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M’Cheyne Bible Reading Plan

The classic M'Cheyne plan--read the Old Testament, New Testament, and Psalms or Gospels every day.
Duration: 365 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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इब्री 6

विश्वास में गिरने का जोखिम

इसलिए हम सिद्धता को अपना लक्ष्य बना लें, मसीह सम्बन्धित प्रारम्भिक शिक्षाओं से ऊपर उठकर परिपक्वता की ओर बढ़ें. नींव दोबारा न रखें, जो व्यर्थ की प्रथाओं से मन फिराना और परमेश्वर के प्रति विश्वास, बपतिस्माओं के विषय, सिर पर हाथ रखने, मरे हुओं के जी उठने तथा अनन्त दण्ड के विषय है. यदि परमेश्वर हमें आज्ञा दें तो हम ऐसा ही करेंगे.

जिन्होंने किसी समय सच के ज्ञान की ज्योति प्राप्त कर ली थी, जिन्होंने स्वर्गीय वरदान का स्वाद चख लिया था, जो पवित्रात्मा के सहभागी हो गए थे, तथा जो परमेश्वर के उत्तम वचन के, और आने वाले युग की सामर्थ का स्वाद चख लेने के बाद भी परमेश्वर से दूर हो गए, उन्हें दोबारा पश्चाताप की ओर ले आना असम्भव है क्योंकि वे परमेश्वर-पुत्र को अपने लिए दोबारा क्रूस पर चढ़ाने तथा सार्वजनिक रूप से उनका ठठ्ठा करने में शामिल हो जाते हैं.

वह भूमि, जो वृष्टि के जल को सोख कर किसान के लिए उपयोगी उपज उत्पन्न करती है, परमेश्वर की ओर से आशीष पाती है. किन्तु वही भूमि यदि कांटा और ऊंटकटारे उत्पन्न करती है तो वह किसी काम की नहीं है तथा शापित होने पर है—आग में जलाया जाना ही उसका अन्त है.

प्रियो, हालांकि हमने तुम्हारे सामने इस विषय को इस रीति से स्पष्ट किया है; फिर भी हम तुम्हारे लिए इससे अच्छी वस्तुओं तथा उद्धार से सम्बंधित आशीषों के प्रति आश्वस्त हैं. 10 परमेश्वर अन्यायी नहीं हैं कि उनके सम्मान के लिए तुम्हारे द्वारा पवित्र लोगों के भले के लिए किए गए—तथा अब भी किए जा रहे—भले कामों और तुम्हारे द्वारा उनके लिए अभिव्यक्त प्रेम की उपेक्षा करें. 11 हमारी यही इच्छा है कि तुममें से हर एक में ऐसा उत्साह प्रदर्शित हो कि अन्त तक तुम में आशा का पूरा निश्चय स्पष्ट दिखाई दे. 12 तुम आलसी न बनो परन्तु उन लोगों के पद-चिह्नों पर चलो, जो विश्वास तथा धीरज द्वारा प्रतिज्ञाओं के वारिस हैं.

परमेश्वर की अटल प्रतिज्ञा

13 परमेश्वर ने जब अब्राहाम से प्रतिज्ञा की तो शपथ लेने के लिए उनके सामने स्वयं से बड़ा और कोई न था, इसलिए उन्होंने अपने ही नाम से यह शपथ ली: 14 “निश्चयत: मैं तुम्हें आशीष दूँगा तथा तुम्हारे वंश को बढ़ाता जाऊँगा!” 15 इसलिए अब्राहाम धीरज रखकर प्रतीक्षा करते रहे तथा उन्हें वह प्राप्त हुआ, जिसकी प्रतिज्ञा की गई थी.

16 मनुष्य तो स्वयं से बड़े व्यक्ति की शपथ लेता है; तब दोनों पक्षों के लिए पुष्टि के रूप में ली गई शपथ सभी झगड़ों का अन्त कर देती है. 17 इसी प्रकार परमेश्वर ने इस उद्धेश्य से शपथ ली कि वह प्रतिज्ञा के वारिसों को अपने न बदलने वाले उद्धेश्य के विषय में पूरी तरह संतुष्ट करें 18 कि दो न बदलने वाली वस्तुओं द्वारा, जिनके विषय में परमेश्वर झूठे साबित हो ही नहीं सकते; हमें, जिन्होंने उनकी शरण ली है, उस आशा को सुरक्षित रखने का दृढ़ता से ढांढ़स प्राप्त हो, जो हमारे सामने प्रस्तुत की गई है. 19 यही आशा हमारे प्राण का लंगर है—स्थिर तथा दृढ़—जो उस पर्दे के भीतर पहुंचता भी है, 20 जहाँ मसीह येशु ने अगुवा होकर हमारे लिए मेलख़ीत्सेदेक की श्रृंखला में होकर एक अनन्त काल का महापुरोहित बन कर प्रवेश किया.

Saral Hindi Bible (SHB)

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