Beginning
का सबित क दिन चंगा करब उचित बा?
14 एक दाईं सबित क दिन मुख्य फरीसियन मँ स कउनो क घर ईसू खइया बरे गवा। ओहर उ पचे नगिचे स आँखि गड़ाइके लखत रहेन। 2 हुवाँ ओकरे समन्वा जलंधर स दुःखी एक ठु मनई रहा। 3 ईसू धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन स पूछेस, “सबित क दिन कउनो क चंगा करब उचित अहइ या नाहीं?” 4 मुला उ पचे खमोस रहेन। तउ ईसू उ मनई क लइके चंगा कइ दिहस अउर फिन ओका कहूँ पठइ दिहस। 5 फिन उ ओनसे पूछेस, “जदि तोहमाँ स कउनो क लगे आपन बेटवा अहइ या बर्धा अहइ, उ कुआँ मँ गिरि पड़त ह तउ सबित क दिन भी तू ओका फउरन नाहीं निकरिब्या?” 6 उ पचे ऍह पइ ओकर बात नाहीं काटि सकेन।
आपन क मान जिन द्या
7 काहेकि ईसू इ लखेस कि मेहमान आपन बरे बइठइ क कउनो खास ठउर ढँढत रहेन, तउ उ ओनका एक दिस्टान्त कथा सुनाएस। उ बोला: 8 “जब तोहका कउनो बियाहे क भोज प बोलावइ तउ हुवाँ कउनो सम्मान क ठउर प जिन बइठा। काहेकि होइ सकत ह हुवाँ कउनो तोहसे जिआदा बड़कवा मनई क उ बोलॉए होइ। 9 फिन तू दुइनउँ क बोलॉवइवाला तोहरे लगे आइके तोसे कही, ‘आपन इ जगह इ मनई क दइ द्या।’ अउर फिन लजाइके तोहका सबन क तले क ठउरे प बइठइ क होइ।
10 “तउ जब तोहका बोलॉवा जात ह तउ जाइके सबन त तले क जगह ग्रहण कइ ल्या जइसे जब तोहका न्यौता देइवाला आवइ तउ तोहसे कही, ‘मीत उठा, ऊपर बइठा।’ फिन उ सबन क समन्वा, जउन तोहरे लगे हुवाँ मेहमान होइहीं, तोहार मान बाढ़ी। 11 काहेकि हर कउनो जउन आपन क उठाई ओका निहुराइ दीन्ह जाई अउर जउन आपन क निहुराई, ओका ऊँचा कीन्ह जाई।”
बदले क फल
12 फिन जउन ओका बोलाए रहा, ओसे उ बोला, “जब कबहुँ तू कउनो दिन या राति क भोज द्या तउ आपन धनी पड़ोसियन क जिन बोलावा काहेकि ऍकरे बदले मँ तोहका बोलइहीं अउर इ तरह तोहका ओकर फल मिलि जाई। 13 मुला जब तू कउनो भोज द्या तउ दीन दुखियन, अपाहिजन, लंगड़न अउर अँधरन क बोलावा। 14 फिन काहेकि ओनके लगे वापस लउटावइ कछू नाहीं अहइ, तउ इ तोहरे बरे आसीर्वाद बनि जाई। ऍकर बदले क फल तोहका धर्मी मनई क जी उठइ प दीन्ह जाई।”
बड़वार भोज क दिस्टान्त कथा
(मत्ती 22:1-10)
15 फिन ओकरे संग खइया क खात रहेन मनइयन मँ स एक इ सुनिके ईसू स कहेस, “हर उ मनई धन्य अहइ, जउन परमेस्सर क राज्य मँ जेंवत ह!”
