Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
दाऊद क एक कला गीत।
1 मइँ मदद बरे यहोवा क गोहराएउँ।
मइँ यहोवा क समन्वा पराथना किहेउँ ह।
2 मइँ यहोवा क समन्वा आपन दुःख रोउब।
मइँ यहोवा स आपन कठिनाइयन कहब।
3 मोर दुस्मनन मोरे बरे जाल बिछाएन ह।
मइँ आसा छोरइ बरे तइयार अहउँ।
मुला यहोवा जानत अहइ कि मोरे संग का घटत अहइ।
4 मोर चारिहुँ कइँती नज़र करा अउ लखा,
कउनो मीत कहूँ भी देखॉत नाहीं अहइ।
हिआँ बचइ क कउनो जगह नाहीं बा।
कउनो मनई मोका बचावइ क जतन नाहीं करत अहइ।
5 एह बरे मइँ यहोवा क मदद बरे गोहराएउँ ह।
मइँ कहेउँ, “हे यहोवा, तू मोर सरणस्थल अहा।
तू ही अकेल्ले मोर जिन्नगी मँ एक स्रोत अहइ।”
6 हे यहोवा, मोर पराथना क जवाब दया,
काहेकि मोर बहोत दुर्दसा होइ गवा ह।
तू मोका ओन लोगन स बचाइ ल्या जउन मोर पाछा करत ह
काहेकि उ पचे मोहे स जियादा मज़बूत अहइँ।
7 मोका सहारा द्या कि इ कैद स पराइ जाउँ
अउर तोहार नाउँ क स्तुति कइ सकेउँ।
सच्चे लोगन मोर चारिहुँ कइँती इकट्ठा होइहीं।
उ पचे आपस मँ मिलिहीं अउर तोहार गुणगान करिहीं काहेकि तू मोर रच्छा किहा ह।
यहोवा मँ सदा आनन्द स रहा
17 अंजीर क बृच्छ चाहे अंजीर न उपजावइँ,
अंगूरे क बेलन पइ चाहे अंगूर न उपजावइँ,
जइतून क बृच्छ चाहे जइतून न पइदा करइँ,
अउर चाहे इ सबइ खेत अनाज पइदा न करइँ,
बाड़न मँ चाहे एक भी भेड़ न रहइ
अउर चाहे पसुसाला मँ एक भी पसु न रहइँ।
18 मुला फुन भी मइँ यहोवा मँ मगन रहबउँ।
मइँ आपन रच्छक परमेस्सर मँ आनन्द लेबउँ।
19 यहोवा, जउन मोर सुआमी अहइ।
मोका सक्ति स भर दिहस ह।
उ मोका हिरना क नाई पराइ मँ सहायता देत ह।
उ मोका सुरच्छा क संग पहाड़न क ऊपर लइ जात ह।
संगीत निर्देसन बरे मोर तारदार उपकरणन क संग।
परमेस्सर जउन देत ह ओका बैपरा
(मत्ती 25:14-30)
11 जब उ मनइयन इ बातन क सुनत रहेन तउ ईसू ओनका एक दिस्टान्त कथा सुनाएस काहेकि ईसू यरूसलेम क नगिचे रहा अउर उ पचे सोचत रहेन कि परमेस्सर क राज्य तुरंत ही परगट होइ जात अहइ। 12 तउ ईसू कहेस, “एक ऊँच कुल क मनई राजा क पद पावइ बरे कउनो परदेस मँ गवा। 13 तउ उ आपन दस नउकरन क बोलाएस अउर ओनमाँ स हर एक क एक एक थैली दिहस अउर ओनसे कहेस, ‘जब ताईं मइँ लौटउँ, ऍसे कउनो बियापार करा।’ 14 मुला सहर क दूसर मनई ओसे घिना करत रहेन, एह बरे उ पचे ओकर पाछे इ कहइ क एक प्रतिनिधि मण्डत पठएस, ‘हम नाहीं चाहित कि इ मनई हम पइ राज करइ।’
15 “मुला उ राजा क पदवी पाइ गवा। फिन जब उ वापस लौटा तउ जउन नउकरन क उ धन दिहे रहा ओनका इ जानइ बरे कि उ सबइ कउन लाभ कमाइ लिहन ह, उ बोलॉवा पठएस। 16 पहिला आइ अउर बोला, ‘स्वामी, तोहार थैलियन स मइँ दस अउर थैली कमाउँ ह!’ 17 ऍह पइ ओकर स्वामी ओसे कहेस, ‘उत्तिम नउकर तू नीक किहा ह। काहेकि तू इ छोटकी सी बात प बिसवास क जोग्ग रहा। तू दस सहरन क अधिकारी होब्या!’
18 “फिन दूसर नउकर आवा अउर बोला, ‘स्वामी तोर थैलियन स मइँ पाँच अउर थैली कमायउँ ह!’ 19 फिन उ ऍहसे कहेस, ‘तू पाँच सहरन क ऊपर राज करब्या!’
20 “फिन एक दूसर नउकर आवा अउर बोला, ‘स्वामी इ रही तोहार थैली जेका मइँ अँगौछा मँ बाँधिके कहूँ रख दिहे रहेउँ। 21 मइँ तोहसे डेरात रहत हउँ, काहेकि तू एक कठोर मनई अहा। तू जउन रख्या नाहीं ह तू ओका भी लइ लेत ह अउर जउन तू बोया नाहीं ओका काटत ह!’
22 “मालिक ओसे कहेस, ‘अरे दुस्ट नउकर! मइँ तोहरे आपन सब्दन क ऊपर तोहार निआव करब। तू तो जानत ही ह कि मइँ जउन राखत नाहीं हउँ, ओका भी लइ लेइवाला अउर जउन बोवत नाहीं ओका बी काटइवाला कठोर मनई हउँ? 23 तउ फिन तू मोर धन बियाज प काहे नाहीं लगाया ताकि मइँ अबहुँ वापस आवत होतउँ तउ बियाज क साथ ओका लइ लेतउँ।’ 24 फिन लगे खड़ा मनइयन स उ कहेस, ‘ऍकर थैली ऍहसे लइ ल्या अउर जेकरे लगे दस थैली अहइँ ओका दइ द्या।’
25 “ऍह पइ उ सबइ ओसे बोलेन, ‘मालिक, ओकरे लगे तउ दस थैली अहइँ!’
26 “मालिक कहेस, ‘मइँ तोहसे कहत हउँ हर एक उ मनई क जेकरे लगे अहइ अउर जिआदा दीन्ह जाइ अउर जेकरे पास नाहीं अहइ, ओसे जउन ओकरे लगे अहइ, उ भी छीन लीन्ह जाइ। 27 मुला मोर उ बैरी जउन नाहीं चाहतेन कि मइँ ओन पइ हुकूमत करउँ जेनका हिआँ मोरे समन्वा लावा अउर मारि डावा।’”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.