Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 जब याकूब क घराना
बिदेसियन क रास्ट्र मिस्र क तजेस।
2 उ समइ यहूदा परमेस्सर क खास मनई बना,
इस्राएल ओकर राज्ज बन गवा।
3 लाल सागर ऍका लखेस, उ पराइ गवा।
यरदन नदी उलटिके बह चली।
4 पर्वत मेमनन क नाई नाच गएन।
पहाड़ी भ़ेड़न क नाई नाचि गइन।
5 हे लाल सागर, तू काहे पराइ गया?
हे यरदन नदी, तू काहे उलटी बहिउ?
6 हे पहाड़ो, काहे तू पचे भ़ेडन क नाई नाच्या?
हे पहाड़ियो, तू पचे काहे मेमनन जइसी नाचिउ?
7 हे धरती, यहोवा याकूब क परमेस्सर,
सुआमी क समन्वा काँप।
8 परमेस्सर ही चट्टानन क चीरिके जल क बाहेर बहाएस।
परमेस्सर पक्की चट्टान स जल क झरना बहाए रहा।
2 योना जब मछरी क पेटे मँ रहा, तउ उ आपन परमेस्सर यहोवा क पराथना किहेस। योना कहेस,
2 “मइँ गहिर विपदा मँ रहेउँ।
मइँ यहोवा क दोहाई दिहेउँ
अउर उ मोका जवाब दिहस।
मइँ गहिर कब्र क बीचउ बीच रहेउँ।
हे यहोवा, मइँ तोहका गोहॅराएउँ
अउर तू मोर पुकार सुन्या!
3 “तू मोका समुद्दरे मँ लोकॉइ दिहे रह्या।
तोहार ताकतवर लहरियन मोका थपेड़ा मारेन,
मइँ समुद्दरे क बीच मँ मइँ गहिरा स गहिरा उतरन चला गएउँ।
मोरे चारिहुँ कइँती सिरिफ पानी ही पानी रहा।
4 फुन मइँ सोचेउँ, ‘अब मइँ, जाइ क मजबूर हउँ, जहाँ तोहार दृस्टि मोका देख नाहीं पाइ।’
मुला मइँ सहायता पावइ क तोहरे पवित्तर मन्दिर कइँती निहारत रहब।
5 “समुद्दर क जल मोका लील लिहेस ह।
पानी मोर मुँह बंद कइ दिहस,
अउर मोर साँस घुटि गइ।
मइँ गहिर समुद्दरे क बीच उतरत चला गएउँ
मोरे मूँड़े क चारिहुँ ओर खरपतवार लपट गएन ह।
6 मइँ समुद्दरे क तलहटी पइ पड़ा रहेउँ,
जहाँ पर्वत जन्म लेत हीं।
मोका अइसा लाग, जइसे इ बन्दीघरे क बीच सदा सर्वदा बरे मोह पइ ताला जड़ा अहइँ।
मुला हे मोर परमेस्सर यहोवा, तू मोका मोर इ कब्र स निकारि लिहा।
हे परमेस्सर, तू मोका जिन्नगी दिहा।
7 “जब मइँ बेहोस होत रहेउँ।
तब मइँ यहोवा क सुमरन किहेउँ हे यहोवा,
मइँ तोहसे बिनती किहेउँ
अउर तू मोर पराथनन आपन पवित्तर मन्दिर मँ सुन्या।
8 “लोग जउन बेकार मूरतियन क पूजा करत हीं
यहोवा क छोड़ दिहेस जउन कि ओन लोगन बरे दयालु रहेन।
9 मुक्ति तउ बस सिरिफ यहोवा स आवत ह!
हे यहोवा, मइँ तोहका सबइ बलि देब,
अउर तोहार गुन गाउब।
मइँ तोहार धन्यवाद करब।
मइँ तोहार मन्नतन माँगब अउर आपन मन्नतन क पूरा करब।”
10 फुन यहोवा उ मछरी स कहेस अउर उ योना क झुरान धरती पइ आपन पेटे स बाहेर उगलि दिहस।
ईसू स प्रमाण सरूप अचरज चीन्ह क माँग
(मरकुस 8:11-12; लूका 11:29-32)
38 फिन कछू धरम सास्तिरियन अउर फरीसियन ओसे कहेन, “गुरु, हम पचे तोसे अद्भुत चीन्हा परगट करइ चाहित ह।”
39 ईसू ओनसे जवाबे मँ कहेस, “इ जुग क बुरा अउर दुराचारी पीढ़ी क मनई अद्भुत चीन्हा देखा चाहत हीं। नबी योना क अद्भुत चीन्हा तजिके ओनका अउर कउनो अद्भुत चीन्हा न दीन्ह जाई। 40 अउ जइसे योना तीन दिना अउर तीन रात उ समुद्री जीव क पेटवा मँ रहा, वइसे ही मनई क पूत तीन दिन अउर तीन रात धरती क अन्दर मँ रही। 41 निआव क दिन निनेवा क रहइवाले आज क पीढ़ी क मनई क संग खड़ा होइहीं अउर दोखी ठहरइहीं। काहेकि निनेवा क मनई योना क उपदेस स मनफिराव करे रहेन अउर हियाँ तउ कउनो योना स बड़वार हाजिर अहइँ।
42 “निआव क दिन दक्खिन क रानी इ पीढ़ी क मनइयन क संग खड़ी होई अउर ओनका दोखी ठहराई, काहेकि उ धरती क दूसर छोर स सुलैमान क उपदेस सुनइ बरे आइ रही अउर हियाँ तउ कउनउ सुलैमान स भी बड़वार हाजिर अहइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.