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Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
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प्रेरितन क काम 21-23

पौलुस क यरुसलेम जाब

21 फिन ओनसे बिदाइ लइके समुद्दर मँ हम पचे आपन नइया खेइ दीन्ह अउर सोझ राहे म कास पहोंच गएन अउर भियान रोदुस। फिन हुवाँ स हम पतरा चला गएन। हुवाँ हम एक ठु जहाज लीन्ह जउन फिनीके जात रहा।

जब साइप्रस लखइ क आइ गवा तउ हम पचे ओका बाई कइँती छोड़िके सीरिया कइँती मुड़ि गएऩ काहेकि जहाज क सूर मँ माल उतारइ क रहा तउ हम पचे भी हुवँई उतरि गएन। हुवाँ हम पचन क अनुयायी मिलेन जेनके संग हम सात दिनाँ ताई ठहरेन। उ पचे आतिमा क असर स पौलुस क यरुसलेम जाइ स रोक दिहेन। फिन हुवाँ ठहरइ क आपन समइ बिताइके हम पचे बिदा भएन आपन जात्रा पर निकरि गएन। आपन स्त्रियन अउर बचवन क संग उ पचे सहर क बाहेर तलक हमरे संग आएऩ। फिन हुवाँ समुद्दर क किनारे हम पचे घुटना क बल निहुरिके पराथना कीन्ह। अउर एक दूसर स बिदा होइके हम पचे जहाजे प चढ़ि गएऩ। अउर उ पचे आपन-आपन घरन क लौटि आएऩ।

सूर स पानी क रस्ता क जरिए जात्रा करत भए हम पतुलिमयिस मँ उतरेन। हुवाँ भाई लोगन क सुआगत सत्कार करत भए हम पचे ओनकइ संग एक दिन ठहरेन। दूसर दिन ओनका छोरिके हम कैसरिया आइ गएन। अउर सुसमाचार क प्रचारक फिलिप्पुस, जउन चुना भवा सात सेवकन मँ एक रहा, घर जाइके ओनके संग ठहरेन। ओकरे चार ठु कुँवारी बिटिया रहिन जउन भविस्सबाणी करत रहिन।

10 हुवाँ हमरे कछू दिनन ठहरे रहइ क पाछे यहूदिया स अगुबस नाउँ क एक नबी आवा। 11 हमरे निअरे आवत भवा उ पौलुस क करिहाउँ बाँधिके उठाइके ओसे अपऩइ ही गोड़ अउर हाथ बँधवाइ लिहेस अउर बोला, “इ अहइ जउन पवित्तर आतिमा कहत बा, ‘यानी यरूसलेम मँ यहूदियन, जेकर इ कमर बँध अहइ, ओका अइसे ही बॉधिके गैर यहूदियन क हाथे सौंपि देइही।’”

12 हम पचे जब इ सुनेन तउ हम हुवाँ क मनइयन ओसे यरूसलेम न आवइ क पराथना किहेन। 13 यह पइ पौलुस जवाब दिहेस, “इ तरह रोइ रोइके मोर हिरदय तोड़त भए इ तू पचे का करत बाट्या? मइँ तउ यरूसलेम मँ न सिरिफ बाँधा जाइ बरे बल्कि पर्भू मसीह क नाउँ प मरइ तलक सन्नध अही!”

14 काहेकि हम ओका मना नाहीं कइ पाएन। तउ बस ऍतना कहिके चुप्पी साधि गएन “जइसी पर्भू क इच्छा।”

15 इ दिनन क पाछे फिन हम तइयारी कइके यरुसलेम चला गएन। 16 कैसरिया स कछू चेलन भी हमरे संग होइ गएऩ। उ पचे हमका साइप्रस क मनासोन नाउँ क एक मनई क हियाँ लइ गएन जउन ईसू का पहिला चेला रहा। हमका उहइ क संग ठहरइ क रहा।

