Read the Gospels in 40 Days
यीसू के परिछा
(मत्ती 4:1-11; मरकुस 1:12-13)
4 यीसू ह पबितर आतमा ले भरे, यरदन नदी ले लहुंटिस अऊ पबितर आतमा के अगुवई म ओह निरजन जगह म गीस, 2 जिहां सैतान ह चालीस दिन तक ओकर परिछा करिस। यीसू ह ओ चालीस दिन तक कुछू नइं खाईस, अऊ तब ओला भूख लगिस।
3 तब सैतान ह यीसू ला कहिस, “यदि तेंह परमेसर के बेटा अस, त ए पथरा ले कह कि एह रोटी बन जावय।”
4 यीसू ह जबाब दीस, “परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: मनखे ह सिरिप रोटी ले ही जीयत नइं रहय।[a]”
5 सैतान ह ओला एक ठन ऊंचहा ठऊर म ले गीस अऊ छिन भर म ओला संसार के जम्मो राज ला देखाईस। 6 अऊ यीसू ला कहिस, “मेंह ए जम्मो के अधिकार अऊ सान-सौकत तोला दे दूहूं, काबरकि एह मोला दिये गे हवय, अऊ मेंह जऊन ला चाहंव ओला ए जम्मो दे सकत हंव। 7 यदि तेंह मोर अराधना करबे, त ए जम्मो ह तोर हो जाही।”
8 यीसू ह ओला ए जबाब दीस, “परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: तेंह अपन परभू परमेसर के अराधना कर अऊ सिरिप ओकरे सेवा कर।[b]”
9 तब सैतान ह यीसू ला यरूसलेम म ले गीस अऊ ओला मंदिर के टीप म ठाढ़ करके कहिस, “यदि तेंह परमेसर के बेटा अस, त इहां ले खाल्हे कूद जा। 10 काबरकि परमेसर के बचन म ए लिखे हवय: परमेसर ह तोर बिसय म अपन स्वरगदूतमन ला हुकूम दिही कि ओमन तोर रकछा करंय।
11 ओमन तोला अपन हांथ म उठा लिहीं, ताकि तोर गोड़ म पथरा ले चोट झन लगय।[c]”
12 यीसू ह ओला ए जबाब दीस, “परमेसर के बचन म ए घलो कहे गे हवय: तेंह अपन परभू परमेसर के परिछा झन कर।[d]”
13 जब सैतान ह ए जम्मो परिछा कर चुकिस, त ओह आने मऊका के मिलत तक यीसू ला छोंड़के चल दीस।
अपन ही गांव – नासरत म यीसू के अनादर
(मत्ती 13:53-58; मरकुस 6:1-6)
14 यीसू ह पबितर आतमा के सक्ति ले भरे गलील प्रदेस लहुंटिस, अऊ आस-पास के जम्मो इलाका म ओकर बारे म खबर फइल गीस। 15 ओह ओमन के सभा घरमन म उपदेस दीस, अऊ जम्मो झन ओकर बड़ई करिन।
16 यीसू ह नासरत गांव म गीस, जिहां ओह पले-बढ़े रिहिस, अऊ अपन रीति के मुताबिक, ओह बिसराम के दिन यहूदीमन के सभा घर म गीस, अऊ ओह परमेसर के बचन ले पढ़े बर ठाढ़ होईस। 17 ओला यसायाह अगमजानी के किताब दिये गीस। ओह किताब ला खोलिस अऊ ओ भाग ला निकारिस, जिहां ए लिखे रहय:
18 “परभू के आतमा मोर ऊपर हवय,
एकरसेति ओह गरीबमन
ला सुघर संदेस के परचार करे बर मोर अभिसेक करे हवय।
ओह मोला पठोय हवय,
ताकि मेंह कैदीमन ला छुटकारा के,
अऊ अंधरामन ला आंखी पाय के घोसना करंव,
अऊ दुखित-पीड़ित मन ला छोड़ावंव[e],
19 अऊ परभू के अनुग्रह के बछर के घोसना करंव।”[f]
20 तब यीसू ह किताब ला बंद करके वापिस सेवक ला दे दीस अऊ बईठ गीस। सभा घर म जम्मो झन के आंखी ह ओकरे ऊपर लगे रहय। 21 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “आज परमेसर के ए बचन ह तुम्हर सुनत म पूरा होईस।”
22 जम्मो झन ओकर बड़ई करिन अऊ ओकर मुहूं ले निकरे अनुग्रह के बात ला सुनके ओमन अचम्भो करिन अऊ कहिन, “का एह यूसुफ के बेटा नो हय?”
