Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
वाव
41 हे यहोवा, तू सच्चा निज पिरेम मोह पइ परगट करा।
मोर रच्छा वइसे ही करा जइसे तू वचन दिहा।
42 तब मोरे लगे ओन लोगन बरे एक जवाब होइ जउन मोर अपमान करत हीं।
काहेकि मइँ तोहार वचन पइ भरोसा रखत हउँ।
43 तोहार सच्ची सिच्छा क बोलइ मँ सदा मोरे मदद करा।
मइँ तोहरे बुद्धिमान फइसलन पइ निर्भर अहउँ।
44 हे यहोवा, मइँ तोहरी सिच्छन क पालन सदा अउ सदा बरे करब।
45 तउ मइँ सुरच्छित जिन्नगी जिअब।
मइँ तोहरी व्यवस्था क पालइ क कठिन जतन करत हउँ।
46 मइँ यहोवा क करार क चर्चा राजा लोगन क संग करब
अउर उ पचे उत्साह मँ होइके सुनिहीं मोहसे लजाइहीं नाहीं।
47 हे यहोवा, मोका तोहरी सबइ आग्यन क मनन
जेहसे मइँ पिरेम करत हउँ भावत ह।
48 मइँ तोहरी आग्यन कइँती जेहसे मइँ पिरेम करत हउँ हाथ फइलाउब,
अउर मइँ तोहार कानून पइ बिचार करत हउँ।
यहोवा क हुकुमन पइ चला
16 “आजु यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क आदेस देत अहइ कि तू पचे इ सबइ बिधियन अउ नेमन क माना। आपन पूरा हिरदय अउर आपन पूरी आतिमा स एनका मानइ बरे होसियार रहा। 17 आजु तू पचे इ कहया ह कि यहोवा तोहार परमेस्सर अहइ। तू लोग बचन दिहा ह कि तू पचे ओकरे राहे पइ चलब्या, ओकरे हुकुमन, आदेसन अउर नेमन क मनब्या। तू पचे कहया ह कि तू पचे उ सब कछू करब्या जेका करइ बरे उ कहत ह। 18 आजु यहोवा तू पचन्क आपन लोग क रूप स्वीकार किहेस। अउर तोहका आपन मूल्यवान सम्पत्ति बनाइ बरे बचन दिहस ह। अउर तू पचन्क ओकरे सब आदेसन क मानइ चाही। 19 यहोवा तू पचन्क ओन सबहिं रास्ट्रन स महान बनाई जेनका उ बनाएस ह। उ तू पचन्क तारीफ, जस अउर गौरव देइ अउर तू पचे ओकर खास लोग होब्या, जइसा उ बचन दिहेस ह।”
नेमन पाथरन पइ लिखा जाइ चाही
27 मूसा अउर इस्राएल क प्रमुखन मनइयन क आदेस दिहस। उ कहेस, “ओन सबहिं आदेसन क माना जेनका मइँ आजु देत हउँ। 2 जउने दिन तू यरदन नदी पार कइके उ देस मँ घुसा जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क देत अहइ उ दिन, आपन बरे बहोत बड़की सिलन क तइयार करा। इ सबइ सिला क पलसतर स ढाँकि द्या। 3 तब इ उपदेस क सब बातन इ पाथरन पइ लिखी द्या। तू पचन्क इ तब करइ चाही जब तू पचे यरदन नदी क पार पहोंच जा। तब उ देस मँ जाइ सकब्या जउन मँ दूध अउर सहद बहत अहइ जेका यहोवा तोहार परमेस्सर तू पचन्क देत अहइँ। यहोवा तोहरे पुरखन क परमेस्सर ऍका दइके आपन बचन क पूरा किहस ह।
4 “यरदन नदी क पार जाइके पाछे तू पचन्क इ सिलन क एबाल पहाड़े पइ आजु क मोरे आदेस क मुताबिक स्थापना करइ चाही। तू पचन्क इ पाथरन क चूना क लेप स ढाँकि देइ चाही। 5 हुआँ पइ यहोवा आपन परमेस्सर क वेदी बनावइ बरे भी कछू सिला क उपयोग करा। पाथरन क काटइ बरे लोहा क अउजारन क उपयोग जिन करा। 6 तू पचन्क यहोवा आपन परमेस्सर क वेदी पूरा पाथरन स बनावा अउर तब यहोवा आपन परमेस्सर बरे एह पइ होमबलि चढ़ावा। 7 तोहका मेलबलि चढ़ावइ चाही अउर ओनका खाइ चाही। खा अउर यहोवा आपन परमेस्सर क मौजूदगी मँ खुसी क समइ बितावा।
एक खास प्रस्न
(मरकुस 10:17-31; लूका 18:18-30)
16 हुवाँ एक मनई रहा। उ ईसू क लगे आवा अउर कहेस, “गुरु अनन्त जीवन पावइ बरे मोका का नीक काम करइ चाही?”(A)
17 ईसू ओसे कहेस, “नीक का अहइ, ऍकरे बारे मँ मोसे काहे पूछत अहा? काहेकि नीक तउ सिरिफ एक ही बाटइ। फिन भी तू अगर अनन्त जिन्नगी मँ घुसइ चाहत ह, तउ तू हुकुमन क मान ल्या।”
18 उ ईसू स पूछेस, “कउन स हुकुम?”
तब ईसू कहेस, “कतल जिन करा। व्यभिचार जिन करा। चोरी जिन करा। झूठी साच्छी जिन द्या। 19 आपन बाप अउर आपन महतारी क इज्जत करा(B) अउर ‘जइसे तू आपन खुद क पिआर करत ह, वइसे ही आपन पड़ोसी स पिआर करा।’”(C)
20 नउजवान ईसू स पूछेस, “मइँ एन सब बातन क पालन किहेउँ ह। अब मोहमाँ कउने बात क कमी अहइ?”
21 ईसू ओसे कहेस, “जदि तू सिद्ध बनइ चाहत अहा तउ जा अउर जउन कछू तोहरे लगे बा, ओका बेचिके धन गरीबन क दइ द्या जेहसे सरग मँ तोहका धन मिल सकइ। फिन आवा अउर मोरे पाछे होइ जा।”
22 मुला जब उ नउजवान मनई इ सुनेस तउ उ दुखी होइके चला गवा काहेकि उ बहोत धनी रहा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.