Book of Common Prayer
संगीत निर्देसक बरे “सोकन्नीम” राग क अनुसार कोरह परिवार क कलात्मक एक ठु पिरेम गीत।
1 सुन्नर सब्द मोरे मनवा मँ भरि जात हीं,
जब मइँ राजा बरे बातन लिखत हउँ।
मोरी जिभिया पइ सब्द अइसे आवइ लागत हीं
जइसे उ पचे कउनो कुसल लेखक क लेखनी स निकरत होइँ।
2 सबइ मनइयन मँ, तू अति सुन्नर अहइ।
तोहार मुँहे स कृपालु सब्द निकलत अहा।
एह बरे परमेस्सर तोहका सदा-सर्वदा आसीस देइ।
3 तू आपन तरवार क जोद्धन क कमर पइ बाँधा।
तू महिमा वाला वस्त्र धारण करा।
4 तू अद्भुत देखाँत अहा।
जा, धरम अउ निआउ क जुद्ध जीत ल्या।
अद्भुत करम क करइ बरे सक्ती स भरी दाहिनी भुजा क प्रयोग करा।
5 तोहार तीर तइयार अहइँ।
तू बहुतेरन क हराइ देब्या।
तू आपन दुस्मनन पइ हुकूमत करब्या।
6 हे परमेस्सर,[a] तोहार सिंहासन हमेसा रहब।
तोहार साही राजदण्ड अच्छाई तोहार राज्ज क मज़बूत बनावत ह।
7 तू नेकी स पिआर अउ बुराई स घिना करत अहा।
एह बरे सक्तीमान निआवाधीस,
तोहार परमेस्सर तोहका तोहार साथियन क ऊपर राजा चुनेस ह।
8 तोहार ओढ़ना महकत अहइँ जइसे गंध रस, अगर अउ तेज पात स मधुर गंध आवति होइ।
हाथी दाँत स जड़ा भवा राजमहलन स तोहका आनन्द मँ भरि देइ क मधुर संगीत क झंकार फइलति अहइँ।
9 राजा लोगन क बिटियन अइसा सेवा किहेन जइसा कि उ राजा क बिवाह मँ दुल्हन क सेविकन अहइँ।
तोहार महरानी ओपीर क सोना स बना मुकुट पहिरे तोहरे दाहिन कइँती विराजति अहइँ।
10 हे राजपुत्री, मोरी बात क सुना।
धियानदइके सुना, तबहिं तू मोरी बात क समझबू।
तू आपन निज लोगन अउर बाप क घराने क बिसरि जा।
11 राजा तोहरे सुन्दरता पइ मोहित अहइ।
इ तोहार नवा सुआमी होइ।
तोहका एकर सम्मान करब अहइ।
12 सूर सहर क लोग तोहरे बरे उपहार[b] लइ अइहीं।
अउर धनी मानी तोहसे मिलइ चइहीं।
13 उ राजकन्या उ मूल्यवान रत्न क नाई अहइ
जेका सुन्नर मूल्यवान सुवर्ण मँ जड़ा गवा होइ।
14 ओका रमणीक वस्त्र पहिराइके लिआवा गवा बाटइ।
ओकरी सखियन क भी जउन ओकरे पाछे अहइँ राजा क समन्वा लावा गवा।
15 उ पचे हिआँ उल्लास मँ आई अहइँ।
उ पचे आनन्द मँ मगन होइके राजमहल मँ प्रवेस करिहीं।
16 राजा, तोहरे पाछे तोहार पूत सासक होइहीं।
तू ओनका समूचे धरती क राजा बनउब्या।
17 मइँ तोहरे नाउँ क प्रचार जुग जुग तलक करब।
तू प्रसिद्ध होब्या, तोहरे जसे क गीतन क लोग सदा सदा ही गावत रइहीं।
संगीत निर्देसक बरे कोरह परिवार क एक ठू भजन।
1 हे सबहिं लोगो, ताली बजावा,
अउर आनन्द मँ भरिके परमेस्सर क जय जयकार करा!
