Chronological
यिर्मयाह क मन्दिर उपदेस
7 इ यहोवा क सँदेसा यिर्मयाह बरे अहइ। 2 “यिर्मयाह यहोवा क मन्दिर दुआरे क समन्वा खड़ा ह्वा। दुआरे पइ इ सँदेसा घोसित करा:
“‘यहूदा रास्ट्र क सबहिं लोगो, यहोवा क उपासना करइ बरे जउन लोग एन दुआरन स होइके आवा, हिआँ यहोवा क सँदेसा रहा। 3 इस्राएल क लोगन क परमेस्सर यहोवा अहइ। सर्वसक्तीमान यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ, आपन जिन्नगी बदला अउर नीक काम करा। जदि तू अइसा करब्या तउ मइँ तू पचन्क इ ठउरे पइ रहइ देब। 4 इ झूठ पइ जिन पतियाअ जउन कछू लोग बोलत हीं। उ पचे कहत हीं, “इ यहोवा क मन्दिर अहइ। यहोवा क मन्दिर अहइ! यहोवा क मन्दिर अहइ!” 5 जदि तू पचे आपन जीवन बदलब्या अउर नीक करम करब्या, तउ मइँ तू पचन्क इ ठउरे पइ रहइ देब। तू पचन्क एक दूसर पइ निस्ठावान होइ चाही। 6 तू पचन्क अजनबियन क संग भी निस्ठावान होइ चाही। तू पचन्क राँड़ अउर अनाथ लरिकन बरे उचित काम करइ चाही। निरपराध लोगन क जिन मारा। दूसर देवतन क अनुसरण न करा। काहेकि उ पचे तोहरे पचन्क जिन्नगी क नस्ट कइ देइहीं। 7 जदि तू पचे मोरी आग्या क पालन करब्या तउ मइँ तू पचन्क इ ठउरे पइ रहइ देब। मइँ इ प्रदेस तोहरे पचन्क पुरखन क अपने लगे सदा ही रखइ बरे दिहेउँ।
8 “‘किन्तु तू पचे झूठ मँ बिस्सास करत अहा अउर उ झूठ बियर्थ अहइ। 9 का तू पचे चोरी अउर हत्या करब्या? का तू पचे बिभिचार क पाप करब्या? का तू फाइदा बरे झूठी गवाही देब्या? का तू पचे लबार देवता बाल क पूजा करब्या अउर दूसर देवतन क अनुसरण करब्या जेनका तू पचे नाहीं जानत्या? 10 जदि तू पचे इ सबइ पाप करत अहा तउ का तू पचे समुझन अहा कि तू पचे उ मन्दिर मँ मोरे समन्वा खड़ा होइ सकत ह जेहसे मोरे नाउँ स गोहरावा जात होइ? का तू पचे सोचत अहा कि तू पचे मोरे समन्वा खड़ा होइ सकत अहा अउर कहि सकत अहा, “हम सुरच्छित अही?” सुरच्छित एह बरे कि जेहसे तू पचे घृणित कार्य कइ सका। 11 इ मन्दिर मोरे नाउँ स गोहरावा जात ह। का इ मन्दिर तोहरे पचन बरे डकैतन क छिपइ क ठउरे क अलावा दूसर कछू नाहीं अहइ? मइँ तोहार पचन्क चौकसी रखत हउँ।’” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
12 “‘यहूदा क लोगो, तू पचे अब सीलो नगर क जा। उ ठउरे पइ जा जहाँ मइँ पहिली बार अपने नाउँ क बरे मन्दिर बनाएउँ। जा अउर लखा कि उ ठउरे क मइँ ओन पाप क बरे का किहेउँ जउन एह बरे कि लोग किहन। 13 तू लोग इ सबइ सब पाप करम करत रह्या। इ सँदेसा यहोवा क रहा। मइँ तू पचन्स बार-बार बातन किहेउँ, मुला तू पचे मोर अनसुनी कइ दिहा। मइँ तू लोगन क पुकारेउँ पर तू पचे जवाब नाहीं दिहा। 14 एह बरे मइँ आपन नाउँ स गोहरावा जाइवाले यरूसलेम क इ मन्दिर क नस्ट करब। मइँ उ मन्दिर क जेहमाँ तू पचे बिस्सास करत अहा वइसे ही नस्ट करब जइसे मइँ सीलो क नस्ट किहेउँ। अउ मइँ उ ठउरे क नस्ट करब्या जेका मइँ तू पचन्क अउर तोहरे पचन्क पुरखन क दिहेउँ। 15 मइँ तू पचन्क अपने पास ह वइसे ही दूर लोकाइ देब जइसे मइँ तोहरे सबहिं भाइयन क एप्रैम स लोकाएउँ।’