23 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन मोर बर ए कहावत जरूर कहिहू, ‘ए डाक्टर, पहिली अपन-आप ला चंगा कर।’ जऊन कुछू तेंह कफरनहूम म करे हवस, ओकर बारे म हमन सुने हवन, अब वइसनेच तेंह इहां अपन नगर म घलो कर।”
24 यीसू ह फेर कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव, कोनो अगमजानी अपन खुद के नगर म मान-सम्मान नइं पावय। 25 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि एलियाह के समय म जब साढ़े तीन साल तक पानी नइं बरसिस अऊ जम्मो इलाका म भयंकर अकाल पड़े रिहिस, तब इसरायल देस म बहुंत बिधवामन रिहिन। 26 पर एलियाह ला ओमन ले काकरो करा नइं पठोय गीस, पर सैदा प्रदेस के सारफत सहर म एक बिधवा करा ओला पठोय गीस[g]। 27 अऊ एलीसा अगमजानी के समय म इसरायल देस म बहुंत कोढ़ीमन रिहिन, पर सीरिया देस के नामान ला छोंड़के ओमन ले कोनो सुध नइं करे गीस[h]।”
28 ए बात ला सुनके सभा घर के जम्मो मनखेमन कोरोध ले भर गीन। 29 ओमन उठिन अऊ यीसू ला सहर के बाहिर निकारिन। ओमन के सहर ह पहाड़ी ऊपर बसे रहय। ओमन यीसू ला पहाड़ी के छोर म ले गीन ताकि ओला चट्टान म ले ढकेल देवंय। 30 पर ओह भीड़ के बीच म ले निकरके अपन रसता म चल दीस।
यीसू ह परेत आतमा ला निकारथे
(मरकुस 1:21-28)
31 तब यीसू ह गलील प्रदेस के कफरनहूम सहर म गीस, अऊ बिसराम के दिन मनखेमन ला उपदेस देवन लगिस। 32 मनखेमन यीसू के उपदेस ला सुनके चकित होवत रहंय, काबरकि ओह अधिकार के संग गोठियावत रहय।
33 सभा घर म एक मनखे रिहिस जऊन म एक परेत आतमा रहय। ओह जोर से चिचियाके कहिस, 34 “हे यीसू नासरी! तोला हमर ले का काम? का तेंह हमन ला नास करे बर आय हवस? मेंह जानत हंव कि तेंह कोन अस, तेंह परमेसर के पबितर जन अस।”
35 यीसू ह ओला दबकारके कहिस, “चुपे रह। अऊ ओम ले निकर आ।” तब परेत आतमा ह ओ मनखे ला ओ जम्मो झन के आघू म पटकिस अऊ ओला बिगर चोट पहुंचाय निकर गीस।
36 जम्मो मनखेमन अचम्भो करिन अऊ एक-दूसर ला कहिन, “एह का सिकछा अय? अधिकार अऊ सक्ति के संग ओह परेत आतमामन ला हुकूम देथे अऊ ओमन निकर जाथें।” 37 अऊ आस-पास के जम्मो जगह म यीसू के बारे खबर फइल गीस।
यीसू ह पतरस के सास अऊ कतको आने मनखेमन ला चंगा करथे
(मत्ती 8:14-17; मरकुस 1:29-34)
