Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
एक नवा समय आवत अहइ
17 “लखा, मइँ एक नवे सरग अउर नई धरती क रचना करब।
लोग मोरे लोगन क पिछली बात याद नाहीं रखिहीं।
ओनमाँ स कउनो बात याद मँ नाहीं रही।
18 मोर लोग दुःखी नाहीं रहिहीं।
नाहीं, उ पचे आनन्द मँ रहिहीं अउर उ पचे सदा खुस रहिहीं।
मइँ जउन बातन रचब जउन आनन्द स परिपूर्ण होइ
अउर मइँ ओनका एक प्रसन्न जाति बनाउब।
19 “फुन मइँ यरूसलेम स खुस रहब।
मइँ आपन लोगन स खुस रहब।
तब उ नगरी मँ फुन कबहुँ विलाप
अउर कउनो दुःख नाहीं होइ।
20 उ नगरी मँ कउनो बच्चा अइसा नाहीं होइ जउन पइदा होइके पाछे कछू दिन जिई।
उ नगरी क कउनो भी मनई आपन छोटी उमर मँ नाहीं मरी।
हर पैदा भवा बच्चा लम्बी उमर जिई अउर उ नगरी क प्रत्येक बुढ़वा मनई एक लम्बे समय तलक जिअत रही।
हुवाँ सौ साल क मनई भी जवान कहा जाइ।
किन्तु कउनो भी अइसा मनई जउन सौ साल स पहिले मरी अभिसप्त कहा जाइ।
21 “लखा, उ नगरी मँ अगर कउनो मनई आपन घर बनाई तउ उ मनई आपन घरे मँ बसी।
अगर कउनो मनई हुवाँ अंगूरे क बाग लगाई तउ उ आपन बाग क अंगूर खाई।
22 हुवाँ अइसा नाहीं होइ कि कउनो आपन घर बनावइ
अउर कउनो दूसर निवास करइ।
अइसा भी नाहीं होइ कि बाग कउनो दूसर लगावइ अउर उ बाग क फल कउनो दूसर खाइ।
मोर लोग एतना जीइहीं जेतना इ सबइ बृच्छ जिअत हीं।
अइसा मनई जेनका मइँ चुनेउँ ह,
ओन सबहिं वस्तुअन क आनंद लेइहीं जेनका उ पचे बनाए अहइँ।
23 फुन लोग बियर्थ क परिस्रम नाहीं करिहीं।
लोग अइसे ओन बच्चन क जन्म नाहीं देइहीं जेनके बरे उ पचे मने मँ डेरइहीं कि उ पचे कउनो अचानक बिपत्ति क सिकार न होइँ।
मोर सबहिं लोग यहोवा क आसीस पइहीं।
मोर लोग अउर ओनकर संतानन आसीर्बाद पइहीं।
24 मोका ओन सबहिं वस्तुअन क पता होइ जाइ जेनकर जरूरत ओनका होइ, एहसे पहिले कि उ पचे ओनका मोसे माँगइँ।
एहसे पहिले कि उ पचे मोहसे मदद क पराथना पूरी कइ पइहीं, मइँ ओनका मदद देब।
25 बिगवन अउर मेमनन एक संग चरत फिरिहीं।
सिंह भी मवेसियन क जइसे ही भूसा खाइहीं
अउर भुजंगन क भोजन बस माटी ही होइ।
मोरे पवित्तर पर्वत पइ कउनो केउ क भी नोस्कान नाहीं पहोंचाइ अउर न ही ओनका नस्ट करी।”
इ यहोवा कहेस ह।
परमेस्सर क स्तुति गीत
12 उ समइ तू कहब्या:
“हे यहोवा, मइँ तोहार गुण गावत हउँ!
