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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
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Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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1 कोरिन्थॉस 14:21-40

21 पवित्रशास्त्र का लेख है:

मैं अन्य भाषा बोलनेवालों तथा
    अनजान लोगों के मुख से
अपनी प्रजा से बातें करूँगा;
    फिर भी वे मेरी न सुनेंगे;
            यह प्रभु का वचन है.

22 इसलिए अन्य भाषाओं में बातें करना विश्वासियों के लिए नहीं परन्तु अविश्वासियों के लिए चिह्न का रूप है किन्तु भविष्यवाणी करना अविश्वासियों के लिए नहीं परन्तु मसीह के विश्वासियों के लिए चिह्न स्वरूप है. 23 यदि सारी कलीसिया इकट्ठा हो और हरेक व्यक्ति अन्य भाषा में बातें करने लगे और उसी समय वहाँ ऐसे व्यक्ति प्रवेश करें, जो ये भाषाएँ नहीं समझते या अविश्वासी हैं, तो क्या वे तुम्हें पागल न समझेंगे? 24 किन्तु यदि सभी भविष्यवाणी करें और वहाँ कोई ऐसा व्यक्ति प्रवेश करे, जिसे यह क्षमता प्राप्त न हो, या वहाँ कोई अविश्वासी प्रवेश करे तो उसे अपनी पाप की अवस्था का अहसास हो जाएगा, वह अपने विवेक को टटोलेगा 25 और उसके हृदय के भेद खुल जाएँगे. तब वह यह घोषणा करते हुए कि निश्चय ही परमेश्वर तुम्हारे बीच मौजूद हैं, दण्डवत् हो परमेश्वर की वन्दना करने लगेगा.

आराधना में सुव्यवस्था की महत्ता

26 तब, प्रियजन, निष्कर्ष क्या निकला? जब तुम आराधना के लिए इकट्ठा होते हो तो तुममें से कोई तो गीत प्रस्तुत करता है, कोई उपदेश देता है, कोई प्रभु के द्वारा दिया गया प्रकाशन प्रस्तुत करता है, कोई अन्य भाषा में बातें करता तथा कोई उसका अनुवाद करता है. प्रियजन, तुम जो कुछ करो वह कलीसिया की उन्नति के लिए हो. 27 जहाँ तक अन्य भाषा में बातें करने का प्रश्न है, अधिक से अधिक दो या तीन व्यक्ति ही क्रमानुसार यह करें तथा कोई व्यक्ति उसका अनुवाद भी करे. 28 यदि वहाँ कोई अनुवाद करने वाला न हो तो वे चुप रहें और उनकी बातें उनके तथा परमेश्वर के बीच सीमित रहे.

29 भविष्यवाणी मात्र दो या तीन व्यक्ति ही करें और बाकी उनके वचन को परखें. 30 यदि उसी समय किसी पर ईश्वरीय प्रकाशन हो, तो वह, जो इस समय भविष्यवाणी कर रहा है, शान्त हो जाए, 31 तुम सब एक-एक करके भविष्यवाणी कर सकते हो कि सभी को शिक्षा और प्रोत्साहन प्राप्त हो सके. 32 भविष्यद्वक्ताओं का अपनी आत्मा पर पूरा नियन्त्रण रहता है. 33 परमेश्वर गड़बड़ी के नहीं, शान्ति के परमेश्वर हैं.

पवित्र लोगों की सभी आराधना-सभाओं के लिए सही यही है 34 कि सभाओं में स्त्रियाँ चुप रहें—उनको वहाँ बात करने की अनुमति नहीं है. व्यवस्था के अनुसार सही है कि वे अधीन बनी रहें. 35 यदि वास्तव में उनकी जिज्ञासा का कोई विषय हो तो वे घर पर अपने पति से पूछ लिया करें; क्योंकि आराधना सभा में स्त्री का कुछ भी बोलना ठीक नहीं है.

36 क्या परमेश्वर का वचन तुमसे निकला है? या सिर्फ तुम पर ही परमेश्वर के वचन का प्रकाशन हुआ है? 37 यदि कोई स्वयं को भविष्यद्वक्ता या आत्मिक व्यक्ति समझता है तो वह यह जान ले कि मैं तुम्हें जो कुछ लिख रहा हूँ, वे सब प्रभु की आज्ञाएं हैं. 38 यदि कोई इस सच्चाई को नहीं मानता है, वह स्वयं भी माना न जाएगा.

39 इसलिए, प्रियजन, भविष्यवाणी करने की क्षमता की इच्छा करते रहो, अन्य भाषा बोलने से मना न करो. 40 तुम जो कुछ करो, वह शालीनता तथा व्यवस्थित रूप में किया जाए.

Saral Hindi Bible (SHB)

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