38 यीसू ह सभा घर ले निकरके सिमोन के घर म गीस। ओ समय सिमोन के सास ला बहुंत जर आवत रहय, अऊ ओमन यीसू ले ओला बने करे बर बिनती करिन। 39 यीसू ह सिमोन के सास के बाजू म ठाढ़ होईस अऊ जर ला दबकारिस, अऊ ओकर जर ह उतर गीस। ओह तुरते उठिस अऊ ओमन के सेवा करे लगिस।
40 जब बेर ह बुड़त रहय, त मनखेमन ओ जम्मो झन जऊन मन ला कतको किसम के बेमारी रहय, यीसू करा लानिन, अऊ ओह हर एक के ऊपर हांथ रखके ओमन ला बने करिस। 41 परेत आतमामन घलो बहुंत मनखेमन ले चिचियावत अऊ ए कहत निकर गीन कि तेंह परमेसर के बेटा अस। पर यीसू ह ओमन ला दबकारिस अऊ ओमन ला गोठियावन नइं दीस, काबरकि ओमन जानत रिहिन कि ओह मसीह अय।
42 जब बिहान होईस, त यीसू ह एक ठन सुनसान ठऊर म चले गीस। मनखेमन ओला खोजे लगिन, अऊ जब ओमन ओला भेंटिन, त ओला रोके के कोसिस करिन अऊ कहिन कि हमर करा ले झन जा। 43 पर ओह कहिस, “मोला आने सहरमन म घलो परमेसर के राज के सुघर संदेस के परचार करना जरूरी ए, काबरकि एकर खातिर मोला पठोय गे हवय।” 44 अऊ ओह यहूदिया प्रदेस के सभा घरमन म परचार करन लगिस।
पहिली चेलामन के बुलाहट
(मत्ती 4:18-22; मरकुस 1:16-20)
5 एक दिन यीसू गन्नेसरत झील के तीर म ठाढ़े रहय अऊ परमेसर के बचन सुने बर मनखेमन के भीड़ ह ओकर ऊपर गिरे पड़त रहय। 2 ओह दू ठन डोंगा पानी के तीर म देखिस, जऊन ला मछुआरमन छोंड़के अपन जालमन ला धोवत रहंय। 3 ओह ओम के एक ठन डोंगा म चघिस, जऊन ह सिमोन के रिहिस अऊ यीसू ह ओला कहिस, “डोंगा ला पानी के तीर ले थोरकन दूरिहा ले चल।” तब यीसू ह डोंगा म बईठ गीस अऊ उहां ले मनखेमन ला उपदेस देवन लगिस।
4 जब ओह उपदेस दे चुकिस, त सिमोन ला कहिस, “डोंगा ला गहिरा पानी म ले चल अऊ मछरी पकड़े बर अपन जाल ला डार।”
5 सिमोन ह कहिस, “हे मालिक, हमन रात भर बहुंत मिहनत करेन, तभो ले कुछू नइं पायेन। पर तोर कहे म मेंह जाल ला फेर डारत हवंव।”
6 जब ओमन अइसने करिन, त जाल म अतकी जादा मछरी फंसिन कि जाल ह चीराय लगिस। 7 एकरसेति ओमन अपन संगवारीमन ला जऊन मन दूसर डोंगा म रहंय, इसारा करिन कि ओमन आके मदद करंय; अऊ ओमन आईन अऊ दूनों डोंगा ला मछरी ले अतकी भर लीन कि डोंगामन बुड़न लगिन।
