Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा क बड़कई करा।
ओकर बड़कई सरग स करा।
2 हे सबहिं सरगदूतो, यहोवा क जस गावा।
ग्रहो अउ नछत्रो ओकर गुण गान करा।
3 सूरज अउ चाँद, तू पचे यहोवा क गुण गावा।
अकासे क तारो अउ जोतियो, ओकर बड़कई करा।
4 यहोवा क बड़कई सबन त ऊँच पर्वत मँ करा!
हे जल अकासे क ऊपर, ओकर बड़कई करा।
5 यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।
काहेकि उ आदेस दिहस, अउर सब कछू रचे रहा।
6 उ ऍन सबन्क बनाएस एह बरे उ सबइ सदा-सदा बना रहइँ।
उ अपरिवर्तनसील कानून बनाएस।
7 ओ धरती पइ क हर वस्तु, यहोवा क गुण गावा।
ओ बिसाल जन्तुओ अउ सबइ महासागरो, ओकर गुण गावा।
8 आगी अउ ओलन, बरफ अउ कुहासा, तूफानी पवन
जउन ओकर वचन क पूरा किहेन, ओकर गुण गावा।
9 पर्वतन अउ सबइ पहाड़न,
फलदार बृच्छ अउ देवदार क बृच्छ, ओकरे गुण गावा।
10 बनेर पसुअन अउ सब पालतु मवेसी, रेंगइवाले जीव अउ पंछियन, ओकर गुण गावा।
11 धरती क सबहिं राजा लोग अउ सबइ रास्ट्रन,
प्रमुखन अउ धरती पइ क सबहिं निआवाधीसन, ओकर स्तुति करा।
12 नव जवान मनसेधू अउ नव जवान मेहरारू, ओकर स्तुति करा।
परमेस्सर बूढ़े लोगन अउ गदेलन क रचेस ह।
13 ओनका यहोवा क नाउँ क स्तुति करइ द्या।
अकेल्ले ओकरे नाउँ ही ऊँच सम्मानित अहइ।
धरती अउ अकास
ओकर चमक-दमक स भरि जाइहीं।
14 उ आपन लोगन क मजबूती क स्रोत क निर्माण किहेस।
उ आपन सबइ भगतन अरथ इस्राएलियन,
अउ ओकरे समीप रहइवाले रास्ट्रन बरे, स्तुति क स्रोत क निर्माण किहेस।
यहोवा क बड़कई करा।
सुबुद्धि अउर दुर्बुद्धि
9 बुद्धि आपन घर बनाएस ह। उ आपन सात खम्भन[a] गढ़ेन ह। 2 उ आपन खइया क तइयार किहस अउर मिलावा भवा दाखरस आपन खइया क खाइ क मेजे पइ सजाइ लिहस ह। 3 अउर आपन दासियन क सहर क सबन त ऊँचके जगहिया स बोलावइ क पठएस ह। 4 “जउन भी नादान अहइ, किरपा कइ क हिआँ पइ आइ।” जउन मनइ क समुझ नाहीं अहइ उ ओनसे कहत ह, 5 “आवइँ, मोर खइया क खाइँ, अउर मोर दाखरस पिअइँ जेका मइँ बनाएस हउँ। 6 तू पचे आपन नादानी तजि द्या तउ तू जिअब्या। समुझ-बूझिके मारग पइ सिधे आगे बढ़ा।”
7 जउन कउनो मसखरी करइवाले क सुधार देत ह उ अपमाने क बोलावत ह, अउर जउन कउनो दुठ्ट मनइ क डाँट फटकार करइ चोट खात ह। 8 मसखरी करइवाले वाले क कबहुँ भी जिन डाँटा-फटकारा, नाहीं तउ उ पचे तू पचन स ही घिना करइ लागी। मुला अगर तू कउनो विवेकी क डाँटा-फटकारा तउ उ तू पचन स पिरेम ही करी। 9 बुद्धिमान व्यक्ति क चेतावा, उ अउर जियादा बुद्धिमान होइ। कउनो नीक व्यक्ति क क सिखावा, उ आपन गियान क बृद्धि करी।
10 यहोवा स डर, बुद्धि क हासिल करब क पहिला कदम बाटइ। यहोवा क गियान, समझबूझ क हासिल क पहिला कदम अहइ। 11 काहेकि मोर जरिये ही तोहार उमिर बढ़ी, तोहार दिन बढ़िहीं, अउर तोहरी जिन्नगी मँ बरिस जुड़त ही जइहीं। 12 अगर तू बुद्धिमान अहा, सुद्बुद्धि तोहका प्रतिफल देइ। अगर तू मसखरी करइवाले अहा, तउ तू अकेल्ले कस्ट झेलब्या।
8 मुला पिआरे बन्धुओ, एक बात क जिन भुला, पर्भू क बरे एक हजार साले एक दिन क समान होत ह अउर एक दिन एक हजार बरस क बराबर होत ह। 9 पर्भू आपन प्रतिग्या पूरी करइ मँ देर नाही लगावत। जइसेन कछू मनई सोचत ही। बल्कि उ हमरे प्रति धीरज धरत ह काहेकि उ कउनो मनई क नस्ट नाही करइ चाहत ह, बल्कि उ तउ चाहत ह कि सभी मनई मनफिराव क तरफ बढ़इँ।
10 मुला पर्भू क दिन आई। एक दिना पर्भू चुप्पेचाप चोर सही अहइ। उ दिन एक भयंकर गर्जना क साथे आकास विलीन होइ जाई अउर आकास क नखत भसम होइके नस्ट होइ जइही अउर इ धरती पे रहइवालेन क करम उजागर होइ जइही। 11 काहेकि जब इ सब चीजन इ तरह स नस्ट होइ जाइही तउ तू सोचा कि तू लोगन क कउनउ तरह क जीवन जियइ क चाही। तोहे सबन्क पवित्तर जीवन जियइ क चाही, पवित्तर जीवन जउन परमेस्सर क अर्पित अहइ अउर सब तरह क उत्तम करम करइ क चाही। 12 अउर तोहे सबन्क परमेस्सर क दिन क बाट जोहइ क चाही, अउर ओके जल्दी आउब क बरे काम करा। उ दिन अउतइमान आकास लपटन मँ जल क नस्ट होइ जाई आकास क नखत ओकरे ताप सेही पिघल उठिही। 13 मुला हम पचे परमेस्सर क वचन क अनुसार एक नवा आकास अउर नवी धरती की बाट जोह रहा अहइ जहाँ धार्मिकता रहत ही बाटइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.