पौलुस क याकूब स भेंट

17 यरूसलेम पहुँचे प भाई लोगन बड़ा उछाइ स हमार सुआगत सत्कार किहेन। 18 दूसर दिन पौलुस हमरे संग याकूब स भेंटइ गवा। हुवाँ सबहिं कलीसिया क अगुआ हाजिर रहेन। 19 पौलुस ओनकइ सुआगत सत्कार किहेस अउर ओन सब कामे क बारे मँ जउन परमेस्सर ओकरे हीला स गैर यहूदियन क बीच करवाए रहा, एक एक कइके कहि सुनाएस।

20 तउ उ पचे परमेस्सर क स्तुति करत भए बोलेन, “बंधु तू पचे तउ लखत ही अहा हियाँ केतॅना ही हजार यहूदी अइसा अहइँ जउन बिसवास ग्रहण लिहे बाटेन। मुला उ पचे सोचत ही मूसा का व्यवस्था क मानब बहुत जरूरी अहइ। 21 तोहरे बारे मँ ओनसे कहा गवा बाटइ कि तू पचे गैर यहूदियन क बीच रहइवाला सबहिं यहूदी लोगन क मूसा क सिच्छा क तजइ क सीख देत बाट्या। अउर ओनसे कहत ह कि उ पचे न तउ आपन गदेलन क खतना करावइँ अउर न ही यहूदी रीति रिवाजे प चलइँ।

22 “तउ का कीन्ह जाइ? उ पचे इ तउ जरुरी ही सुनिहीं कि तू आवा अहा। 23 यह बरे तू उहइ करा जउन तोहसे हम कहत अही। हमरे संग चार ठु अइसे मनई बाटेन जउन कउनो मन्नत मानेन ह। 24 इ मनइयन क लइ जा अउर ओनकइ संग सुद्ध होइ क जलसा मँ सामिल होइ जा। ओऩकइ खर्जा दइ द्या उ पचे आपन मूड़ मुड़वाइ लइ लेइँ। ऍहसे सब लोग जान लेइहीं कि उ पचे तोहरे बारे मँ जउऩ सुने अहइँ, ओहमाँ स कउनो सच नाहीं बाटइ मुला तू तउ खुद ही हमरे व्यवस्था क मुताबिक जिन्नगी देत ह। 25 हियाँ तलक बिसवास ग्रहण करइवाले गैर यहूदियन क सवाल बा, हम पचे ओनका एक ठु चिट्ठि मँ लिखिके पठएऩ ह:

‘उ पचे मूरतियन प चढ़ावा प्रसाद, रकत क भोजन,

गटई घोंटि के मारे भएन गोरूअन

अउर व्यभिचार स आपने को खुद क दूर राखइँ।’”

पौलुस बन्दी बनवा गवा

26 इ तरह पौलुस ओन मनइयन क आपन संगे लिहस अउर ओन मनइयन क संग आपन खुद क अगले दिन सुद्ध कइ दिहस। फिन उ मंदिर मँ गवा जहाँ उ गोहराइके कहेस कि सुद्ध होइके दिन कब पूर होइहीं अउर हम पचन मँ स हर एक बरे चढ़ावा कब चढ़ाइ जाइ।

27 जब उ सात दिना पूर होइवाला रहा, एसिया स आए कछू यहूदी लोग ओका मंदिर मँ लखेन। उ पचे भीड़ मँ सबहिं मनइयन क हुस्काइ दिहेन अउर पौलुस क धइ लिहन। 28 फिन उ पचे नरियाइके बोलेन, “इस्राएल क मनइयो मदद करा। इ उहइ मनई अहइ जउन हर कहूँ हमार जनता क, मूसा क व्यवस्था क खिलाफ मनइयन क सिखावत बहकावत बा। अउर अब तउ इ गैर यहूदियन क मंदिर मँ लइ आवा अहइ। अउर इ इ तरह इ पवित्तर स्थान क भरभण्ड कइ दिहे अहइ।” 29 (उ पचे अइसा यह बरे कहे रहेन कि त्रुफिमुस नाउँ क एक इफिसी क सहर मँ उ पचे ओकर संग लखिके अइसा सोचेन कि पौलुस ओका मँदिर मँ लइ गवा अहइ।)