8 जब सिमोन पतरस एला देखिस, त ओह यीसू के गोड़ खाल्हे गिरिस अऊ कहिस, “हे परभू! मोर करा ले चले जा; मेंह एक पापी मनखे अंव।” 9 काबरकि अतकी जादा मछरी फंसे के कारन, ओह अऊ ओकर जम्मो संगीमन अचम्भो करत रिहिन, 10 अऊ एहीच दसा जबदी के बेटा याकूब अऊ यूहन्ना के घलो रहय, जऊन मन सिमोन के संगवारी रिहिन। तब यीसू ह सिमोन ला कहिस, “झन डर्रा; अब ले तेंह मनखेमन ला पकड़े करबे।” 11 ओमन डोंगामन ला पानी के तीर म लानिन अऊ जम्मो कुछू ला छोंड़के यीसू के पाछू हो लीन।
एक कोढ़ी मनखे
(मत्ती 8:1-4; मरकुस 1:40-45)
12 जब यीसू ह एक नगर म रिहिस, त उहां कोढ़ ले भरे एक मनखे आईस। जब ओह यीसू ला देखिस, त मुहूं के भार भुइयां म गिरके ओकर ले बिनती करिस, “हे परभू, यदि तेंह चाहस, त मोला सुध कर सकथस।”
13 यीसू ह अपन हांथ ला लमाके ओ मनखे ला छुईस अऊ कहिस, “मेंह चाहत हंव कि तेंह सुध हो जा।” अऊ तुरते ओकर कोढ़ ह गायब हो गीस।
14 तब यीसू ह ओला हुकूम दीस, “ए बात कोनो ला झन बताबे, पर जा अऊ अपन-आप ला पुरोहित ला देखा अऊ सुध होय के बारे म मूसा ह जइसने हुकूम दे हवय, वइसने बलिदान चघा, ताकि मनखेमन जान लेवंय कि तेंह बने हो गे हवस।”
15 यीसू के बारे म अऊ खबर फइल गीस, अऊ मनखेमन के भीड़ यीसू के बात सुने बर अऊ अपन बेमारी ले बने होय बर आय लगिन। 16 पर यीसू ह अक्सर सुनसान जगह म जावय अऊ पराथना करय।
यीसू ह लकवा के मारे मनखे ला बने करथे
(मत्ती 9:1-8; मरकुस 2:1-12)
17 एक दिन जब यीसू ह उपदेस देवत रहय, त फरीसीमन अऊ कानून के गुरूमन उहां बईठे रहंय, जऊन मन गलील अऊ यहूदिया प्रदेस के जम्मो गांव ले, अऊ यरूसलेम ले आय रहंय। अऊ परभू के सामरथ बेमरहामन ला बने करे बर यीसू के संग रहय। 18 कुछू मनखेमन लकवा के मारे एक मनखे ला खटिया म उठाके लानिन। ओमन ओला घर के भीतर ले जाय के कोसिस करिन ताकि ओला यीसू के आघू म रख सकंय। 19 जब ओमन भीड़ के मारे ओला भीतर नइं ले जा सकिन, तब ओमन छानी के ऊपर चघिन अऊ खपरा ला टारके ओमन ओला खटिया म, भीड़ के मांझा म, ठोका यीसू के आघू म उतारिन।
20 जब यीसू ह ओमन के बिसवास ला देखिस, त ओह लकवा के मारे मनखे ला कहिस, “संगी, तोर पाप छेमा होईस।”
21 फरीसीमन अऊ कानून के गुरूमन अपन-अपन मन म सोचे लगिन, “ए कोन मनखे ए जऊन ह परमेसर के निन्दा करथे? सिरिप परमेसर के छोंड़ अऊ कोन पाप ला छेमा कर सकथे?”
