Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 66:8-20

लोगो, हमरे परमेस्सर क गुणगान
    तू पचे ऊँच स्वर मँ करा।
परमेस्सर हमका इ जिन्नगी दिहस ह।
    उ हमार रच्छा करत ह।
10 परमेस्सर हमार परीच्छा लिहस ह।
    परमेस्सर हमका वइसे ही परखेस, जइसे लोग चाँदी आगी मँ डाइके परखत हीं।
11 हे परमेस्सर, तू हमका फँदा मँ फँसइ दिहा।
    तू हम पइ भारी बोझा लाद दिहा।
12 तू हमका दुस्मनन स गोड़े तरे रौंदवाया।
    तू हमका आग्री अउ पानी मँ घसीट्या।
    मुला तू फिन भी हमका सुरच्छित ठउर पइ लइ आया।
13-14 एह बरे मइँ तोहरे मन्दिर मँ बलियन चढ़ावइ आउब।
जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ, मइँ तोहार सरण माँगेउँ
    अउर मइँ तोहार बहुतेरी मन्नत माँगेउँ।
अब ओन वस्तुअन क जेनकर मइँ मन्नत माँगेउँ, अर्पित करत हउँ।
15     मइँ तोहका सुद्धिकरण क भेंट अर्पित करत हउँ,
अउर भेड़न क संग सुगन्धि अर्पित करत हउँ।
    तोहका बर्धन अउ बोकरन क बलि अर्पित करत हउँ।

16 ओ सबहि लोगो, परमेस्सर क आराधको!
    आवा, मइँ तू पचन्क बताउब कि परमेस्सर मोरे बरे का किहस ह।
17-18 मइँ ओकर बिनती किहेउँ।
    मइँ ओकर गुणगान किहेउँ।
मोर मनवा पवित्तर रहा,
    मोर सुआमी मोर बात सुनेस।
19 परमेस्सर मोर सुनेस।
    परमेस्सर मोर बिनती सुन लिहस।
20 परमेस्सर क गुण गावा।
    परमेस्सर मोहसे मुँह नाहीं मोड़ेस।
    उ मोर पराथना क सुन लिहस।
    परमेस्सर निज करुणा मोह पइ देखाँएस।

उत्पत्ति 6:5-22

यहोवा लखेस कि भुइँया प मनई बहोत जिआदा पापी अहइँ। यहोवा लखेस कि मनई लगातार बुरी बात ही सोचत ह। यहोवा क इ बात क दुःख भवा कि मइँ भुइँया प मनई क काहे बनाएउँ? यहोवा इ बात स बहोत दुःखी भवा। ऍह बरे यहोवा कहेस, “मइँ आपन बनई भइ भुइँया क सब मनइयन क खतम कइ देब। मइँ हर एक मनई, जनावर अउ भुइँया प रेगंइवाला हर एक जिउ जन्तु क नास करब। मइँ अकासे क चिरइयन क भी खतम कइ देब। काहे? काहेकि मइँ इ बात स दुःखी अहउँ कि मइँ इ सबहि चीजन क बनएउँ।”

मुला भुइँया प यहोवा क खुस करइ वाला एक मनई रहा-नूह।

नूह अउ जल क प्रलय

इ नूह क जिन्नगी क कहानी बाटइ। उ आपन समइ मँ एक बहोत ही अच्छा मनइ रहा। अउर उ हमेसा परमेस्सर क अनुसरण किहेस। 10 नूह क तीन पूत रहेन, सेम, हाम अउ येपेत।

11-12 परमेस्सर धरती प निगाह दउड़ाएस अउ उ निहारेस कि भुइँया क मनइयन बर्बाद कइ दिहे अहइँ। हर एक ठउरे प मारकाट फइला रहा। मनई पपियाइ ग रहेन अउ क्रूर होइ ग रहेन, अउर उ पचे धरती प आपन जिन्नगी बर्बाद कइ दिहे रहेन।

13 ऍह बरे परमेस्सर नूह स कहेस, “सब मनइयन धरती क किरोध अउ हिसा स पाट दिहे अहइँ। इ खातिर मइँ सबहि जिअत प्राणियन क नास कइ देब। मइँ ओनका भुइँया स हटाइ देब। 14 गोपेर क काठ बइपरा अउ आपन खातिर एक ठु जहाज बनावा। जहाज मँ कमरन बनावा अउ जहाज क राल स भीतरे अउ बाहेर लीपि द्या।

15 “जउन जहाज मइँ बनावइ चाहत हउँ ओकर नाप जोख तीन सौ हाथ लम्बा, पचास हाथ चौड़ा, तीस हाथ ऊँच अहइ। 16 जहाज बरे छत स करीब एक हाथ खाले खिरकी बनावा। जहाज क बगल मँ फातक बनावा। जहाजे मँ तीन मंजिल बनावा। ऊपर क मंजिल, बिचकउ मंजिल अउ तरखाले क मंजिल।