16 तब ईसू ओसे कहेस, “एक मनई कउनो बड़के भोज क तइयारी करत रहा, उ बहोत स मनइयन क न्यौत दिहस। 17 फिन दावत क समइ जेनका न्यौत दिहस, नउकरे क पठइके इ कहवाएस, ‘आवा! काहेकि भोजन तइयार अहइ।’ 18 उ सबइ एक तरह आनाकानी करइ लागेन। पहिला ओसे कहेस, ‘मइँ एक खेत बेसहे अहउँ, मोका जाइके ओका देखब अहइ, कृपा कइके मोका छमा करइँ।’ 19 फिन दूसर कहेस, ‘मइँ पाँच जोड़ी बर्धा मोल लिहे अहउँ, मइँ तउ सिरिफ ओनका परखइ जात हउँ, कृपा कइके मोका छमा करइँ।’ 20 एक अउर भी बोला, ‘मइँ अबहिं बियाह किए हउँ। इ कारण स नाहीं आइ सकत हउँ।’
21 “तउ जब उ नउकर लौटिके आवा तउ उ आपन स्वामी क इ बातन बताइ दिहस, ऍह पइ उ घरे क स्वामी बहोत कोहाइ गवा अउर आपन नउकरे स कहेस, ‘हाली ही! सहर क गली कूचा मँ जा अउर गरीब गुरबा, अपाहिज, आँधर अउर लँगड़न क हिआँ लइ आवा।’
22 “उ नउकर स कहेस, ‘स्वामी तोहार हुकुम पूरी कइ दीन्ह गइ अहइ मुला अबहिं भी ठउर बाकी अहइ।’ 23 फिन स्वामी नउकरे स कहेस, ‘सड़कन प अउर खेतन क मेड़े ताई जा अउर हुवाँ स मनइयन स चिरौरी कइके हिआँ बुलाइ लिआवा जेसे मोर घर भरि जाइ। 24 अउर मइँ तोहसे कहत हउँ जउन पहिले बोलाइ गवा रहेन ओहमाँ स एक भी भोज न चिखइ सकेन!’”
चेला बनइ क कीमत
(मत्ती 10:37-38)
25 ईसू क संग भारी भीड़ जात रही। उ ओनके कइँती मुड़ि गवा अउर बोला, 26 “जदि मोरे लगे कउनो आवत ह अउर आपन बाप महतारी, पत्नी अउर बचवा, आपन भाइयन अउर बहिनियन अउर हिआँ ताईं कि आपन जिन्नगी तलक स मोसे जिआदा पिरेम राखत ह, उ मोर चेला नाहीं होइ सकत। 27 जउन आपन क्रूस (यातना) उठाइके मोरे पाछे नाहीं चलत ह, उ मोर चेला नाहीं होइ सकत।
28 “जदि तोहमाँ स कउनो बुर्ज बनावइ चाहइ तउ का उ पहिले स बइठिके ओकरे दामे क, इ लखइ बरे कि ओका पूरा करइके ओकरे लगे काफी कछू बा कि नाहीं, हिसाब न लगाई? 29 नाहीं तउ उ नेंव तउ खनि देइ अउर ओका पूरा न कइ पावइ स, जउन ओका सुरु होत लखेन ह, सबहिं ओकर मसखरी उड़इहीं अउर कइहीं, 30 ‘अरे लखा इ मनई बनाउब तउ सुरु कहेस ह मुला इ ओका पूर नाहीं कइ सका!’
31 “या कउनो राजा अइसा होइ जउन कउनो दूसर राजा क खिलाफ जुद्ध छेड़इ जाइ अउर पहिले बैठिके इ न बिचारइ कि आपन दस हजार सैनिकन क संग का उ बीस हजार सैनिकन आपन बैरी क मुकाबला कइ भी सकी कि नाहीं? 32 अउर जदि उ समर्थ नाहीं होत तउ ओकर बैरी अबहीं राहे मँ होइहीं तबहिं उ आपन प्रतिनिधि मंडल क पठइके सांति मिलाप क सुझाई।
33 “तउ फिन इहइ तरह तोहमाँ स कउनो भी जउन आपन सबहिं धन दौलत क तजि नाहीं देत, मोर चेला नाहीं होइ सकत।
आपन सुभाव जिन तजा
(मत्ती 5:13; मरकुस 9:50)
34 “नोन उत्तिम अहइ मुला जदि ओकर स्वाद बिगर जाइ तउ ओका फिन स नमकीन नाहीं बनावा जाइ सकता। 35 न तउ उ माटी क लायक नही अउर न पाँस क कूड़ा क। मनई सिरिफ ओका यूँ ही बहाइ देइहीं।
“जेकरे लगे सुनइ क कान अहइँ, ओका सुनइ द्या!”