22 यीसू ह ओमन के मन के बात ला जानत रिहिस। ओह ओमन ले पुछिस, “तुमन ए बात अपन मन म काबर सोचत हव? 23 का कहना सरल ए? ए कहना, ‘तोर पाप छेमा होईस’, कि ए कहना, ‘उठ अऊ चल फिर।’ 24 तुमन ए बात ला जान लेवव कि मनखे के बेटा ला ए धरती म पाप छेमा करे के अधिकार हवय।” ओह लकवा के मारे मनखे ला कहिस, “मेंह तोला कहत हंव, उठ अऊ अपन खटिया उठाके घर जा[i]।” 25 तुरते ओह ओमन के आघू म उठिस अऊ जऊन खटिया म ओह पड़े रिहिस, ओला उठाईस अऊ परमेसर के इस्तुति करत अपन घर चल दीस। 26 तब ओ जम्मो झन चकित हो गीन अऊ परमेसर के महिमा करिन। ओमन म डर हमा गीस अऊ ओमन कहे लगिन, “हमन आज चमतकार होवत देखे हवन।”
यीसू ह लेवी ला बलाथे
(मत्ती 9:9-13; मरकुस 2:13-17)
27 एकर बाद, यीसू ह बाहिर निकरिस अऊ लेवी नांव के एक झन लगान लेवइया ला अपन नाका म बईठे देखिस। यीसू ह ओला कहिस, “मोर पाछू चले आ।” 28 लेवी ह उठिस अऊ जम्मो कुछू ला छोंड़के यीसू के पाछू हो लीस।
29 तब लेवी ह यीसू बर अपन घर म एक बड़े भोज के आयोजन करिस, अऊ लगान लेवइया अऊ आने पहुनामन के एक बड़े भीड़ ह ओमन के संग म खावत रिहिस। 30 पर फरीसी अऊ कानून के गुरू मन यीसू के चेलामन ले ए कहिके सिकायत करन लगिन, “तुमन लगान लेवइया अऊ पापी मन संग काबर खाथव अऊ पीथव?”
31 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “भला-चंगा मनखेमन ला डाक्टर के जरूरत नइं होवय, पर बेमरहामन ला होथे। 32 मेंह धरमीमन ला नइं, पर पापीमन ला पछताप करे बर बलाय आय हवंव।”
उपास के बारे म सवाल
(मत्ती 9:14-17; मरकुस 2:18-22)
33 ओमन यीसू ले कहिन, “यूहन्ना बतिसमा देवइया के चेलामन अक्सर उपास रखथें अऊ पराथना करथें, अऊ अइसने फरीसीमन के चेलामन घलो करथें, पर तोर चेलामन खावत-पीयत रहिथंय।”
34 यीसू ह जबाब दीस, “का तुमन बरातीमन ले, जब तक दुल्हा ह ओमन के संग हवय, उपास करा सकथव? 35 पर ओ समय आही, जब दुल्हा ह ओमन ले अलग करे जाही, तब ओमन ओ दिनमन म उपास करहीं।”
36 यीसू ह ओमन ला ए पटंतर घलो सुनाईस, “कोनो मनखे नवां ओन्ढा ला चीरके ओकर खाप ला जुन्ना ओन्ढा म नइं सिलय। कहूं ओह अइसने करथे, त नवां ओन्ढा ह चीरा जाही अऊ नवां ओन्ढा के खाप जुन्ना ओन्ढा म नइं लगही। 37 अऊ कोनो मनखे अंगूर के नवां मंद ला चमड़ा के जुन्ना थैली म नइं भरय। कहूं ओह अइसने करथे, त नवां मंद ह ओ थैली ला चीर दिही, अऊ मंद ह ढर जाही अऊ थैली ह बरबाद हो जाही। 38 नवां मंद ला चमड़ा के नवां थैली म भरना चाही। 39 कोनो मनखे अंगूर के जुन्ना मंद पीये के बाद, नवां मंद पीये नइं चाहय। ओह कहिथे, ‘जुन्ना मंद ही बने हवय।’ ”
बिसराम दिन के परभू
(मत्ती 12:1-8; मरकुस 2:23-28)
6 बिसराम के दिन यीसू ह खेत म ले होके जावत रिहिस, अऊ ओकर चेलामन ह कुछू बाली ला टोरके ओला अपन हांथ म मिंज-मिंज के खावत जावत रिहिन। 2 तब कुछू फरीसीमन पुछिन, “तुमन अइसने काबर करत हवव, जऊन ला बिसराम के दिन म करना मना अय?”