16 “यिर्मयाह, जहाँ तलक तोहार बात अहइ, तू यहूदा क एन लोगन बरे पराथना जिन करा। न ओनके बरे याचना करा अउर न ही ओनके बरे पराथना। ओनकर सहायता बरे मोहसे पराथन जिन करा। ओनके बरे तोहरी पराथना क मइँ नाहीं सुनब। 17 मइँ जानत हउँ कि तू लखत अहा कि उ पचे यहूदा नगर मँ का करत अहइँ। तू लखि सकत अहा कि उ पचे यरूसलेम क सड़कन पइ का करत अहइँ? 18 यहूदा क लोग जउन करत अहइँ उ इ अहइ: बच्चन लकड़ी बटोरत हीं। पिता लोग उ लकड़ी क उपयोग आगी बारइ मँ करत हीं। मेहररूअन आटा गूँथत हीं अउर सरग क रानी क भेंट बरे रोटियन बनावत हीं। यहूदा क उ सब लोग दूसर देवतन क पूजा बरे पेय भेंट चढ़ावत हीं। उ पचे मोका किरोधित करइ बरे इ करत हीं। 19 मुला मइँ उ नाहीं हउँ जेका यहूदा क लोग फुरइ चोट पहोंचावत अहइँ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “उ पचे सिरिफ आपन क ही चोट पहोंचावत अहइँ। उ पचे आपन क लज्जा क पात्र बनावत अहइँ।”
20 एह बरे यहोवा इ कहत ह: “मइँ आपन किरोध इ ठउरे क खिलाफ परगट करब। मइँ लोगन तथा जानवरन क सजा देब। मइँ खेते मँ बृच्छन अउ उ भुइँया मँ जमइवाली फसलन क सजा देब। मोर किरोध प्रचण्ड आगी क नाई होइ अउर कउनो मनई ओका रोक नाहीं सकी।”
यहोवा बलि क अपेच्छा, आपन आग्या क पालन जियादा चाहत ह
21 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तिमान यहोवा इ कहत ह, “जा अउर जेतनी भी होमबलि अउर बलि चाहा, भेंट करा। ओन बलियन क गोस खुद खा। 22 मइँ तोहरे पचन्क पुरखन क मिस्र स बाहेर लिआएउँ। मइँ ओनसे बातन किहेउँ, किन्तु ओनका कउनो आदेस होमबलि अउर बलि क बारे मँ नाहीं दिहस। 23 मइँ ओनका सिरिफ इ आदेस दिहेउँ, ‘मोरी आग्या क पालन करा अउर मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर रहब तथा तू पचे मोर लोग होब्या। जउन मइँ आदेस देत हउँ उकरा, अउर तोहरे पचन्क बरे सब नीक होइ।’
24 “किन्तु तोहार सबन्क पुरखन मोर एक नाहीं सुनेन। उ पचे मोह पइ धियान नाहीं दिहन। उ पचे हठी रहेन अउर उ पचे ओन कामन क किहन जउन उ पचे करइ चाहत रहेन। उ पचे नीक नाहीं बनेन। उ पचे पहिले स भी जियादा बुरे बनेन, उ पचे पाछे क गएन, अगवा नाहीं बढ़ेन। 25 ओ दिन स जउने दिन तोहरे सबन्क पुरखन मिस्र तजेन आजु तलक मइँ आपन सेवकन क तोहरे पचन्क लगे पठएउँ ह। मोरे सेवक नबी अहइँ। मइँ ओनका तोहरे सबन्क लगे बराबर पठएउँ। 26 मुला तोहार पचन्क पुरखन मोर अनसुनी किहन। उ पचे मोह पइ धियान नाहीं दिहन। उ पचे बहोत हठी रहेन, अउर उ पचे बहोत जिद्दी रहेन, अउर उ पचे आपन पुरखन स भी बढ़िके बुराइयन किहन।
27 “यिर्मयाह, तू यहूदा क लोगन स इ सबइ बातन कहब्या। किन्तु उ पचे तोहार पचन्क एक न सुनिहीं। तू पचे ओनसे बातन करब्या मुला उ पचे तू पचन्क जवाब नाहीं देइहीं। 28 एह बरे तोहका ओनसे इ सबइ बातन कहइ चाही: ‘इ उ रास्ट्र अहइ जउन यहोवा आपन परमेस्सर क आग्या क पालन नाहीं किहस। इ सबइ लोग परमेस्सर क सिच्छन क अनसुनी किहन। इ सबइ लोग सच्ची सिच्छन क नाहीं जानतेन।’