30 तउ सारा सहर खिलाफ उठि खड़ा भवा। मनई भागि भागिके चढ़ बइठेन अउर पौलुस क धइ लिहेन। फिन उ पचे ओका घिसीटते भए मंदिर स बाहेर लइ गएऩ अउर फउरन फाटक बन्द कइ दिहेन। 31 उ पचे ओका मारइ क जतन करत ही रहेन कि रोमी फऊज क टुकड़ी क नायक क लगे इ सूचना पहोंची कि समूचइ यरुसलेम मँ खलबली मची बा। 32 उ सेनानायक कछू सिपाहियन अउर फउज क अधिकारी क आपन संग लिहेस अउर पौलुस प हमला करइवाले यहूदियन कइँती बढ़ा। यहूदियन जब सेना नायक अउर सिपाही लोगन क लखेन तउ उ पचे पौलुस क पीटब बंद किहेन।

33 तब उ सेनानायक पौलुस क लगे गवा अउर ओका बंदी बनाइ लिहेस। उ ओका दुइ जंजीरे मँ बाँध लेइ क आदेस दिहेस। फिन उ पूछेस, “उ कउन अहइ अउर उ का किहेस ह?” 34 भिड़िया मँ स कछू मनइयन एक बात कहेन तउ दूसर लोग दूसर बात। इ हो-हल्लड़ मँ काहेकि उ इ नाहीं जान पाएस कु सच्चाई का अहइ, यह बरे उ हुकुम दिहेस कि ओका छावनी मँ लइ चला जाइ। 35-36 पौलुस जब सीढ़िन क लगे पहोंचा तउ भिड़िया मँ फइली हिंसा स सिपाहियन क ओका आपन सुरच्छा मँ लइ जाइ पड़ा। काहेकि ओकरे पाछे मनइयन क एक भारी भीड़ इ चिचियात भइ चलत रही, “ऍका मारि डावा!”

37 जब उ छावनी क भीतर लइ जावा जाइवाला रहा कि पौलुस सेनानायक स कहेस, “का मइँ तोहसे कछू कहि सकत हउँ?”

सेनानायक बोला, “का तू यूनानी बोलत अहा? 38 तउ तू उ मिस्र क मनई तउ नाहीं अहा न जउन पहिले दंगा सुरु कराए रहा अउर जउन हियाँ रेगिस्तान मँ चार हजार आंतकवादी लोगन क अगुअई करत रहा?”

39 पौलुस कहेस, “मइँ किलिकिया क तरसुस सहर क एक यहूदी मनई हउँ। अउर एक मसहूर सहर क नागरिक हउँ। मइँ तोहसे चाहत हउँ कि तू मोका इ मनइयन क बीच बोलाइ द्या।”

40 ओसे आग्या पाइके पौलुस सीढ़ी प खड़ा होइके मनइयन कइँती हाथ हिलावत भवा ओनका सांत होइ क कहेस। जब सब सांत होइ गवा तउ पौलुस इब्रानी भाखा मँ मनइयन स कहइ लाग।

पौलुस क भासण

22 पौलुस कहेस, “भाई लोगन अउर बाप क नाई भले मनइयन, मोका आपन बचाव मँ अब जउन कछू कहइ क बाटइ, ओका सुना।”

उ पचे जब ओका इब्रनी भाखा मँ बोलत भए सुनेन तउ उ पचे जिआदा सांत होइ गएऩ। फिन पौलुस बोला,

“मइँ एक यहूदी मनई हउँ। सिलिकिया क तरसुस सहर मँ जनम भवा रहा अउर मइँ इहइ सहर मँ पाला पोसा जाइके बाढ़ गएउँ रहा ह। गमलिएल[a] क गोड़वा प बइठिके हमरे पूर्वजन क व्यवस्था क मुताबिक बड़ी कड़ाई स मोर सिच्छा भइ। परमेस्सर बरे मइँ जिआदा धुन लगावत रहेंउँ। फुरे वइसे ही जइसे आज तू पचे अहा। इ ईसू के पंथ क मनइयन क मइँ ऍतना सताएँउ ह कि ओनकइ परान तलक उड़ि गएऩ। मइँ पुरूसन अउर स्त्रियन क बंदी बनएउँ ह अउर जेलिया मँ धाँध दिहेउँ।