सरगे मँ खुसी
(मत्ती 18:12-14)
15 अब चुंगी (टैक्स) क उगहिया अउर पापी सबहिं ओका सुनइ बरे ओकरे लगे आवइ लाग रहेन। 2 तउ फरीसियन अउर धरम सास्तिरियन बड़बड़ करत भए कहइ लागेन, “इ मनई तउ पापी मनइयन क अगवानी करत ह अउर ओनके संग जेवंत ह।”
3 ऍह पइ ईसू ओनका इ दिस्टान्त कथा सुनाएस: 4 “मान ल्या तोहमाँ स कउनो क लगे 100 भेड़ अहइँ अउर ओहमाँ स कउनो एक हेराइ जाइ तउ उ का 99 क खुली जगह मँ तजिके हेरान भेड़ क पाछे न धाई जब ताई उ ओका पाइ न जाइ। 5 फिन जब ओका भेड़ मिलि जात ह तउ उ ओका खुसी क साथ आपन काँधे प उठावत ह। 6 अउर जब घर लौटत ह तउ आपन मीतन अउर पड़ोसियन क नगिचे बोलॉइके कहत ह, ‘मोर संग खुसी मनावा काहेकि मोका हेरान भेड़ मिलि गइ अहइ।’ 7 मइँ तोहसे कहत हउँ, इहइ तरह कउनो एक क मनफिरावइवाला पापी बरे, ओन निनावे धर्मी मनइयन स, जेनका मनफिराव करइ क जरूरत नाहीं, सरगे मँ कहूँ जिआदा खुसी मनाइ जइ।
8 “या सोचि ल्या कउनो स्त्री अहइ जेकरे लगे दस चाँदी क सिक्का बाटेन अउर ओकर एक ठु सिक्का हेराइ जात ह तउ का उ दिया बारिके घरे क तब ताई न बहारी अउर होसियारी स नाहीं ढूँढ़त रही जब तलक उ ओका न मिलि जाइ? 9 अउर जब उ जब ओका पाइ जात ह तउ आपन मीतन अउर पड़ोसियन क लगे बोलॉइके कहत ह, ‘मोरे संग खुसी मनावा काहेकि मोर सिक्का जउन हेराइ ग रहा, मिलि गवा।’ 10 मइँ तोहसे कहत हउँ इ तरह एक पापी बरे जउन मनफिराव ह, परमेस्सर क दूतन क हाजरी मँ हुआँ खुसी मनाइ जाइ।”
भटक गवा बेटवा क पावइ क दिस्टान्त कथा
11 फिन ईसू कहेस, “एक मनई क दुइ बेटवा रहेन। 12 तउ छोटका बेटवा आपन बाप स कहेस, ‘पिताजी, जउन धन दौलत मोरे हींसा मँ आवइ, ओका मोका दइ द्या!’ तउ बाप उन दुइनउँ क आपन धन बाँट दिहेस।
13 “अबहीं कउनो जिआदा समइ नाहीं बीता रहा, कि छोटका बेटवा आपन समूचा धन दौलत बटोरेस अउर कउनो दूर देस क चला गवा। अउर हुवाँ जंगली क तरह रहत भवा आपन सारा धन बर्बाद कइ डाएस। 14 जबहिं ओकर समूचा धन खतम होइ गवा तबहीं उ देस मँ सबहिं कइँती एक ठु भयानक अकाल पड़ि गवा अउर ओका जरूरत क चीजन क कमती पड़इ लाग। 15 एह बरे उ देस क कउनो मनई क हिआँ जाइके उ मजूरी करइ लाग। उ ओका आपन खेते मँ सुअर चरावइ पठइ दिहस। 16 हुवाँ उ सोचत साइद कैरब क फरी पेट भरइ बरे मिलि जाइँ जेका सुअरन खात रहेन मुला कउनो ओका एक फरी नाहीं दिहेस।