हत्या घाटी
29 “यिर्मयाह, अपने बारन क काट डावा अउर एका लोकाइ द्या। पहाड़ी क नंगी चोटी पइ चढ़ा अउर रोवा चिचियाअ। काहेकि यहोवा इ पीढ़ी क लोगन क दुत्कार दिहेस ह। यहोवा एन लोगन स आपन पीठ मोड़ लिहस ह अउर उ किरोध मँ एनका सजा देइ। 30 इ सबइ करा काहेकि मइँ यहूदा क लोगन क पाप करत लखेउँ ह।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “उ पचे आपन देवमूर्तियन क स्थापना किहेन ह अउर मइँ ओन देवमूर्तियन स घिना करत हउँ। उ पचे देवमूर्तियन क उ मन्दिर मँ स्थापित किहेन ह जउन मोरे नाउँ स अहइ। उ पचे मोरे मन्दिर क ‘गन्दा’ कइ दिहन ह। 31 यहूदा क उ सबइ लोग बेन हिन्नोम घाटी मँ तोपेत क उच्च स्थान बनाए अहइँ। ओन ठउरन पइ लोग आपन पूत-बिटियन क मार डावत रहेन, उ पचे ओनका बलि क रूप मँ बार देत रहेन। इ अइसा अहइ जेकरे बरे मइँ कबहुँ आदेस नाहीं दिहेउँ। इ तरह क बात कबहुँ मोरे मन मँ आई ही नाहीं। 32 एह बरे मइँ तू पचन्क चितउनी देत हउँ। उ सबइ दिन आवत अहइँ।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ, “जब लोग इ ठउरे क तोपेत या बेन हिन्नोम क घाटी फुन नाहीं कहिहीं। नाहीं, उ पचे एका हत्याघाटी कहिहीं। उ पचे एका इ नाउँ एह बरे देइहीं कि उ पचे तोपेत मँ एतने मनइयन क दफनइहीं कि ओनके बरे कउनो दूसर क दफनावइ क जगह नाहीं बची। 33 तब लोगन क ल्हास जमीन क ऊपर पड़ा रइहीं अउर अकासे क पंछियन क चारा होइहीं। ओन लोगन क तने क जंगली जनावर खइहीं। हुआँ ओन पंछियन अउर जनावरन क भगावइ बरे कउनो मनई जिअत नाहीं बची। 34 मइँ आनन्द अउर खुसी क कहकहन क यहूदा क नगरन अउर यरूसलेम क सड़कियन पइ खतम कइ देब। यहूदा अउ यरूसलेम मँ दुलहिन अउ दुल्हा क हँसी-ठिठोली अब स अगवा नाहीं सुनाई पड़ी। पूरा पहँटा सूना रेगिस्तान बन जाइ।”
8 यहोवा कहत ह: “उ समइ लोग यहूदा क राजा लोग अउर प्रमुख सासक लोग क हड्डियन क कब्रन स निकारि लेइहीं। उ पचे याजकन अउर नबियन क हड्डियन क ओनकर कब्रन स लइ लेइहीं। उ पचे यरूसलेम क सबहिं लोगन क कब्रन स हड्डियन निकारि लेइहीं। 2 उ सबइ लोग ओन हड्डियन क सूरज, चाँद अउर तारन क पूजा बरे खाले जमीन पइ फइलइहीं। यरूसलेम क लोग सूरज, चाँद अउ तारन क पूजा स पिरेम करत हीं। कउनो भी मनई ओन हड्डियन क बटोरी नाहीं अउर न ही ओनका फुन दफनाई। एह बरे ओन लोगन क हड्डियन गोबर क तरह भुइँया पइ पड़ी रहिहीं।
3 “मइँ यहूदा क लोगन क आपन घर अउ प्रदेस तजइ पर विवस करब। लोग विदेसन मँ लइ जावा जइहीं। यहूदा क उ सबइ कछू लोग जउन जुद्ध मँ नाहीं मारा जाइ सकेन, चहिहीं कि उ पचे मार डावा गए होतेन।” इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
पाप अउर सजा
4 “ओन लोगन स कहा, ‘जउन यहोवा कहत ह उ इ अहइ:
“‘तू इ सब जानत अहा कि जउन मनई गिरत ह
उ फुन उठत ह।
अउर जदि कउनो मनई गलत राहे पइ चलत ह
तउ का उ वापस नाहीं आवत ह?
