Book of Common Prayer
जीयत पथरा अऊ परमेसर के चुने मनखेमन
4 जब तुमन ओकर करा, जऊन ह जीयत पथरा ए, आथव, जऊन ला मनखेमन गरहन नइं करिन, पर ओह परमेसर के नजर म चुने हुए अऊ कीमती अय – 5 त तुमन घलो जीयत पथरामन सहीं एक ठन आतमिक घर बनत जावत हव, जेकर ले पबितर पुरोहित बनके अइसने आतमिक बलिदान चघावव, जऊन ह यीसू मसीह के दुवारा परमेसर ला गरहन लइक होवय। 6 काबरकि परमेसर के बचन ह ए कहिथे:
“देखव, मेंह सियोन म एक पथरा रखत हवंव,
ओह चुने हुए अऊ कीमती कोना के पथरा ए,
अऊ जऊन ह ओकर ऊपर बिसवास करथे,
ओकर कभू बेजत्ती नइं होवय[a]।”[b]
7 अब तुमन बर, जऊन मन बिसवास करथव, ए पथरा ह कीमती ए। पर जऊन मन बिसवास नइं करंय, ओमन बर:
“जऊन पथरा ला घर बनइयामन बेकार समझे रिहिन,
ओहीच ह कोना के पथरा हो गे हवय।”[c]
8 अऊ परमेसर के बचन ह कहिथे,
“एक ठन पथरा मनखेमन के लड़खड़ाय के
अऊ एक ठन चट्टान ओमन के गिरे के कारन होही।”[d]
ओमन लड़खड़ाथें, काबरकि ओमन ओ संदेस ला नइं मानय, जेकर बर ओमन ठहिराय गे रिहिन।
9 पर तुमन एक चुने बंस, राज-पदधारी पुरोहित, पबितर जाति अऊ परमेसर के खुद के मनखे अव, ताकि तुमन ओकर परसंसा करव, जऊन ह तुमन ला अंधियार म ले अपन अद्भूत अंजोर म बलाय हवय। 10 पहिली तुमन परमेसर के मनखे नइं रहेव, पर अब तुमन परमेसर के मनखे अव; एक समय रिहिस, जब तुमन परमेसर के दया ला नइं पाय रहेव, पर अब तुमन ओकर दया ला पा गे हवव।
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