17 “फिन जब ओकर होस ठिकाना मँ आइ गवा तउ उ बोला, ‘मोरे बाप क लगे केतॅना ही अइसे मजूर अहइँ जेनके लगे खाइ क पाछे भी भोजन बचा रहत ह। अउर मइँ हिआँ भूख स मरत हउँ। 18 तउ मइँ हिआँ स उठिके आपन बाप क लगे जाब अउर ओनसे कहब: पिताजी, मइँ परमेस्सर अउर तोहरे खिलाफ पाप किहे हउँ। 19 अब अगवा स तोहार बेटवा कहवावइ क जोग्ग नाहीं अहउँ। मोका आपन रोजिन्दा क मजूर क नाई बनइ ल्या।’ 20 तउ उ उठिके आपन बाप क लगे चला गवा।
बेटवा लउटत ह
“अबहिं उ जिआदा दूरी प ही रहा कि ओकर बाप ओका निहारेस अउर ओकरे बाप क दाया आइ। तउ दौड़िके उ ओका आपन बाँहे मँ गहियाह लिहस अउर चूमेस। 21 बेटवा बाप स कहेस, ‘पिताजी, मइँ तोहरी निगाहे मँ अउर परमेस्सर क खिलाफ पाप किहे हउँ, मइँ अब अउर जिआदा तोहार बेटवा कहवावइ क जोग्ग नाहीं हउँ।’
22 “मुला बाप आपन नउकरन स कहेस, ‘हाली! उत्तिम ओढ़ना निकारि लइ आवा अउर ओनका ऍका पहिरावा। ऍकरे हाथे मँ अँगूठी अउर गोड़वा मँ जूतियाँ पहिरावा। 23 कउनो मोट बछवा लइ आइके मारि डावा अउर आवा ओका हम पचे खाइके खुसी मनाई। 24 काहेकि मोर इ बेटवा जउन मरि गवा रहा अब जइसे फिन स जिउ उठा बा। इ हेरॉइ गवा रहा, मुला अब इ मिलि गवा अहइ।’ तउ उ पचे खुसी मनावइ लागेन।
पुराना बेटवा लउटत ह
25 “अब ओकर बड़का बेटवा जउन खेते मँ रहा, जब आवा अउर घरे क लगे पहुँच गवा त उ गावइ नाचइ क सुर सुनेस। 26 उ आपन एक ठु नउकर क बोलाइके पूछेस, ‘इ सब का होत अहइ?’ 27 नउकर ओसे कहेस, ‘तोर भाई आइ गवा अहइ अउर तोर बाप ओका हिफाजत मँ अउर मोटमर्दा पाइके एक ठु मोट बछवा कटवाएस ह!’
28 “बड़का भाई कोहाइ गवा, उ भितरे जाइ तलक नाहीं चाहत रहा। तउ ओकर बाप बाहेर आइके ओका समझाएस बुझाएस। 29 मुला उ बाप क जवाब दिहस, ‘देखा बरिसन स तोहार सेवा मइँ करत रहेउँ। मइँ तोहरे कउनो हुकुम क खिलाफत नाहीं किहेउँ, मुला तू मोका तउ कबहूँ एक बोकरी तलक नाहीं दिहा कि मइँ आपन मीतन क संग कउनो खुसी मनाइ सकित। 30 मुला जब तोहार इ बेटवा आवा जउन वेस्यन मँ तोहार धन फूँकेस, ओकरे बरे तू मोट बछवा कटवाया।’
