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इफिसियों के लिये पौलुस की प्रार्थना
15 इसलिए जब से मैंने प्रभु यीशु में तुम्हारे विश्वास और सभी संतों के प्रति तुम्हारे प्रेम के विषय में सुना है, 16 मैं तुम्हारे लिए परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर कर रहा हूँ। अपनी प्रार्थनाओं में मैं तुम्हारा उल्लेख किया करता हूँ। 17 मैं प्रार्थना किया करता हूँ कि हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर तुम्हें विवेक और दिव्यदर्शन की ऐसी आत्मा की शक्ति प्रदान करे जिससे तुम उस महिमावान परम पिता को जान सको।
18 मेरी विनती है कि तुम्हारे हृदय की आँखें खुल जायें और तुम प्रकाश का दर्शन कर सको ताकि तुम्हें पता चल जाये कि वह आशा क्या है जिसके लिये तुम्हें उसने बुलाया है। और जिस उत्तराधिकार को वह अपने सभी लोगों को देगा, वह कितना अद्भुत और सम्पन्न है। 19 तथा हम विश्वासियों के लिए उसकी शक्ति अतुलनीय रूप से कितनी महान है। यह शक्ति अपनी महान शक्ति के उस प्रयोग के समान है,
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