Old/New Testament
सुध अऊ असुध
(मरकुस 7:1-13)
15 तब यरूसलेम सहर ले कुछू फरीसी अऊ मूसा के कानून के गुरूमन यीसू करा आईन, 2 अऊ ओकर ले पुछिन, “तोर चेलामन काबर पुरखामन के रीति-रिवाज ला नइं मानंय? खाना खाय के पहिली, ओमन अपन हांथ ला नइं धोवंय।”
3 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “अऊ तुमन अपन रीति-रिवाज के हित म परमेसर के हुकूम ला काबर नइं मानव? 4 काबरकि परमेसर ह हुकूम दे हवय, ‘अपन दाई अऊ ददा के आदरमान करव, अऊ जऊन ह अपन दाई या ददा के बुरई करथे, ओह मार डारे जावय।’ 5 पर तुमन कहिथव कि यदि कोनो अपन दाई या ददा ले ए कहय, ‘जऊन मदद तुमन ला मोर कोति ले हो सकत रिहिस, ओह परमेसर ला भेंट के रूप म चघाय गे हवय।’ तब ओला अपन ददा या दाई के आदरमान करे के जरूरत नइं अय। 6 ए किसम ले तुमन अपन रीति-रिवाज के हित म परमेसर के बचन ला टार देथव। 7 हे ढोंगी मनखेमन! यसायाह अगमजानी ह तुम्हर बारे म ए कहिके बिलकुल सही अगमबानी करे हवय:
8 ‘ए मनखेमन सिरिप अपन मुहूं ले मोर आदर करथें,
पर एमन के मन ह मोर ले दूरिहा रहिथे।
9 एमन बेकार म मोर अराधना करथें;
काबरकि एमन मनखे के बनाय नियममन ला सिखोथें।’ ”
10 यीसू ह मनखेमन के भीड़ ला अपन करा बलाईस अऊ कहिस, “तुमन सुनव अऊ समझव। 11 जऊन चीज ह मुहूं म जाथे, ओह मनखे ला असुध नइं करय, पर जऊन ह मुहूं ले बाहिर निकरथे, ओह मनखे ला असुध करथे।”
12 तब चेलामन यीसू करा आके पुछिन, “का तेंह जानथस कि तोर ए बात ले फरीसीमन ला ठेस लगे हवय?”
13 यीसू ह जबाब दीस, “जऊन पौधा ला, स्वरग के मोर ददा ह नइं लगाय हवय, ओला उखान दिये जाही। 14 ओमन ला रहन दव। ओमन ह अंधरा अगुवा अंय। यदि एक अंधरा मनखे ह दूसर अंधरा मनखे ला रसता दिखाही, त दूनों झन खंचवा म गिरहीं।”
15 एला सुनके पतरस ह ओला कहिस, “ए पटंतर ला हमन ला समझा दे।”
16 यीसू ह कहिस, “का तुमन अभी तक ले नासमझ हवव? 17 का तुमन नइं जानव कि जऊन चीज ह मुहूं म जाथे, ओह पेट म ले होके पयखाना ले बाहिर निकर जाथे? 18 पर जऊन चीज ह मुहूं ले निकरथे, ओह हिरदय ले आथे अऊ ओह मनखे ला असुध करथे। 19 काबरकि खराप बिचार, हतिया, बेभिचार, छिनारीपन, चोरी, लबारी गवाही अऊ निन्दा – ए जम्मो बात हिरदय ले निकरथे, 20 अऊ ए बातमन मनखे ला असुध करथें, पर बिगर हांथ धोवय भोजन करई, मनखे ला असुध नइं करय।”
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