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New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) (NCA)
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प्रेरितमन के काम 16-17

पौलुस अऊ सीलास के नवां संगी तीमुथियुस

16 पौलुस ह दिरबे अऊ ओकर बाद लुस्त्रा नगर म आईस, जिहां तीमुथियुस नांव के एक चेला रहय। ओकर दाई ह एक यहूदी बिसवासी रिहिस, पर ओकर ददा ह यूनानी रिहिस। लुस्त्रा अऊ इकुनियुम के जम्मो भाईमन तीमुथियुस के बारे म बने गोठियावंय। पौलुस ह तीमुथियुस ला अपन संग लेगे बर चाहिस। जऊन यहूदीमन ओ छेत्र म रहत रिहिन, ओमन के कारन पौलुस ह ओकर खतना कराईस काबरकि ओ यहूदीमन जानत रहंय कि तीमुथियुस के ददा ह यूनानी रिहिस। तब सहर-सहर जा-जाके ओमन ओ नियममन ला मनखेमन ला माने बर कहिन, जऊन ला यरूसलेम के प्रेरित अऊ अगुवामन ठहराय रिहिन। ए किसम ले कलीसियामन बिसवास म मजबूत होवत गीन अऊ हर दिन गनती म बढ़त गीन।

पौलुस के दरसन

पौलुस अऊ ओकर संगीमन फ्रूगिया अऊ गलातिया प्रदेस होवत गीन। पबितर आतमा ह ओमन ला एसिया प्रदेस म परमेसर के बचन सुनाय बर मना करिस। जब ओमन मूसिया के सीमना म आईन, त उहां ले ओमन बितूनिया जाय के कोसिस करिन, पर यीसू के आतमा ह ओमन ला उहां जाय बर मना करिस। एकरसेति ओमन मूसिया ले होवत त्रोआस सहर म आईन। पौलुस ह रतिहा एक दरसन देखिस कि मकिदुनिया के एक मनखे ह ठाढ़ होके ओकर ले ए बिनती करत हवय, “मकिदुनिया म आके हमर मदद कर।” 10 पौलुस के दरसन देखे के बाद, हमन तुरते मकिदुनिया जाय बर तियार हो गेन, ए समझके कि परमेसर ह हमन ला उहां के मनखेमन ला सुघर संदेस सुनाय बर बलावत हवय।

लुदिया ह यीसू ऊपर बिसवास करथे

11 त्रोआस ले पानी जहाज म चघके हमन सीधा सुमात्रा दीप पहुंचेन अऊ उहां ले दूसर दिन नियापुलिस सहर म आयेंन। 12 उहां ले हमन फिलिप्‍पी हबरेन, जऊन ह एक रोमन बस्ती ए अऊ मकिदुनिया प्रदेस के एक खास सहर ए अऊ हमन उहां कुछू दिन रहेंन।

13 बिसराम के दिन, हमन सहर के दुवारी के बाहिर नदिया करा गेन। हमन ए सोचत रहेंन कि उहां पराथना करे के ठऊर होही। उहां कुछू माईलोगनमन जुरे रिहिन। हमन बईठके ओमन के संग गोठियाय लगेन। 14 हमर बात ला सुनइयामन म लुदिया नांव के थुआतीरा सहर के बैंजनी कपड़ा बेचइया एक माईलोगन रिहिस, जऊन ह परमेसर के भक्त रिहिस। ओह हमर बात ला सुनत रहय। परभू ह ओकर हिरदय ला खोलिस कि ओह पौलुस के संदेस म धियान लगावय। 15 जब ओह अऊ ओकर घर के मन बतिसमा लीन, त ओह हमन ला नेवता देके कहिस, “यदि तुमन मोला परभू के बिसवासिनी समझत हव, त आवव अऊ मोर घर म रहव।” अऊ ओह हमन ला राजी करके ले गीस।

पौलुस अऊ सीलास जेल म

16 एक बार जब हमन पराथना करे के जगह ला जावत रहेंन, त हमन ला एक गुलाम टूरी मिलिस, जऊन म अगम के बात बताय के आतमा रिहिस। ओह अगम के बात बताके अपन मालिकमन बर अब्‍बड़ पईसा कमावत रिहिस। 17 ओ टूरी ह पौलुस अऊ हमर पाछू आईस अऊ चिचियाके कहिस, “ए मनखेमन परम परधान परमेसर के सेवक अंय अऊ तुमन ला उद्धार पाय के रसता बतावत हवंय।” 18 ओह बहुंत दिन तक अइसनेच करते रिहिस। आखिर म, पौलुस ह बहुंत परेसान हो गीस अऊ पाछू मुड़के ओ टूरी म हमाय आतमा ला कहिस, “यीसू मसीह के नांव म मेंह तोला हुकूम देवत हंव कि ओम ले निकर आ।” अऊ ओही घरी आतमा ह ओम ले निकर गीस।