5 यहूदा क लोग गलत राह चला गवा अहइँ।
मुला यरूसलेम क लोग गलत राह चलत ही काहे जात अहइँ?
उ पचे आपन झूठ मँ बिस्सास रखत हीं।
उ पचे मुड़इ अउर लउटइ स इन्कार करत हीं।
6 मइँ ओनका धियान स सुनेउँ ह,
मुला उ पचे उ नाहीं कहतेन जउन फुरइ अहइ।
लोग आपन पापे खातिर पछतातेन नाहीं।
लोग ओन बुरे करमन पइ विचार नाहीं करतेन जेनका उ पचे किहेन ह।
हर एक अपने राहे पइ वइसे ही चला जात अहइ।
उ पचे जुद्ध मँ दउड़त भए घोड़वन क समान अहइँ।
7 अकासे क पंछी भी काम करइ क ठीक समइ जानत हीं।
सारस, कबूतर, खज्जन अउ मइना भी
जानत हीं कब ओनका आपन नवे घरे मँ उड़िके जाब अहइ।
किन्तु मोर लोग नाहीं जानतेन कि यहोवा ओनसे का कराउब चाहत ह।
8 “‘तू पचे कइसे कह सकत ह, “हमका यहोवा क नेम मिली अहइ।
एह बरे हम बुद्धिमान अही?”
किन्तु जउन नेम क सिच्छा देत ह अहइ उहइ एका झुठलाइ दिहेस ह।
9 ओन “चतुर लोग” यहोवा क सिच्छा अनसुनी किहेन ह
एह बरे फुरइ उ पचे असल मँ बुद्धिमान लोग नाहीं अहइँ।
उ पचे “चतुर लोग” जाल मँ फँसावा गएन।
उ पचे काँप उठेन अउर लज्जित भएन।
10 एह बरे मइँ ओनकर मेहररूअन क दूसर मनइयन क देब।
मइँ ओनके खेते क दूसर मालिकन क दइ देब।
इस्राएल क सबहिं लोग जियादा स जियादा धन चाहत हीं।
कम महत्त्वपूर्ण स लइके ज्यादा महत्त्वपूर्ण सबहिं लोग निआवहीन धन बरे लालची अहइ।
हिआँ तलक कि नबी स लइके याजक भी लबार बोलत हीं।
11 नबी अउर याजक हमरे लोगन क घावन क भरइ क जतन अइसे करत हीं
माना उ पचे नान्ह स घाव होइँ।
उ पचे कहत हीं, “सान्ति! सान्ति!
