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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 119:97-104

मेम्

97 आ हा, यहोवा तेरी शिक्षाओं से मुझे प्रेम है।
    हर घड़ी मैं उनका ही बखान किया करता हूँ।
98 हे यहोवा, तेरे आदेशों ने मुझे मेरे शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान बनाया।
    तेरा विधान सदा मेरे साथ रहता है।
99 मैं अपने सब शिक्षाओं से अधिक बुद्धिमान हूँ
    क्योंकि मैं तेरी वाचा का पाठ किया करता हूँ।
100 बुजुर्ग प्रमुखों से भी अधिक समझता हूँ।
    क्योंकि मैं तेरे आदेशों को पालता हूँ।
101 हे यहोवा, तू मुझे राह में हर कदम बुरे मार्ग से बचाता है,
    ताकि जो तू मुझे बताता है वह मैं कर सकूँ।
102 यहोवा, तू मेरा शिक्षक है।
    सो मैं तेरे विधान पर चलना नहीं छोड़ूँगा।
103 तेरे वचन मेरे मुख के भीतर
    शहद से भी अधिक मीठे हैं।
104 तेरी शिक्षाएँ मुझे बुद्धिमान बनाती है।
    सो मैं झूठी शिक्षाओं से घृणा करता हूँ।

नहेमायाह 9:16-31

16 किन्तु वे पूर्वज हमारे, हो गये अभिमानी: वे हो गये हठी थे।
    कर दिया उन्होंने मना आज्ञाएँ मानने से तेरी।
17 कर दिया उन्होंने मना सुनने से।
    वे भूले उन अचरज भरी बातों को जो तूने उनके साथ की थीं।
वे हो गये जिद्दी! विद्रोह उन्होंने किया,
और बना लिया अपना एक नेता जो उन्हें लौटा कर ले जाये।
    फिर उनकी उसी दासता में किन्तु तू तो है दयावान परमेश्वर!
तू है दयालु और करुणापूर्ण तू है।
    धैर्यवान है तू
    और प्रेम से भरा है तू!
इसलिये तूने था त्यागा नहीं उनको।
18 चाहे उन्होंने बना लिया सोने का बछड़ा और कहा,
    ‘बछड़ा अब देव है तुम्हारा’ इसी ने निकाला था,
    तुम्हें मिस्र से बाहर किन्तु उन्हें तूने त्यागा नहीं!
19 तू बहुत ही दयालु है!
    इसलिये तूने उन्हें मरुस्थल में त्यागा नहीं।
दूर उनसे हटाया नहीं दिन में
    तूने बादल के खम्भें को मार्ग
तू दिखाता रहा उनको।
और रात में तूने था दूर किया नहीं
    उनसे अग्नि के पुंज को!
प्रकाशित तू करता रहा रास्ते को उनके।
    और तू दिखाता रहा कहाँ उन्हें जाना है!
20 निज उत्तम चेतना, तूने दी उनको ताकि तू विवेकी बनाये उन्हें।
    खाने को देता रहा, तू उनको मन्ना
    और प्यास को उनकी तू देता रहा पानी!
21 तूने रखा उनका ध्यान चालीस वरसों तक मरुस्थल में।
    उन्हें मिली हर वस्तु जिसकी उनको दरकार थी।
वस्त्र उनके फटे तक नहीं पैरों में
    उनके कभी नहीं आई सूजन कभी किसी पीड़ा में।
22 यहोवा तूने दिये उनको राज्य, और उनको दी जातियाँ
    और दूर—सुदूर के स्थान थे उनको दिये जहाँ बसते थे
कुछ ही लोग धरती उन्हें मिल गयी सीहोन की सीहोन जो हशबोन का राजा था
    धरती उन्हें मिल गयी ओग की ओग जो बाशान का राजा था।
23 वंशज दिये तूने अनन्त उन्हें जितने अम्बर में तारे हैं।
    ले आया उनको तू उस धरती पर।
जिसके लिये उन के पूर्वजों को
    तूने आदेश दिया था कि वे वहाँ जाएँ
    और अधिकार करें उस पर।
24 धरती वह उन वंशजों ने ले ली।
वहाँ रह रहे कनानियों को उन्होंने हरा दिया।
    पराजित कराया तूने उनसे उन लोगों को।
साथ उन प्रदेशों के और उन लोगों के वे जैसा चाहें
    वैसा करें ऐसा था तूने करा दिया।
25 शक्तिशाली नगरों को उन्होंने हरा दिया।
    कब्जा किया उपजाँऊ धरती पर उन्होंने।
उत्तम वस्तुओं से भरे हुए ले लिए उन्होंने घर;
    खुदे हुए कुँओं को ले लिया उन्होंने।
ले लिए उन्होंने थे बगीचे अँगूर के।
    जैतून के पेड़ और फलों के पेड़ भर पेट खाया वे करते थे सो वे हो गये मोटे।
तेरी दी सभी अद्भुत वस्तुओं का आनन्द वे लेते थे।
26 और फिर उन्होंने मुँह फेर लिया तुझसे था।
    तेरी शिक्षओं को उन्होंने फेंक दिया
    दूर तेरे नबियों को मार डाला उन्होंने था।
ऐसे नबियों को जो सचेत करते थे लोगों को।
    जो जतन करते लोगों को मोड़ने का तेरी ओर।
    किन्तु हमारे पूर्वजों ने भयानक कार्य किये तेरे साथ।
27 सो तूने उन्हें पड़ने दिया उनके शत्रुओं के हाथों में।
    शत्रु ने बहुतेरे कष्ट दिये उनको
जब उन पर विपदा पड़ी हमारे पूर्वजों ने थी दुहाई दी तेरी।
    और स्वर्ग में तूने था सुन लिया उनको।
तू बहुत ही दयालु है भेज दिया
    तूने था लोगों को उनकी रक्षा के लिये।
    और उन लोगों ने छुड़ा कर बचा लिया उनको शत्रुओं से उनके।
28 किन्तु, जैसे ही चैन उन्हें मिलता था,
    वैसे ही वे बुरे काम करने लग जाते बार बार।
सो शत्रुओं के हाथों उन्हें सौंप दिया तूने ताकि वे करें उन पर राज।
फिर तेरी दुहाई उन्होंने दी
    और स्वर्ग में तूने सुनी उनकी और सहायता उनकी की।
तू कितना दयालु है!
    होता रहा ऐसा ही अनेकों बार!
29 तूने चेताया उन्हें।
फिर से लौट आने को तेरे विधान में
    किन्तु वे थे बहुत अभिमानी।
    उन्होंने नकार दिया तेरे आदेश को।
यदि चलता है कोई व्यक्ति नियमों पर
    तेरे तो सचमुच जीएगा
वह किन्तु हमारे पूर्वजों ने तो तोड़ा था तेरे नियमों को।
वे थे हठीले!
    मुख फेर, पीठ दी थी उन्होंने तुझे!
    तेरी सुनने से ही उन्होंने था मना किया।