19 जब ओकर मालिकमन देखिन कि ओमन के कमई करे के आसा ह चले गीस, त ओमन पौलुस अऊ सीलास ला पकड़के बजार के ठऊर म अधिकारीमन करा घसीटके लानिन। 20 ओमन ह ओमन ला नियायधीसमन के आघू म लानके कहिन, “ए मनखेमन यहूदी अंय अऊ हमर सहर म भारी गड़बड़ी करत हवंय। 21 एमन अइसने रीति-बिधि बतावत हवंय, जऊन ला स्वीकार करना या मानना, हम रोमी मनखेमन बर उचित नो हय।”

22 तब भीड़ के मनखेमन पौलुस अऊ सीलास के ऊपर चढ़ बईठिन अऊ नियायधीसमन ओमन के कपड़ा उतारके ओमन ला पिटवाय के हुकूम दीन। 23 ओमन ला बहुंते कोर्रा मारे के बाद, जेल म डार दीन अऊ जेलर ला हुकूम दीन कि सचेत होके ओमन के रखवारी करय। 24 जेलर ह हुकूम के मुताबिक ओमन ला भीतर के खोली म रखिस अऊ ओमन के गोड़ म बेड़ी बांध दीस।

25 लगभग आधा रतिहा, पौलुस अऊ सीलास पराथना करत अऊ परमेसर के भजन गावत रहंय अऊ आने कैदीमन एला सुनत रहंय। 26 अतकी म अचानक एक भारी भुइंडोल होईस। इहां तक कि जेल के नींव घलो डोलन लगिस। तुरते जेल के जम्मो कपाटमन खुल गीन अऊ जम्मो कैदीमन के बेड़ीमन घलो खुल गीन। 27 जेलर ह जागिस अऊ जब ओह देखिस कि जेल के कपाटमन खुल गे हवंय, त अपन तलवार ला खींचके अपन-आप ला मार डारे चाहिस, काबरकि ओह सोचत रिहिस कि कैदीमन भाग गे हवंय। 28 पर पौलुस ह चिचियाके जेलर ला कहिस, “अपन-आप ला नुकसान झन पहुंचा। हमन जम्मो झन इहां हवन।”

29 तब जेलर ह दीया मंगाके तुरते भीतर गीस अऊ कांपत पौलुस अऊ सीलास के गोड़ खाल्‍हे गिरिस। 30 ओह तब ओमन ला बाहिर लानिस अऊ पुछिस, “हे महाराजमन, उद्धार पाय बर मेंह का करंव?”

31 ओमन ह कहिन, “परभू यीसू ऊपर बिसवास कर, त तें अऊ तोर घर के मन उद्धार पाहीं।”

32 तब ओमन ओला अऊ ओकर घर के जम्मो मनखेमन ला परभू के बचन सुनाईन। 33 ओहीच घरी रतिहा, जेलर ह ओमन ला ले जाके ओमन के घाव धोईस अऊ तब तुरते ओह अऊ ओकर घर के जम्मो मनखेमन बतिसमा लीन। 34 ओह पौलुस अऊ सीलास ला अपन घर म लानिस अऊ ओमन ला जेवन कराईस अऊ घर के जम्मो झन आनंद मनाईन, काबरकि ओमन परमेसर ऊपर बिसवास करे रिहिन।

35 जब बिहान होईस, त नियायधीसमन अपन सिपाहीमन के हांथ जेलर करा ए हुकूम पठोईन कि ओ मनखेमन ला छोंड़ देवय। 36 जेलर ह पौलुस ला कहिस, “नियायधीसमन तोला अऊ सीलास ला छोंड़ देय के हुकूम दे हवंय। अब तुमन सांति से जा सकत हव।”

37 पर पौलुस ह सिपाहीमन ला कहिस, “ओमन बिगर जांच करे हमन ला मनखेमन के आघू म मारिन, जबकि हमन रोमी नागरिक अन अऊ हमन ला जेल म डारिन। अऊ अब ओमन हमन ला चुपेचाप छोंड़े ला चाहत हवंय। अइसने नइं हो सकय। ओमन खुदे इहां आवंय अऊ हमन ला जेल ले बाहिर ले जावंय।”

