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परोपकारी परमेश्वर के मित्र होते हैं

11 इसलिए प्रभु से डरते हुए हम सत्य को ग्रहण करने के लिये लोगों को समझाते-बुझाते हैं। हमारे और परमेश्वर के बीच कोई पर्दा नहीं है। और मुझे आशा है कि तुम भी हमें पूरी तरह जानते हो। 12 हम तुम्हारे सामने फिर से अपनी कोई प्रशंसा नहीं कर रहे हैं। बल्कि तुम्हें एक अवसर दे रहे हैं कि तुम हम पर गर्व कर सको। ताकि, जो प्रत्यक्ष दिखाई देने वाली वस्तु पर गर्व करते हैं, न कि उस पर जो कुछ उनके मन में है, उन्हें उसका उत्तर मिल सके। 13 क्योंकि यदि हम दीवाने हैं तो परमेश्वर के लिये हैं और यदि सयाने हैं तो वह तुम्हारे लिये हैं।

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