Old/New Testament
20 बिसवास के दुवारा, इसहाक ह याकूब अऊ एसाव ला ओमन के भविस्य बर आसिस दीस।
21 बिसवास के दुवारा, याकूब ह अपन मरत समय यूसुफ के दूनों बेटा ला आसिस दीस, अऊ अपन लउठी के मुठ के ऊपर निहरके परमेसर के अराधना करिस।
22 जब यूसुफ ह मरइया रिहिस, त बिसवास ही के दुवारा, ओह इसरायलीमन के बारे म कहिस कि ओमन मिसर देस के गुलामी से निकर जाहीं अऊ ए हुकूम घलो दीस कि ओकर मरे के बाद, ओकर हाड़ामन के का करे जावय।
23 जब मूसा ह जनमिस, त बिसवास के दुवारा, ओकर दाई-ददा ओला तीन महिना तक छुपाय रखिन, काबरकि ओमन देखिन कि लइका ह सुघर हवय अऊ ओमन राजा के हुकूम ले नइं डर्राईन[a]।
24 जब मूसा ह बड़े हो गीस, त बिसवास के दुवारा ही, ओह फिरौन राजा के बेटी के बेटा कहाय बर इनकार करिस। 25 थोरकन दिन पाप के सुख भोगे के बदले, ओह परमेसर के मनखेमन संग दुःख भोगई ला बने समझिस। 26 मूसा ह मसीह के हित म कलंकित होवई ला बड़े धन समझिस, एकर बनिसपत कि मिसर देस के खजाना के उपयोग करई, काबरकि ओह अवइया समय म अपन इनाम के बाट जोहत रिहिस। 27 बिसवास ही के दुवारा, ओह राजा के कोरोध के चिंता नइं करिस अऊ मिसर देस ला छोंड़ दीस। ओह बिसवास म बने रिहिस, काबरकि ओह ओ परमेसर ला देखिस, जऊन ह नइं दिखय। 28 बिसवास ही के दुवारा, ओह फसह तिहार ला मानिस अऊ कपाटमन म लहू छिंचे के हुकूम दीस ताकि मिरतू के दूत ह इसरायलीमन के पहिलांत बेटामन ला झन मार डारय।
29 बिसवास के दुवारा ही, इसरायली मनखेमन लाल समुंदर म ले अइसने पार होगिन, जइसने कि सूखा भुइयां म पार होथें; पर जब मिसर देस के मनखेमन पार होय के कोसिस करिन, त ओ जम्मो झन बुड़ मरिन।
30 बिसवास ही के दुवारा, जब इसरायलीमन सात दिन तक यरीहो के दिवाल के चक्कर लगाईन, त ओ दिवाल ह गिर गीस।
31 बिसवास ही के कारन, राहाब नांव के बेस्या ह ओमन के संग मारे नइं गीस, जऊन मन परमेसर के हुकूम नइं मानिन। ओह भेदियामन ला छुपाय रखिस।
32 मेंह अऊ का कहंव? गिदोन, बाराक, समसून, यिफतह, दाऊद, सामुएल अऊ अगमजानीमन के बारे म बताय बर, मोर करा समय नइं ए। 33 बिसवास ही के दुवारा, ओमन देसमन ला जीतिन, नियाय के मुताबिक काम करिन अऊ ओ चीज ला पाईन, जेकर वायदा परमेसर ह करे रिहिस। ओमन सिंहमन के मुहूं ला बंद कर दीन, 34 धधकत आगी ला बुथा दीन, अऊ तलवार के मार ले बच निकरिन। ओमन के कमजोरी ह ताकत म बदल गीस। ओमन लड़ई म बीरता देखाईन अऊ बिदेसी सेनामन ला मार भगाईन। 35 माईलोगनमन अपन मरे लोगनमन ला फेर जीयत पा गीन। अनेक बिसवासीमन अब्बड़ दुःख अऊ पीरा सहिन, पर ओमन एकर ले छुटे बर नइं चाहिन, ताकि ओमन ला जी उठे के बाद एक उत्तम जिनगी मिलय। 36 कुछू बिसवासीमन के ठट्ठा करे गीस अऊ ओमन ला कोर्रा म मारे गीस, जबकि कतको झन ला संकली म बांधके जेल म डार दिये गीस। 37 ओमन ला पत्थरवाह करे गीस; ओमन के देहें ला आरी म चीरके दू भाग कर दिये गीस; ओमन तलवार ले मार डारे गीन। ओमन मेढ़ा अऊ बोकरा के चाम के कपड़ा पहिरे एती-ओती मारे-मारे फिरिन; ओमन खंगी म रिहिन अऊ सताय गीन अऊ ओमन के संग गलत बरताव करे गीस। 38 संसार ह ओमन के लइक नइं रिहिस। ओमन उजाड़ जगह अऊ पहाड़ अऊ भुइयां के खोह अऊ बिल मन म भटकत फिरिन।
39 ए जम्मो झन अपन बिसवास के कारन परसंसा पाईन, पर ओम ले कोनो ला ओ चीज नइं मिलिस, जेकर वायदा परमेसर ह करे रिहिस। 40 परमेसर ह हमर खातिर अऊ उत्तम योजना बनाय रिहिस, ताकि ओमन हमर संग ही एक साथ सिद्ध बनाय जावंय।
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.