“खुद महायाजक अउ बुजुर्ग यहूदी नेतन क समूचइ सभा ऍका सिद्ध कइ सकत ह। मइँ दमिस्क मँ ऍनकइ भाइयन क नाउँ चिट्ठी भी लिहेउँ ह अउर इ पंथ क हुवाँ रहइ वालन क धइके बंदी क रूप मँ यरुसलेम लइ आवइ बरे मइँ गवा भी रहे रहा ताकि ओनका सजा दीन्ह जाइ सकइ।

पौलुस क मन कइसे बदल गवा

“फिन अइसा भवा कि मइँ जब जात्रा करत करत दमिस्क क लगे पहोंचा तउ लग भग दुपहरिया क समइ अकास स एकाएक एक जोर क प्रकास चारिहुँ कइँती फइला। मइँ भुइयाँ प भहराइ गवा। तबहिं मइँ एक अवाज सुनेउँ जउन मोसे कहत रही, ‘साउल ओ साउल! तू मोका काहे सतावत अहा?’

“तब मइँ जवाबे मँ कहेउँ, ‘पर्भू, तू कउन अहा?’ उ मोसे कहेस, ‘मइँ अहइ नासरी ईसू अहउँ जेका तू सतावत बाट्या।’ जउन मोरे संग रहेन, उ सबइ भी उ प्रकास निहारेन मुला उ बाणी क जउन मोका गोहराए रहा, उ पचे समुझि नाहीं पाएन।

10 “मइँ पूछेउँ, ‘पर्भू, मइँ का कररुँ?’ एह पइ पर्भू मोसे कहेस, ‘खड़ाहुवा, अउर दमिस्क क चला जा। हुवाँ तोहका सब कछू बताइ दीन्ह जाइ, जेका करइ बरे तोहका मुकर्रर कीन्ह गवा बा।’ 11 काहेकि मइँ उ जोरदार प्रकास स कछू लखि नाहीं पाएउँ रहा, तउ मोर संगी मोर हथवा धइके मोका लइ चलेन अउर मइँ दमिस्क पहोंचि गएउँ।

12 “हुवाँ हनन्याह नाउँ क एक मनई रहा। उ व्यवस्था क पालन करइवाला भगत रहा। हुवाँ क बसइया सबहिं यहूदियन क संग ओकर मेलजोल रहा। 13 उ मोरे लगे आवा अअउ मोरे नगिचे खड़ा होइके बोला, ‘भाई साऊल, फिन स लखइ लगा!’ अउर उहइ छिन मइँ ओका लखइ क जोग्य होइ गवा।

14 “उ कहेस, ‘हमरे पूर्वजन क परमेस्सर तोहका चुनि लिहे अहइ कि तू ओकर इच्छा क परखा, ओकरे धरम क सरूप क लखा अउर ओकर बाणी सुना। 15 काहेकि तू जउन लख्या ह अउर जउन सुन्या ह, ओकरे बरे सबहिं मनइयन क समन्वा तू ओकर साच्छी होब्या। 16 यह बरे अब तू केकर बाट जोहत बाट्या, खड़ा होइ जा बपतिस्मा ग्रहण करा अउर ओकर नाउँ क गोहरावत भए आपन पाप क धोइ डावा।’

17 “फिन अइसा भवा कि जब मइँ यरुसलेम लौटिके मंदिर मँ पराथना करत रहेउँ तबहिं मोर समाधि लग गइ 18 अउर मइँ लखेउँ कि ईसू मोसे कहत अहइ, ‘हाली! करा अउर फउरन यरुसलेम स बाहेर जा काहेकि मोरे बारे मँ उ पचे तोहार साच्छी न मनिहीं।’

