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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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2 कोरिन्थॉस 4:13-5:10

13 विश्वास के उसी भाव में, जैसा कि पवित्रशास्त्र का लेख है: मैंने विश्वास किया, इसलिए मैं चुप न रहा. हम भी यह सब इसीलिए कहते हैं कि हमने भी विश्वास किया है 14 यह जानते हुए कि जिन्होंने प्रभु येशु को मरे हुओं में से जीवित किया, वही हमें भी मसीह येशु के साथ जीवित करेंगे तथा तुम्हारे साथ हमें भी अपनी उपस्थिति में ले जाएँगे. 15 यह सब तुम्हारे हित में है कि अनुग्रह, जो अधिक से अधिक मनुष्यों में व्याप्त होता जा रहा है, परमेश्वर की महिमा के लिए अधिक से अधिक धन्यवाद का कारण बने.

16 इसलिए हम हतोत्साहित नहीं होते. हमारा बाहरी मनुष्यत्व तो कमज़ोर होता जा रहा है किन्तु भीतरी मनुष्यत्व दिन-प्रतिदिन नया होता जा रहा है. 17 हमारा यह छोटा सा क्षण भर का कष्ट हमारे लिए ऐसी अनन्त और अत्याधिक महिमा को उत्पन्न कर रहा है, जिसकी तुलना नहीं कर सकते 18 क्योंकि हमने अपना ध्यान उस पर केन्द्रित नहीं किया, जो दिखाई देता है परन्तु उस पर, जो दिखाई नहीं देता है. जो कुछ दिखाई देता है, वह क्षण भर का है किन्तु जो दिखाई नहीं देता वह अनन्त काल का.

हमारा स्वर्गीय घर

हमें यह मालूम है कि जब हमारे घर—हमारी शारीरिक देह—को गिरा दिया जाएगा तो हमारे लिए परमेश्वर की ओर से एक ऐसा घर तय किया गया है, जो मनुष्य के हाथ का बनाया हुआ नहीं परन्तु स्वर्गीय और अनन्त काल का है. यह एक सच्चाई है कि हम कराहते हुए वर्तमान घर में उस स्वर्गीय घर को धारण करने की लालसा करते रहते हैं क्योंकि उसे धारण करने के बाद हम नंगे न रह जाएँगे. सच यह है कि इस घर में रहते हुए हम बोझ में दबे हुए कराहते रहते हैं क्योंकि हम चाहते हैं कि हम नंगे न रहें परन्तु वस्त्र धारण करें कि जो कुछ शारीरिक है, वह जीवन का निवाला बन जाए. जिन्होंने हमें इस उद्धेश्य के लिए तैयार किया है, वह परमेश्वर हैं, जिन्होंने अपना आत्मा हमें बयाने के रूप में दे दिया.

यही अहसास हमें हमेशा प्रोत्साहित करता रहता है कि जब तक हम अपनी शारीरिक देह के इस घर में हैं, हम प्रभु—अपने घर—से दूर हैं क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, विश्वास से जीवित हैं. हम पूरी तरह आश्वस्त हैं तथा हमारी इच्छा है कि हम शरीर से अलग हो प्रभु के साथ अपने घर में निवास करें. हमारी बड़ी इच्छा भी यही है कि चाहे हम घर में हों या उससे दूर, हम प्रभु को भाते रहें 10 क्योंकि यह अवश्य है कि हम सब मसीह के न्यायासन के सामने उपस्थित हों कि हर एक को शारीरिक देह में किए गए उचित या अनुचित के अनुसार फल प्राप्त हो.

लूकॉ 16:19-31

धनी व्यक्ति तथा लाज़रॉस

19 मसीह येशु ने आगे कहा, “एक धनवान व्यक्ति था, जो हमेशा कीमती तथा अच्छे वस्त्र ही पहनता था. उसकी जीवनशैली विलासिता से भरी थी. 20 उसके द्वार पर लाज़रॉस नामक एक गरीब व्यक्ति को, जिसका सारा शरीर घावों से भरा था, ला कर छोड़ दिया जाता था. 21 वह धनवान व्यक्ति की मेज़ से नीचे गिरे हुए चूर-चार को खाने के लिए तरसता रहता था; ऊपर से कुत्ते आ-आ कर उसके घावों को चाटते रहते थे.

22 “एक तय समय पर उस गरीब व्यक्ति की मृत्यु हुई और स्वर्गदूत उसे अब्राहाम के सामने ले गए. कुछ समय बाद धनी व्यक्ति की भी मृत्यु हुई और उसे भूमि में गाड़ दिया गया.

23 “अधोलोक की ताड़ना में पड़े हुए धनवान व्यक्ति ने दूर से ही अब्राहाम को देखा, जिनके सामने लाज़रॉस बैठा हुआ था. 24 उसने अब्राहाम को पुकारा और उनसे कहा, ‘पिता अब्राहाम, मुझ पर कृपा कीजिए और लाज़रॉस को मेरे पास भेज दीजिए कि वह अपनी उँगली को जल में डुबो कर उससे मेरी जीभ को ठण्डक प्रदान करे क्योंकि मैं यहाँ इस आग की ताड़ना में पड़ा हुआ हूँ.’

25 “किन्तु अब्राहाम ने उसे उत्तर दिया, ‘मेरे पुत्र, यह न भूलो कि अपने शारीरिक जीवन में तुमने अच्छी से अच्छी वस्तुएं प्राप्त कीं जबकि लाज़रॉस ने तुच्छ वस्तुएं किन्तु वह अब यहाँ सुख और संतोष में है; 26 और फिर इन सबके अलावा तुम्हारे और हमारे बीच में एक बड़ा गड्ढा बनाया गया है, जिससे कि यहाँ से वहाँ जाने के इच्छुक वहाँ न जा सकें और न ही वहाँ से कोई यहाँ आ सके.’

27 “इस पर उस धनवान व्यक्ति ने विनती की, ‘तो पिता, मेरी विनती है कि आप उसे मेरे परिजनों के पास भेज दें; 28 वहाँ मेरे पाँच भाई हैं—कि वह उन्हें सावधान कर दे, ऐसा न हो कि वे भी इस ताड़ना के स्थान में आ जाएँ.’

29 “अब्राहाम ने उत्तर दिया, ‘उनके पास मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं के लेख हैं. सही होगा कि वे उनका पालन करें.’

30 “‘नहीं पिता अब्राहाम,’ उसने विरोध करते हुए कहा, ‘वे मन तभी फिराएँगे जब कोई मृत व्यक्ति पुनर्जीवित हो कर उनके पास जाएगा.’

31 “अब्राहाम ने इसके उत्तर में कहा, ‘जब वे मोशेह और भविष्यद्वक्ताओं के आदेशों का पालन नहीं करते तो वे किसी दोबारा जीवित हुए व्यक्ति का भी विश्वास न करेंगे.’”

Saral Hindi Bible (SHB)

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