38 सिपाहीमन वापिस जाके ए बात नियायधीसमन ला बताईन; तब ओमन ए सुनके डर्रा गीन कि पौलुस अऊ सीलास रोमी नागरिक अंय। 39 तब ओमन आके ओमन ला मनाईन अऊ ओमन ला जेल ले बाहिर ले जाके बिनती करिन कि ओमन सहर ले चले जावंय। 40 जेल ले निकरे के बाद, पौलुस अऊ सीलास लुदिया के घर गीन, अऊ उहां ओमन भाईमन ले मिलिन अऊ ओमन ला हिम्मत बंधाके उहां ले चल दीन।

थिस्‍सलुनीके सहर म

17 पौलुस अऊ सीलास अमफिपुलिस अऊ अपुलोनिया सहर ले होवत थिस्‍सलुनीके सहर म आईन, जिहां यहूदीमन के एक सभा घर रिहिस। जइसने कि पौलुस के आदत रिहिस, ओह सभा घर म गीस अऊ तीन बिसराम के दिन तक ओमन के संग परमेसर के बचन म ले तर्क देके बताईस। ओह ए साबित करत ओमन ला समझाईस कि मसीह ला दुःख उठाना अऊ मरे म ले जी उठना जरूरी रिहिस। एहीच यीसू जेकर बारे, मेंह तुमन ला बतावत हंव, मसीह अय। तब उहां के कुछू यहूदी अऊ परमेसर के भय मनइया कतको यूनानी मनखे अऊ नामी माईलोगन मन ओकर बात ला मान लीन अऊ ओमन पौलुस अऊ सीलास के संग मिल गीन।

पर यहूदीमन जलन ले भर गीन। एकरसेति ओमन बजार ले कुछू खराप मनखेमन ला अपन संग मिला लीन अऊ भीड़ लगाके सहर म हो-हल्‍ला मचाय लगिन। पौलुस अऊ सीलास के खोज म ओमन यासोन के घर आईन ताकि ओमन ला भीड़ के आघू म लानय। पर जब ओमन ला पौलुस अऊ सीलास उहां नइं मिलिन, त यासोन अऊ कुछू आने भाईमन ला घसीटत सहर के अधिकारीमन करा लानिन अऊ चिचियाके कहिन, “ए मनखे जऊन मन जम्मो ठऊर म समस्या खड़े करे हवंय, अब इहां आय हवंय। अऊ यासोन ह ओमन ला अपन घर म रखे हवय अऊ ए जम्मो झन महाराजा के हुकूम के बिरोध करके कहत हवंय कि यीसू नांव के एक आने राजा हवय।” जब भीड़ के मनखे अऊ सहर के अधिकारीमन ए बात ला सुनिन, त ओमन म कोलाहल मच गीस। तब ओमन यासोन अऊ बाकि भाईमन ले जमानत लेके ओमन ला छोंड़ दीन।

बिरिया सहर म

10 रतिहा होतेच ही, भाईमन पौलुस अऊ सीलास ला बिरिया सहर पठो दीन। उहां हबरके ओमन यहूदीमन के सभा घर म गीन। 11 बिरिया के मनखेमन थिस्‍सलुनीके सहर के मनखेमन ले जादा बने सुभाव के रिहिन, काबरकि ओमन बड़े उत्साह के संग परमेसर के बचन ला गरहन करिन अऊ हर एक दिन ए जाने बर परमेसर के बचन म ले खोजंय कि पौलुस जऊन बात कहत हवय, ओह सच ए कि नइं। 12 उहां के बहुंते यहूदीमन बिसवास करिन अऊ बहुंत संख्‍या म नामी यूनानी माईलोगन अऊ यूनानी मनखेमन घलो बिसवास करिन। 13 जब थिस्‍सलुनीके के यहूदीमन ला ए पता चलिस कि पौलुस ह बिरिया म परमेसर के बचन के परचार करत हवय, त ओमन उहां घलो पहुंच गीन अऊ मनखे के भीड़ ला भड़काईन अऊ हो-हल्‍ला मचाय लगिन। 14 तब भाईमन तुरते पौलुस ला समुंदर तीर म पठो दीन, पर सीलास अऊ तीमुथियुस बिरिया म रूक गीन। 15 ओ मनखे जऊन मन पौलुस ला पहुंचाय गे रिहिन, ओमन ओला अथेने सहर म ले आईन अऊ सीलास अऊ तीमुथियुस बर पौलुस के ए संदेस लेके लहुंटिन कि ओमन जतकी जल्दी हो सके, पौलुस करा आ जावंय।

