Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा सासन करत ह!
उ महिमा अउर सक्ति क पहिर लिहस
ताकि धरती स्थिर रहइ
अउर गिरे नाहीं।
2 हे परमेस्सर, तोहार साम्राज्य अनादि काल स टिका भवा अहइ।
तू सदा जिअत अहा।
3 हे यहोवा, नदियन क गर्जन बहोत तीव्र बा।
ओनकर लहरन क
नस्ट करइया अहइ।
4 समुद्र क पछारा खात भइ लहरन गरजत हीं, अउर उ सबइ सक्तिसाली अहइँ।
मुला ऊपर वाला यहोवा जियादा सक्तिसाली अहइ।
5 हे यहोवा, तोहार कानून बहोत स्थिर अहइ।
तोहार पवित्तर मन्दिर लम्बी समई तलक खड़ा रही।
मनइयन क परमेस्सर स डर
22 मूसा कहेस, “यहोवा इ सबइ हुकुम तू सबहिं क दिहस जब तू पचे एक संग पहाड़े प रह्या। यहोवा साफ साफ सब्दन मँ बानत किहस अउर ओकर तेज आवाज आगी, बादर अउ घना अँधियारा स सुनाई देत रहा। जब उ इ आदेस दइ दिहस तब अउर कछू नाहीं कहेस। उ आपन सब्दन क दुइ ठु पाथरे क सिला पइ लिखेस अउ ओनका मोका दइ दिहस।
23 “तू पचे आवाज क तब सुन्या जब पहाड़ आगी स बरत रहा। तब तू पचे मोरे लगे आया, तोहरे परिवार समूह क सबहिं नेता लोग अउ तोहार सबहिं पुरनियन। 24 उ पचे कहेन, ‘यहोवा हमार परमेस्सर आपन गौरव अउ बड़कइ देखॉएस ह। हम पचे ओका आगी मँ स बोलत सुना ह। आजु हम पचे लखि लीन्ह ह कि कउनो मनई क परमेस्सर स बात करइ क बाद भी जिअत रहि सकब, होइ सकत ह। 25 मुला अगर हम पचे यहोवा आपन परमेस्सर क दुसरी दाई बात करत सुना तउ हम पचे जरूर मरि जाब। उ खउफनाक आगी हमार नास कइ देइ। मुला हम पचे मरब नाहीं चाहित। 26 कउनो अइसा मनई नाहीं जउन हम लोगन क नाई कबहुँ जिअत परमेस्सर क आगी मँ स बतियात सुने होइ अउ जिअत होइ। 27 मूसा, तू निअरे जा अउ यहोवा हम लोगन्क परमेस्सर, जउन कहत बाटइ सुना। तब उ सब बातन हमका बतावा जउन यहोवा तू पचन्स कहत ह, अउर हम लोग तोहार सुनब अउर ओकर पालन करब।’
यहोवा मूसा स बतियात ह
28 “यहोवा उ सबइ बातन सुनेस जउन तू मोसे कहया। तब यहोवा मोसे कहेस, ‘मइँ उ सबइ बातन सुनेउँ ह जउन हम पचे कहेन ह। जउन उ पचे कहेन बढ़िया अहइ। 29 मइँ इच्छा करत हउँ कि उ पचे हिरदय स मोर सम्मान करइ अउर मोरे आदेसन क हमेसा मानइ सिखिहीं। तब इ ओनके अउ ओनके सन्तानन बरे सदा ही नीक रही।
30 “‘जा अउ मनइयन स कहा कि आपन आपन तम्बूअन मँ लउटि जाइँ। 31 मुला मूसा, तू मोरे निअरे ठाड़ रहा। मइँ तोहका सारा हुकुम, कानून अउ नेम हेरब जेकर सिच्छा तू ओनका देब्या। ओनका इ सबइ उ देस मँ करइ चाही जेका मइँ ओनका रहइ बरे दइ देत हउँ।’
32 “एह बरे, तू सब मनइयन क उ सब कछू करइ बरे होसियार रहइ चाही जेकरे बरे यहोवा तोहका हुकुम दिहेस बाटइ। तोहका न दाहिन हाथे कइँती घूमइ चाही अउर न ही बाएँ हाथे कइँती। 33 तोहका उहइ तरह रहइ चाही, जउने तरह रहइ क हुकुम यहोवा तोहार परमेस्सर तोहका दिहे अहइ। तब तू सदा जिअत रहि सकत ह अउर हर चीज तोहरे बरे नीक होइ। उ देस मँ, जउन तोहार होइ, तोहार उमिर लम्बी होइ जाइ।
सत् कर्मन क खातिर दुःख झेलब
8 आखिर मँ तू पचन क सान्ति स रहइ चाही। एक दूसर क समझइ क कोसिस करा। एक दूसर स भाइयन क तरह पिरेम करा। दयालु अउर नरम बना। 9 एक बुराई क बदला दूसर बुराई स न द्या कि गाली क बदले गाली द्या। एकरे विपरीत आसीस द्या। काहेकि परमेस्सर तोह पचन क आसीर्बाद देइ बरे बोलाएस ह। इहइ स तू पचन्क परमेस्सर क आसीर्बाद क उत्तराधिकार मिली। 10 पवित्तर सास्तर कहत ह:
“जउन जीवन आनन्द उठाइ चाही
जउन समइ की सद्गति क देखइ चाही
ओका कि कबहूँ बुरा न बोलइ
उ अपने ओठन क छल वाणी स रोकइ
11 बुराई स अपने क अलग रखइ, उ करइ सदा उ नेक करमन क जउन
अहइ नीक चाही ओका कर जतन सान्ति पावइ चाही ओका अनुसरण करइ सान्ति क
12 पर्भू की आँखियन अहइँ टिकी ओनहियन प जो नीक अहइँ लागे
कान पर्भू क ओनकी पराथना प पइ जउन करत
अहइँ बुरा करम मुँहना सदा फेरत अहइ पर्भू ओनसे।” (A)
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.