2 महिमा महिम यहोवा भय अउर विस्मय स भरा बाटइ।
सारी भुइँया क उहइ महान राजा अहइ।
3 उ हुकूम दिहेस कि रास्ट्रन हमार नियंत्रन मँ होब
ऍह बरे हम पचन्क ओनका हराइ दिहा ह।
4 हमार धरती उ हमरे बरे चुनेस ह।
उ याकूब बरे अद्भुत धरती चुनेस जेहसे उ पिरेम करत ह।
5 यहोवा परमेस्सर तुरही क ध्वनि
अउर जुद्ध क नरसिंहे क स्वर क संग ऊपर उठत ह।
6 परमेस्सर क गुणगान करत भए गुण गावा।
हमरे राजा क बड़कई क गीत गावा।
अउर ओकर जस क गीत गावा।
7 परमेस्सर सारी भुइँया क राजा अहइ।
ओकर बड़कई क गीत गावा।
8 परमेस्सर आपन पवित्तर सिंहासन पइ बिराजत ह।
परमेस्सर सबहिं रास्ट्रन पइ हुकूमत करत ह।
9 रास्ट्रन क नेता, इबाहीम क परमेस्सर क लोगन क संग मिलत हीं।
सबहिं रास्ट्रन क नेता,
परमेस्सर क अहइँ।
परमेस्सर ओन सबन क ऊपर अहइ।
एक ठु भजन: कोरह परिवार क एक ठु पद।
1 यहोवा महान अहइ।
उ हमेसा मोर परमेस्सर क नगर मँ आपन पवित्तर पर्वत पइ बड़कई करत अहइ।
2 सिय्योन पर्वत असल मँ परमेस्सर क पवित्तर पर्वत बाटइ।
इ महान राजा क नगर बाटइ।
समूचइ संसार क लोग हिआँ खुस रहत हीं
काहेकि इ प्रसन्नता क सिखर पइ अहइँ।[a]
3 उ सहर क महलन मँ,
परमेस्सर क सरणस्थल क नाउँ स जाना जात ह।
4 एक दाई कछू राजा आपुस मँ आइके मिलेन
अउर उ पचे इ सहर पइ हमला करइ क कुचक्र रचेन।
सबहिं एक अउटिके चढ़ाई बरे अगवा बढ़ेन।
5 राजा क लखिके उ सबइ सबहिं चकित भएन।
ओनमाँ भगदड़ मची अउ उ सबइ सबहिं पराइ गएन।
6 ओनका डर दहबोच लिहस,
उ सबइ डर स काँपि उठेन।
7 प्रचण्ड पुरवइया हवा
ओनके जहाजन क चकनाचूर कइ दिहस।
8 हाँ, हम पचे तोहार प्रबलता क कहानी सुना ह।
अउर हम पचे तउ ऍका सर्वसक्तिमान यहोवा क सहर मँ हमरे परमेस्सर क सहर मँ घटत भए भी लखा।
यहोवा उ सहर क हमेसा बरे सुदृढ़ बनाएस ह।
9 हे परमेस्सर, हम तोहरे मन्दिर मँ तोहरी पिरेम स भरी करुणा पइ विचार करित ह।
10 हे परमेस्सर, तू मसहूर अहा,
लोग धरती पइ हर कहूँ तोहार स्तुति करत हीं।
हर मनई जानत ह कि तू केतॅना भला अहा।
11 हे परमेस्सर, तोहरे उचित निआउ क कारण सिय्योन पर्वत खुस अहइ।
अउर यहूदा क नगरियन आनन्द मनावत अहइँ।
12 सिय्योन क परिक्रमा करा।
नगरी क दर्सन करा।
तू मीनारन क लखा।
13 ऊँच चहरदीवारन क लखा।
सिय्योन क महलन क सराहा,
तबहिं तू आवइवाली पीढ़ी स ऍकर बखान कइ सकब्या।
14 सचमुच हमार परमेस्सर सदा सदा ही परमेस्सर रही।
उ हमका सदा ही राह देखाई।
ओकर कबहुँ भी अंत नाहीं होई।
मसीह क दरसन मँ, परमेस्सर क दरसन
15 उ न देखाइ देइवाला परमेस्सर क
देखाइ देइवाल रूप अहइ।
उ सभन सिस्टी क ऊपर सासन करत ह।
16 काहेकि जउन कछू सरगे मँ बा अउर धरती पर बा,
उही क सक्ती स पैदा भवा बा।
कछूउ चाहे देखाई देइ अउर चाहे न देखाइ देइ चाहे सिंहासन होइ चाहे साम्राज्य, चाहे केउ सासक होइ अउर चाहे अधिकारी,
सब कछू उही क द्वारा रचा गवा बा अउर उही बरे रचा गवा बा।
17 सबसे पहिले उही क मौजूदगी रही।
ऊही क सक्ती स सब बस्तु स्थिर बनी रहत हीं।
18 एह देह अउर कलीसिया क मुखिया उहइ अहई।
उहइ आदि अहइ अउर मरेन क
फिन स जी उठावइ क उहइ सबसे बड़का अधिकारी भी उही अहई
ताकि सब बाते मँ पहिला स्थान उही क मिलइ।