किन्तु हुआँ सान्ति नाहीं अहइँ।”
12 ओन लोगन क आपन किए बुरे करमन बरे लज्जित होइ चाही।
किन्तु उ पचे बिल्कुल लज्जित नाहीं।
एह बरे उ पचे दूसर सबहिं क संग गिर जाइहीं।
जब मइँ ओनका सज़ा देब तउ उ पचे ठोकर खाइहीं।’”
यहोवा कहत ह।
13 “‘मइँ आपन लोगन क इकट्ठा करइ बरे आउब्या
यहोवा कहत ह: कउनो भी अंगूरे क बेलन मँ कउनो अंगूर नाहीं होइ।
कउनो भी अंजीरे क पेड़न पइ कउनो अंजीर नहीं होइ।
हिआँ तलक कि पातियन भी सूखिके झड़ि जाइहीं।
अउर मइँ इ सारी बातन क ओन लोगन पइ होइ देब।’”
14 “‘हम हिआँ खाली काहे बइठा अही?
आवा, मजबूत सहरन क भाग निकरी।
जदि हमार परमेस्सर यहोवा हमका मारइ ही जात अहइ,
तउ हम हुअँइ मरी।
हम यहोवा क खिलाफ पाप किहा ह
एह बरे परमेस्सर हमका पिअइ क पानी जहरीला पानी दिहेस ह।
15 हम सान्ति क आसा करत रहे,
किन्तु कछू भी नीक नाहीं होइ सका।
हम अइसे समइ क आसा करित ह,
जब उ छिमा कइ देइ। किन्तु बिपत्ति ही आइ पड़ी अहइ।
16 दान क परिवार समूह क प्रदेस स
हम दुस्मन क घोड़न क नथुनन क फड़फड़ावइ क आवाज सुनित ह,
ओनकर टापन स धरती काँप उठी अहइ,
उ पचे प्रदेस अउर एहमाँ क सारी चीजन क नस्ट करइ आवा अहइँ।
उ पचे सहर अउर एकर निवासी सबहिं लोगन क
जउन हुआँ रहत हीं नस्ट करइ आवा अहइँ।’”
17 “यहूदा क लोगो, मइँ तू पचन्क डसइ क जहरीला साँप पठवत अहउँ।
ओन साँपन क सम्मोहित नाहीं कीन्ह जाइ सकत।
उ सबइ ही साँप तू पचन्क डसिहीं।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
18 परमेस्सर, मइँ बहोत दुःखी
अउर भयभीत अहउँ।
19 मोर लोगन क सुना।
इ देस मँ उ पचे चारिहुँ कइँती मदद बरे गोहरावत अहइँ।
उ पचे कहत अहइँ, “का यहोवा अब भी सिय्योन मँ अहइ?
का सिय्योन क राजा अब भी हुआँ अहइँ?”
किन्तु परमेस्सर कहत ह,
“यहूदा क लोग, आपन देव मूरतियन क पूजा कइके
मोका किरोधित काहे करत अहा?
उ पचे आपन बियर्थ बिदेसी देव मूरतियन क पूजा किहन ह।”
20 लोग कहत हीं,
“फसल काटइ क समइ
अउर गरमी क मौसम चला गवा ह
किन्तु हम बचावा नाहीं जाइ सके।”
21 मोर लोग बीमार अहइँ, एह बरे मइँ बीमार हउँ।
मइँ एन बीमार लोगन क चिन्ता मँ दुःखी अउ निरास हउँ।
22 निहचय ही, गिलाद प्रदेस मँ कछू दवा अहइ।
निहचय ही, गिलाद प्रदेस म बैद्य अहइ।
तउ भी मोरे लोगन क घाव काहे नीक नाहीं होतेन?
