Old/New Testament
माईलोगन अऊ सांप सहीं पसु
12 अकास म एक महान अऊ अद्भूत चिन्हां परगट होईस; एक झन माईलोगन ह सूरज ला पहिरे रहय। ओकर गोड़ के खाल्हे म चंदा रहय अऊ ओकर मुड़ी म बारह ठन तारामन के मुकुट रहय। 2 ओह पेट म रिहिस, अऊ लइका जनमे के पीरा ले कलपत रिहिस। 3 तब एक अऊ चिन्हां अकास म परगट होईस; एक बड़े लाल रंग के सांप सहीं पसु रहय। ओकर सात ठन मुड़ी अऊ दस ठन सिंग रहय अऊ सातों मुड़ी म सात ठन मुकुट रहय। 4 ओकर पुंछी ह अकास के एक तिहाई तारामन ला खींचके धरती ऊपर फटिक दीस। सांप सहीं पसु ह ओ माईलोगन के आघू म ठाढ़ हो गीस, जेकर लइका होवइया रहय, ताकि ओह लइका के जनमतेच ही ओ लइका ला लील सकय। 5 ओ माईलोगन ह एक बेटा ला जनमिस, जऊन ह लोहा के राजदंड ले जम्मो देस ऊपर राज करही। अऊ ओ लइका ला झपटके परमेसर अऊ ओकर सिंघासन करा लाने गीस। 6 तब ओ माईलोगन ह सुनसान जगह ला भाग गीस; उहां परमेसर ह ओकर बर एक जगह तियार करे रिहिस, जिहां एक हजार दू सौ साठ दिन तक ओकर देख-भाल करे जा सकय।
7 तब स्वरग म लड़ई होय लगिस। मीकाएल अऊ ओकर दूतमन सांप सहीं पसु के संग लड़िन, अऊ सांप सहीं पसु अऊ ओकर दूतमन एमन के संग लड़िन[a]। 8 पर सांप सहीं पसु ह हार गीस, अऊ ओला अऊ ओकर दूतमन ला स्वरग म अपन जगह ला छोड़ना पड़िस। 9 ओ सांप सहीं पसु ला फटिक दिये गीस। ए सांप सहीं पसु ह ओ पुराना सांप ए, जऊन ला इबलीस या सैतान कहे जाथे अऊ जऊन ह संसार के जम्मो मनखेमन ला धोखा देथे। ओला अऊ ओकर दूतमन ला धरती म फटिक दिये गीस।
10 तब मेंह स्वरग ले एक ऊंचहा अवाज आवत सुनेंव, जऊन ह ए कहत रहय:
“अब हमर परमेसर ले उद्धार ह आ गे हवय!
परमेसर ह राजा के रूप म अपन सामरथ ला देखाय हवय,
अऊ ओकर मसीह ह अपन अधिकार ला देखाय हवय।
काबरकि हमर भाईमन ऊपर दोस लगइया ला स्वरग ले फटिक दे गे हवय,
जऊन ह दिन रात हमर परमेसर के आघू म ओमन ऊपर दोस लगावत रिहिस।
11 हमर भाईमन मेढ़ा-पीला के लहू
अऊ अपन गवाही के बचन के दुवारा ओ सैतान ऊपर जय पाईन;
ओमन अपन जिनगी ला देके मरे बर तियार रिहिन।
12 एकरसेति, हे स्वरग अऊ ओम रहइयामन,
आनंद मनावव! पर हे धरती अऊ समुंदर तुमन ला धिक्कार ए,
काबरकि सैतान ह उतरके तुम्हर करा आय हवय!
ओह कोरोध ले भरे हवय, काबरकि ओह जानथे
कि ओकर करा अऊ थोरकन समय बचे हवय।”
13 जब ओ सांप सहीं पसु ह देखिस कि ओला धरती ऊपर फटिक दिये गे हवय, त ओह ओ माईलोगन के पाछू पड़ गीस, जऊन ह एक बेटा ला जनमे रिहिस। 14 ओ माईलोगन ला एक बड़े गिधवा के दू ठन डेना दिये गीस, ताकि ओह सुनसान जगह म ओ ठऊर ला उड़ के जा सकय, जिहां सांप के पहुंच ले बाहिर, ओकर साढ़े तीन साल तक देख-भाल करे जावय। 15 तब सांप ह अपन मुहूं ले ओ माईलोगन कोति नदिया सहीं पानी के धार छोंड़िस, ताकि माईलोगन ह पानी के धार म बोहा जावय। 16 पर धरती ह ओ माईलोगन के मदद करिस। धरती ह अपन मुहूं ला खोलके ओ पानी ला पी गीस, जऊन ह ओ सांप सहीं पसु के मुहूं ले निकरत रिहिस। 17 तब ओ सांप सहीं पसु ह ओ माईलोगन ऊपर गुस्सा करिस अऊ ओह माईलोगन के बांचे संतानमन ले लड़ई करे बर निकरिस – याने कि ओ मनखेमन ले, जऊन मन परमेसर के हुकूम ला मानथें अऊ यीसू के ऊपर बिसवास म अटल रहिथें। 18 अऊ ओ सांप सहीं पसु ह समुंदर तीर म ठाढ़ हो गीस।
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