19 “उ मइँ कहेउँ, ‘पर्भू इ लोग तउ जानत हीं, कि तोह प बिसवास करइया मनइयन क बंदी बनवत भए अउर पीटत भए मइँ यहूदी आराधनालय मँ टहरत फिरा हउँ। 20 अउर तउ अउर जब तोहार साच्छी स्तिफनुस क रकत बहावा जात रहा, तब भी मइँ आपन समर्थन देत भए हुवँइ खड़ा रहेउ। जउन ओकर कतल किहे रहेन, मइँ ओनकइ ओढ़ना क रखवाली करत रहेउँ।’

21 “फिन उ मोसे बोला, ‘तू जा, काहेकि गैर यहूदियन क बीच दूर-दूर ताई पठउब।’”

22 इ बात तलक उ पचे सुनत रहेन फिन ऊँच अवाजे मँ चिल्लाइ उठेन, “अइसे मनइयन क धरती स अजाद करा। इ जिअइ क जोग्य नाहीं बा।” 23 उ पचे जब चिचियात रहेन अउर आपन ओढ़ना क उतारि उतारिके लोकावत रहेन अउर अकासे मँ धूरि उछारत रहेन, 24 तबहिं सेनानायक आदेस दिहेस कि पौलुस क जेले मँ लइ जावा जाइ। उ कहेस कि कोड़ा स मारि मारिके ओसे बकरवावा जाइ ताकि मनइयन क पता लागि कि ओह पइ मनइयन क चिचियाइ क कारण का बाटइ। 25 मुला जब उ पचे ओका कोड़ा मारइ बरे बाँधत रहेन तबहिं हुवा खड़ा भवा फऊजीनायक स पौलुस कहेस, “कउनो रोमी नागरिक क, जउन अपराधी न पावा गवा होइ, कोड़ा लगाउब का ओका नीक बा?”

26 फऊजीनायक इ सुनिके सेनानायक क निअरे गवा अउर बोला, “इ आप का करत अहइँ? काहेकि इ तउ रोमी नागरिक अहइ!”

27 ऍह पइ सेनानायक ओकरे लगे आइके पूछेस, “मोका बतावा, का तू रोमी नागरिक अहा?”

पौलुस जवाब दिहेस, “हाँ।”

28 ऍह पइ सेनानायक जवाब दिहेस, “इ नागरिकता पावइ बरे मोका तउ ढेर का धन खर्च करइ पड़ा रहा।”

पौलुस कहेस, “मुला मइँ तउ जनम स रोमी नागरिक हउँ।”

29 तउ उ पचे जउन ओसे पुछताछ करत रहेन, तुरंत पाछे हटि गएऩ अउर सेनापति भी इ समुझिके कि उ एक रोमी नागरिक अहइ अउर उ ओका बंदी बनाए अहइ, बहोत डेराइ गवा।

यहूदी नेता क समन्वा पौलुस क भासण

30 काहेकि उ सेनानायक इ बात क ठीकठीक पता लगावइ चाहत रहा कि यहूदियन पौलुस प जुर्म काहे लगाएन, यह बरे उ दूसर दिन बंधन खोल दिहेस। फिन मुख्ययाजक अउर सबन त सर्वोच्च यहूदी महासभा क बोलाइ पठएन अउर पौलुस क ओनकइ समन्वा लाइके खड़ा कइ दिहेस। पौलुस यहूदी महासभा प टकटकी लगाइके निहारत।

23 भवा कहेस, “मोर भाइयो, मइँ परमेस्सर क समन्वा आजु तलक अन्त: मन स जिन्नगी बिताएउँ ह।” एह पॅइ महायाजक हनन्याह पौलुस क निअरे खड़ा भए मनइयन क आदेस दिहेस कि उ पचे ओकरे मुँहे प थप्पड़ मारइँ। तब पौलुस ओसे कहेस, “हे सफेदी स पोती भइ दीवार! परमेस्सर क मार तोह पइ पड़ी। तू हिआँ व्यवस्था क मुताबिक कइसा निआब करइ बइठा अहा कि तू व्यवस्था क खिलाफ मोका थप्पड़ मारइ आदेस देत अहा।”

पौलुस क लगे खड़ा भए मनइयन कहेन, “परमेस्सर क महायाजक क बेज्जत करइ क हिम्मत तोहका भवा कइसे!”