31 “बाप ओसे कहेस, ‘मोर बेटवा, तू हमेसा ही मोरे लगे अहा अउर जउन कछू मोरे लगे बा, सब तोहार अहइ। 32 मुला हमका खुस होइ चाही अउर जलसा मनावइ चाही काहेकि इ भाई, जउन मरि ग रहा, अब फिन जिन्ना होइ, ग अहइ। इ हेराइ ग रहा, अब मिलि गवा बा।’”
साँच धन
16 फिन ईसू आपन चेलन स कहेस, “एक धनी मनई रहा। ओकर एक प्रबन्धक रहा। उ प्रबन्धक प लांछन लगाइ गवा कि उ ओकर धन दौलत क नासत रहा। 2 तउ उ ओका बोलाएस अउर कहेस, ‘तोहरे बारे मँ इ मइँ का सुनत रहत हउँ? आपन संरजाम क हिसाब किताब द्या काहेकि अब अगवा तू प्रबन्धक नाहीं रहि सकत्या।’
3 “ऍह पइ प्रबन्धक मन ही मन मँ कहेस, ‘मोर स्वामी मोसे मोर प्रबन्धक क नउकरी छीनत अहा, तउ अब मइँ का करउँ? मोहमाँ अब ऍतनी ताकत भी नाहीं बा कि मइँ खेते खोदाई अउर गोंड़ाई क काम तलक कइ सकउँ। अउर माँगइ मँ तउ मोका लाज आवति बाटइ। 4 ठीक, मोरी समझ मँ आइ गवा कि मोका का करइ चाही जेहॅसे जब मइँ प्रबन्धक क ओहदा स हटाइ दीन्ह जाउँ तउ मनई आपन घरे मँ मोर सुआगत करइँ।’
5 “तउ उ स्वामी क हर देनदार क बोलाएस। पहिले मनई स उ पूछेस, ‘तोहका मोरे स्वामी क केतॅना देब अहइ?’ 6 उ कहेस, ‘3,000 लीटर जौतून क तेल।’ ऍह पइ उ ओसे बोला, ‘इ ल्या आपन बही खाता अउर बैठिके हाली 1,500 लीटर कइ द्या।’
7 “फिन उ दूसर स कहेस, ‘अउर तोह प केतनी देनदारी अहइ?’ उ बताएस, ‘270 क्विंटल गोहूँ।’ उ ओसे बोला, ‘इ ल्या आपन बही अउर 225 क्विंटल कइ द्या।’
8 “ऍह प ओकर स्वामी उ बेइमान प्रबन्धक क सराहेस काहेकि उ होसियारी स काम लिहे रहा। संसारे मँ रहइवाला मनई आपन जइसे मनइयन स ब्यौहार करइ मँ परमेस्सर क जोतिवाला स जिआदा चालाक अहइ।
9 “मइँ तोहसे कहत हउँ संसारे क धन दौलत स आपन बरे मीत बनावा। काहेकि जब उ धन दौलत खतम होइ जाइ, उ पचे अनंत निवासे मँ तोहार सुआगत करिहीं। 10 उ सबइ जेनॅ पइ तनिक बरे बिसवास कीन्ह जाइ सकत ह, ओन पइ जिआदा बरे भी बिसवास कीन्ह जाइ अउर इहइ तरह जउन तनिक बरे बेइमान होइ सकत हीं उ जिआदा बरे बेइमान होइहीं। 11 इ तरह जदि तू संसारे क धन दौलत बरे तू बिसवासनीय नाहीं रह्या तउ साँच धने क बारे मँ तोह पइ कउन भरोसा करी? 12 जदि जउन कउनो दूसर क अहइ, तू ओकरे बरे बिसवास क जोग्ग नाहीं, बाट्या, तउ जउन तोहार अहइ, ओका तोहरा कउन देइ?
