Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
दाऊद क पराथना।
1 मइँ एक दीन, असहाय मनई अहउँ।
हे यहोवा, तू कृपा कइके मोर सुनि ल्या, अउर तू मोर विनती क जवाब द्या।
2 मइँ तोहार भगत हउँ, कृपा कइके मोर रच्छा करा।
मइँ तोहार सेवक अहउँ अउर तू मोर परमेस्सर अहा।
मइँ तोह पइ भरोसा किहेउँ, कृपा कइके मोका बचावा।
3 मोर सुआमी, मोह पइ दाया करा।
मइँ सारा दिन तोहार बिनती करत रहत हउँ।
4 हे मोर यहोवा, मइँ आपन जिन्नगी तोहार हाथन मँ देत हउँ।
हे मोर सुआमी, मोका, आपन सेवक क सुखी बनावा।
5 हे सुआमी, तू नीक अउ छिमाकर्ता अहा।
तू आपन मनवइयन स बहोत पिरेम करत अहा, जउन सहारा पावइ क तोहका गोहरावत हीं।
6 हे यहोवा, मोर बिनती सुनि ल्या।
कृपा कइके तू आपन कान क मोर पराथना पइ दाया बरे द्या।
7 हे यहोवा, आपन संकट क घरी मँ मइँ तोहार बिनती करत हउँ।
मइँ जानत हउँ तू मोका जवाब देब्या।
8 हे सुआमी, तोहरे जइसा कउनो देवता नाहीं अहइ।
जइसेन काम तू किहा ह वइसा काम कउनो भी नाहीं कइ सकत।
9 हे सुआमी, तू ही सब लोगन क रच्या ह।
उ पचे आइहीं अउर तोहार आराधना करिहीं।
उ पचे सबहिं तोहरे नाउँ क आदर करिहीं।
10 हे परमेस्सर, तू महान अहा।
तू अजूबा करम करत अहा।
तू अकेल्ले ही परमेस्सर अहा।
याकूब बेतेल मँ
35 परमेस्सर याकूब स कहेस, “बेतेल सहर क जा, हुआँ बस जा अउ हुवँइ ‘एल’ परमेस्सर बरे जउन तोहरे समन्वा परगट भवा रहा जब तू आपन भाई एसाव स बचि के परात रह्या एक वेदी बनावा।”
2 ऍह बरे याकूब आपन परिवार अउ आपन सबहि नउकरन स कहेस, “काठ अउ धातु क बना जउन बिदेसी देवतन तू पचन क लगे अहइँ ओनका नस्ट कइ द्या। अपने क पवित्र करा। ओढ़ना साफ पहिरा। 3 हम पचे इ जगह क तजि देब अउ बेतेल क जाब। उ जगह मँ आपन परमेस्सर बरे एक वेदी बनाउब। इ उहइ परमेस्सर अहइ जउन मोरे कस्ट क समइ मोर मदद किहस अउ जहाँ कहु मइँ गवा उ मोरे संग रहा।”
4 ऍह बरे मनइयन क लगे जउन बिदेसी देवता रहेन, ओन सबहि क उ पचे याकूब क दइ दिहन। उ पचे आपन काने मँ पहिरी भइ सब बालियन क भी याकूब क दइ दिहन। याकूब सकेम नाउँ क सहर क नगिचे एक बलूत क बृच्छ क तरे इ सबहि चिजियन क गाड़ दिहस।
यहूदियन क प्रेरितन क रोकइ क जतन
17 फिन महा याजक अउर ओकर संगी यानी सदूकियन क दल, ओनकइ खिलाफ खड़ा होइ गएन। उ पचे मने मँ कुढ़त रहेन। 18 एह बरे उ पचे प्रेरितन क बंदी बनाइ लिहन अउर ओनका कैदखाना मँ बन्द कइ दिहेन। 19 मुला राति क समइ पर्भू क एक दूत कैद क फाटक खोल दिहस। उ ओनका बाहेर लइ जाइके कहेस, 20 “जा, मन्दिर मँ ठाड़ होइ जा अउर इ नई जिन्नगी क बारे मँ मनइयन क सब कछू बतावा।” 21 जबहिं उ पचे इ सुनेन तउ भोरहिं तड़के मन्दिर मँ घुसि गएन अउर उपदेस देइ लागेन।
फिन जब महायाजक अउर ओकर संगी हुवाँ पहोंचेन तउ उ पचे यहूदी संघ अउर इस्राएल क बुजुर्ग क पूरी सभा न्योतेन। उ पचे कैदखाना स प्रेरितन क बोलवावइ पठएन। 22 किन्तु जब अधिकारी कैदखाना मँ पहुँचेन तउ उ पचे प्रेरितन क हुवाँ नाहीं पाएन। उ पचे लौटिके ऍका बताएन अउर 23 कहेन, “हम पचे कैदखाना मँ सुरच्छा क लगा भवा ताला अउर दुआरे प तैनात सुरच्छाकारियन क पावा। मुला जब हम दरवाजा खोला तउ हमका भितरे कउनो नाहीं मिला।” 24 जइसेन मन्दिर क सुरच्छाकारी अउर मुख्य़याजकन इ सब्दन क सुनेन तउ उ पचे चकराइ गएन अउ सोचइ लागेन, “अब का होई।”
25 ऍतने मँ कउनो दूसर मनई आवा अउर ओनका बताएस, “जेनका तू पचे जेल मँ धाँध दिहा ह, उ पचे मन्दिर मँ खड़ा होइके उपदेस देत बाटेन।” 26 तउ सुरच्छाकारी आपन अधिकारी संग हुवाँ गवा अउर बिना ताकत क प्रयोग किए ओनका वापस धइ लिआवा काहेकि उ पचे डेरात रहेन कि कहूँ मनई ओनका (मन्दिर क सुरच्छा कर्मी) पाथर स न मारइँ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.