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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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लूकॉ 22:31-46

31 “शिमोन, शिमोन, सुनो! शैतान ने तुम सबको गेहूं के समान अलग करने की आज्ञा प्राप्त कर ली है. 32 किन्तु शिमोन, तुम्हारे लिए मैंने प्रार्थना की है कि तुम्हारे विश्वास का पतन न हो. जब तुम पहले जैसी स्थिति पर लौट आओ तो अपने भाइयों को भी विश्वास में मजबूत करना.”

33 पेतरॉस ने मसीह येशु से कहा, “प्रभु, मैं तो आपके साथ दोनों ही को स्वीकारने के लिए तत्पर हूँ—बन्दीगृह तथा मृत्यु!”

34 मसीह येशु ने इसके उत्तर में कहा, “सुनो, पेतरॉस, आज रात, मुर्ग तब तक बाँग न देगा, जब तक तुम तीन बार इस सच को कि तुम मुझे जानते हो, नकार न चुके होगे.”

35 मसीह येशु ने उनसे प्रश्न किया, “यह बताओ, जब मैंने तुम्हें बिना बटुए, बिना झोले और बिना जूती के बाहर भेजा था, क्या तुम्हें कोई अभाव हुआ था?”

“बिल्कुल नहीं,” उन्होंने उत्तर दिया.

36 तब मसीह येशु ने उनसे कहा, “किन्तु अब जिस किसी के पास बटुआ है, वह उसे साथ ले ले. इसी प्रकार झोला भी और जिसके पास तलवार नहीं है, वह अपना वस्त्र बेच कर तलवार मोल ले. 37 मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि यह जो लेख लिखा है—उसकी गिनती अपराधियों में हुई—का मुझमें पूरा होना ज़रूरी है क्योंकि मुझसे सम्बन्धित सभी लेखों का पूरा होना अवश्य है.”

38 शिष्यों ने कहा, “प्रभु, देखिए, ये दो तलवारें हैं.” मसीह येशु ने उत्तर दिया, “पर्याप्त हैं.”

गेतसेमनी उद्यान में मसीह येशु की अवर्णनीय वेदना

(मत्ति 26:36-46)

39 तब मसीह येशु बाहर निकल कर ज़ैतून पर्वत पर चले गए, जहाँ वह प्रायः जाया करते थे. उनके शिष्य भी उनके साथ थे. 40 उस स्थान पर पहुँच कर मसीह येशु ने उनसे कहा, “प्रार्थना करो कि तुम परीक्षा में न फँसो.”

41 तब मसीह येशु शिष्यों से कुछ ही दूरी पर गए और उन्होंने घुटने टेक कर यह प्रार्थना की: 42 “पिताजी, यदि सम्भव हो तो यातना का यह प्याला मुझसे दूर कर दीजिए फिर भी मेरी नहीं, आपकी इच्छा पूरी हो.” 43 उसी समय स्वर्ग से एक स्वर्गदूत ने आ कर उनमें बल का संचार किया. 44 प्राण निकलने के समान दर्द में वह और भी अधिक कातर भाव में प्रार्थना करने लगे. उनका पसीना लहू के समान भूमि पर टपक रहा था.

45 जब वह प्रार्थना से उठे और शिष्यों के पास आए तो उन्हें सोता हुआ पाया. उदासी के मारे शिष्य सो चुके थे. 46 मसीह येशु ने शिष्यों से कहा, “सो क्यों रहे हो? उठो! प्रार्थना करो कि तुम किसी परीक्षा में न फँसो.”

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