19 काहेकि परमात्मा क इहइ माया क पूरे जने क साथे परमेस्सर उही मँ वास करइ चाहेस।
20 उही क जरिये पूरा ब्रह्माण्ड क परमेस्सर तउ अपने स फिन जोड़इ चाहेस।
सभन क जउन धरती क हयेन अउर सरगे क हयेन।
उही लहू क द्वारा परमेस्सर तउ सान्ति कराएस जेका तउ क्रूस पर बहाए रहा।
21 एक समइ रहा जब तू अपने बिचारन अउर बुरे कामन क कारण परमेस्सर क बरे अनजान अउर ओकर दुस्मन रहेन। 22 परन्तु अब जब मसीह अपने भौतिक देहे मँ रहा, तब मसीह क मउत क द्वारा परमेस्सर तउ तोहे खुद अपने आपेन स जोडि लिहेस। ताकि तोहे अपने सम्मुख पवित्तर, निहकलंक अउर निर्दोष बनाइके पेस कीन्ह जाई। 23 इ तबइ होइ सकत ह जब तू अपने बिसवासे मँ स्थिरता क साथे अटल बना रहा अउर इ सुसमाचर क दुवारा दीन्ह गइ ओह आसा क परित्याग न करा, जेका तू सुने अहा। एह अकास क नीचे हर कीहीउ परानी क ओकर उपदेस कीन्ह गवा था। अउर मइँ पौलुस उही क सेवक बना हउँ।
ईसू बारह प्रेरितन क चुनेस
(मत्ती 10:1-4; मरकुस 3:13-19)
12 उ दिनन मँ अइसा भवा कि ईसू पराथना करइ बरे एक पहाड़े प गवा अउर सारी राति परमेस्सर क पराथना करइ मँ बिताएस। 13 फिन मोर भवा तउ उ आपन मनवइयन क लगे बोलॉएस। ओहमाँ स उ बारहु क चुनेस, जेनका उ “प्रेरितन” क नाउँ दिहस।
14 समौन जेका उ पतरस का नाउँ दिहेस,
अउर ओकर भइया अन्द्रियास,
याकूब अउर यूहन्ना,
फिलिप्पुस,
बरतुलमै,
15 मत्ती,
थोमा,
हलफई क बेटवा याकूब
अउर समौन जिलौती,
16 याकूब क बेटवा यहूदा
अउर यहूदा इस्करियोती जउन दगाबाज होइ गवा।
ईसू क मनइयन क उपदेस अउर चंगा करब
(मत्ती 4:23-25; 5:1-12)
17 फिन ईसू ओनके संग पहाड़ी स तरखाले उतरिके समथर भुइयाँ प खड़ा भवा। हुवँई ओकरे चेलन क भारी जमघट रहा। एकरे साथ समूचइ यहूदिया, यरूसलेम, सूर अउर सैदा क समुद्दर किनारे स अनगिनत आलम हुवाँ आइके ऍकट्ठा भवा। 18 उ पचे ओका सुनइ अउर बेरामी स छुटकारा पावइ हुवाँ आए रहेन। जउन दुस्ट आतिमा स सतावा रहेन, उ पचे भी हुवाँ आइके चंगा भएन। 19 समूची भीड़ ओका छुइ भरि लेइ क जतन मँ रही काहेकि ओहमाँ स सक्ती निकरत रही अउर ओन सबन क बेरामी स दूर करत रही।
20 फिन उ आपन चेलन क निहारत भवा बोला,
“धन्य अहा तू दीन जनन काहेकि
परमेस्सर क राज्य तोहार अहइ।
21 धन्य अहा तू, जउन अबहीं भूखा अहा
काहेकि तृप्ति तउ होइ तोहार,
धन्य अहा तू, जउन आजु आँसू बहावत अहा,
काहेकि तू आगे हँसब्या।
22 “धन्य अहा तू, जब मनई क पूत क कारण लोग तोहसे घिना करइँ, अउर तोहका निकारि देइँ; अउर करइँ तोहार बुराई, नाउँ तलक क दुस्ट कहिके, काटि देइँ उ पचे। 23 तब उहइ दिन तू मगन होइके खुसी मँ उछर्या काहकेइ सरग मँ तोहार प्रतिफल महान अहइ। काहेकि ओनके पूर्वजन भी नबियन क संग अइसा ही किहन ह।
24 “हाय! धिक्कार अहइ तोहका ओ धनी मनइयो,
काहेकि तोहका मिल गवा सुख चनइ भरपूर।
25 अहइ तोहका धिक्कार, जउन भरपेट अहा अब
काहेकि तू भूखा रहब्या।
अहइ तोहका धिक्कार, जउन अबहिन हँसत अहा,
काहेकि तू आँसू बहउब्या अउर सोक करब्या।
26 “बा धिक्कार तोहका, जब सबन दुआरा तोहार बड़कई होइ काहेकि ओनके पूर्वजन भी इही ब्यौहार झूठे नबियन क संग किहे रहेन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.