Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
वाव
41 हे यहोवा, तू सच्चा निज पिरेम मोह पइ परगट करा।
मोर रच्छा वइसे ही करा जइसे तू वचन दिहा।
42 तब मोरे लगे ओन लोगन बरे एक जवाब होइ जउन मोर अपमान करत हीं।
काहेकि मइँ तोहार वचन पइ भरोसा रखत हउँ।
43 तोहार सच्ची सिच्छा क बोलइ मँ सदा मोरे मदद करा।
मइँ तोहरे बुद्धिमान फइसलन पइ निर्भर अहउँ।
44 हे यहोवा, मइँ तोहरी सिच्छन क पालन सदा अउ सदा बरे करब।
45 तउ मइँ सुरच्छित जिन्नगी जिअब।
मइँ तोहरी व्यवस्था क पालइ क कठिन जतन करत हउँ।
46 मइँ यहोवा क करार क चर्चा राजा लोगन क संग करब
अउर उ पचे उत्साह मँ होइके सुनिहीं मोहसे लजाइहीं नाहीं।
47 हे यहोवा, मोका तोहरी सबइ आग्यन क मनन
जेहसे मइँ पिरेम करत हउँ भावत ह।
48 मइँ तोहरी आग्यन कइँती जेहसे मइँ पिरेम करत हउँ हाथ फइलाउब,
अउर मइँ तोहार कानून पइ बिचार करत हउँ।
16 तब उ मनईयन जाइ बरे उठेन। उ पचे सदोम कइँती लखेन अउ उहइ कइँती चल पड़ेन। इब्राहीम ओनका बिदा करइ बरे कछू दूर तलक ओनके संग गवा।
परमेस्सर क संग इब्राहीम क सौदा
17 यहोवा मन मँ कहेस, “का मइँ इब्राहीम स कहि देउँ जउन मइँ अबहु करब? 18 इब्राहीम एक बड़का सकतीवाला रास्ट्र बन जाइ। इ कारण स धरती क सारे मनइयन आसीर्बाद पइही। 19 मइँ इब्राहीम क संग खास करार किहेउँ ह। मइँ इ ऍह बरे किहेउँ ह कि उ आपन लरिकन अउ आपन संतानन क तरह जिन्नगी बितावइ बरे हुकुम देइ जउने तरह जिन्नगी बिताउब यहोवा चाहत ह। मइँ इ ऍह बरे किहेउँ ह कि उ पचे सच्चाई स रइही अउर इन्साफ पसन्द बनिही। तब मइँ यहोवा प्रण कीन्ह गइ चीजन क देब।”
20 तब यहोवा कहेस, “सदोम अउर गमोरा का चीख-पुकार बहोत जबरदस्त अहइ। ओनका पाप बहोत गम्भीर अहइ। 21 एह बरे मइँ हुवा जाब अउर देखब कि जउन कूछ मइँ सुन्या ह, यदि उ सही बा तब मइँ जानब कि उ सही बाटइ या गलत।”
22 तब उ मनइयन घूमेन अउ सदोम कइँती चल पड़ेन। मुला इब्राहीम यहोवा क समन्वा खड़ा रहा। 23 तब इब्राहीम यहोवा स कहेस, “हे यहोवा, का तू खोट मनइयन क नास करइ क संग भले मनइयन क नास करइ क बात सोचत अहा? 24 जदि उ सहर मँ पचास भला मनई होइ तउ का होइ? का तब भी तू सहर क नास कइ देब्या? फुरइ ही तू हुआ क बसइया पचास भले मनइयन बरे उ सहर क बचाइ लेब्या। 25 फुरइ ही तू उ सहर क नास न करब्या। खोट मनइयन क मारइ बरे तू पचास भले मनइयन क नास न करब्या। अगर अइसा भवा तउ भला अउ खोटा लोग एक ही होइ जइहीं। दुइनउँ क ही सजा मिली। तू समूचइ भुइँया क निआव देइवाला अहा। मइँ जानत अहउँ कि तू निआव करब्या।”
26 फुन यहोवा कहेस, “जदि मोका सदोम सहर मँ पचास भला लोग मिलइँ तउ मइँ समूचइ सहर क बचाइ लेब।”
27 तब इब्राहीम कहेस, “हे यहोवा, तोहरे अगवा, मइँ सिरिफ धूर अउ राख अहउँ। मुला तू मोका फुन तनिक कस्ट देइ क मौका द्या अउ मोका इ प्रस्न पूछइ द्या कि: 28 जदि पाँच नीक लोग कमती होइ तउ का होइ? जदि सहर मँ पैंतालीस ही नीक लोग होइँ तउ का होइ? का तू सिरिफ पाँच लोगन बरे समूचइ सहर क नास करिब्या?”
