Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा बरे एक ठु गीत गावा।
हे समस्त ब्रह्माण्ड यहोवा बरे गीत गावा।
2 यहोवा बरे गावा, ओकरे नाउँ क धन्न कहा।
हर दिन इ ओकरे उद्धार क बारे मँ सुसमाचार क सुनावा।
3 दूसर रास्ट्रन क बतावा कि यहोवा फुरइ अद्भुत बाटइ।
सब कतहूँ क लोगन मँ ओन अद्भुत बातन क जेनका उ करत ह बखान करा।
4 यहोवा महान बा अउर बड़कई क जोग बा।
उ कउनो “देवतन” स जियादा स्रद्धालु बा।
5 दूसर रास्ट्रन क सबहिं “देवतन” सिरिफ मूर्तियन अहइँ,
मुला यहोवा अकासन क रचेस।
6 ओकरे समन्वा सुन्दर महिमा दमकत बा।
परमेस्सर क पवित्तर मन्दिर सामरथ अउ सुरन्दरता अहइँ।
7 हे वंसो, अउर रास्ट्रो,
यहोवा बरे महिमा अउर बड़कई क गीत गावा।
8 यहोवा क नाउँ क गुणगान करा।
आपन भेंटन उठावा अउ मन्दिर मँ जा।
9 यहोवा क ओकर भव्य, मन्दिर मँ उपासना करा।
अरे ओ धरती क मनइयो, यहोवा क उपासना करा।
10 रास्ट्रन क जानइ द्या कि यहोवा राजा अहइ।
निहचय ही उ उहइ अहइ जउन जगत क स्थिर अउर अखण्ड बनाएस ह।
यहोवा मनइयन पइ निआउ स सासन करी।
11 अरे अकास, खुस ह्वा, हे धरती, आनन्द मनावा।
हे सागर, अउर ओहमाँ क सबइ चिजियन क आनन्द स ललकारा।
12 अरे ओ खेतो अउर ओहमाँ उगइवाली हर वस्तु आनन्द स भरपूर होइ जा।
हे जंगल क बृच्छो गावा अउर आनन्द मनावा।
13 आनन्द स भरपूर होइ जा
काहेकि यहोवा आवत अहइ।
यहोवा जगत क सासन करइ आवत अहइ,
उ खरेपन स निआउ करी।
आनन्द सँदेसा
14 हे यरूसलेम, गावा अउ खुस ह्वा!
हे इस्राएल, खुसी स घोस करा!
यरूसलेम, प्रसन्न ह्वा, तमासा करा।
15 काहेकि यहोवा तोहार पचन क सजा रोकि दिहस।
उ पचे तोहरे पचन क दुस्मनन क वापिस मोड़ द्या जउन तोहार तरफ आवत रहेन।
हे इस्राएल क राजा, यहोवा तोहरे संग अहइ।
अब तू पचन्क अउर कउनो बुरी घटना बरे चिन्ता क जरूरत नाहीं।
16 उ समइ, यरूसलेम स कहा जाइ,
“मजबूत बना, डेराअ जिन!
17 तू पचन क परमेस्सर यहोवा तू पचन क संग अहइ।
उ सक्तीसाली फउजी क नाई अहइ।
उ तू पचन क रच्छा करी।
उ देखाई कि उ तू पचन स केतना पियार करत ह।
उ देखाई कि उ तू पचन स केतना प्रसन्न अहइ।
उ हँसी अउर तू पचन क बारे मँ अइसे खुस होइ।
18 जइसे लोग दावत मँ होत हीं।
यहोवा कहेस, “मइँ तू पचन्क लज्जा क दूर करब।
मइँ तू पचन्क दुर्भाग्य क तू पचन्स दूर करब।
19 उ समइ, मइँ ओन लोगन्क सजा देबउँ जउन तू पचन्क चोट पहोंचाएन।
मइँ आपन घायल लोगन्क रच्छा करब।
मइँ ओन लोगन्क वापस लिआउब, जउन पराइ क बेबस कीन्ह ग रहेन
अउर मइँ ओनका प्रसिद्ध करब।
लोग सब जगह ओनकर तारीफ करिहीं।
20 उ समइ, मइँ तू पचन्क वापस लिआउब।
मइँ तू पचन्क एक साथ वापस लिआउब।
मइँ तू पचन्क प्रसिद्ध बनाउब।
सब जगह लोग तू पचन्क तारीफ करिहीं।
इ तब होइ जब मइँ तू पचन्क अँखियन क समन्वा तू सबइ बन्दी लोगन्क लिआउब।”
यहोवा इ सबइ कहेस।
11 इ सब कछू त एह बरे करा कि जइसेन समइ मँ तू रहत ह, ओका जानत अहा। तू जानत अहा कि तोहरे बरे संकट का समइ अहइ अपने नींद स जगावइ क समइ आइ पहुँचा बा, उ समय क तुलना मँ जब हम पहले बिसवास धारण किहे रहेन तउ हमार उद्धार अब ओसे जियादा लगे बा। 12 “रात” लगभग पूरी होइ चुकी बा, “दिन” लगे ही बा, इही बरे आवा हम ओन्हन करमन स छुटकारा पाइ लेइ जउन अन्धकार क अहइँ। आवा हम प्रकास क अस्त्रन क धारण करी। 13 आवा हम वइसेन ही अच्छे रीति स रही जइसेन दिन क समइ दिन रहत ह। बहुत जियादा बेमार क दावत मँ न जात भए खाइ पीइके बुत्त न होइ जा। लुच्चापना दुराचार व्यभिचार मँ न पड़ा। न झगड़ा अउर न ही डाह रखा। 14 बल्कि पर्भू ईसू मसीह क धारण करा। अउर आपन भौतिक मनई सुभाउ क सबइ इच्छा क पूरा करइ मँ ही न लगा रहा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.