तू मोहसे कोहान अहा
किन्तु अब मोहे पइ किरोध जिन करा।
तू मोहे पइ आपन पिरेम देखॉवा।”
2 परमेस्सर मोका बचावत ह।
मोका ओह पइ भरोसा अहइ।
मोका कउनो अउर डर नाहीं अहइ।
उ मोका बचावत ह।
यहोवा ही मोर सक्ति अहइ।
उ मोका बचावत ह, अउर मइँ ओकरे बरे स्तुति गीत गावत हउँ।[a]
3 तू आपन जल मुक्ती क झरना स ग्रहण करा।
तबहिं तू खुस होब्या।
4 फुन तू कहब्या,
“यहोवा क स्तुति करा! ओकरे नाउँ क तू उपासना किया करा।
उ जउन कार्य किहेन ह ओकर लोगन स बखान करा।
तू ओनका बतावा कि उ केतना महान अहइ।”
5 तू यहोवा क स्तुति गावा।
काहेकि उ महान कार्य किहेस ह।
इ सुभ समाचार क जउन परमेस्सर क अहइ, सारी दुनियाँ फइलावा
ताकि सबहिं लोग इ सबइ बातन जान जाएँ।
6 हे सिय्योन क लोगो, आनन्द क साथ खुस रहा,
काहेकि इस्राएल क पवित्तर चीज तोहरे बीच एक सक्तिसाली
मारग क रूप मँ अहइ।
करम क अनिवार्यता
6 भाइयो तथा बहिनियो, अब तोहे सबन क हमार पर्भू ईसू मसीह क नाउँ मँ इ हुकुम बा कि तू हर ओह भाइयन स दूर रहा जउन अइसेन जीवन जिअत ह जउन अनुचित चाल चलत अहइ। 7 मइँ इ ऍह बरे कहत हउँ काहेकि तू तउ खुदइ इ जानत बाट्या कि तोहे पचन क हमार अनुकरण कइसे करइ चाही काहेकि तोहरे बीच रहात भए हम कभउँ आलसी नाहीं रही। 8 हम बिना मूल चुकाए कीहीउँ स भोजन नाहीं ग्रहण कीन्ह, बल्कि जतन अउर मेरनत करत भए हम दिन रात काम मँ जुटा रहे ताकि तोहमाँ स कीहीउँ पर बोझ न पड़इ। 9 अइसा नाहीं अहइ कि हमका तोहसे सहायता लेइ क कउनउ अधिकार नाहीं बाटइ, बल्कि हम एह बरे कड़ी मेहनत करत अही ताकि तू ओकर अनुसरण कइ सका। 10 इही बरे हम जब तोहरे साथे रहे, हम तोहे पचन क इ हुकुम दिहे रहे, “अगर केउ काम न करइ चाहइ तउ उ खाना भी न खाइ।”
11 हमका अइसा बतावा गवा ह कि तोहरे बीच कछू अइसेन भी बाटेन जउन अइसेन जीवन जिअत हीं जउन ओनके अनुकूल नाहीं अहइ। उ कउनउ काम नाहीं करतेन, दुसरेन क बातन मँ टाँग अड़ावत हीं एहर-ओहर घूमत फिरत हीं। 12 अइसेन लोगन क हम पर्भू ईसू मसीह क नाउँ प समझावत हुकुम देत अही कि उ सान्ति क साथे आपन काम करइ अउर अपने कमाई क ही खाना खाइँ। 13 मुला भाइयो अउ बहिनियो! जहाँ तक तोहार बात बा, भलाई करत कभउँ न थका।
मन्दिर क बिनास
(मत्ती 24:1-14; मरकुस 13:1-13)
5 कछू चेलन मन्दिर क बारे मँ बतियात रहेन कि उ मंदिर सुन्नर पथरन अउर परमेस्सर की दीन्ह गइ मनौती क भेंट स कइसे सजाना ग बा!
6 तबहिं ईसू कहेस, “अइसा समइ आइ जब, इ जउन कछू तू देखत अहा, ओहमाँ एक पाथर दूसर पाथर टिक न रह पाइ। उ सबइ ढहाइ दीन्ह जइहीं!”
7 उ पचे ओसे पूछत भए बोलेन, “गुरु, इ बातन कब होइहीं? अउर इ बातन जउन होइवाली अहइँ, ओकर कउन चीन्हा होइहीं?”
8 ईसू कहेस, “होसियार रहा, कहूँ कउनो तोहका छल न लेइ। काहेकि मोरे नाउँ स बहोत मनइयन अइहीं अउर कइहीं, ‘मइँ मसीह अहउँ’ अउर ‘समइ आइ पहुँचा अहइ।’ ओनके पाछे जिन जा। 9 परन्तु जब तू जुद्ध अउर दंगा क बात सुना तउ जिन डेराअ काहेकि इ बातन तउ पहिले घटि जइहीं। अउर ओनकइ अंत फउरन न होइ।”
10 उ ओनसे फिन कहेस, “एक जाति दूसर जाति क खिलाफ खड़ी होइ अउर एक राज्य दूसर राज्य क खिलाफ। 11 बड़ा बड़ा भुइँडोल अइहीं अउर अनेक जगहन प अकाल पड़िहीं अउर महामारी आइ। अकासे मँ खौफनाक घटना घटिहीं अउर भारी चीन्हा परगट होइहीं।
12 “मुला इ सबन घटना स पहिले तोहका बंदी बनइ डइहीं अउर तोहका दारुण दुःख देइहीं। उ सबइ तोह प जुर्म लगावइ बरे तोहका आराधनालय क सौंपिहीं अउर फिन तोहका जेल पठइ दीन्ह जाइ। अउर फिन मोरे नाउँ क कारण उ पचे तोहका राजा लोग अउर राज्यपाल क समन्वा लइ जइहीं। 13 ऍसे तोहका मोरे बारे मँ साच्छी देइ क अउसर मिली। 14 एह बरे पहिले स ही ऍकर फिकिर न करइ क निहचइ कइ ल्या कि आपन बचाव कइसे करब्या। 15 काहेकि अइसी बुद्धि अउर सब्द तोहका मइँ देब कि तोहार कउनो भी बैरी तोहार सामना अउर तोहार खण्डन नाहीं कइ सकी। 16 मुला तोहार महतारी बाप, भाई, बन्धु, नातेदार अउर मीत भी तोहका धोखा स पकड़वइहीं अउर तोहमाँ स कछू क तउ मरवाइ ही डइहीं। 17 मोरे कारण सब तोसे बैर रखिहीं। 18 मुला तोहरे मूँड़े क एक बार बाँका नाहीं होइ। 19 तोहार सहइ क सक्ती, तोहरे प्रान क रच्छा करी।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.