तब यहोवा कहेस, “जदि मोका हुआँ पैंतालीस नीक लोग मिलइँ तउ मइँ सहर क नास न करब।”
29 इब्राहीम फुन यहोवा स कहेस, “जदि तोहका हुआँ स्रिफ चालीस नीक लोग मिलइँ तउ का तू सहर क नास कइ देब्या?”
यहोवा कहेस, “अगर मोका चालीस बढ़िया लोग हुआँ मिलइँ तउ मइँ सहर क बर्बाद न करब।”
30 तब इब्राहीम कहेस, “हे यहोवा कृपा कइके मोहे प किरोध जिन करा। मोका इ पूछेइ द्या कि अगर सहर मँ सिरिफ तीस नीक लोग होइ तउ का तू सहर क नास कइ देब्या?”
यहोवा कहेस, “जदि मोका तीस नीक लोग मिलइँ तउ मइँ सहर क बर्बाद न करब।”
31 तब इब्राहीम कहेस, “हे यहोवा, का मइँ तोहका फुन कष्ट देउँ अउ पूछ लेउँ कि जदि बीस ही सहर मँ नीक लोग हुआँ होइँ तउ?”
यहोवा जवाब दिहस, “अगर मोका बीस बढ़िया लोग मिलइँ तउ भी मइँ सहर क नास न करब।”
32 तब इब्राहीम कहेस, “हे यहोवा तू मोहे प गुस्सा जिन करा। मोका आखिरी दाईं कस्ट देइ क मौका द्या। जदि तोहका हुआँ दस बढ़िया लोग मिलइँ तउ तू का करिब्या?”
यहोवा कहेस, “जदि मोका सहर मँ दस नीक लोग मिलइँ तउ भी मइँ सहर क नास न करब।”
33 यहोवा इब्राहीम स बोलब बंद कइ दिहस, ऍह बरे यहोवा चला गवा अउ इब्राहीम आपन घर लउटि आवा।
कछू यहूदियन ईसू क निन्दा किहेन
(मरकुस 2:23-28; लूका 6:1-5)
12 लगभग उहइ समइया ईसू सबित क दिन अनाजे क खेतन स होइके जात रहा। ओकरे चेलन क भूख लाग अउ गोहूँ क बाल तोड़ि क चबाइ लागेन। 2 फरीसियन अइसा होत देखिके कहेन, “देख! तोहार चेलन उ करत अहइँ जेकर सबित क दिन करब मूसा क व्यवस्था क माफिक नाहीं।”
3 ऍह प ईसू ओनसे पूछेस, “का तू नाहीं पढ्या कि दाऊद अउर ओकर साथी, जब ओनका भूख लाग, का किहे रहेन? 4 उ परमेस्सर क घरे मँ घुसिके ओनके बरे चढ़ाई गइ पवित्तर रोतिन क कइसे खाए रहेन? तउ भी ओका अउर ओनके साथी संगी क ओकर खाब मूसा क व्यवस्था क खिलाफ रहा। ओका सिरिफ याजकन ही खाइ सकत रहेन। 5 मूसा क व्यवस्था मँ तू इ नाहीं पढ़्या कि सबित कि दिन मंदिर क याजक ही असिल मँ सबित क दिन बिगार देत हीं अउर फिन ओनका कउनो कछू नाहीं कहत। 6 मुला मइँ तोसे कहत हउँ, हियाँ जउन कउनो बाटइ उ मंदिर ते बड़वार बाटइ। 7 जदि तू पवित्तर सास्तर मँ जउन लिखा अहइ, ओका जानत ह, ‘मइँ मनइयन मँ दाया चाहत हउँ, पसुबलिदान नाहीं’(A) तउ तू ओनका दोखी नाहीं ठहरउत्या जउन निर्दोख अहइँ।
8 “हाँ, मनई क पूत सबित क दिन क भी सुआमी अहइ।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.