पौलुस जवाब दिहेस, “मोका तउ पता नाहीं कि इ महायाजक अहइ। काहेकि लिखा अहइ, ‘तोहका आपन प्रजा क राजा बरे कुभाख बोलइ नाहीं चाहीं।’(A)

फिन जब पौलुस क पता चला कि ओहमाँ स आधा मनई सदूकी अहइँ अउर आधा फरीसी तउ महासभा क बीच उँच अवाज मँ कहेस, “भाइ लोगो, मइँ फरीसी हउँ एक फरीसी क बेटवा हउँ। मरइ क पाछे फिन स जी उठइ बरे मोरी मान्नता क कारण मोह प मुकदमा चलावा जात अहइ!”

ओकरे अइसा कहइ प फरीसियन अउर सदूकियन मँ एक तहत्तुक उठा अउर सभा क बीच फूटि पड़ गइ। (सदूकियन क कहब अहइ कि पुनरूत्थान नाहीं होत न सरगदूत होत हीं अउर न ही आतिमा। मुला फरीसियन क ऍनके होइ मँ बिसवास करत हीं।) हुवाँ बहोत सोरगुल भवा। फरीसियन क दल मँ स कछू धरम सास्तरी उठेन अउर खरी बहस करत भए कहइ लोगन, “इ मनई मँ हम पचे कउनो खोट नाहीं पावत अही। जदि कउनो आतिमा या कउनो सरगदूत ऍहसे बात किहेन ह तउ ऍहसे का?”

10 काहेकि इ तहत्तुक हिंसा क रूप लइ चुका रहा, ऍहसे उ सेनानायक डेराइ गवा कि कहूँ उ पचे पौलुस क बोटी बोटी न कइ डावइँ। तउ उ सिपहियन क आदेस दिहेस कि उ पचे खाले जाइके पौलुस क ओनसे अलगाइके छावनी मँ लइ जाइँ।

11 अगली राति पर्भू पौलुस क नगिचे खड़ा होइके, ओसे कहेस, “हिम्मत राखा काहेकि तू जइसे मजबूती क संग यरूसलेम मँ मोर साच्छी दिहा ह, वइसे ही रोम मँ तोहका मोर साच्छी देइ क अहइ!”

कछु यहूदियन क पौलुस क मारइ क जोजना

12 फिन दिन निकरा। यहूदी लोगन एक कुचाल चलेन। उ पचे किरिया खाएन कि जब तलक उ पचे पौलुस क मार नाहीं डइहीं, न कछू खइहीं, न पिइहीं। 13 ओनमाँ स चालीस स भी जियादा मनइयन इ कुचाल चलेन 14 उ पचे मुख्ययाजकन अउर बुजुर्गन क लगे गएन अउर बोलेन, “हम पचे किरिया खावा ह कि हम पचे जब तलक पौलुस क मारि नाहीं डाइत, तब तलक न हम कछू खाब न पिअब। 15 तउ अब तू अउर यहूदी महासभा, सेनानायक स बिनती करइ चाहत ह कि उ ओका तोहरे लगे लइ आवइ इ बहाना बनावत भए कि तू ओकरे बारे मँ अउर बारीकी स छानबीन करइ चाहत बाट्या। ऍहसे पहिले कि उ हिआँ पहुँचइ, हम पचे ओका मारि डावइ क तइयार अही।”

16 मुला पौलुस क भैने क इ कुचाल क भनक लग गइ तउ उ छावरी मँ जाइ पहोंचा अउर पौलुस क सब कछू बताइ दिहस। 17 ऍह पइ पौलुस कउनो एक फऊजीनायक क बोलाइके ओसे कहेस, “इ जवान क सेनानायक क लगे लइ आवा काहेकि ऍहसे कछू कहइ क अहइ।” 18 तउ उ ओका सेनानायक क लगे लइ गवा अउर बोला, “बंदी पौलुस मोका बोलाएस अउर मोसे उ जवान क तोहरे लगे पहोंचावइ क कहेस काहेकि इ तोहसे कछू कहइ चाहत ह।”

19 सेनानायक ओकर हथवा धरेस अउर ओका एक कइँती लइ जाइके पूछेस, “बतावा तू मोसे का चाहत बाट्या?”