13 “कउनो भी नउकर दुइ मालिक क सेवा नाहीं कइ सकत। उ या तो एक स घिना करी अउर दूसर स पिरेम या उ एक क बरे न्यौछावर करी अउर दूसर क दुरियाई। तू धने अउर परमेस्सर दुइनउँ क सेवा एक संग नाहीं कई सकत्या।”
परमेस्सर क व्यवस्था अटल बा
(मत्ती 11:12-13)
14 अब फरीसियन जउन धन क लोभी रहेन, जब इ सब सुनेन तउ उ पचे ईसू क बहोत बुराई किहेन। 15 ऍह पइ उ ओनसे कहेस, “तू पचे उ सबइ अहा जउन मनइयन क इ जताइ देइ चाहत ह कि तू बहोत नीक अहा मुला परमेस्सर तोहरे मन क जानत ह। मनई जेका बहोत कीमती समझत हीं, परमेस्सर बरे उ तुच्छ अहइ।
16 “यूहन्ना तलक व्यवस्था अउर नबियन क समइ रहा। ओकरे पाछे परमेस्सर क राज्य क सुसमाचार क प्रचार होत रहा अउर हर कउनो बड़ी तेजी स ऍकर कइँती हींचा चला आवत रहा। 17 फिन सरग अउर धरती क डुग जाब तउ सहल बा मुला व्यवस्था क एक एक बिन्दु क अमान्य होब नाहीं।
तलाक अउर दुहेजा बियाह
18 “उ हर कउनो जउन आपन पत्नी क तजत ह अउर दूसर स्त्री क बियाहत ह, व्यभिचार करत ह। अइसे ही आपन पति स तलाकी गइ, कउनो मनई स बियाहत ह, उ भी व्यभिचार करत ह।”
धनी मनई अउर लाजत
19 “अब देखा एक मनई रहा जउन बहोत धनी रहा। उ बैंजनी रंग क ओढ़ना पहिरत रहा अउर हर रोज अमीरी ठाट बाट स रहत आनन्द लेत रहा। 20 हुँवई लाजर नाउँ क दीन दुखिया ओकरे दुआरे ओलरा रहत रहा। ओकर देह घाउन स भरि गइ रही। 21 उ धनी मनई क जूठे स ही उ आपन पेटवा भरइ क तरसत रहा। हिआँ तलक कि कूकुर भी अउतेन अउर ओकरे घाउ क चाट जातेन।
22 “अउर फिन अइसा भवा कि उ दीन हीन मनई मरि गवा। तउ सरगदूतन लइ जाइके ओका इब्राहीम क गोदी मँ बइठाइ दिहन। फिन उ धनी मनई भी मरि गवा अउर ओका दफनियावा गवा। 23 नरके मँ तड़पत भवा उ जब आँखी खोलिके लखेस तउ इब्राहीम ओका बहोत दूर देखाइ गवा मुला लाजर उ ओकरी गोदी मँ लखेस। 24 उ तब्बइ पुकारके कहेस, ‘बाप इब्राहीम, मोहे प दाया करा अउर लाजर क पठवा कि उ पानी मँ अगुँरि क नोक बोरिके मोर जीभ ठंढी कइ देइ, काहेकि मइँ इ आगी मँ तड़पत हउँ!’
25 “मुला इब्राहीम बोला, ‘मोर बेटहना, याद राखा, तू आपन जिन्नगी मँ आपन नीक चीजन्क पाइ गया मुला लाजर क बुरी चीज मिलि पाइँ। तउ अब हिआँ उ आनन्द भोगत बा अउर तू दारूण दुःख। 26 अउर इ सब क अलावा हमरे अउर तोहरे बीच एक बड़की खाई डाइ दीन्ह ग अहइ काहेकि हिआँ स जदि कउनो तोहरे लगे जाइ चाहइ, उ जाइ नाहीं सकत अउर हुवाँ स कउनो हिआँ आइ न सकइँ।’
27 “उ धनी मनई कहेस, ‘अइ बाप! मइँ तोहसे पराथना करत हउँ कि तू लाजर क मोरे बाप क घर पठइ द्या 28 काहेकि मोरे पाँच भाइयन अहइँ। उ ओनका चिताउनी देइ ताकि ओनका इ दारुण दुःख क ठउर मँ न आवइ क होइ।’
29 “मुला इब्राहीम कहेस, ‘ओनके लगे मूसा क व्यवस्था अहइ अउर नबियन क लिखा अहइँ। ओ पचेन क ओनका सुनइ द्या।’
30 “धनी मनई कहेस, ‘नाहीं बाप इब्राहीम, जदि कउनो मरे हुअन मँ स ओनके लगे जाइ तउ उ पचे मनफिराव करिहीं।’
31 “इब्राहीम ओसे कहेस, ‘जदि उ सबइ मूसा अउर नबियन क नाहीं अनकतेन तउ, जदि कउनो मरे हुअन मँ स उठिके ओनके लगे आवइ तउ भी कोउ काम क न होई, काहेकि उ ओनका भी न सुनिहीं।’”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.