Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
आसाफ क एक कलात्मक।
1 मोर मनवइयो, तू पचे मोरे उपदेसन क सुना।
ओन बातन पइ कान द्या जेनका मइँ बतावत हउँ।
2 मइँ तू पचन्क इ कथा सुनाउब।
मइँ तू पचन्क पुरान कथा सुनाउब।
3 हम पचे इ कहानी सुना ह, अउर ऍका अच्छी तरह जानित ह।
हम लोगन क पुरखन इ कहानी कहेन ह।
4 हम लोग ऍन बातन क आपन सन्तानन स नाहीं छुपाउब।
हम लोग ऍन बातन क आपन अगवा पीढ़ी क बताउब।
हम लोग ओनसे यहोवा क सक्ति अउर ओकरे अद्भुत कामन क बारे मँ बताउब।
हम पचे ओनका ओन कामन बरे जेनका उ किहस ह बखान करब।
5 यहोवा याकूब स वाचा किहस।
परमेस्सर इस्राएल क व्यवस्था क विधान दिहस,
अउर हमार परमेस्सर हमरे पुरखन क हुकूम दिहन।
उ हमरे पुरखन क व्यवस्था क विधान आपन संतानन क सिखावइ क किहेस।
6 इ तरह अगवा पीढ़ी ऍन बातन क बरे मँ जानिहीं।
अउर हर एक पीढ़ी मँ गदेलन पइदा होइ अउर बढ़ीइ अउर फुन उ पचे इ कहानी क आपन गदेलन क बतइहीं।
7 ऍह बरे उ सबहिं लोग यहोवा पइ भरोसा करिहीं।
उ पचे ओन सक्ति स भरा कामम क नाहीं बिसरिहीं।
जेन्का परमेस्सर किहे रहा।
उ पचे धियान स रखवारी करिहीं अउर परमेस्सर क हुकूम क मनिहीं,
सुरच्छा क सहर
20 तब यहोवा यहोसू स कहेस: 2 “मइँ मूसा क उपयोग तू लोगन क हुकुम देइ बरे किहेउँ ह। मूसा तू लोगन स सुरच्छा क विसेस सहर बनवइ बरे कहे रहा। तउ सुरच्छा बरे ओन सहरन क चुनाव करा। 3 अगर कउनो मनई कउनो मनई क मार डावत ह, मुला अइसा संजोग क कारण होत ह अउर ओकर इरादा ओका मार डावइ क नाहीं होत तउ उ मरे मनई क ओन रिस्तेदारन स जउन बदला लेइ बरे ओका मारि डावइ चाहत हीं, आत्मरच्छा बरे सुरच्छा नगर मँ सरण लइ सकत ह।
4 “उ मनई क इ करइ चाही। जब उ पराइ अउर ओन सहरन मँ कउनो एक मँ पहोंचइ तउ ओकर सहर दुआर पइ रुकइ चाही। ओका सहर दुआरे पइ खड़ा रहइ चाही अउर नगर प्रमुखन क बतावइ चाही कि का घटा अहइ। तब नगर प्रमुख ओका सहर मँ प्रवेस करइ दइ सकत हीं। उ सबइ ओका आपन बीच मँ रहइ क जगहिया देइहीं। 5 मुला उ मनई जउन ओकर पाछा करत अहइ उ सहर तलक ओकर पाछा कइ सकत ह। अगर अइसा होत ह तउ नगर प्रमुखन क ओका यो ही नाहीं तजि देइ चाही, बल्कि ओनका उ मनई क रच्छा करइ चाही जउन ओनके लगे सुरच्छा बरे आवा अहइ। उ सबइ उ मनई क रच्छा ऍह बरे करिहीं कि उ जेका मार डाएस ह, ओका मारि डावइ क ओकर इरादा नाहीं रहा। इ संजोग क कारण होइ गवा। उ कोहान नाहीं रहा अउर उ मनई क मारइ क निहचय नाहीं किहे रहा। इ कछू अइसा रहा, जउन होइ ही गवा। 6 उ मनई क तब तलक सहर मँ रहइ चाही जब तलक उ सहर क निआव क कचहरी क जरिये ओकरे मोकदमा क निर्णय नाहीं होइ जात अउर ओका तब तलक उहइ सहर मँ रहइ चाही जब तलक महा याजक नाहीं मर जात। तब उ आपन घर मँ उ सहर मँ लउटि सकत ह, जहाँ स उ भागत भवा आवा रहा।”