17 “तू पचन क जउन बतावइ चाहत हउँ ओका धियान स सुना। मइँ धरती प बड़वार भारी पानी क बाढ़ लिआउब। अकासे क नीचे सबहि जीउन क नास करब। धरती क सब जीउ मरि जइहीँ। 18 मुला मइँ तू सबन क बचाउब। तब मइँ तोहसे एक खास करार करब। तू, तोहार पूतन, तोहार मेहरारु अउ तोहार पतोहुअन सबहि जहाज मँ सवार होइहीँ। 19 संग मँ तोहका जिअत प्राणी क जोड़ा भी लइ आवइ क होइ। हर एक प्राणी क नर अउ मादा जोड़ा जहाजे मँ लिआवा। आपन संग ओनका जिअत राखा। 20 धरती क हर किसिम क चिरइयन क जोड़ा भी हेरा। धरती क हर किसिम क जनावरन क जोड़ा हेरा। धरती प रेंगइवाला हर एक जीउ क जोड़ा क भी हेरा। धरती प हर किसिम क जनावरन क नर अउ मादा तोहरे संग होइहीं। जहाजे प ओनका जिअत राखा। 21 धरती प सब किसिम क भोजन भी लइ जहाजे प लइ आवा। इ भोजन तोहरे बरे अउ जनावरन बरे होइ।”

22 नूह इ सब कछू किहस। नूह परमेस्सर क सब हुकुम क मान लिहस।

प्रेरितन क काम 27:1-12

पौलुस क रोम पठउब

27 जब इ तय होइ गवा कि हमका जहाज स इटली जाइ क अहइ तउ पौलुस अउर कछु दूसर बंदी मनइयन क सम्राट क फउज क यूलियुस नाउँ क एक फऊजीनायक क सौंपि दीन्ह गवा। अद्रमुत्तियुम स हम पचे एक जहाजे प सवार भए जउन एसिया क तट क पहँटा स होइके जाइवाला रहा अउर समुद्दर क जात्रा प निकरेन। थिस्सलुनीके बसइया एक मैसीडोनि, जेकर नाउँ अरिस्तर्खुस रहा, भी हमरे संग रहा।

अगले दिन हम सैदा मँ उतरे। हुवाँ यूलियुस पौलुस क संग नीक विउहार किहेस अउर मोका ओकरे मीतन स मिलन बरे क अनुमति दइ दीन्ह गइ जेहसे उ ओकर देखभाल कर सकइ। हुवाँ स हम समुद्दर-रस्ता स फिन चल पड़ेन। हम पचे साइप्रास क ओटे ओटे चलत रहे काहेकि हवा हमरे खिलाफ बहत रही। फिन हम पचे किलिकिया अउर पंफूलिया क समुद्दर क पार करत भए लूसिया क मूरा पहोंचेन हुवाँ फऊजीनायक क सिकन्दरिया क इटली जाइवाला एक ठु जहाज मिला। हम पचे ओह पइ सवार भएऩ।

कइउ दिन तलक हम पचे धीमे धीमे आगे बढ़त भए बड़ी तकलीफे स कनिदुस क समन्वा पहोंचेन मुला काहेकि हवा आपन राहे प नहीं रहइ देइ चाहत रही, तउ ह सबइ सलभौने क समन्वा क्रीत क ओट मँ आपन नाउ बढ़ावइ लागे। क्रीत क किनारे-किनारे बड़ी तकलीफ स नाउ क अगवा अगवा खेवत भए एक अइसे ठउर प पहोंचेन जेकर नाउ रहा सुरच्छित बंदरगाह। हिआँ स लसया नगर लगे ही रहा।

समइ बहोत बीति चुका रहा अउर नाउ क आगे बढ़ाउब भी संकट स भरा रहा काहेकि तब तलक उपवास क दिन[a] बीत चुका रहा। यह बरे पौलुस चिताउनी देत भए ओनसे कहेस, 10 “अरे मनइयो, मोका लगत ह कि हमार इ सागर जात्रा नास कइ देइ, न सिरिफ माल असबाब अउर जहाजे बरे बल्कि हमरे परान बरे भी।”

11 मुला पौलुस जउन कहे रहा ओका सुनइ क सिवाय उ फऊजीनायक, जहाज क मालिक अउर कप्तान क बातन प जिआदा बिसवास करत रहा। 12 अउर काहेकि उ बन्दरगाह सीत रितु बरे चउचक नाहीं रहा, यह बरे जिआदातर मनइयन, जदि होइ सकइ तउ फीनिक्स पहोंचइ क जतन करने क ही ठान लिहेन। अउर जाड़ा हुवँइ काटइ क निस्चय किहेन। फीनिक्स पहोंचाइ क्रीत क अइसा बन्दरगाह अहइ जेकर मुँह दक्खिन पच्छिम अउर उतर पच्छिम दुइनउँ क समन्वा पड़त ह।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.