9 कास मोर सिर पानी मँ डूबा होत,
अउर मोर आँखिन आँसू क झरना होतिन
तउ मइँ आपन नस्ट कीन्ह गए लोगन बरे दिन रात रोवत रहत।
2 कास मोका रेगिस्तान मँ जगहिया मिल गइ होत
जहाँ कउनो घरे मँ यात्री रात बितउतेन,
तउ मइँ आपन लोगन क छोड़ सकत रहेउँ।
मइँ ओन लोगन स दूर चला जाइ सकत रहेउँ।
काहेकि उ पचे सबहिं परमेस्सर क बिस्सासघाती
व बिभिचारी होइ गवा अहइँ।
3 “उ सबइ लोग आपन जीभ क उपयोग धनुस जइसा करत हीं,
ओनकर मूँह स झूठ बाण क समान छूटत हीं।
उ पचे पूरा देस मँ प्रबल होत ह,
उ सबइ लोग एक क बाद दूसर करम करत हीं।
उ पचे मोका नाहीं जानतेन।”
यहोवा कहत ह।
4 “आपन पड़ोसियन स सतर्क रहा,
आपन निज भाइयन पइ भी बिस्सास जिन करा।
काहेकि हर एक भाई ठग होइ गवा अहइ।
हर पड़ोसी तोहरे पीठ पाछे बात करत ह।
5 हर एक मनई आपन पड़ोसी स झूठ बोलत ह।
कउनो मनई फुरइ नाहीं बोलत।
यहूदा क लोग जीभ क झूठ बोलइ क सिच्छा दिहन ह।
उ पचे तब तलक पाप किहन
जब तलक कि उ पचे एतने थकेन
कि लउट नाहीं सकेन।
6 तू धोखा क बीच मँ निवास करत ह।
लोग मोका अपनावइ स इन्कार कइ दिहन।”
यहोवा कहत ह।
7 एह बरे सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह,
“मइँ यहूदा क लोगन क परीच्छा वइसे ही करब
जइसे कउनो मनई आगी मँ तपाइके कउनो धातु क परीच्छा करत ह।
मोरे लगे दूसर विकल्प नाहीं अहइ।
मोर लोग पाप किहन ह।
8 यहूदा क लोगन क जीभ तेज बाणन क तरह अहइँ।
ओनकर मुँहे स झूठ बरसत ह।
हर एक मनई आपन पड़ोसी स अच्छा बोलत ह।
किन्तु उ छुपे आपन पड़ोसी पइ हमला करइ क जोजना बनावत ह।
9 का मोका यहूदा क लोगन क एन कामन क करइ बरे सजा नाहीं देइ चाही?”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
“तू जानत ह कि मोका इ प्रकार क लोगन क सजा देइ चाही।
मइँ ओनका उ दण्ड देब जेकर उ पचे पात्र अहइँ।”
10 मइँ पर्वतन बरे फूटि फूटिके रोउब।
मइँ खाली खेतन बरे सोक गीत गाउब।
काहेकि जिअत बस्तुअन छोर लीन्ह गइन।
कउनो मनई हुआँ जात्रा नाहीं करत।
उ जगह पइ कउनो जनावर क ध्वनि नाहीं सुनाई पड़ सकत।
पंछी उड़ गवा अहइँ
अउर जनावर चला गवा अहइँ।
11 “मइँ (यहोवा) यरूसलेम नगर क कूड़े क ढेर बनाइ देब।
इ सियारन क माँदन बनी।
मइँ यहूदा देस क सहरन क बरबाद करब
एह बरे हुआँ कउनो भी नाहीं रही।”
12 का कउनो मनई अइसा बुदद्धिमान अहइ जउन एन बातन क समुझ सकइ? का कउनो मनई अहइ जेका यहोवा स सिच्छा मिली अहइ? का कउनो यहोवा क सँदेसा क व्याख्या कइ सकत ह? देस काहे नस्ट भवा? इ एक ठू सूने रेगिस्ताने क तरह काहे कइ दीन्ह गवा जहाँ कउनो भी नाहीं जात?