3 यीसू ह ओमन ला ए जबाब दीस, “का तुमन परमेसर के बचन म ए नइं पढ़े हवव कि दाऊद ह का करिस, जब ओला अऊ ओकर संगवारीमन ला भूख लगिस? 4 ओह परमेसर के घर म गीस, अऊ भेंट चघाय रोटी ला लेके खाईस, जऊन ला पुरोहितमन के छोंड़ आने मनखे के खाना कानून के बिरूद्ध रिहिस। अऊ ओह अपन संगवारीमन ला घलो ओ रोटी म ले कुछू खाय बर दीस।” 5 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “मनखे के बेटा ह बिसराम दिन के परभू अय।”
6 एक आने बिसराम के दिन यीसू ह सभा घर म गीस अऊ उपदेस देवत रिहिस। उहां एक झन मनखे रिहिस जेकर जेवनी हांथ ह सूखा गे रहय। 7 फरीसी अऊ कानून के गुरू मन यीसू ऊपर दोस लगाय के बहाना खोजत रहंय, एकरसेति ओमन धियान लगाके देखत रहंय कि ओह सूखा हांथवाले मनखे ला बिसराम के दिन म बने करथे कि नइं। 8 पर यीसू ह ओमन के मन के बात ला जानत रिहिस अऊ ओह सूखा हांथवाले मनखे ला कहिस, “उठ अऊ जम्मो झन के आघू म ठाढ़ हो जा।” ओ मनखे ह उठिस अऊ उहां ठाढ़ हो गीस।
9 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला पुछत हंव – बिसराम के दिन म का करना उचित ए – भलई करई या बुरई करई, जिनगी बचई या जिनगी नास करई?”
10 यीसू ह चारों कोति ओ जम्मो झन ला देखिस अऊ तब ओ मनखे ला कहिस, “अपन हांथ ला बढ़ा।” ओह वइसने करिस, अऊ ओकर हांथ ह पूरा-पूरी ठीक हो गीस। 11 पर फरीसी अऊ कानून के गुरू मन बहुंत नराज होईन अऊ एक-दूसर के संग बिचार करन लगिन कि यीसू के संग का करे जावय।
बारह प्रेरितमन
(मत्ती 10:1-4; मरकुस 3:13-19)
12 एक दिन यीसू ह पहाड़ ऊपर पराथना करे बर गीस, अऊ परमेसर ले पराथना करत जम्मो रात बिताईस। 13 जब बिहान होईस, त ओह अपन चेलामन ला बलाईस अऊ ओम के बारह झन ला चुन लीस अऊ ओमन ला प्रेरित कहिस: 14 ओमन ए अंय – सिमोन (जेकर नांव यीसू ह पतरस रखिस), सिमोन के भाई अन्द्रियास, याकूब, यूहन्ना, फिलिप्पुस, बरतुलमै, 15 मत्ती, थोमा, हलफई के बेटा याकूब, सिमोन जऊन ला जेलोतेस कहे गीस, 16 याकूब के बेटा यहूदा, अऊ यहूदा इस्करियोती जऊन ह यीसू संग बिसवासघात करिस।
आसिस अऊ सराप
(मत्ती 5:1-12)
17 यीसू ह अपन चेलामन संग पहाड़ ले उतरिस अऊ एक समतल जगह म ठाढ़ हो गीस। उहां ओकर चेलामन के एक बड़े भीड़ रहय अऊ जम्मो यहूदिया प्रदेस, यरूसलेम सहर, अऊ सूर अऊ सैदा के समुंदर तीर ले बहुंत मनखे जुरे रिहिन। 18 ओमन यीसू के उपदेस ला सुने बर अऊ अपन बेमारीमन ले छुटकारा पाय बर आय रिहिन। अऊ परेत आतमा के सताय मनखेमन घलो बने हो गीन। 19 जम्मो मनखेमन यीसू ला छुए के कोसिस करत रिहिन, काबरकि ओकर ले सामरथ निकरत रिहिस अऊ ओ जम्मो ला बने करत रिहिस।