7 ऍह बरे इस्राएल क लोग “सुरच्छा सहर” नाउँ क सहरन क चुनेन। उ सबइ सहर इ सबइ सहर रहेन: नप्ताली क पहाड़ी प्रदेस मँ गलील क केदेस; एप्रैम क पहाड़ी प्रदेस मँ सकेम; किर्य्यतर्बा जउन यहूदा क पहाड़ी प्रदेस मँ रहा। 8 रूबेन क प्रदेस क रेगिस्तान मँ, यरीहो क निअरे यरदन नदी क पूरब मँ बेसेर; गाद क प्रदेस मँ गिलाद मँ रमोत; मनस्से क प्रदेस मँ बासान मँ गोलान।
9 कउनो इस्राएली मनई या ओनके बीच रहइवाला कउना भी विदेसी, अगर कउनो क मार डावत ह, मुला इ संजोग क कारण होइ जात ह, तउ उ ओन सुरच्छा नगरन मँ स कउनो एक मँ सुरच्छा बरे पराइके जाइ सकत रहा। तब उ मनई हुआँ सुरच्छित होइ सकत रहा अउर पाछा करइवाला कउनो क जरिये मारा नाहीं जाइ सकत रहा। उ सहर मँ उ मनई क मोकदमा क निबटारा उ सहर क निआव क कचहरी क जरिये होइ।
ईसू मंदिरे क बिनास क भविस्सबाणी किहेस
(मरकुस 13:1-31; लूका 21:5-33)
24 मंदिर क छोड़िके ईसू जब हुवाँ स होइके जात रहा तउ ओकर चेलन ओका मँदिर क इमारत देखॉवइ ओकरे लगे आएन। 2 एह प ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे इ इमारतन क सोझ खड़ी देखत अहा? मइँ तोहका सच सच कहत हउँ, हिआँ तलक एक पाथर प दूसर पाथर टिक नाहीं पाई। एक एक गिराइ दीन्ह जाई।”
3 ईसू जब जैतून पहाड़ प बइठा रहा तउ अकेल्ले मँ ओकर चेलन लगे आएन अउर बोलेन, “हमका बतावा इ कब होई? जब तू लउटि अउब्या अउर इ संसारे क अंत होई तउ कइसे संकेत परगट होइहीं?”
4 जवाबे मँ ईसू ओनसे कहेस, “होसियार! तू पचन क कउनो भरमाइ न पावइ। 5 मइँ इ यह बरे कहत हउँ कि अइसे बहोतन अहइँ जउन मोरे नाउँ स अइहीं अउर कइहीं, ‘मइँ मसीह हउँ’ अउर उ सबइ बहोतन क भरमइहीं। 6 तू सबइ नगीचे क जुद्ध क बातन या दूरि क जुद्ध क अफवाह सुनब्या पर देखा तू घबराया जिन। अइसा तउ होइ मुला अबहिं अंत नाहीं आवा अहइ। 7 हर रास्ट्र दूसर रास्ट्र क खिलाफ अउर एक राज्य दूसर राज्य क खिलाफ खड़ा होई। अकाल पड़ी। हर कतहूँ भुँइडोल आई। 8 मुला इ सब बातन उहइ तरह अहइ जइसे नया पइदा होय क पहले की सुरुआती पीडा।
9 “उ समइ उ पचे तोहका सजा देवॉवइ बरे पकड़वइहीं अउर उ पचे तोहका मरवाइ देइहीं। काहेकि तू सबइ मोर चेलन अहा। सबहिं रास्ट्र क लोग तोहसे घिना करिहीं। 10 उ समइ बहोत मनइयन क मोह टूटी जाई अउर ओहहि समइ बहुत स बिसवासियन क बिसवास डिग जाई। उ पचे एक दूसर क अधिकारियन क हाथे मँ दइ देइहीं अउ आपस मँ घिना करिहीं। 11 बहोत स झूठे नबियन खड़ा होइ जइहीं, अउर मनइयन क ठगिहीं। 12 काहेकि बुराई क बाढ़ आइ जाए स पिरेम घटि जाई। 13 मुला जउन अंत तक टिका रही ओकर उद्धार होई। 14 सरगे क राज्य क इ सुसमाचार समूचे संसार मँ साच्छी रूप मँ प्रचार कीन्ह जाई। ऍसे सब राजन क साच्छी रही अउर तबहीं अंत होइ जाई।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.