Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 समूचइ रास्ट्रन यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।
हे लोगो, यहोवा क गुण गावा।
2 काहेकि उ हम पइ बहोत पिरेम दिखावत ह।
ओकर बिस्सास सदा-सदा बरे रही।
यहोवा क बड़कई करा।
18 यहोवा कहत ह:
“याकूब क लोग अब बन्दी अहइँ।
किन्तु उ पचे वापस अइहीं।
अउर मइँ याकूब क परिवारन पइ दाया करब।
सहर अब बर्बाद इमारतन स ढका एक पहाड़ी सिरिफ अहइ।
किन्तु इ नगर फुन बनी
अउर राजा क महल भी हुआँ फुन बनी जहाँ एका होइ चाही।
19 ओन ठउरन पइ लोग स्तुतिगान करिहीं।
हुआँ हँसी ठठा भी सुनाइ पड़ी।
मइँ ओनका बहोत सी सन्तानन देब।
इस्राएल अउ यहूदा नान्ह नाहीं रहिहीं।
मइँ ओनका सम्मान देब।
कउनो मनई ओनकर अनादर नाहीं करी।
20 याकूब क परिवार प्राचीनकाल क परिवारन सा होइ।
मइँ इस्राएल अउर यहूदा क लोगन क सक्तिसाली
बनाउब अउर मइँ ओन लोगन क सजा देब जउन ओन पइ चोट करिहीं।
21 ओनहीं मँ स एक ओनकर अगुवा होइ।
उ सासक मोरे लोगन मँ स होइ।
उ मोरे निचके तबइ आइ
जब मइँ ओनसे अइसा करइ क कहब।
एह बरे मइँ अगुवा क आपन लगे बोलाउब
अउर उ मोरे निअरे होइ।
22 तू पचे मोर लोग होब्या
अउर मइँ तोहार पचन्क परमेस्सर होब।”
23 यहोवा बहोत कोहान रहा।
उ लोगन क सजा दिहस
अउर सजा प्रचण्ड आँधी क तरह आइ।
सजा एक चववात सा, दुट्ठ लोगन क खिलाफ आइ।
24 यहोवा तब तलक कोहान रही जब तलक उ पचे लोगन क सजा देब पूरा नाहीं करत
उ तब तलक कोहान रही जब
तलक उ आपन जोजना क अनुसार सजा नाहीं दइ लेत।
जब उ दिन आइ तउ यहूदा क लोगो, तू पचे समुझ जाब्या।
8 मइँ यहून्ना अहउँ। मइँ इ बात सुनेउँ अउर देखे अहउँ। जब मइँ इ बात देखेउँ सुनेउँ तब उ सरगदूत क चरनन मँ गिर क मइँ ओकर आराधना कीन्ह जउन मोका इ बात देखावत रहा। 9 उ मोसे कहेस, “सावधान, तू अइसा न करा! काहे बरे कि मइँ तउ तोहार, तोहार भाई नबियन क उन लोगन जउन इ किताब मँ लिखा बचनन क पालन करत हीं, एक साथी नउकर अहउँ। बस परमेस्सर क आराधना करा!”
10 उ मोसे फिन कहेस, “इ किताब मँ जउन भविस्सबाणी दीन्ह गइ अहइँ, ओनका छिपाय क न रखा, काहे बरे कि इ बातन क घटित होइ क समइ करीबइ अहइ। 11 जउन बुरा कारज करत चला आवत अहइँ, उ बुरा करत रहइँ जे गन्दा करत अहइँ, उ गन्दा करत रहइँ। जे धर्मि अहइँ उ धरम क कारज ही करत रहइँ।
12 “देखा! मइँ जल्दी आवइवाला अहउँ! सबहिं मनइयन क ओनके कर्मन क अनुसार देइ क प्रतिफल मोरे पास अहइ। 13 उ मइँ अलफा अहउँ अउर मइँ ओमेगा अहउँ। मइँ पहिला अहउँ अउर मइँ आखिरी अहउँ। मइँ आदि अहउँ अउर मइँ अन्त अहउँ।
14 “उ पचे धन्य अहइँ जउन अपने कपड़न क धोइ लेत हीं। ओनका जीवन-पेड़ क खाइ क अधिकार होई। ओन दरवाजन स होइके नगर मँ घुसइ क अधिकारी होईहीं। 15 मुला ‘कुत्ता,’ जादू-टोना करइवाले, व्यभिचारी, मूरत क पूजइवाले, या झूठ स पिरेम अउर ओनपइ अचरज करत अहइँ बाहेर रहिहीं।
16 “खुदइ मइँ ईसू, तोहरे पचे क बरे, अउर कलीसियन क बरे इ बातन क साच्छी देइ क बरे आपन सरगदूतन भेजेउँ। मइँ दाऊद क परिवार क बंसज अहउँ। मइँ भोर क दमकत तारा अहउँ।”
17 आतिमा अउर दुलहिन करत ह, “आवा!” अउर जउन व्यक्ति एका सुनत ह, उहउ कहइ, “आवा!” अउर जउन व्यक्ति पिआसा होइ उहइ आवइ अउर जे चाहे उहइ इ जीवन देइवाली जल क उपहार क बिना मुल्य क ग्रहण करइ।
18 मइँ सपथ खाईके ओन मनइयन क बरे चेताउनी देइत अहइँ जउन इ किताब मँ लिखा भविस्सबाणी क वचनन क सुनत ही: एहमाँ स जब कउनो अउर कछू जोड़ देइ तउ इ किताब मँ लिखा महाविनास परमेस्सर ओकरे ऊपर ड़ाई। 19 अउर जब नबियन क लिखी इ किताब मँ स कउनो सब्दन मँ स घटाई तउ परमेस्सर इ किताब मँ लिखा जीवन पेड़ अउर पवित्तर नगरी मँ स ओकर भाग ओसे छीन लीन्ह जाई।
20 ईसू जउन बातन क साच्छी अहइ, उ कहत ह, “हाँ! मइँ जल्दी आवत अहउँ।”
आमीन! पर्भू ईसू आवा।
21 पर्भू ईसू क अनुग्रह सबके साथ रहइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.