20 अपन चेलामन कोति देखके यीसू ह कहिस,
“धइन अव तुमन, जऊन मन गरीब अव,
काबरकि परमेसर के राज तुम्हर ए।
21 धइन अव तुमन, जऊन मन अभी भूखा हवव, काबरकि तुमन ला संतोस करे जाही।
धइन अव तुमन, जऊन मन अभी रोवत हव,
काबरकि तुमन हंसहू।
22 धइन अव तुमन, जब मनखे के बेटा के कारन मनखेमन तुम्हर ले घिन करथें
अऊ तुमन ला निकार देथें
अऊ तुम्हर निन्दा करथें
अऊ तुम्हर नांव ला खराप जानके काट देथें।
23 ओ दिन खुसी मनावव अऊ आनंद के मारे कूदव, काबरकि तुम्हर बर स्वरग म एक बड़े इनाम रखे हवय। ओमन के पुरखामन अगमजानीमन के संग अइसनेच बरताव करे रिहिन।
24 पर हाय लगे तुमन ऊपर,
जऊन मन धनवान अव,
काबरकि तुमन अपन सुख भोग चुके हवव।
25 हाय लगे तुमन ऊपर,
जऊन मन अभी भरपेट खावथव,
काबरकि तुमन भूखा रहिहू।
हाय लगे तुमन ऊपर, जऊन मन अभी हंसथव,
काबरकि तुमन सोक मनाहू अऊ रोहू।
26 हाय लगे तुमन ऊपर, जब जम्मो मनखे तुम्हर बड़ई करथें,
काबरकि ओमन के पुरखामन लबरा अगमजानीमन के संग अइसनेच करे रिहिन।”
बईरीमन बर मया
(मत्ती 5:38-48; 7:12)
27 “पर मेंह तुमन ला जऊन मन मोर गोठ ला सुनत हव, ए कहत हंव: अपन बईरीमन ले मया करव; ओमन के भलई करव जऊन मन तुमन ले घिन करथें। 28 ओमन ला आसिस देवव, जऊन मन तुमन ला सराप देथें; ओमन बर पराथना करव, जऊन मन तुम्हर संग गलत बरताव करथें। 29 कहूं कोनो तुम्हर एक गाल म थपरा मारथे, त ओकर कोति दूसर गाल ला घलो कर देवव। कहूं कोनो तुम्हर ओढ़ना ला ले लेथे, त ओला तुम्हर कुरता लेय बर झन रोकव। 30 जऊन कोनो तुम्हर ले मांगथे, ओला देवव; अऊ कहूं कोनो तुम्हर चीज ला ले जावय, त ओला वापिस झन मांगव। 31 जइसने तुमन चाहथव कि मनखेमन तुम्हर संग करंय, वइसने तुमन घलो ओमन के संग करव।
32 यदि तुमन ओमन ले मया करथव, जऊन मन तुम्हर ले मया करथें, त तुम्हर का बड़ई? काबरकि पापीमन घलो अपन ले मया करइयामन ले मया करथें। 33 अऊ यदि तुमन ओमन के भलई करथव, जऊन मन तुम्हर भलई करथें, त तुम्हर का बड़ई? काबरकि पापीमन घलो अइसने करथें। 34 अऊ यदि तुमन ओमन ला उधार देथव, जऊन मन ले तुमन वापिस पाय के आसा करथव, त तुम्हर का बड़ई? काबरकि पापीमन घलो पापीमन ला ए आसा म उधार देथें कि ओमन ला पूरा-पूरी वापिस मिलही। 35 पर अपन बईरीमन ले मया करव, ओमन के भलई करव, अऊ बिगर कुछू चीज वापिस पाय के आसा म ओमन ला उधार देवव। तभे तुमन ला बड़े इनाम मिलही, अऊ तुमन परम परधान परमेसर के बेटा होहू, काबरकि ओह गुन नइं चिनहइया अऊ दुस्ट मनखेमन ऊपर दया करथे। 36 दयालु बनव, जइसने तुम्हर स्वरगीय ददा ह दयालु ए।”