13 यहोवा एन सवालन क जवाब दिहस। उ कहेस, “इ एह बरे भवा कि यहूदा क लोग मोर सिच्छा पइ चलब तजि दिहन। मइँ ओनका आपन सिच्छा दिहेउँ, किन्तु उ पचे मोर सुनइ स इन्कार किहन। उ पचे मोर उपदेसन क अनुसरण नाहीं किहन। 14 यहूदा क लोग आपन राह चलेन, उ पचे हठी रहेन। उ पचे लबार देवता बाल क अनुसरण किहन। ओनकर पुरखन ओनका लबार देवतन क अनुसरण करइ क सिच्छा दिहन।”
15 एह बरे इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तिमान यहोवा कहत ह, “मइँ हाली ही यहूदा क लोगन क कड़ुवा फल चखाउब। मइँ ओनका जहरीला पानी पिआउब। 16 मइँ यहूदा क लोगन क दूसर रास्ट्रन मँ छितराइ देब। उ पचे अजनबी रास्ट्रन मँ रहिहीं। उ पचे अउर ओनकर पुरखन ओन देसन क कबहुँ नाहीं जानेन। हवाँ भी मइँ तरवार लिए मनइयन क ओन लोगन क मारि डावइ बरे पठाब। जब तलक उ पचे नस्ट नाहीं होइ जइहीं।”
17 सर्वसक्तिमान यहोवा जउन कहत ह,
“उ इ अहइ: अब एन सबन्क बारे मँ सोचा।
अन्त्येस्टि क समइ भाड़ा पइ रोवइवाली मेहररूअन क बोलावा।
ओन मेहररूअन क बोलावा जउन बिलाप करइ मँ चतुर होइँ।
18 लोग कहत हीं,
‘ओन मेहररूअन क हाली स आवइ
अउर हमरे बरे रोवइ द्या,
तब हमार आँखिन आँसू स भरिहीं
अउर पानी क धारा हमरी आँखिन स फूट पड़ी।’
19 “जोर स रोवइ क अवाजन सिय्योन स सुनी जाति अहइँ।
‘हम फुरइ बर्बाद होइ गए।
हम फुरइ लज्जित अही।
काहेकि हम अपने देस क तजइ दिहे ह,
काहेकि हमार घर नस्ट
अउर बर्बाद होइ ग अहइँ।’”
20 यहूदा क मेहररूओ, अब यहोवा क सँदेसा सुना।
यहोवा क मुँहे स निकरे सब्दन क सुनइ बरे आपन कान खोल ल्या।
यहोवा कहत ह, “आपन बिटियन क जोर स रोउब सिखाया।
हर एक मेहरारू क इ सोक गीत क सीख लेब चाही।”
21 “मउत हमरी खिड़कियन स चढ़िके आई अहइ।
मउत हमरे महलत मँ घुसि गइ अहइ।
सड़क पइ खेलइवाले हमरे बच्चन क मउत आइ गइ अहइ।
सामाजिक ठउरन मँ मिलइवाले युवकन क मउत होइ गइ अहइ।”
22 “ओन लोगन स कहा,
‘जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ:
मनइयन क ल्हास खेतन मँ गोबर स पड़ा रहिहीं।
ओनकर ल्हास जमीन पइ उ फसल स पड़ा रहिहीं जेनका किसान काट डाएन ह।
किन्तु ओनका बटोरइवाला कउनो नाहीं होइ।’”
23 यहोवा कहत ह,
“बुद्धिमान क आपन बुद्धिमान क डींग नाहीं मारइ चाही।
ताकतवर क आपन ताकत क बखान नाहीं करइ चाही।
धनवान क आपन धने क हवा नाहीं बाँधइ चाही।
24 किन्तु जदि कउनो डींग मारइ ही चाहत ह तउ ओका एन चीजन क डींग मारइ द्या:
ओका इ बात क डींग मारइ द्या कि उ मोका समुझत अउर जानत ह।
ओका इ बात क डींग हाँकइ द्या कि उ इ समुझत ह कि मइँ यहोवा हउँ।
एका इ बात क हवा बाँधइ द्या कि मइँ कृपालु अउर न्यायी हउँ।
ओका इ बात क ढिंढोरा पीटइ द्या कि मइँ पृथ्वी पइ अच्छे काम करत हउँ।
मोका एन कामन क करइ स पिरेम अहइ।”
इ सँदेसा यहोवा क अहइ।
25 यहोवा कहत ह, “समइ आवत अहइ, जब मइँ ओन लोगन क सजा देब जउन सिरिफ तने स खतना कराए अहइँ। 26 मइँ मिस्र, यहूदा, एदोम, अम्मोन अउ मोआब क रास्ट्रन क अउर ओन सबहिं लोगन क बारे मँ बातन करत अहइँ जउन रेगिस्ताने मँ रहत हीं जउन दाढ़ी क किनारन क बालन क काटत हीं। ओन सबहिं देसन क लोग आपन सरीर क खतना नाहीं करवाएन ह। किन्तु इस्राएल क परिवार क लोग हिरदइ स खतना क नाहीं ग्रहण किहन ह, जइसे कि परमेस्सर क लोगन क करइ चाही।”
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