30 “तू था बहुत सहनशील, साथ हमारे पूर्वजों के,
    तूने उन्हें करने दिया बर्ताव बुरा अपने साथ बरसों तक।
सजग किया तूने उन्हें अपनी आत्मा से।
    उनको देने चेतावनी भेजा था नबियों को तूने।
किन्तु हमारे पूर्वजों ने तो उनकी सुनी ही नहीं।
    इसलिए तूने था दूसरे देशों के लोगों को सौंप दिया उनको।

31 “किन्तु तू कितना दयालु है!
    तूने किया था नहीं पूरी तरह नष्ट उन्हें।
तूने तजा नहीं उनको था। हे परमेश्वर!
    तू ऐसा दयालु और करुणापूर्ण ऐसा है!

इफिसियों 6:21-24

अंतिम नमस्कार

21 तुम भी, मैं कैसा हूँ और क्या कर रहा हूँ, इसे जान जाओ। सो तुखिकुस तुम्हें सब कुछ बता देगा। वह हमारा प्रिय बंधु है और प्रभु में स्थित एक विश्वासपूर्ण सेवक है 22 इसीलिए मैं उसे तुम्हारे पास भेज रहा हूँ ताकि तुम मेरे समाचार जान सको और इसलिए भी कि वह तुम्हारे मन को शांति दे सके।

23 हे भाइयों, तुम सब को परम पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से विश्वास शांति और प्रेम प्राप्त हो। 24 जो हमारे प्रभु यीशु मसीह से अमर प्रेम रखते हैं, उन पर परमेश्वर का अनुग्रह होता है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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