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New Testament in a Year

Read the New Testament from start to finish, from Matthew to Revelation.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
योहन 6:1-21

पाँच हज़ार को भोजन

(मत्ति 14:13-21; मारक 6:30-44; लूकॉ 9:10-17)

इन बातों के बाद मसीह येशु गलील अर्थात् तिबेरियॉस झील के उस पार चले गए. उनके द्वारा रोगियों को स्वास्थ्यदान के अद्भुत चिह्नों से प्रभावित एक बड़ी भीड़ उनके साथ हो ली. मसीह येशु पर्वत पर जा कर वहाँ अपने शिष्यों के साथ बैठ गए. यहूदियों का फ़सह उत्सव पास था.

जब मसीह येशु ने बड़ी भीड़ को अपनी ओर आते देखा तो फ़िलिप्पॉस से पूछा, “इन सबको खिलाने के लिए हम भोजन कहाँ से मोल लेंगे?” मसीह येशु ने यह प्रश्न उन्हें परखने के लिए किया था क्योंकि वह जानते थे कि वह क्या करने पर थे.

फ़िलिप्पॉस ने उत्तर दिया, “दो सौ दीनार की रोटियां भी उनके लिए पर्याप्त नहीं होंगी कि हर एक को थोड़ी-थोड़ी मिल पाए.”

मसीह येशु के शिष्य शिमोन पेतरॉस के भाई आन्द्रेयास ने उन्हें सूचित किया, “यहाँ एक लड़का है, जिसके पास जौ की पाँच रोटियां और दो मछलियां हैं किन्तु उनसे इतने लोगों का क्या होगा?”

10 मसीह येशु ने कहा, “लोगों को बैठा दो” और वे सब, जिनमें पुरुषों की ही संख्या पाँच हज़ार थी, घनी घास पर बैठ गए. 11 तब मसीह येशु ने रोटियां लेकर धन्यवाद दिया और उनकी ज़रूरत के अनुसार बांट दीं और उसी प्रकार मछलियां भी.

12 जब वे सब तृप्त हो गए तो मसीह येशु ने अपने शिष्यों को आज्ञा दी, “शेष टुकड़ों को इकट्ठा कर लो कि कुछ भी नाश न हो,” 13 उन्होंने जौ की उन पाँच रोटियों के शेष टुकड़े इकट्ठा किए, जिनसे बारह टोकरे भर गए. 14 लोगों ने इस अद्भुत चिह्न को देख कर कहा, “निस्सन्देह यह वही भविष्यद्वक्ता हैं, संसार जिनकी प्रतीक्षा कर रहा है.” 15 जब मसीह येशु को यह मालूम हुआ कि लोग उन्हें जबरदस्ती राजा बनाने के उद्धेश्य से ले जाना चाहते हैं तो वह फिर से पर्वत पर अकेले चले गए.

मसीह येशु का जल सतह पर चलना

(मत्ति 14:22-33; मारक 6:45-52)

16 जब सन्ध्या हुई तो मसीह येशु के शिष्य झील के तट पर उतर गए. 17 अन्धेरा हो चुका था और मसीह येशु अब तक उनके पास नहीं पहुँचे थे. उन्होंने नाव पर सवार हो कर गलील झील के दूसरी ओर कफ़रनहूम नगर के लिए प्रस्थान किया. 18 उसी समय तेज़ हवा के कारण झील में लहरें बढ़ने लगीं. 19 नाव को लगभग पाँच किलोमीटर खेने के बाद शिष्यों ने मसीह येशु को जल सतह पर चलते और नाव की ओर आते देखा. यह देख कर वे भयभीत हो गए. 20 मसीह येशु ने उनसे कहा, “भयभीत मत हो, मैं हूँ.” 21 यह सुन शिष्य मसीह येशु को नाव में चढ़ाने को तैयार हो गए. इसके बाद नाव उस स्थान पर पहुँच गई जहाँ उन्हें जाना था.

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