट उस समय तक नहीं मिलता, जब तक कि वह नियमों का पालन करते हुए प्रतियोगिता में भाग नहीं लेता। 6 परिश्रमी कामगार किसान ही उपज का सबसे पहला भाग पाने का अधिकारी है। 7 मैं जो बताता हूँ, उस पर विचार कर। प्रभु तुझे सब कुछ समझने की क्षमता प्रदान करेगा।
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