अथेने सहर म

16 जब पौलुस ह अथेने म सीलास अऊ तीमुथियुस के बाट जोहत रिहिस, तब सहर ला मूरतीमन ले भरे देखके ओह बहुंत उदास होईस। 17 एकरसेति ओह सभा घर म यहूदीमन ले अऊ परमेसर के भक्त यूनानीमन ले अऊ बजार म जऊन कोनो मिलंय, ओमन ले हर दिन बहस करय। 18 कुछू इपिकूरी अऊ इस्तोईकी पंडितमन ओकर ले बिवाद करन लगिन। ओम ले कुछू झन कहिन, “ए बकवादी ह का कहे चाहत हवय?” अऊ आने मन कहिन, “अइसने जान पड़थे कि ओह बिदेसी देवतामन के बारे म गोठियावत हवय।” काबरकि पौलुस ह यीसू के अऊ ओकर मरे म ले जी उठे के परचार करत रहय। 19 तब ओमन पौलुस ला ले गीन अऊ ओला अरियुपगुस के सभा म लानिन अऊ ओकर ले पुछिन, “का हमन जान सकथन कि ए जो नवां बात तेंह बतावत हवस, एह का ए[a]? 20 तेंह हमन ला भाला रकम के बात बतावत हस। हमन जाने बर चाहथन कि एमन के का मतलब होथे?” 21 (अथेने सहर के जम्मो रहइया अऊ परदेसी जऊन मन उहां रहत रिहिन, ओमन नवां – नवां बात कहे अऊ सुने के छोंड़ अऊ कोनो काम म समय नइं बितावत रिहिन)।

22 तब पौलुस ह अरियुपगुस के सभा म ठाढ़ होके कहिस, “हे अथेने सहर के मनखेमन, मेंह देखत हंव कि तुमन हर बात म बहुंत धारमिक अव। 23 जइसने कि मेंह घूमत-घूमत तुम्‍हर पूजा-पाठ के चीजमन ला देखत रहेंव, त मोला एक ठन अइसने बेदी दिखिस, जऊन म ए लिखाय रहय – ‘एक अनजान ईसवर खातिर’। जऊन ला तुमन बिगर जाने पूजा करत हव, मेंह ओकरेच सुघर संदेस तुमन ला सुनाय चाहत हवंव।

24 जऊन परमेसर ह संसार अऊ ओम के जम्मो चीजमन ला बनाईस, ओह स्‍वरग अऊ धरती के परभू ए अऊ ओह मनखे के बनाय मंदिरमन म नइं रहय। 25 अऊ न तो ओला कोनो चीज के घटी हवय कि मनखे ह काम करके ओकर पूरती कर सकय, काबरकि ओह खुद जम्मो झन ला जिनगी अऊ परान अऊ जम्मो कुछू देथे। 26 ओह एकेच मनखे ले जम्मो जात के मनखेमन ला बनाईस कि ओमन जम्मो धरती म रहंय। ओह ओमन बर समय अऊ रहे-बसे के जगह ठहराईस। 27 परमेसर ह अइसने करिस ताकि ओमन परमेसर के खोज म रहंय अऊ ओकर करा पहुंचके ओला पा जावंय। तभो ले, ओह हमन ले कोनो ले दूरिहा नइं ए। 28 काबरकि ओही म हमन जीयत अऊ चलत-फिरत हवन अऊ हमर जिनगी हवय। जइसने कि तुम्‍हर कुछू कबिमन कहे हवंय, ‘हमन ओकर संतान अन।’

29 एकरसेति जब हमन परमेसर के संतान अन, त हमन ला ए नइं सोचना चाही कि ईसवर ह सोना या चांदी या पथरा के मूरती सहीं ए, जऊन ह मनखे के कारीगरी अऊ सोच ले बनाय जाथे। 30 पहिली समय म, परमेसर ह ए किसम के मनखे के अगियानता ला धियान नइं दीस, पर अब ओह हर जगह जम्मो मनखेमन ला पाप ले मन फिराय के हुकूम देवत हवय। 31 काबरकि ओह एक ठन दिन ठहराय हवय, जब ओह अपन ठहराय मनखे के दुवारा संसार के नियाय सही-सही करही। परमेसर ह ओ मनखे ला मरे म ले जियाके ए बात के सबूत जम्मो मनखेमन ला दे हवय।”

32 जब ओमन मरे मनखेमन के फेर जी उठे के बात ला सुनिन, त कुछू मनखेमन पौलुस के हंसी उड़ाईन, पर आने मन कहिन, “एकर बारे म हमन तोर ले फेर कभू सुनबो।” 33 एकरसेति पौलुस ह सभा ले निकरके चले गीस। 34 तभो ले कुछू मनखेमन पौलुस के बात ला मानिन अऊ बिसवास करिन। ओमन म दियुनुसियुस जऊन ह अरियुपगुस सभा के सदस्य रिहिस अऊ दमरिस नांव के एक माईलोगन घलो रिहिस। ओमन के संग कुछू अऊ मनखेमन घलो रिहिन।

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