20 जवान बोला, “यहूदी इ बात प एक अउट ग अहइँ कि उ पचे पौलुस स अउर बारीकी स पूछताछ करइ क बहाना महासभा मँ ओका लइ जाइ बरे तोहसे पराथना करइँ। 21 यह बरे ओनकइ जिन सुन्या। कहेकि चालिस स भी जियादा लोग घात लगाइके ओका जोहत अहइँ। उ पचे इ किरिया खाए अहइँ कि जब तलक उ पचे ओका मारि न डावइँ, ओनका न कछू खाब अहइ, न पिअब। बस अब तोहरे आदेस क जोहत उ पचे तइयार बइठा अहइँ।”

22 फिन सेनानायक जवान क इ आदेस दइके पठएस, “तू इ कउनो क जिन बतावा कि तू मोका एकर खबर दइ दिहे अहा।”

पौलुस क कैसरिया पठवा जाब

23 फिन सेनानायक आपन दुइ फऊजीनायकन क बोलवाइ क कहेस, “दुइ सौ सिपाही, सत्तर घुड़सवार दुइ सौ भालावालन क कैसरिया जाइके तइयार राखा। राति क नउ बजे चलइ बरे तइयार रहा। 24 पौलुस क सवारी बरे घोड़न क बन्दोबस्त राखा अउर ओका सुरच्छा स राज्यपाल फेलिक्स क लगे लइ जा।” 25 उ एक ठु चिट्ठि लिखेस जेकर विसय रहा:

26 महामहीम राज्यपाल फेलिक्स क,

क्लौदियुस लूसियास क

नमस्ते पहोंचइ।

27 इ मनई क यहूदी लोगन धइ लिहेन अउर उ पचे ऍकर कतल करइ क रहेन कि मइँ इ जानिके कि इ एक रोमी नागरिक अहइ, आपन सिपाहियन क संग जाइके एका बचाइ लिहेउँ। 28 मइँ काहेकि उ कारण क जानइ चाहत रहेउँ जेहॅस उ पचे ओह पइ दोख लगावत रहेन, ओका ओनकइ महा आराधनालय मँ लइ जावा गवा। 29 मोका पता लाग कि ओनकइ व्यवस्था स जुड़ा भए सवाल क कारण ओह पइ दोख लगावा ग रहा। मुला ओह प कउनो अइसा जुर्म नाहीं रहा जउन ओका मउत क सजा क जोग्ग या बंदी बनावइ जोग्ग साबित होइ। 30 फिन जब मोका इत्तला मिली कि हुवाँ इ मनई क खिलाफ कउनो षडयन्त्र रचा गवा अहइ तउ मइँ एका तुरंतहि तोहरे लगे पठइ दीन्ह ह। अउर ऍह प जुर्म लगावाइ वालन क इ आदेस दइ दीन्ह ग ह कि एकरे खिलाफ लगावा गवा जुर्म तोहरे अगवा धरइँ।

31 तउ सिपाहिन इ आग्या क पूरा किहेन अउर उ पचे राति मँ ही पौलुस क अन्तिपत्रिस क लगे लइ गएऩ। 32 फिन अगले दिना घुड़-सवारन क ओकरे संग अगवा जाइ बरे छोड़िके उ पचे छावनी लौटि आएन। 33 जब उ पचे कैसरिया पहुँचेन तउ उ पचे राज्यपाल क उ चिट्ठी देत भए पौलुस क ओका सौंपि दिहेन।

34 राज्यपाल चिट्ठी बाँचेस अउर पौलुस स पूछेस कि उ कउने पहँटा क रहवइया बा। जबहिं ओका पता लाग कि उ किलकिया क बसइया अहइ 35 तउ उ ओसे कहेस, “तोह पइ जुर्म लगावइ वालन जब आइ जइहीं, मइँ तबहिं तोर सुनवाइ करब।” उ आग्या दिहेस कि पौलुस क पहरा क भीतर हेरोदेस क महल मँ रख दीन्ह जाइ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

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