Book of Common Prayer
परभू के अवई बर तियार रहव
5 अब हे भाईमन हो, परभू के आय के समय अऊ तारिख के बारे म तुमन ला लिखे के जरूरत नइं ए? 2 काबरकि तुमन खुद जानत हव कि परभू के दिन ह अइसने आही, जइसने चोर ह रतिहा आथे। 3 जब मनखेमन कहत होहीं कि सांति हवय अऊ जम्मो बने हवय, तभे जइसने देहें बोहे माईलोगन ला छुवारी होय के पीरा होथे, वइसने अचानक बिनास ह ओमन के ऊपर आ पड़ही अऊ ओमन बिनास ले बच नइं सकहीं।
4 पर हे भाईमन हो, तुमन तो अंधियार म नइं अव कि ए दिन ह तुमन ला एक चोर के सहीं अचम्भो म डारय। 5 तुमन जम्मो झन अंजोर के संतान अऊ दिन के संतान अव। हमन रतिहा या अंधियार के संतान नो हन। 6 एकरसेति, आवव, हमन आने मन सहीं सोवत नइं रहन, पर जागत अऊ सचेत रहन। 7 काबरकि जऊन मन सुतथें, ओमन रतिहा सुतथें अऊ जऊन मन पीके मतवाल बनथें, ओमन रतिहा पीके मतवाल बनथें। 8 पर जब हमन ह दिन के अन, त आवव, हमन छाती के कवच के रूप म बिसवास अऊ मया ला पहिरके अऊ टोप के रूप म उद्धार के आसा ला पहिरके सचेत रहन। 9 काबरकि परमेसर ह हमन ला दंड भोगे बर नइं, पर हमर परभू यीसू मसीह के दुवारा उद्धार पाय बर ठहिराय हवय। 10 मसीह ह हमर खातिर मर गीस, ताकि चाहे हमन जीयत रहन या मर जावन, हमन ओकरे संग रहन। 11 एकर खातिर, एक-दूसर ला उत्साहित करव अऊ एक-दूसर के बढ़ती म मदद करव, जइसने कि तुमन अभी करत घलो हवव।
यीसू ह यरूसलेम के बिनास के बारे म गोठियाथे
(मत्ती 24:15-21; मरकुस 13:14-19)
20 “जब तुमन यरूसलेम ला सेनामन ले चारों कोति घेराय देखव, त तुमन जान लेवव कि एकर बिनास होवइया हवय। 21 तब जऊन मन यहूदिया प्रदेस म हवंय, ओमन भाग के पहाड़मन म चले जावंय; जऊन मन यरूसलेम सहर म हवंय, ओमन सहर ले निकर जावंय, अऊ जऊन मन सहर के बाहिर हवंय, ओमन सहर के भीतर झन जावंय। 22 काबरकि एह दंड के समय होही। ए किसम ले परमेसर के बचन म लिखे ओ जम्मो बात पूरा होही। 23 ओ दिन म जऊन माईलोगनमन देहें म होहीं अऊ जऊन दाईमन गोरस पीयावत होहीं, ओमन बर ओ दिनमन भयंकर होहीं। ए देस म भयंकर बिपत्ती पड़ही अऊ परमेसर के कोरोध ए मनखेमन ऊपर भड़कही। 24 ओमन तलवार ले मारे जाहीं अऊ मनखेमन ला बंदी के रूप म जम्मो देस म पहुंचाय जाही। यरूसलेम ह आनजातमन के गोड़ ले तब तक कुचरे जाही, जब तक कि आनजातमन के समय ह पूरा नइं हो जावय।
25 सूरज, चंदा अऊ तारामन म चिन्हां दिखहीं। धरती म, जम्मो देस के मनखेमन दुःख भोगहीं अऊ ओमन समुंदर के गरजन अऊ भयंकर लहरा ले घबराहीं। 26 भय अऊ संसार म अवइया संकट के कारन मनखेमन के जी म जी नइं रहिही, काबरकि अकास के सक्तिमन हलाय जाहीं। 27 ओ समय मनखेमन ‘मनखे के बेटा’ ला एक बादर म सक्ति अऊ बड़े महिमा के संग आवत देखहीं। 28 जब ए बातमन होवन लगय, त ठाढ़ हो जावव अऊ अपन मुड़ ला ऊपर करव, काबरकि तुम्हर उद्धार ह लकठा म होही।”
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.