आने ऊपर दोस झन लगावव
(मत्ती 7:1-4)
37 “आने मन के नुक्ता-चीनी झन करव, त तुम्हर घलो नुक्ता-चीनी नइं करे जाही। आने मन ला दोसी झन ठहरावव, त तुमन ला घलो दोसी नइं ठहराय जाही। आने मन ला छेमा करव, त तुमन ला घलो छेमा करे जाही। 38 आने मन ला देवव, त तुमन ला घलो दिये जाही। बने ढंग ले नापके, दबा-दबाके, हला-हला के, अऊ उछरत तुम्हर कोरा म डारे जाही। काबरकि जऊन नाप ले तुमन आने मन बर नापथव, ओही नाप ले तुम्हर बर घलो नापे जाही।”
39 यीसू ह ओमन ला ए पटंतर घलो कहिस, “का एक अंधरा ह दूसर अंधरा ला रसता देखा सकथे? का ओमन दूनों खंचवा म नइं गिर जाहीं? 40 चेला ह अपन गुरू ले बड़े नइं होवय, पर पूरा सिकछा पाय के बाद ओह अपन गुरू सहीं हो जाथे।
41 तेंह काबर अपन भाई के आंखी के छोटे कचरा ला देखथस, जबकि तेंह अपन खुद के आंखी के बड़े कचरा ला धियान नइं देवस? 42 जब तेंह अपन खुद के आंखी के बड़े कचरा ला नइं देख सकत हस, त अपन भाई ले कइसने कह सकत हस, ‘ए भाई, लान, मेंह तोर आंखी के कचरा ला निकार देथंव?’ हे ढोंगी मनखे! पहिली अपन आंखी के बड़े कचरा ला निकार, तभे तेंह अपन भाई के आंखी के छोटे कचरा ला बने करके देखबे अऊ ओला निकार सकबे।
रूख अऊ ओकर फर
(मत्ती 7:16-20)
43 बने रूख म खराप फर नइं फरय, अऊ न ही खराप रूख म बने फर फरथे। 44 हर एक रूख ह ओकर फर ले पहिचाने जाथे। काबरकि मनखेमन कंटिली झाड़ीमन ले अंजीर के फर नइं टोरंय, अऊ न ही झरबेरी रूख ले अंगूर। 45 बने मनखे ह अपन दिल के बने भंडार ले बने बात ला निकारथे, अऊ खराप मनखे ह अपन दिल के खराप भंडार ले खराप बात ला निकारथे। काबरकि जऊन बात ले ओकर दिल भरे रहिथे, ओहीच ला अपन मुहूं ले गोठियाथे।
बुद्धिमान अऊ मुरुख मनखे के पहिचान
(मत्ती 7:24-27)
46 जब तुमन मोर कहे ला नइं मानव, त मोला काबर ‘हे परभू, हे परभू’ कहिथव? 47 जऊन ह मोर करा आथे, अऊ मोर गोठमन ला सुनथे अऊ ओला मानथे – मेंह तुमन ला बतावत हंव कि ओह काकर सहीं अय। 48 ओह ओ घर बनइया मनखे सहीं अय, जऊन ह भुइयां ला गहिरा कोड़िस अऊ चट्टान ऊपर नींव डारिस। जब बाढ़ (पुरा) आईस अऊ पानी ओ घर ले टकराईस, पर ओला हलाय नइं सकिस, काबरकि ओ घर ह मजबूत बने रिहिस। 49 पर जऊन ह मोर गोठ ला सुनथे अऊ ओला नइं मानय, ओह ओ मनखे के सहीं अय, जऊन ह भुइयां म बिगर नींव डारे घर बनाईस, अऊ जब बाढ़ के पानी ओ घर ले टकराईस, त ओह गिरके बरबाद हो गीस।”
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